< יִרְמְיָהוּ 49 >
לִבְנֵ֣י עַמּ֗וֹן כֹּ֚ה אָמַ֣ר יְהוָ֔ה הֲבָנִ֥ים אֵין֙ לְיִשְׂרָאֵ֔ל אִם־יוֹרֵ֖שׁ אֵ֣ין ל֑וֹ מַדּ֗וּעַ יָרַ֤שׁ מַלְכָּם֙ אֶת־גָּ֔ד וְעַמּ֖וֹ בְּעָרָ֥יו יָשָֽׁב׃ | 1 |
अम्मोन वंशजों के संबंध में: यह याहवेह का संदेश है: “क्या इस्राएल के पुत्र नहीं हैं? अथवा उसके कोई उत्तराधिकारी ही नहीं हैं? तब क्या हुआ कि अम्मोनी देवता मोलेक ने गाद पर अधिकार कर लिया है? तथा उसकी प्रजा इसके नगरों में जा बसी है?
לָכֵ֡ן הִנֵּה֩ יָמִ֨ים בָּאִ֜ים נְאֻם־יְהוָ֗ה וְ֠הִשְׁמַעְתִּי אֶל־רַבַּ֨ת בְּנֵי־עַמּ֜וֹן תְּרוּעַ֣ת מִלְחָמָ֗ה וְהָֽיְתָה֙ לְתֵ֣ל שְׁמָמָ֔ה וּבְנֹתֶ֖יהָ בָּאֵ֣שׁ תִּצַּ֑תְנָה וְיָרַ֧שׁ יִשְׂרָאֵ֛ל אֶת־יֹרְשָׁ֖יו אָמַ֥ר יְהוָֽה׃ | 2 |
इसलिये यह देखना कि ऐसे दिन आ रहे हैं, कि मैं अम्मोन वंशजों के रब्बाह के विरुद्ध नरसिंगे का आवाज उत्पन्न करूंगा; तब यह एक निर्जन ढेर बनकर रह जाएगा, उसके आस-पास के गांवों को भस्म कर दिया जाएगा. तब इस्राएल उन्हें अपने अधीन कर लेगा, जिन्होंने उसे अधीन किया हुआ था,” यह याहवेह की वाणी है.
הֵילִ֨ילִי חֶשְׁבּ֜וֹן כִּ֣י שֻׁדְּדָה־עַ֗י צְעַקְנָה֮ בְּנ֣וֹת רַבָּה֒ חֲגֹ֣רְנָה שַׂקִּ֔ים סְפֹ֕דְנָה וְהִתְשׁוֹטַ֖טְנָה בַּגְּדֵר֑וֹת כִּ֤י מַלְכָּם֙ בַּגּוֹלָ֣ה יֵלֵ֔ךְ כֹּהֲנָ֥יו וְשָׂרָ֖יו יַחְדָּֽיו׃ | 3 |
“हेशबोन, विलाप करो, क्योंकि अय नगर नष्ट हो चुका है! रब्बाह की पुत्रियो, विलाप करो! टाट बांधकर विलाप करो; विस्मित हो इधर-उधर शहरपनाह के भीतर दौड़ती रहो, क्योंकि मोलेक बंधुआई में चला जाएगा, और उसके साथ होंगे उसके पुरोहित तथा अधिकारी.
מַה־תִּתְהַֽלְלִי֙ בָּֽעֲמָקִ֔ים זָ֣ב עִמְקֵ֔ךְ הַבַּ֖ת הַשּֽׁוֹבֵבָ֑ה הַבֹּֽטְחָה֙ בְּאֹ֣צְרֹתֶ֔יהָ מִ֖י יָב֥וֹא אֵלָֽי׃ | 4 |
तुम अपनी घाटियों के विषय में कितना अहंकार कर रही हो, भटकने वाली पुत्री, तुम्हारी घाटी बंद हुई जा रही है. अपनी संपदा का भरोसा करके तुम गर्व करती रही हो, ‘कौन कर सकता है मेरा सामना?’
הִנְנִי֩ מֵבִ֨יא עָלַ֜יִךְ פַּ֗חַד נְאֻם־אֲדֹנָ֧י יְהוִ֛ה צְבָא֖וֹת מִכָּל־סְבִיבָ֑יִךְ וְנִדַּחְתֶּם֙ אִ֣ישׁ לְפָנָ֔יו וְאֵ֥ין מְקַבֵּ֖ץ לַנֹּדֵֽד׃ | 5 |
यह देख लेना, मैं तुम पर आतंक लाने पर हूं यह आतंक तुम्हें चारों ओर से घेर लेगा,” यह सेनाओं के प्रभु याहवेह की वाणी है. मैं तुम्हारे चारों ओर के लोगों से तुम पर आतंक लाऊंगा, हर एक भागकर बिखर जाएगा, शरणार्थियों के एकत्रण के लिए कोई शेष न रहेगा.
וְאַחֲרֵי־כֵ֗ן אָשִׁ֛יב אֶת־שְׁב֥וּת בְּנֵֽי־עַמּ֖וֹן נְאֻם־יְהוָֽה׃ ס | 6 |
“किंतु तत्पश्चात मैं अम्मोन वंशजों की समृद्धि पुनःस्थापित कर दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
לֶאֱד֗וֹם כֹּ֤ה אָמַר֙ יְהוָ֣ה צְבָא֔וֹת הַאֵ֥ין ע֛וֹד חָכְמָ֖ה בְּתֵימָ֑ן אָבְדָ֤ה עֵצָה֙ מִבָּנִ֔ים נִסְרְחָ֖ה חָכְמָתָֽם׃ | 7 |
एदोम के विषय में: सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: “क्या तेमान में अब बुद्धिमत्ता रह ही नहीं गई है? क्या बुद्धिमान उत्तम परामर्श रहित हो गए हैं? क्या उनकी बुद्धिमत्ता का क्षय हो चुका है?
נֻ֤סוּ הָפְנוּ֙ הֶעְמִ֣יקוּ לָשֶׁ֔בֶת יֹשְׁבֵ֖י דְּדָ֑ן כִּ֣י אֵ֥יד עֵשָׂ֛ו הֵבֵ֥אתִי עָלָ֖יו עֵ֥ת פְּקַדְתִּֽיו׃ | 8 |
देदान वासियों, पीछे मुड़कर भाग जाओ और गहरी गुफाओं में जा छिपो, क्योंकि मैं उस पर एसाव का संकट डालने पर हूं उस समय मैं उसे दंड दूंगा.
אִם־בֹּֽצְרִים֙ בָּ֣אוּ לָ֔ךְ לֹ֥א יַשְׁאִ֖רוּ עֽוֹלֵל֑וֹת אִם־גַּנָּבִ֥ים בַּלַּ֖יְלָה הִשְׁחִ֥יתוּ דַיָּֽם׃ | 9 |
यदि द्राक्षा तोड़नेवाले तुम्हारे निकट आएं, क्या वे अंगूर न छोड़ेंगे? यदि चोर रात्रि में आएं, क्या वे उतना ही विनाश न करेंगे जितना उनके लिए पर्याप्त होगा?
כִּֽי־אֲנִ֞י חָשַׂ֣פְתִּי אֶת־עֵשָׂ֗ו גִּלֵּ֙יתִי֙ אֶת־מִסְתָּרָ֔יו וְנֶחְבָּ֖ה לֹ֣א יוּכָ֑ל שֻׁדַּ֥ד זַרְע֛וֹ וְאֶחָ֥יו וּשְׁכֵנָ֖יו וְאֵינֶֽנּוּ׃ | 10 |
किंतु मैंने तो एसाव को विवस्त्र कर दिया है; उसके छिपने के स्थान मैंने प्रकट कर दिए हैं, अब वह स्वयं को छिपा न सकेगा. तथा उसके पड़ोसियों के साथ उसके संबंधियों, तथा उसकी संतान भी नष्ट हो गई हैं, अब वह भी न रहा.
עָזְבָ֥ה יְתֹמֶ֖יךָ אֲנִ֣י אֲחַיֶּ֑ה וְאַלְמְנֹתֶ֖יךָ עָלַ֥י תִּבְטָֽחוּ׃ ס | 11 |
‘अपने पितृहीनों को यहीं छोड़ दो; मैं उन्हें जीवित रखूंगा. तुम्हारी विधवाएं मुझ पर भरोसा कर सकती हैं.’”
כִּי־כֹ֣ה ׀ אָמַ֣ר יְהוָ֗ה הִ֠נֵּה אֲשֶׁר־אֵ֨ין מִשְׁפָּטָ֜ם לִשְׁתּ֤וֹת הַכּוֹס֙ שָׁת֣וֹ יִשְׁתּ֔וּ וְאַתָּ֣ה ה֔וּא נָקֹ֖ה תִּנָּקֶ֑ה לֹ֣א תִנָּקֶ֔ה כִּ֥י שָׁתֹ֖ה תִּשְׁתֶּֽה׃ | 12 |
क्योंकि याहवेह की वाणी यह है: “यह देखना, जिन्हें उस प्याले से पीने का दंड नहीं दिया गया था, निश्चयतः उससे पिएंगे और क्या तुम वह हो, जिसे पूर्णतः सहायकमुक्त छोड़ दिया जाएगा? नहीं तुम्हें सहायकमुक्त नहीं छोड़ा जाएगा, किंतु तुम निश्चयतः उस प्याले में से पियोगे.
כִּ֣י בִ֤י נִשְׁבַּ֙עְתִּי֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה כִּֽי־לְשַׁמָּ֧ה לְחֶרְפָּ֛ה לְחֹ֥רֶב וְלִקְלָלָ֖ה תִּֽהְיֶ֣ה בָצְרָ֑ה וְכָל־עָרֶ֥יהָ תִהְיֶ֖ינָה לְחָרְב֥וֹת עוֹלָֽם׃ | 13 |
क्योंकि मैंने स्वयं अपनी ही शपथ ली है,” यह याहवेह ही की वाणी है, “कि बोज़राह आतंक का, घृणा का, विध्वंस का तथा शाप का साधन बन जाएगा, इसके सभी नगर स्थायी खंडहर बनकर रह जाएंगे.”
שְׁמוּעָ֤ה שָׁמַ֙עְתִּי֙ מֵאֵ֣ת יְהוָ֔ה וְצִ֖יר בַּגּוֹיִ֣ם שָׁל֑וּחַ הִֽתְקַבְּצוּ֙ וּבֹ֣אוּ עָלֶ֔יהָ וְק֖וּמוּ לַמִּלְחָמָֽה׃ | 14 |
याहवेह द्वारा प्रगट एक संदेश मैंने सुना है; राष्ट्रों में एक प्रतिनिधि इस संदेश के साथ भेजा गया है, “तुम सब एकजुट होकर उस पर आक्रमण करो! और युद्ध के लिए तैयार हो जाओ!”
כִּֽי־הִנֵּ֥ה קָטֹ֛ן נְתַתִּ֖יךָ בַּגּוֹיִ֑ם בָּז֖וּי בָּאָדָֽם׃ | 15 |
“क्योंकि तब तुम्हें बोध होगा, कि मैंने तुम्हें राष्ट्रों के मध्य लघु बना दिया है, जनसाधारण में तुच्छ कर दिया है.
תִּֽפְלַצְתְּךָ֞ הִשִּׁ֤יא אֹתָךְ֙ זְד֣וֹן לִבֶּ֔ךָ שֹֽׁכְנִי֙ בְּחַגְוֵ֣י הַסֶּ֔לַע תֹּפְשִׂ֖י מְר֣וֹם גִּבְעָ֑ה כִּֽי־תַגְבִּ֤יהַ כַּנֶּ֙שֶׁר֙ קִנֶּ֔ךָ מִשָּׁ֥ם אֽוֹרִידְךָ֖ נְאֻם־יְהוָֽה׃ | 16 |
तुम, जो चट्टानों के मध्य निवास करते हो, तुम, जो पहाड़ियों की ऊंचाइयों को अपनाए बैठे हो, तुम्हारी भय पैदा करनेवाली छवि का कारण है, तुम्हारे हृदय में अवस्थित अहंकार, जिसने तुम्हें भ्रमित कर रखा है. यद्यपि तुम अपने घोंसले को उतनी ही ऊंचाई पर निर्मित करते हो, जितनी ऊंचाई पर गरुड़ निर्मित करते हैं, मैं तुम्हें वहां से भी नीचे उतार लाऊंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
וְהָיְתָ֥ה אֱד֖וֹם לְשַׁמָּ֑ה כֹּ֚ל עֹבֵ֣ר עָלֶ֔יהָ יִשֹּׁ֥ם וְיִשְׁרֹ֖ק עַל־כָּל־מַכּוֹתֶֽהָ׃ | 17 |
“एदोम भय का विषय हो जाएगा; इसके निकट से जाता हुआ हर एक व्यक्ति भयभीत होकर इसके घावों को देखेगा और उसका उपहास करेगा.
כְּֽמַהְפֵּכַ֞ת סְדֹ֧ם וַעֲמֹרָ֛ה וּשְׁכֵנֶ֖יהָ אָמַ֣ר יְהוָ֑ה לֹֽא־יֵשֵׁ֥ב שָׁם֙ אִ֔ישׁ וְלֹֽא־יָג֥וּר בָּ֖הּ בֶּן־אָדָֽם׃ | 18 |
सोदोम, अमोराह तथा इनके निकटवर्ती क्षेत्रों के प्रलय के सदृश,” यह याहवेह की वाणी है, “कोई भी वहां निवास न करेगा; यह मनुष्यों के निवास के योग्य रह ही न जाएगा.
הִ֠נֵּה כְּאַרְיֵ֞ה יַעֲלֶ֨ה מִגְּא֣וֹן הַיַּרְדֵּן֮ אֶל־נְוֵ֣ה אֵיתָן֒ כִּֽי־אַרְגִּ֤יעָה אֲרִיצֶ֨נּוּ מֵֽעָלֶ֔יהָ וּמִ֥י בָח֖וּר אֵלֶ֣יהָ אֶפְקֹ֑ד כִּ֣י מִ֤י כָמ֙וֹנִי֙ וּמִ֣י יֹעִידֶ֔נִּי וּמִי־זֶ֣ה רֹעֶ֔ה אֲשֶׁ֥ר יַעֲמֹ֖ד לְפָנָֽי׃ ס | 19 |
“यह देखना, यरदन की झाड़ियों में से कोई सिंह सदृश निकलकर मजबूत चरवाहों पर आक्रमण कर देगा; क्योंकि मैं एक ही क्षण में उसे वहां से पलायन के लिए प्रेरित कर दूंगा तथा इस क्षेत्र पर मैं उसे नियुक्त कर दूंगा, जो इसके लिए समर्थ किया जा चुका है. कौन है मेरे तुल्य तथा किसमें क्षमता है मुझे न्यायालय में बुलाने की? इसके सिवा कौन है वह चरवाहा, जो मेरे समक्ष ठहर सकेगा?”
לָכֵ֞ן שִׁמְע֣וּ עֲצַת־יְהוָ֗ה אֲשֶׁ֤ר יָעַץ֙ אֶל־אֱד֔וֹם וּמַ֨חְשְׁבוֹתָ֔יו אֲשֶׁ֥ר חָשַׁ֖ב אֶל־יֹשְׁבֵ֣י תֵימָ֑ן אִם־לֹ֤א יִסְחָבוּם֙ צְעִירֵ֣י הַצֹּ֔אן אִם־לֹ֥א יַשִּׁ֛ים עֲלֵיהֶ֖ם נְוֵהֶֽם׃ | 20 |
इसलिये अब याहवेह की उस योजना को समझ लो, जो उन्होंने एदोम के प्रति योजित की है, तथा उन लक्ष्यों को भी, जो उन्होंने तेमानवासियों के संकट के लिए निर्धारित किए हैं: इसमें कोई संदेह नहीं कि वे उन्हें खींचकर ले जाएंगे-भले ही वे भेड़-बकरियां मेमने हों; उनके कारण याहवेह उनकी चराइयों को निश्चयतः निर्जन बनाकर छोड़ेंगे.
מִקּ֣וֹל נִפְלָ֔ם רָעֲשָׁ֖ה הָאָ֑רֶץ צְעָקָ֕ה בְּיַם־ס֖וּף נִשְׁמַ֥ע קוֹלָֽהּ׃ | 21 |
उनके पतन की ध्वनि के कारण पृथ्वी कांप उठी है; यह चिल्लाहट है, इस आवाज की ध्वनि लाल सागर तक सुनी गई है.
הִנֵּ֤ה כַנֶּ֙שֶׁר֙ יַעֲלֶ֣ה וְיִדְאֶ֔ה וְיִפְרֹ֥שׂ כְּנָפָ֖יו עַל־בָּצְרָ֑ה וְֽ֠הָיָה לֵ֞ב גִּבּוֹרֵ֤י אֱדוֹם֙ בַּיּ֣וֹם הַה֔וּא כְּלֵ֖ב אִשָּׁ֥ה מְצֵרָֽה׃ ס | 22 |
यह देख लेना कि याहवेह ऊंचे उड़कर गरुड़-सदृश झपट्टा मारेंगे, और अपने पंख बोज़राह के विरुद्ध फैला देंगे. तब एदोम के शूर योद्धाओं के हृदय उस दिन प्रसूता के हृदय सदृश हो जाएंगे.
לְדַמֶּ֗שֶׂק בּ֤וֹשָֽׁה חֲמָת֙ וְאַרְפָּ֔ד כִּי־שְׁמֻעָ֥ה רָעָ֛ה שָׁמְע֖וּ נָמֹ֑גוּ בַּיָּ֣ם דְּאָגָ֔ה הַשְׁקֵ֖ט לֹ֥א יוּכָֽל׃ | 23 |
दमेशेक के विषय में: “हामाथ तथा अरपाद को लज्जित किया गया है, क्योंकि उन्हें संकट समाचार दिया गया है. वे हताश हो गए हैं. वहां समुद्र के सदृश अशांति है, इसे शांत करना संभव नहीं.
רָפְתָ֥ה דַמֶּ֛שֶׂק הִפְנְתָ֥ה לָנ֖וּס וְרֶ֣טֶט ׀ הֶחֱזִ֑יקָה צָרָ֧ה וַחֲבָלִ֛ים אֲחָזַ֖תָּה כַּיּוֹלֵדָֽה׃ | 24 |
दमेशेक अब निस्सहाय रह गया है, वह मुड़कर भाग जाने पर तैयार है ओर घोर आतंक ने उसे जकड़ लिया है; पीड़ा एवं वेदना ने उसे अपने अधिकार में ले लिया है, जैसे प्रसूता को.
אֵ֥יךְ לֹֽא־עֻזְּבָ֖ה עִ֣יר תהלה קִרְיַ֖ת מְשׂוֹשִֽׂי׃ | 25 |
प्रख्यात नगर कैसे परित्यक्त नहीं छोड़ा गया, वह, जो मेरे आनंद का नगर है.
לָכֵ֛ן יִפְּל֥וּ בַחוּרֶ֖יהָ בִּרְחֹבֹתֶ֑יהָ וְכָל־אַנְשֵׁ֨י הַמִּלְחָמָ֤ה יִדַּ֙מּוּ֙ בַּיּ֣וֹם הַה֔וּא נְאֻ֖ם יְהוָ֥ה צְבָאֽוֹת׃ | 26 |
उस नगर के जवान उसकी सड़कों पर पृथ्वी पर गिरे हुए पाए जाएंगे; उस दिन सभी योद्धा मूक कर दिए जाएंगे,” यह सेनाओं के याहवेह की वाणी है.
וְהִצַּ֥תִּי אֵ֖שׁ בְּחוֹמַ֣ת דַּמָּ֑שֶׂק וְאָכְלָ֖ה אַרְמְנ֥וֹת בֶּן־הֲדָֽד׃ ס | 27 |
“मैं दमेशेक की शहरपनाहें भस्म कर दूंगा; और अग्नि बेन-हदद के गढ़-स्तम्भों को भस्म कर देगी.”
לְקֵדָ֣ר ׀ וּֽלְמַמְלְכ֣וֹת חָצ֗וֹר אֲשֶׁ֤ר הִכָּה֙ נבוכדראצור מֶֽלֶךְ־בָּבֶ֔ל כֹּ֖ה אָמַ֣ר יְהוָ֑ה ק֚וּמוּ עֲל֣וּ אֶל־קֵדָ֔ר וְשָׁדְד֖וּ אֶת־בְּנֵי־קֶֽדֶם׃ | 28 |
बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र द्वारा पराजय: केदार, तथा हाज़ोर के राज्यों के विषय में याहवेह की वाणी यह है: “उठो, केदार पहुंच जाओ और पूर्व के लोगों को नष्ट कर दो.
אָהֳלֵיהֶ֤ם וְצֹאנָם֙ יִקָּ֔חוּ יְרִיעוֹתֵיהֶ֧ם וְכָל־כְּלֵיהֶ֛ם וּגְמַלֵּיהֶ֖ם יִשְׂא֣וּ לָהֶ֑ם וְקָרְא֧וּ עֲלֵיהֶ֛ם מָג֖וֹר מִסָּבִֽיב׃ | 29 |
वे अपने शिविर तथा अपनी भेड़-बकरियां अपने साथ ले जाएंगे; वे अपने लिए अपने शिविर के पर्दे ले जाएंगे, अपनी सारी सामग्री तथा ऊंट भी. तब वे एक दूसरे से पुकार-पुकारकर कहेंगे, ‘चहुंओर आतंक व्याप्त है!’
נֻסוּ֩ נֻּ֨דוּ מְאֹ֜ד הֶעְמִ֧יקוּ לָשֶׁ֛בֶת יֹשְׁבֵ֥י חָצ֖וֹר נְאֻם־יְהוָ֑ה כִּֽי־יָעַ֨ץ עֲלֵיכֶ֜ם נְבוּכַדְרֶאצַּ֤ר מֶֽלֶךְ־בָּבֶל֙ עֵצָ֔ה וְחָשַׁ֥ב עליהם מַחֲשָׁבָֽה׃ | 30 |
“भागो दूर चले जाओ! हाज़ोरवासियो जाकर गहन गुफाओं में जा बसो,” यह याहवेह की वाणी है. “क्योंकि बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने तुम्हारे विरुद्ध एक योजना रची है; तुम्हारे विरुद्ध एक युक्ति गढ़ी है.
ק֣וּמוּ עֲל֗וּ אֶל־גּ֥וֹי שְׁלֵ֛יו יוֹשֵׁ֥ב לָבֶ֖טַח נְאֻם־יְהוָ֑ה לֹא־דְלָתַ֧יִם וְלֹֽא־בְרִ֛יחַ ל֖וֹ בָּדָ֥ד יִשְׁכֹּֽנוּ׃ | 31 |
“उठकर ऐसे देश पर आक्रमण करो, जो शांति में निवास कर रहा है, जो पूर्णतः सुरक्षित है,” यह याहवेह की वाणी है, “उस नगर के न तो प्रवेश द्वार हैं और न कहीं छड़ों से उसे सुरक्षा प्रदान की गई है; वे अलग, अकेले निवास करते हैं.
וְהָי֨וּ גְמַלֵּיהֶ֜ם לָבַ֗ז וַהֲמ֤וֹן מִקְנֵיהֶם֙ לְשָׁלָ֔ל וְזֵרִתִ֥ים לְכָל־ר֖וּחַ קְצוּצֵ֣י פֵאָ֑ה וּמִכָּל־עֲבָרָ֛יו אָבִ֥יא אֶת־אֵידָ֖ם נְאֻם־יְהוָֽה׃ | 32 |
उनके ऊंट लूट सामग्री हो जाएंगे, वैसे ही उनके असंख्य पशु भी. मैं प्रचंड वायु में उन सभी को बिखरा दूंगा, जो अपने कनपटी के केश कतरते रहते हैं और उनका विनाश उन पर हर एक ओर से टूट पड़ेगा,” यह याहवेह की वाणी है.
וְהָיְתָ֨ה חָצ֜וֹר לִמְע֥וֹן תַּנִּ֛ים שְׁמָמָ֖ה עַד־עוֹלָ֑ם לֹֽא־יֵשֵׁ֥ב שָׁם֙ אִ֔ישׁ וְלֹֽא־יָג֥וּר בָּ֖הּ בֶּן־אָדָֽם׃ ס | 33 |
“हाज़ोर सियारों का बसेरा बन जाएगा, एक स्थायी निर्जन स्थान. कोई भी वहां निवास न करेगा; न कोई मनुष्य की सन्तति वहां पाई जाएगी.”
אֲשֶׁ֨ר הָיָ֧ה דְבַר־יְהוָ֛ה אֶל־יִרְמְיָ֥הוּ הַנָּבִ֖יא אֶל־עֵילָ֑ם בְּרֵאשִׁ֗ית מַלְכ֛וּת צִדְקִיָּ֥ה מֶֽלֶךְ־יְהוּדָ֖ה לֵאמֹֽר׃ | 34 |
वह संदेश, जो याहवेह की ओर से भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को एलाम के संबंध में यहूदिया के राजा सीदकियाहू के राज्य-काल के प्रारंभ में भेजा गया, यह है:
כֹּ֤ה אָמַר֙ יְהוָ֣ה צְבָא֔וֹת הִנְנִ֥י שֹׁבֵ֖ר אֶת־קֶ֣שֶׁת עֵילָ֑ם רֵאשִׁ֖ית גְּבוּרָתָֽם׃ | 35 |
सेनाओं के याहवेह की वाणी यह है: “देख लेना, मैं एलाम के धनुष को तोड़ने पर हूं, जो उनकी शक्ति का आधार है.
וְהֵבֵאתִ֨י אֶל־עֵילָ֜ם אַרְבַּ֣ע רוּח֗וֹת מֵֽאַרְבַּע֙ קְצ֣וֹת הַשָּׁמַ֔יִם וְזֵ֣רִתִ֔ים לְכֹ֖ל הָרֻח֣וֹת הָאֵ֑לֶּה וְלֹֽא־יִהְיֶ֣ה הַגּ֔וֹי אֲשֶׁ֛ר לֹֽא־יָב֥וֹא שָׁ֖ם נִדְּחֵ֥י עולם׃ | 36 |
आकाश की चारों दिशाओं से मैं एलाम पर इन चारों वायुओं का प्रहार करूंगा; इससे इस राष्ट्र का अस्तित्व ही मिट जाएगा, तब ऐसा कोई राष्ट्र न रहेगा, जहां एलाम के शरणार्थी न पहुंचेंगे.
וְהַחְתַּתִּ֣י אֶת־עֵ֠ילָם לִפְנֵ֨י אֹיְבֵיהֶ֜ם וְלִפְנֵ֣י ׀ מְבַקְשֵׁ֣י נַפְשָׁ֗ם וְהֵבֵאתִ֨י עֲלֵיהֶ֧ם ׀ רָעָ֛ה אֶת־חֲר֥וֹן אַפִּ֖י נְאֻם־יְהוָ֑ה וְשִׁלַּחְתִּ֤י אַֽחֲרֵיהֶם֙ אֶת־הַחֶ֔רֶב עַ֥ד כַּלּוֹתִ֖י אוֹתָֽם׃ | 37 |
इस रीति से मैं एलाम को उसके शत्रुओं के समक्ष तितर-बितर कर दूंगा, उनके समक्ष, जो उनके प्राणों के प्यासे हैं; उनके ऊपर मैं संकट प्रभावी कर दूंगा, यह मेरा उग्र कोप होगा,” यह याहवेह की वाणी है. “उनका पीछा करने के लिए मैं तलवार भेज दूंगा, जब तक वे सभी समाप्त न हो जाएं.
וְשַׂמְתִּ֥י כִסְאִ֖י בְּעֵילָ֑ם וְהַאֲבַדְתִּ֥י מִשָּׁ֛ם מֶ֥לֶךְ וְשָׂרִ֖ים נְאֻם־יְהוָֽה׃ | 38 |
तब मैं एलाम में अपना सिंहासन प्रतिष्ठित करूंगा, मैं इसके सभी राजाओं तथा उच्चाधिकारी को नष्ट कर दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
וְהָיָ֣ה ׀ בְּאַחֲרִ֣ית הַיָּמִ֗ים אשוב אֶת־שבית עֵילָ֖ם נְאֻם־יְהוָֽה׃ ס | 39 |
“किंतु होगा यह, कि मैं अंतिम दिनों में एलाम की समृद्धि लौटा दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.