< הוֹשֵׁעַ 4 >

שִׁמְע֥וּ דְבַר־יְהוָ֖ה בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל כִּ֣י רִ֤יב לַֽיהוָה֙ עִם־יוֹשְׁבֵ֣י הָאָ֔רֶץ כִּ֠י אֵין־אֱמֶ֧ת וְֽאֵין־חֶ֛סֶד וְאֵֽין־דַּ֥עַת אֱלֹהִ֖ים בָּאָֽרֶץ׃ 1
हे इस्राएलियों, यहोवा का वचन सुनो; इस देश के निवासियों के साथ यहोवा का मुकद्दमा है। इस देश में न तो कुछ सच्चाई है, न कुछ करुणा और न कुछ परमेश्वर का ज्ञान ही है।
אָלֹ֣ה וְכַחֵ֔שׁ וְרָצֹ֥חַ וְגָנֹ֖ב וְנָאֹ֑ף פָּרָ֕צוּ וְדָמִ֥ים בְּדָמִ֖ים נָגָֽעוּ׃ 2
यहाँ श्राप देने, झूठ बोलने, वध करने, चुराने, और व्यभिचार करने को छोड़ कुछ नहीं होता; वे व्यवस्था की सीमा को लाँघकर कुकर्म करते हैं और खून ही खून होता रहता है।
עַל־כֵּ֣ן ׀ תֶּאֱבַ֣ל הָאָ֗רֶץ וְאֻמְלַל֙ כָּל־יוֹשֵׁ֣ב בָּ֔הּ בְּחַיַּ֥ת הַשָּׂדֶ֖ה וּבְע֣וֹף הַשָּׁמָ֑יִם וְגַם־דְּגֵ֥י הַיָּ֖ם יֵאָסֵֽפוּ׃ 3
इस कारण यह देश विलाप करेगा, और मैदान के जीव-जन्‍तुओं, और आकाश के पक्षियों समेत उसके सब निवासी कुम्हला जाएँगे; और समुद्र की मछलियाँ भी नाश हो जाएँगी।
אַ֥ךְ אִ֛ישׁ אַל־יָרֵ֖ב וְאַל־יוֹכַ֣ח אִ֑ישׁ וְעַמְּךָ֖ כִּמְרִיבֵ֥י כֹהֵֽן׃ 4
देखो, कोई वाद-विवाद न करे, न कोई उलाहना दे, क्योंकि तेरे लोग तो याजकों से वाद-विवाद करनेवालों के समान हैं।
וְכָשַׁלְתָּ֣ הַיּ֔וֹם וְכָשַׁ֧ל גַּם־נָבִ֛יא עִמְּךָ֖ לָ֑יְלָה וְדָמִ֖יתִי אִמֶּֽךָ׃ 5
तू दिन दुपहरी ठोकर खाएगा, और रात को भविष्यद्वक्ता भी तेरे साथ ठोकर खाएगा; और मैं तेरी माता का नाश करूँगा।
נִדְמ֥וּ עַמִּ֖י מִבְּלִ֣י הַדָּ֑עַת כִּֽי־אַתָּ֞ה הַדַּ֣עַת מָאַ֗סְתָּ וְאֶמְאָֽסְאךָ֙ מִכַּהֵ֣ן לִ֔י וַתִּשְׁכַּח֙ תּוֹרַ֣ת אֱלֹהֶ֔יךָ אֶשְׁכַּ֥ח בָּנֶ֖יךָ גַּם־אָֽנִי׃ 6
मेरे ज्ञान के न होने से मेरी प्रजा नाश हो गई; तूने मेरे ज्ञान को तुच्छ जाना है, इसलिए मैं तुझे अपना याजक रहने के अयोग्‍य ठहराऊँगा। इसलिए कि तूने अपने परमेश्वर की व्यवस्था को त्याग दिया है, मैं भी तेरे बाल-बच्चों को छोड़ दूँगा।
כְּרֻבָּ֖ם כֵּ֣ן חָֽטְאוּ־לִ֑י כְּבוֹדָ֖ם בְּקָל֥וֹן אָמִֽיר׃ 7
जैसे याजक बढ़ते गए, वैसे ही वे मेरे विरुद्ध पाप करते गए; मैं उनके वैभव के बदले उनका अनादर करूँगा।
חַטַּ֥את עַמִּ֖י יֹאכֵ֑לוּ וְאֶל־עֲוֺנָ֖ם יִשְׂא֥וּ נַפְשֽׁוֹ׃ 8
वे मेरी प्रजा के पापबलियों को खाते हैं, और प्रजा के पापी होने की लालसा करते हैं।
וְהָיָ֥ה כָעָ֖ם כַּכֹּהֵ֑ן וּפָקַדְתִּ֤י עָלָיו֙ דְּרָכָ֔יו וּמַעֲלָלָ֖יו אָשִׁ֥יב לֽוֹ׃ 9
इसलिए जो प्रजा की दशा होगी, वही याजक की भी होगी; मैं उनके चाल चलन का दण्ड दूँगा, और उनके कामों के अनुकूल उन्हें बदला दूँगा।
וְאָֽכְלוּ֙ וְלֹ֣א יִשְׂבָּ֔עוּ הִזְנ֖וּ וְלֹ֣א יִפְרֹ֑צוּ כִּֽי־אֶת־יְהוָ֥ה עָזְב֖וּ לִשְׁמֹֽר׃ 10
१०वे खाएँगे तो सही, परन्तु तृप्त न होंगे, और वेश्‍यागमन तो करेंगे, परन्तु न बढ़ेंगे; क्योंकि उन्होंने यहोवा की ओर मन लगाना छोड़ दिया है।
זְנ֛וּת וְיַ֥יִן וְתִיר֖וֹשׁ יִֽקַּֽח־לֵֽב׃ 11
११वेश्‍यागमन और दाखमधु और ताजा दाखमधु, ये तीनों बुद्धि को भ्रष्ट करते हैं।
עַמִּי֙ בְּעֵצ֣וֹ יִשְׁאָ֔ל וּמַקְל֖וֹ יַגִּ֣יד ל֑וֹ כִּ֣י ר֤וּחַ זְנוּנִים֙ הִתְעָ֔ה וַיִּזְנ֖וּ מִתַּ֥חַת אֱלֹהֵיהֶֽם׃ 12
१२मेरी प्रजा के लोग काठ के पुतले से प्रश्न करते हैं, और उनकी छड़ी उनको भविष्य बताती है। क्योंकि छिनाला करानेवाली आत्मा ने उन्हें बहकाया है, और वे अपने परमेश्वर की अधीनता छोड़कर छिनाला करते हैं।
עַל־רָאשֵׁ֨י הֶהָרִ֜ים יְזַבֵּ֗חוּ וְעַל־הַגְּבָעוֹת֙ יְקַטֵּ֔רוּ תַּ֣חַת אַלּ֧וֹן וְלִבְנֶ֛ה וְאֵלָ֖ה כִּ֣י ט֣וֹב צִלָּ֑הּ עַל־כֵּ֗ן תִּזְנֶ֙ינָה֙ בְּנ֣וֹתֵיכֶ֔ם וְכַלּוֹתֵיכֶ֖ם תְּנָאַֽפְנָה׃ 13
१३बांज, चिनार और छोटे बांजवृक्षों की छाया अच्छी होती है, इसलिए वे उनके नीचे और पहाड़ों की चोटियों पर यज्ञ करते, और टीलों पर धूप जलाते हैं। इस कारण तुम्हारी बेटियाँ छिनाल और तुम्हारी बहुएँ व्यभिचारिणी हो गई हैं।
לֹֽא־אֶפְק֨וֹד עַל־בְּנוֹתֵיכֶ֜ם כִּ֣י תִזְנֶ֗ינָה וְעַל־כַּלּֽוֹתֵיכֶם֙ כִּ֣י תְנָאַ֔פְנָה כִּי־הֵם֙ עִם־הַזֹּנ֣וֹת יְפָרֵ֔דוּ וְעִם־הַקְּדֵשׁ֖וֹת יְזַבֵּ֑חוּ וְעָ֥ם לֹֽא־יָבִ֖ין יִלָּבֵֽט׃ 14
१४जब तुम्हारी बेटियाँ छिनाला और तुम्हारी बहुएँ व्यभिचार करें, तब मैं उनको दण्ड न दूँगा; क्योंकि मनुष्य आप ही वेश्याओं के साथ एकान्त में जाते, और देवदासियों के साथी होकर यज्ञ करते हैं; और जो लोग समझ नहीं रखते, वे नाश हो जाएँगे।
אִם־זֹנֶ֤ה אַתָּה֙ יִשְׂרָאֵ֔ל אַל־יֶאְשַׁ֖ם יְהוּדָ֑ה וְאַל־תָּבֹ֣אוּ הַגִּלְגָּ֗ל וְאַֽל־תַּעֲלוּ֙ בֵּ֣ית אָ֔וֶן וְאַל־תִּשָּׁבְע֖וּ חַי־יְהוָֽה׃ 15
१५हे इस्राएल, यद्यपि तू छिनाला करता है, तो भी यहूदा दोषी न बने। गिलगाल को न आओ; और न बेतावेन को चढ़ जाओ; और यहोवा के जीवन की सौगन्ध कहकर शपथ न खाओ।
כִּ֚י כְּפָרָ֣ה סֹֽרֵרָ֔ה סָרַ֖ר יִשְׂרָאֵ֑ל עַתָּה֙ יִרְעֵ֣ם יְהוָ֔ה כְּכֶ֖בֶשׂ בַּמֶּרְחָֽב׃ 16
१६क्योंकि इस्राएल ने हठीली बछिया के समान हठ किया है, क्या अब यहोवा उन्हें भेड़ के बच्चे के समान लम्बे चौड़े मैदान में चराएगा?
חֲב֧וּר עֲצַבִּ֛ים אֶפְרָ֖יִם הַֽנַּֽח־לֽוֹ׃ 17
१७एप्रैम मूरतों का संगी हो गया है; इसलिए उसको रहने दे।
סָ֖ר סָבְאָ֑ם הַזְנֵ֣ה הִזְנ֔וּ אָהֲב֥וּ הֵב֛וּ קָל֖וֹן מָגִנֶּֽיהָ׃ 18
१८वे जब दाखमधु पी चुकते हैं तब वेश्‍यागमन करने में लग जाते हैं; उनके प्रधान लोग निरादर होने से अधिक प्रीति रखते हैं।
צָרַ֥ר ר֛וּחַ אוֹתָ֖הּ בִּכְנָפֶ֑יהָ וְיֵבֹ֖שׁוּ מִזִּבְחוֹתָֽם ס 19
१९आँधी उनको अपने पंखों में बाँधकर उड़ा ले जाएगी, और उनके बलिदानों के कारण वे लज्जित होंगे।

< הוֹשֵׁעַ 4 >