< הוֹשֵׁעַ 14 >
שׁ֚וּבָה יִשְׂרָאֵ֔ל עַ֖ד יְהוָ֣ה אֱלֹהֶ֑יךָ כִּ֥י כָשַׁ֖לְתָּ בַּעֲוֺנֶֽךָ׃ | 1 |
ऐ इस्राईल, ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की तरफ़ रुजू' ला, क्यूँकि तू अपनी बदकिरदारी की वजह से गिर गया है।
קְח֤וּ עִמָּכֶם֙ דְּבָרִ֔ים וְשׁ֖וּבוּ אֶל־יְהוָ֑ה אִמְר֣וּ אֵלָ֗יו כָּל־תִּשָּׂ֤א עָוֺן֙ וְקַח־ט֔וֹב וּֽנְשַׁלְּמָ֥ה פָרִ֖ים שְׂפָתֵֽינוּ׃ | 2 |
कलाम लेकर ख़ुदावन्द की तरफ़ रुजू लाओ, और कहो, हमारी तमाम बदकिरदारी को दूर कर, और फ़ज़ल से हम को कु़बूल फ़रमा; तब हम अपने लबों से कु़र्बानियाँ पेश करेंगे।
אַשּׁ֣וּר ׀ לֹ֣א יוֹשִׁיעֵ֗נוּ עַל־סוּס֙ לֹ֣א נִרְכָּ֔ב וְלֹא־נֹ֥אמַר ע֛וֹד אֱלֹהֵ֖ינוּ לְמַעֲשֵׂ֣ה יָדֵ֑ינוּ אֲשֶׁר־בְּךָ֖ יְרֻחַ֥ם יָתֽוֹם׃ | 3 |
असूर हम को नहीं बचाएगा; हम घोड़ों पर सवार नहीं होंगे; और अपनी दस्तकारी को ख़ुदा न कहेंगे क्यूँकि यतीमों पर रहम करने वाला तू ही है।
אֶרְפָּא֙ מְשׁ֣וּבָתָ֔ם אֹהֲבֵ֖ם נְדָבָ֑ה כִּ֛י שָׁ֥ב אַפִּ֖י מִמֶּֽנּוּ׃ | 4 |
मैं उनकी नाफ़रमानी का चारा करूँगा; मैं कुशादा दिली से उनसे मुहब्बत रखूँगा, क्यूँकि मेरा क़हर उन पर से टल गया है।
אֶהְיֶ֤ה כַטַּל֙ לְיִשְׂרָאֵ֔ל יִפְרַ֖ח כַּשּֽׁוֹשַׁנָּ֑ה וְיַ֥ךְ שָׁרָשָׁ֖יו כַּלְּבָנֽוֹן׃ | 5 |
मैं इस्राईल के लिए ओस की तरह हूँगा; वह सोसन की तरह फूलेगा, और लुबनान की तरह अपनी जड़ें फैलाएगा;
יֵֽלְכוּ֙ יֹֽנְקוֹתָ֔יו וִיהִ֥י כַזַּ֖יִת הוֹד֑וֹ וְרֵ֥יחַֽ ל֖וֹ כַּלְּבָנֽוֹן׃ | 6 |
उसकी डालियाँ फैलेंगी, और उसमें ज़ैतून के दरख़्त की खू़बसूरती और लुबनान की सी खु़शबू होगी।
יָשֻׁ֙בוּ֙ יֹשְׁבֵ֣י בְצִלּ֔וֹ יְחַיּ֥וּ דָגָ֖ן וְיִפְרְח֣וּ כַגָּ֑פֶן זִכְר֖וֹ כְּיֵ֥ין לְבָנֽוֹן׃ ס | 7 |
उसके मातहत में रहने वाले कामियाब हो जाएँगे; वह गेहूँ की तरह तर — ओ — ताज़ा और ताक की तरह शिगुफ़्ता होंगे। उनकी शुहरत लुबनान की मय की सी होगी।
אֶפְרַ֕יִם מַה־לִּ֥י ע֖וֹד לָֽעֲצַבִּ֑ים אֲנִ֧י עָנִ֣יתִי וַאֲשׁוּרֶ֗נּוּ אֲנִי֙ כִּבְר֣וֹשׁ רַֽעֲנָ֔ן מִמֶּ֖נִּי פֶּרְיְךָ֥ נִמְצָֽא׃ | 8 |
इफ़्राईम कहेगा, अब मुझे बुतों से क्या काम?' मैं ख़ुदावन्द ने उसकी सुनी है, और उस पर निगाह करूँगा। मैं सर सब्ज़ सरो की तरह हूँ, तू मुझ ही से कामयाब हुआ।
מִ֤י חָכָם֙ וְיָ֣בֵֽן אֵ֔לֶּה נָב֖וֹן וְיֵֽדָעֵ֑ם כִּֽי־יְשָׁרִ֞ים דַּרְכֵ֣י יְהוָ֗ה וְצַדִּקִים֙ יֵ֣לְכוּ בָ֔ם וּפֹשְׁעִ֖ים יִכָּ֥שְׁלוּ בָֽם׃ | 9 |
'अक़्लमन्द कौन है कि वह ये बातें समझे और समझदार कौन है जो इनको जाने? क्यूँकि ख़ुदावन्द की राहें रास्त है और सादिक़ उनमें चलेंगे; लेकिन ख़ताकर उनमें गिर पड़ेंगे।