< עֶזְרָא 8 >

וְאֵ֛לֶּה רָאשֵׁ֥י אֲבֹתֵיהֶ֖ם וְהִתְיַחְשָׂ֑ם הָעֹלִ֣ים עִמִּ֗י בְּמַלְכ֛וּת אַרְתַּחְשַׁ֥סְתְּא הַמֶּ֖לֶךְ מִבָּבֶֽל׃ ס 1
उनके पूर्वजों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुष ये हैं, और जो लोग राजा अर्तक्षत्र के राज्य में बाबेल से मेरे संग यरूशलेम को गए उनकी वंशावली यह है:
מִבְּנֵ֤י פִֽינְחָס֙ גֵּֽרְשֹׁ֔ם ס מִבְּנֵ֥י אִיתָמָ֖ר דָּנִיֵּ֑אל ס מִבְּנֵ֥י דָוִ֖יד חַטּֽוּשׁ׃ ס 2
अर्थात् पीनहास के वंश में से गेर्शोम, ईतामार के वंश में से दानिय्येल, दाऊद के वंश में से हत्तूश।
מִבְּנֵ֣י שְׁכַנְיָ֔ה ס מִבְּנֵ֥י פַרְעֹ֖שׁ זְכַרְיָ֑ה וְעִמּ֛וֹ הִתְיַחֵ֥שׂ לִזְכָרִ֖ים מֵאָ֥ה וַחֲמִשִּֽׁים׃ ס 3
शकन्याह के वंश के परोश के गोत्र में से जकर्याह, जिसके संग डेढ़ सौ पुरुषों की वंशावली हुई।
מִבְּנֵי֙ פַּחַ֣ת מוֹאָ֔ב אֶלְיְהֽוֹעֵינַ֖י בֶּן־זְרַֽחְיָ֑ה וְעִמּ֖וֹ מָאתַ֥יִם הַזְּכָרִֽים׃ ס 4
पहत्मोआब के वंश में से जरहयाह का पुत्र एल्यहोएनै, जिसके संग दो सौ पुरुष थे।
מִבְּנֵ֥י שְׁכַנְיָ֖ה בֶּן־יַחֲזִיאֵ֑ל וְעִמּ֕וֹ שְׁלֹ֥שׁ מֵא֖וֹת הַזְּכָרִֽים׃ ס 5
शकन्याह के वंश में से यहजीएल का पुत्र, जिसके संग तीन सौ पुरुष थे।
וּמִבְּנֵ֣י עָדִ֔ין עֶ֖בֶד בֶּן־יוֹנָתָ֑ן וְעִמּ֖וֹ חֲמִשִּׁ֥ים הַזְּכָרִֽים׃ ס 6
आदीन के वंश में से योनातान का पुत्र एबेद, जिसके संग पचास पुरुष थे।
וּמִבְּנֵ֣י עֵילָ֔ם יְשַֽׁעְיָ֖ה בֶּן־עֲתַלְיָ֑ה וְעִמּ֖וֹ שִׁבְעִ֥ים הַזְּכָרִֽים׃ ס 7
एलाम के वंश में से अतल्याह का पुत्र यशायाह, जिसके संग सत्तर पुरुष थे।
וּמִבְּנֵ֣י שְׁפַטְיָ֔ה זְבַדְיָ֖ה בֶּן־מִֽיכָאֵ֑ל וְעִמּ֖וֹ שְׁמֹנִ֥ים הַזְּכָרִֽים׃ ס 8
शपत्याह के वंश में से मीकाएल का पुत्र जबद्याह, जिसके संग अस्सी पुरुष थे।
מִבְּנֵ֣י יוֹאָ֔ב עֹבַדְיָ֖ה בֶּן־יְחִיאֵ֑ל וְעִמּ֕וֹ מָאתַ֛יִם וּשְׁמֹנָ֥ה עָשָׂ֖ר הַזְּכָרִֽים׃ ס 9
योआब के वंश में से यहीएल का पुत्र ओबद्याह, जिसके संग दो सौ अठारह पुरुष थे।
וּמִבְּנֵ֥י שְׁלוֹמִ֖ית בֶּן־יוֹסִפְיָ֑ה וְעִמּ֕וֹ מֵאָ֥ה וְשִׁשִּׁ֖ים הַזְּכָרִֽים׃ ס 10
१०शलोमीत के वंश में से योसिव्याह का पुत्र, जिसके संग एक सौ साठ पुरुष थे।
וּמִבְּנֵ֣י בֵבַ֔י זְכַרְיָ֖ה בֶּן־בֵּבָ֑י וְעִמּ֕וֹ עֶשְׂרִ֥ים וּשְׁמֹנָ֖ה הַזְּכָרִֽים׃ ס 11
११बेबै के वंश में से बेबै का पुत्र जकर्याह, जिसके संग अट्ठाईस पुरुष थे।
וּמִבְּנֵ֣י עַזְגָּ֔ד יוֹחָנָ֖ן בֶּן־הַקָּטָ֑ן וְעִמּ֕וֹ מֵאָ֥ה וַעֲשָׂרָ֖ה הַזְּכָרִֽים׃ ס 12
१२अजगाद के वंश में से हक्कातान का पुत्र योहानान, जिसके संग एक सौ दस पुरुष थे।
וּמִבְּנֵ֣י אֲדֹנִיקָם֮ אַחֲרֹנִים֒ וְאֵ֣לֶּה שְׁמוֹתָ֔ם אֱלִיפֶ֖לֶט יְעִיאֵ֣ל וּֽשְׁמַעְיָ֑ה וְעִמָּהֶ֖ם שִׁשִּׁ֥ים הַזְּכָרִֽים׃ ס 13
१३अदोनीकाम के वंश में से जो पीछे गए उनके ये नाम हैं: अर्थात् एलीपेलेत, यूएल, और शमायाह, और उनके संग साठ पुरुष थे।
וּמִבְּנֵ֥י בִגְוַ֖י עוּתַ֣י וזבוד וְעִמּ֖וֹ שִׁבְעִ֥ים הַזְּכָרִֽים׃ פ 14
१४और बिगवै के वंश में से ऊतै और जक्कूर थे, और उनके संग सत्तर पुरुष थे।
וָֽאֶקְבְּצֵ֗ם אֶל־הַנָּהָר֙ הַבָּ֣א אֶֽל־אַהֲוָ֔א וַנַּחֲנֶ֥ה שָׁ֖ם יָמִ֣ים שְׁלֹשָׁ֑ה וָאָבִ֤ינָה בָעָם֙ וּבַכֹּ֣הֲנִ֔ים וּמִבְּנֵ֥י לֵוִ֖י לֹא־מָצָ֥אתִי שָֽׁם׃ 15
१५इनको मैंने उस नदी के पास जो अहवा की ओर बहती है इकट्ठा कर लिया, और वहाँ हम लोग तीन दिन डेरे डाले रहे, और मैंने वहाँ लोगों और याजकों को देख लिया परन्तु किसी लेवीय को न पाया।
וָאֶשְׁלְחָ֡ה לֶאֱלִיעֶ֡זֶר לַאֲרִיאֵ֡ל לִֽ֠שְׁמַעְיָה וּלְאֶלְנָתָ֨ן וּלְיָרִ֜יב וּלְאֶלְנָתָ֧ן וּלְנָתָ֛ן וְלִזְכַרְיָ֥ה וְלִמְשֻׁלָּ֖ם רָאשִׁ֑ים וּלְיוֹיָרִ֥יב וּלְאֶלְנָתָ֖ן מְבִינִֽים׃ 16
१६मैंने एलीएजेर, अरीएल, शमायाह, एलनातान, यारीब, एलनातान, नातान, जकर्याह और मशुल्लाम को जो मुख्य पुरुष थे, और योयारीब और एलनातान को जो बुद्धिमान थे
ואוצאה אוֹתָם֙ עַל־אִדּ֣וֹ הָרֹ֔אשׁ בְּכָסִפְיָ֖א הַמָּק֑וֹם וָאָשִׂימָה֩ בְּפִיהֶ֨ם דְּבָרִ֜ים לְ֠דַבֵּר אֶל־אִדּ֨וֹ אָחִ֤יו הנתונים בְּכָסִפְיָ֣א הַמָּק֔וֹם לְהָֽבִיא־לָ֥נוּ מְשָׁרְתִ֖ים לְבֵ֥ית אֱלֹהֵֽינוּ׃ 17
१७बुलवाकर, इद्दो के पास जो कासिप्या नामक स्थान का प्रधान था, भेज दिया; और उनको समझा दिया, कि कासिप्या स्थान में इद्दो और उसके भाई नतीन लोगों से क्या-क्या कहना, वे हमारे पास हमारे परमेश्वर के भवन के लिये सेवा टहल करनेवालों को ले आएँ।
וַיָּבִ֨יאּוּ לָ֜נוּ כְּיַד־אֱלֹהֵ֨ינוּ הַטּוֹבָ֤ה עָלֵ֙ינוּ֙ אִ֣ישׁ שֶׂ֔כֶל מִבְּנֵ֣י מַחְלִ֔י בֶּן־לֵוִ֖י בֶּן־יִשְׂרָאֵ֑ל וְשֵׁרֵֽבְיָ֛ה וּבָנָ֥יו וְאֶחָ֖יו שְׁמֹנָ֥ה עָשָֽׂר׃ 18
१८हमारे परमेश्वर की कृपादृष्टि जो हम पर हुई इसके अनुसार वे हमारे पास ईश्शेकेल को जो इस्राएल के परपोतो और लेवी के पोते महली के वंश में से था, और शेरेब्याह को, और उसके पुत्रों और भाइयों को, अर्थात् अठारह जनों को;
וְאֶת־חֲשַׁבְיָ֔ה וְאִתּ֥וֹ יְשַֽׁעְיָ֖ה מִבְּנֵ֣י מְרָרִ֑י אֶחָ֥יו וּבְנֵיהֶ֖ם עֶשְׂרִֽים׃ ס 19
१९और हशब्याह को, और उसके संग मरारी के वंश में से यशायाह को, और उसके पुत्रों और भाइयों को, अर्थात् बीस जनों को;
וּמִן־הַנְּתִינִ֗ים שֶׁנָּתַ֨ן דָּוִ֤יד וְהַשָּׂרִים֙ לַעֲבֹדַ֣ת הַלְוִיִּ֔ם נְתִינִ֖ים מָאתַ֣יִם וְעֶשְׂרִ֑ים כֻּלָּ֖ם נִקְּב֥וּ בְשֵׁמֽוֹת׃ 20
२०और नतीन लोगों में से जिन्हें दाऊद और हाकिमों ने लेवियों की सेवा करने को ठहराया था दो सौ बीस नतिनों को ले आए। इन सभी के नाम लिखे हुए थे।
וָאֶקְרָ֨א שָׁ֥ם צוֹם֙ עַל־הַנָּהָ֣ר אַהֲוָ֔א לְהִתְעַנּ֖וֹת לִפְנֵ֣י אֱלֹהֵ֑ינוּ לְבַקֵּ֤שׁ מִמֶּ֙נּוּ֙ דֶּ֣רֶךְ יְשָׁרָ֔ה לָ֥נוּ וּלְטַפֵּ֖נוּ וּלְכָל־רְכוּשֵֽׁנוּ׃ 21
२१तब मैंने वहाँ अर्थात् अहवा नदी के तट पर उपवास का प्रचार इस आशय से किया, कि हम परमेश्वर के सामने दीन हों; और उससे अपने और अपने बाल-बच्चों और अपनी समस्त सम्पत्ति के लिये सरल यात्रा माँगे।
כִּ֣י בֹ֗שְׁתִּי לִשְׁא֤וֹל מִן־הַמֶּ֙לֶךְ֙ חַ֣יִל וּפָרָשִׁ֔ים לְעָזְרֵ֥נוּ מֵאוֹיֵ֖ב בַּדָּ֑רֶךְ כִּֽי־אָמַ֨רְנוּ לַמֶּ֜לֶךְ לֵאמֹ֗ר יַד־אֱלֹהֵ֤ינוּ עַל־כָּל־מְבַקְשָׁיו֙ לְטוֹבָ֔ה וְעֻזּ֣וֹ וְאַפּ֔וֹ עַ֖ל כָּל־עֹזְבָֽיו׃ 22
२२क्योंकि मैं मार्ग के शत्रुओं से बचने के लिये सिपाहियों का दल और सवार राजा से माँगने से लजाता था, क्योंकि हम राजा से यह कह चुके थे, “हमारा परमेश्वर अपने सब खोजियों पर, भलाई के लिये कृपादृष्टि रखता है और जो उसे त्याग देते हैं, उसका बल और कोप उनके विरुद्ध है।”
וַנָּצ֛וּמָה וַנְּבַקְשָׁ֥ה מֵאֱלֹהֵ֖ינוּ עַל־זֹ֑את וַיֵּעָתֵ֖ר לָֽנוּ׃ 23
२३इसी विषय पर हमने उपवास करके अपने परमेश्वर से प्रार्थना की, और उसने हमारी सुनी।
וָאַבְדִּ֛ילָה מִשָּׂרֵ֥י הַכֹּהֲנִ֖ים שְׁנֵ֣ים עָשָׂ֑ר לְשֵׁרֵֽבְיָ֣ה חֲשַׁבְיָ֔ה וְעִמָּהֶ֥ם מֵאֲחֵיהֶ֖ם עֲשָׂרָֽה׃ 24
२४तब मैंने मुख्य याजकों में से बारह पुरुषों को, अर्थात् शेरेब्याह, हशब्याह और इनके दस भाइयों को अलग करके, जो चाँदी, सोना और पात्र,
ואשקולה לָהֶ֔ם אֶת־הַכֶּ֥סֶף וְאֶת־הַזָּהָ֖ב וְאֶת־הַכֵּלִ֑ים תְּרוּמַ֣ת בֵּית־אֱלֹהֵ֗ינוּ הַהֵרִ֙ימוּ֙ הַמֶּ֙לֶךְ֙ וְיֹעֲצָ֣יו וְשָׂרָ֔יו וְכָל־יִשְׂרָאֵ֖ל הַנִּמְצָאִֽים׃ 25
२५राजा और उसके मंत्रियों और उसके हाकिमों और जितने इस्राएली उपस्थित थे उन्होंने हमारे परमेश्वर के भवन के लिये भेंट दिए थे, उन्हें तौलकर उनको दिया।
וָאֶשְׁקֲלָ֨ה עַל־יָדָ֜ם כֶּ֗סֶף כִּכָּרִים֙ שֵֽׁשׁ־מֵא֣וֹת וַחֲמִשִּׁ֔ים וּכְלֵי־כֶ֥סֶף מֵאָ֖ה לְכִכָּרִ֑ים זָהָ֖ב מֵאָ֥ה כִכָּֽר׃ 26
२६मैंने उनके हाथ में साढ़े छः सौ किक्कार चाँदी, सौ किक्कार चाँदी के पात्र,
וּכְפֹרֵ֤י זָהָב֙ עֶשְׂרִ֔ים לַאֲדַרְכֹנִ֖ים אָ֑לֶף וּכְלֵ֨י נְחֹ֜שֶׁת מֻצְהָ֤ב טוֹבָה֙ שְׁנַ֔יִם חֲמוּדֹ֖ת כַּזָּהָֽב׃ 27
२७सौ किक्कार सोना, हजार दर्कमोन के सोने के बीस कटोरे, और सोने सरीखे अनमोल चमकनेवाले पीतल के दो पात्र तौलकर दे दिये।
וָאֹמְרָ֣ה אֲלֵהֶ֗ם אַתֶּ֥ם קֹ֙דֶשׁ֙ לַיהוָ֔ה וְהַכֵּלִ֖ים קֹ֑דֶשׁ וְהַכֶּ֤סֶף וְהַזָּהָב֙ נְדָבָ֔ה לַיהוָ֖ה אֱלֹהֵ֥י אֲבֹתֵיכֶֽם׃ 28
२८मैंने उनसे कहा, “तुम तो यहोवा के लिये पवित्र हो, और ये पात्र भी पवित्र हैं; और यह चाँदी और सोना भेंट का है, जो तुम्हारे पितरों के परमेश्वर यहोवा के लिये प्रसन्नता से दी गई।
שִׁקְד֣וּ וְשִׁמְר֗וּ עַֽד־תִּשְׁקְל֡וּ לִפְנֵי֩ שָׂרֵ֨י הַכֹּהֲנִ֧ים וְהַלְוִיִּ֛ם וְשָׂרֵֽי־הָאָב֥וֹת לְיִשְׂרָאֵ֖ל בִּירוּשָׁלִָ֑ם הַלִּשְׁכ֖וֹת בֵּ֥ית יְהוָֽה׃ 29
२९इसलिए जागते रहो, और जब तक तुम इन्हें यरूशलेम में प्रधान याजकों और लेवियों और इस्राएल के पितरों के घरानों के प्रधानों के सामने यहोवा के भवन की कोठरियों में तौलकर न दो, तब तक इनकी रक्षा करते रहो।”
וְקִבְּלוּ֙ הַכֹּהֲנִ֣ים וְהַלְוִיִּ֔ם מִשְׁקַ֛ל הַכֶּ֥סֶף וְהַזָּהָ֖ב וְהַכֵּלִ֑ים לְהָבִ֥יא לִירוּשָׁלִַ֖ם לְבֵ֥ית אֱלֹהֵֽינוּ׃ פ 30
३०तब याजकों और लेवियों ने चाँदी, सोने और पात्रों को तौलकर ले लिया कि उन्हें यरूशलेम को हमारे परमेश्वर के भवन में पहुँचाए।
וַֽנִּסְעָ֞ה מִנְּהַ֣ר אַֽהֲוָ֗א בִּשְׁנֵ֤ים עָשָׂר֙ לַחֹ֣דֶשׁ הָרִאשׁ֔וֹן לָלֶ֖כֶת יְרוּשָׁלִָ֑ם וְיַד־אֱלֹהֵ֙ינוּ֙ הָיְתָ֣ה עָלֵ֔ינוּ וַיַּ֨צִּילֵ֔נוּ מִכַּ֥ף אוֹיֵ֛ב וְאוֹרֵ֖ב עַל־הַדָּֽרֶךְ׃ 31
३१पहले महीने के बारहवें दिन को हमने अहवा नदी से कूच करके यरूशलेम का मार्ग लिया, और हमारे परमेश्वर की कृपादृष्टि हम पर रही; और उसने हमको शत्रुओं और मार्ग पर घात लगाने वालों के हाथ से बचाया।
וַנָּב֖וֹא יְרוּשָׁלִָ֑ם וַנֵּ֥שֶׁב שָׁ֖ם יָמִ֥ים שְׁלֹשָֽׁה׃ 32
३२अन्त में हम यरूशलेम पहुँचे और वहाँ तीन दिन रहे।
וּבַיּ֣וֹם הָרְבִיעִ֡י נִשְׁקַ֣ל הַכֶּסֶף֩ וְהַזָּהָ֨ב וְהַכֵּלִ֜ים בְּבֵ֣ית אֱלֹהֵ֗ינוּ עַ֠ל יַד־מְרֵמ֤וֹת בֶּן־אֽוּרִיָּה֙ הַכֹּהֵ֔ן וְעִמּ֖וֹ אֶלְעָזָ֣ר בֶּן־פִּֽינְחָ֑ס וְעִמָּהֶ֞ם יוֹזָבָ֧ד בֶּן־יֵשׁ֛וּעַ וְנֽוֹעַדְיָ֥ה בֶן־בִּנּ֖וּי הַלְוִיִּֽם׃ 33
३३फिर चौथे दिन वह चाँदी-सोना और पात्र हमारे परमेश्वर के भवन में ऊरिय्याह के पुत्र मरेमोत याजक के हाथ में तौलकर दिए गए। उसके संग पीनहास का पुत्र एलीआजर था, और उनके साथ येशुअ का पुत्र योजाबाद लेवीय और बिन्नूई का पुत्र नोअद्याह लेवीय थे।
בְּמִסְפָּ֥ר בְּמִשְׁקָ֖ל לַכֹּ֑ל וַיִּכָּתֵ֥ב כָּֽל־הַמִּשְׁקָ֖ל בָּעֵ֥ת הַהִֽיא׃ פ 34
३४वे सब वस्तुएँ गिनी और तौली गईं, और उनका तौल उसी समय लिखा गया।
הַ֠בָּאִים מֵֽהַשְּׁבִ֨י בְנֵֽי־הַגּוֹלָ֜ה הִקְרִ֥יבוּ עֹל֣וֹת ׀ לֵאלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל פָּרִ֨ים שְׁנֵים־עָשָׂ֤ר עַל־כָּל־יִשְׂרָאֵל֙ אֵילִ֣ים ׀ תִּשְׁעִ֣ים וְשִׁשָּׁ֗ה כְּבָשִׂים֙ שִׁבְעִ֣ים וְשִׁבְעָ֔ה צְפִירֵ֥י חַטָּ֖את שְׁנֵ֣ים עָשָׂ֑ר הַכֹּ֖ל עוֹלָ֥ה לַיהוָֽה׃ פ 35
३५जो बँधुआई से आए थे, उन्होंने इस्राएल के परमेश्वर के लिये होमबलि चढ़ाए; अर्थात् समस्त इस्राएल के निमित्त बारह बछड़े, छियानबे मेढ़े और सतहत्तर मेम्ने और पापबलि के लिये बारह बकरे; यह सब यहोवा के लिये होमबलि था।
וַֽיִּתְּנ֣וּ ׀ אֶת־דָּתֵ֣י הַמֶּ֗לֶךְ לַאֲחַשְׁדַּרְפְּנֵי֙ הַמֶּ֔לֶךְ וּפַחֲו֖וֹת עֵ֣בֶר הַנָּהָ֑ר וְנִשְּׂא֥וּ אֶת־הָעָ֖ם וְאֶת־בֵּֽית־הָאֱלֹהִֽים׃ ס 36
३६तब उन्होंने राजा की आज्ञाएँ महानद के इस पार के अधिकारियों और अधिपतियों को दीं; और उन्होंने इस्राएली लोगों और परमेश्वर के भवन के काम में सहायता की।

< עֶזְרָא 8 >