< עָמוֹס 4 >
שִׁמְע֞וּ הַדָּבָ֣ר הַזֶּ֗ה פָּר֤וֹת הַבָּשָׁן֙ אֲשֶׁר֙ בְּהַ֣ר שֹֽׁמְר֔וֹן הָעֹשְׁק֣וֹת דַּלִּ֔ים הָרֹצְצ֖וֹת אֶבְיוֹנִ֑ים הָאֹמְרֹ֥ת לַאֲדֹֽנֵיהֶ֖ם הָבִ֥יאָה וְנִשְׁתֶּֽה׃ | 1 |
शमरिया की पहाड़ी पर निवास कर रही बाशान की गायों, यह संदेश तुम्हारे लिए है, तुम निर्धनों पर अत्याचार करती हो, ज़रूरतमंदों को कुचलती हो, अपने पति को आदेश देती हो, “जाओ, पीने के लिए कुछ ले आओ!”
נִשְׁבַּ֨ע אֲדֹנָ֤י יְהוִה֙ בְּקָדְשׁ֔וֹ כִּ֛י הִנֵּ֥ה יָמִ֖ים בָּאִ֣ים עֲלֵיכֶ֑ם וְנִשָּׂ֤א אֶתְכֶם֙ בְּצִנּ֔וֹת וְאַחֲרִיתְכֶ֖ן בְּסִיר֥וֹת דּוּגָֽה׃ | 2 |
प्रभु याहवेह ने अपनी पवित्रता की शपथ ली है: “भविष्य में ऐसा समय निश्चित रूप से आएगा जब तुम्हें कांटों में फंसाकर ले जाया जाएगा, तुममें से एक-एक को मछली पकड़ने के कांटों में फंसाकर ले जाया जाएगा.
וּפְרָצִ֥ים תֵּצֶ֖אנָה אִשָּׁ֣ה נֶגְדָּ֑הּ וְהִשְׁלַכְתֶּ֥נָה הַהַרְמ֖וֹנָה נְאֻם־יְהוָֽה׃ | 3 |
तुममें से प्रत्येक दीवार के दरारों से सीधा निकल जाएगा, और तुम्हें हर्मोन की ओर फेंक दिया जाएगा.” याहवेह की यह घोषणा है.
בֹּ֤אוּ בֵֽית־אֵל֙ וּפִשְׁע֔וּ הַגִּלְגָּ֖ל הַרְבּ֣וּ לִפְשֹׁ֑עַ וְהָבִ֤יאוּ לַבֹּ֙קֶר֙ זִבְחֵיכֶ֔ם לִשְׁלֹ֥שֶׁת יָמִ֖ים מַעְשְׂרֹֽתֵיכֶֽם׃ | 4 |
“जाओ और बेथेल में अपराध करो; गिलगाल में जाकर और ज्यादा अपराध करो. प्रातःकाल अपनी भेंट बलि लेकर आया करो, और हर तीसरे साल अपना दशमांश लाओ.
וְקַטֵּ֤ר מֵֽחָמֵץ֙ תּוֹדָ֔ה וְקִרְא֥וּ נְדָב֖וֹת הַשְׁמִ֑יעוּ כִּ֣י כֵ֤ן אֲהַבְתֶּם֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃ | 5 |
खमीर युक्त रोटी को धन्यवाद बलि के रूप में जलाओ अपने स्वेच्छा बलियों के बारे में डींग मारो— हे इस्राएलियो, उनके बारे में घमंड करो, क्योंकि ऐसा करना तुम्हें अच्छा लगता है,” प्रभु याहवेह की यह घोषणा है.
וְגַם־אֲנִי֩ נָתַ֨תִּי לָכֶ֜ם נִקְי֤וֹן שִׁנַּ֙יִם֙ בְּכָל־עָ֣רֵיכֶ֔ם וְחֹ֣סֶר לֶ֔חֶם בְּכֹ֖ל מְקוֹמֹֽתֵיכֶ֑ם וְלֹֽא־שַׁבְתֶּ֥ם עָדַ֖י נְאֻם־יְהוָֽה׃ | 6 |
“मैंने हर शहर में तुम्हें भूखे पेट रखा और हर नगर में भोजन की घटी की, फिर भी तुम मेरी ओर नहीं फिरे.” याहवेह की यह घोषणा है.
וְגַ֣ם אָנֹכִי֩ מָנַ֨עְתִּי מִכֶּ֜ם אֶת־הַגֶּ֗שֶׁם בְּע֨וֹד שְׁלֹשָׁ֤ה חֳדָשִׁים֙ לַקָּצִ֔יר וְהִמְטַרְתִּי֙ עַל־עִ֣יר אֶחָ֔ת וְעַל־עִ֥יר אַחַ֖ת לֹ֣א אַמְטִ֑יר חֶלְקָ֤ה אַחַת֙ תִּמָּטֵ֔ר וְחֶלְקָ֛ה אֲשֶֽׁר־לֹֽא־תַמְטִ֥יר עָלֶ֖יהָ תִּיבָֽשׁ׃ | 7 |
“जब कटनी के लिए तीन माह बचे थे, तब मैंने वर्षा को रोके रखा. मैंने एक नगर पर वर्षा की, पर दूसरे नगर पर पानी नहीं बरसाया. एक खेत पर वर्षा हुई, किंतु दूसरे पर नहीं और वह सूख गया.
וְנָע֡וּ שְׁתַּיִם֩ שָׁלֹ֨שׁ עָרִ֜ים אֶל־עִ֥יר אַחַ֛ת לִשְׁתּ֥וֹת מַ֖יִם וְלֹ֣א יִשְׂבָּ֑עוּ וְלֹֽא־שַׁבְתֶּ֥ם עָדַ֖י נְאֻם־יְהוָֽה׃ | 8 |
लोग लड़खड़ाते हुए एक नगर से दूसरे नगर में भटकते रहे किंतु उन्हें पीने के लिये पर्याप्त पानी न मिला, फिर भी तुम मेरी ओर न फिरे,” याहवेह की यह घोषणा है.
הִכֵּ֣יתִי אֶתְכֶם֮ בַּשִּׁדָּפ֣וֹן וּבַיֵּרָקוֹן֒ הַרְבּ֨וֹת גַּנּוֹתֵיכֶ֧ם וְכַרְמֵיכֶ֛ם וּתְאֵנֵיכֶ֥ם וְזֵיתֵיכֶ֖ם יֹאכַ֣ל הַגָּזָ֑ם וְלֹֽא־שַׁבְתֶּ֥ם עָדַ֖י נְאֻם־יְהוָֽה׃ ס | 9 |
“कई बार मैंने तुम्हारे बगीचों और अंगूर की बारियों पर कहर बरपाया, बीमारी और फफूंदी से उन्हें नाश किया. टिड्डियां तुम्हारे अंजीर और जैतून के पेड़ों को खा गईं, तो भी तुम मेरी ओर न फिरे,” याहवेह की यह घोषणा है.
שִׁלַּ֨חְתִּי בָכֶ֥ם דֶּ֙בֶר֙ בְּדֶ֣רֶךְ מִצְרַ֔יִם הָרַ֤גְתִּי בַחֶ֙רֶב֙ בַּח֣וּרֵיכֶ֔ם עִ֖ם שְׁבִ֣י סֽוּסֵיכֶ֑ם וָאַעֲלֶ֞ה בְּאֹ֤שׁ מַחֲנֵיכֶם֙ וּֽבְאַפְּכֶ֔ם וְלֹֽא־שַׁבְתֶּ֥ם עָדַ֖י נְאֻם־יְהוָֽה׃ | 10 |
“मैंने मिस्र देश में भेजी महामारी की तरह तुम्हारे बीच में भी महामारियां भेजी. मैंने तुम्हारे लूटे हुए घोड़ों के साथ, तुम्हारे जवानों को तलवार से मार डाला. मैंने तुम्हारे छावनी के शवों की दुर्गंध से तुम्हारे नथुनों को भर दिया, फिर भी तुम मेरी ओर न फिरे,” याहवेह की यह घोषणा है.
הָפַ֣כְתִּי בָכֶ֗ם כְּמַהְפֵּכַ֤ת אֱלֹהִים֙ אֶת־סְדֹ֣ם וְאֶת־עֲמֹרָ֔ה וַתִּהְי֕וּ כְּא֖וּד מֻצָּ֣ל מִשְׂרֵפָ֑ה וְלֹֽא־שַׁבְתֶּ֥ם עָדַ֖י נְאֻם־יְהוָֽה׃ ס | 11 |
“मैंने तुममें से कुछ का ऐसा विनाश किया जैसा मैं, परमेश्वर, ने सोदोम और अमोराह का किया था. उस समय तुम वैसे ही थे, जैसे आग से निकाली गई जलती हुई लकड़ी, फिर भी तुम मेरी ओर न फिरे,” याहवेह की यह घोषणा है.
לָכֵ֕ן כֹּ֥ה אֶעֱשֶׂה־לְּךָ֖ יִשְׂרָאֵ֑ל עֵ֚קֶב כִּֽי־זֹ֣את אֶֽעֱשֶׂה־לָּ֔ךְ הִכּ֥וֹן לִקְרַאת־אֱלֹהֶ֖יךָ יִשְׂרָאֵֽל׃ | 12 |
“इसलिये हे इस्राएल, मैं तुम्हारे साथ ऐसा करनेवाला हूं, और क्योंकि मैं तुम्हारे साथ ऐसा करनेवाला हूं, हे इस्राएल, अपने परमेश्वर से भेंट करने के लिए तैयार हो जाओ.”
כִּ֡י הִנֵּה֩ יוֹצֵ֨ר הָרִ֜ים וּבֹרֵ֣א ר֗וּחַ וּמַגִּ֤יד לְאָדָם֙ מַה־שֵּׂח֔וֹ עֹשֵׂ֥ה שַׁ֙חַר֙ עֵיפָ֔ה וְדֹרֵ֖ךְ עַל־בָּ֣מֳתֵי אָ֑רֶץ יְהוָ֥ה אֱלֹהֵֽי־צְבָא֖וֹת שְׁמֽוֹ׃ ס | 13 |
जिसने पर्वतों की रचना की, जिसने वायु की सृष्टि की, और जो अपने विचारों को मनुष्यों पर प्रकट करते हैं, जो प्रातःकाल को अंधकार में बदल देते हैं, और पृथ्वी के ऊंचे स्थानों पर चलते हैं— उनका नाम याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर है.