< 1 שְׁמוּאֵל 24 >

וַיְהִ֗י כַּֽאֲשֶׁר֙ שָׁ֣ב שָׁא֔וּל מֵאַחֲרֵ֖י פְּלִשְׁתִּ֑ים וַיַּגִּ֤דוּ לוֹ֙ לֵאמֹ֔ר הִנֵּ֣ה דָוִ֔ד בְּמִדְבַּ֖ר עֵ֥ין גֶּֽדִי׃ ס 1
जब शाऊल फिलिस्तीनियों से युद्ध करने के बाद लौटे, उन्हें सूचना दी गई, “दावीद एन-गेदी के निकटवर्ती मरुभूमि में छिपे हुए हैं.”
וַיִּקַּ֣ח שָׁא֗וּל שְׁלֹ֧שֶׁת אֲלָפִ֛ים אִ֥ישׁ בָּח֖וּר מִכָּל־יִשְׂרָאֵ֑ל וַיֵּ֗לֶךְ לְבַקֵּ֤שׁ אֶת־דָּוִד֙ וַֽאֲנָשָׁ֔יו עַל־פְּנֵ֖י צוּרֵ֥י הַיְּעֵלִֽים׃ 2
शाऊल ने इस्राएली सेना में से तीन हज़ार सर्वोत्तम सैनिक लेकर पहाड़ी बकरों की चट्टानों के पूर्व में दावीद की खोज करनी शुरू कर दी.
וַ֠יָּבֹא אֶל־גִּדְר֨וֹת הַצֹּ֤אן עַל־הַדֶּ֙רֶךְ֙ וְשָׁ֣ם מְעָרָ֔ה וַיָּבֹ֥א שָׁא֖וּל לְהָסֵ֣ךְ אֶת־רַגְלָ֑יו וְדָוִד֙ וַאֲנָשָׁ֔יו בְּיַרְכְּתֵ֥י הַמְּעָרָ֖ה יֹשְׁבִֽים׃ 3
खोज करते हुए वे सब मार्ग के किनारे स्थित उन भेड़ के बाड़ों के निकट पहुंचे, जिनके निकट एक कंदरा थी. शाऊल उस गुफा के भीतर शौच के लिए चले गए. दावीद और उनके साथी गुफा के भीतरी गुप्‍त स्थानों में छिपे बैठे थे.
וַיֹּאמְרוּ֩ אַנְשֵׁ֨י דָוִ֜ד אֵלָ֗יו הִנֵּ֨ה הַיּ֜וֹם אֲֽשֶׁר־אָמַ֧ר יְהוָ֣ה אֵלֶ֗יךָ הִנֵּ֨ה אָנֹכִ֜י נֹתֵ֤ן אֶת־איביך בְּיָדֶ֔ךָ וְעָשִׂ֣יתָ לּ֔וֹ כַּאֲשֶׁ֖ר יִטַ֣ב בְּעֵינֶ֑יךָ וַיָּ֣קָם דָּוִ֗ד וַיִּכְרֹ֛ת אֶת־כְּנַֽף־הַמְּעִ֥יל אֲשֶׁר־לְשָׁא֖וּל בַּלָּֽט׃ 4
दावीद के साथियों ने उससे कहा, “आज ही वह दिन है, जिसके विषय में याहवेह ने आपसे कहा था, ‘मैं तुम्हारे शत्रु को तुम्हारे अधीन कर दूंगा और तुम उसके साथ वह सब कर सकोगे, जो तुम्हें सही लगेगा.’” यह सुन दावीद उठे और चुपचाप जाकर शाऊल के बाहरी वस्त्र की किनारी काट ली.
וַֽיְהִי֙ אַֽחֲרֵי־כֵ֔ן וַיַּ֥ךְ לֵב־דָּוִ֖ד אֹת֑וֹ עַ֚ל אֲשֶׁ֣ר כָּרַ֔ת אֶת־כָּנָ֖ף אֲשֶׁ֥ר לְשָׁאֽוּל׃ ס 5
मगर कुछ समय बाद दावीद के मन के दोष भाव ने उन्हें व्याकुल कर दिया,
וַיֹּ֨אמֶר לַאֲנָשָׁ֜יו חָלִ֧ילָה לִּ֣י מֵֽיהוָ֗ה אִם־אֶעֱשֶׂה֩ אֶת־הַדָּבָ֨ר הַזֶּ֤ה לַֽאדֹנִי֙ לִמְשִׁ֣יחַ יְהוָ֔ה לִשְׁלֹ֥חַ יָדִ֖י בּ֑וֹ כִּֽי־מְשִׁ֥יחַ יְהוָ֖ה הֽוּא׃ 6
और उन्होंने अपने साथियों से कहा, “याहवेह यह कभी न होने दें कि मैं याहवेह के अभिषिक्त, मेरे स्वामी पर हाथ उठाने का दुस्साहस करूं, यह जानते हुए भी कि वह याहवेह द्वारा अभिषिक्त हैं.”
וַיְשַׁסַּ֨ע דָּוִ֤ד אֶת־אֲנָשָׁיו֙ בַּדְּבָרִ֔ים וְלֹ֥א נְתָנָ֖ם לָק֣וּם אֶל־שָׁא֑וּל וְשָׁא֛וּל קָ֥ם מֵהַמְּעָרָ֖ה וַיֵּ֥לֶךְ בַּדָּֽרֶךְ׃ ס 7
इन शब्दों के द्वारा दावीद ने अपने साथियों को शाऊल पर वार करने से रोक दिया. तब शाऊल उठे, गुफा से बाहर निकलकर अपने मार्ग पर आगे बढ़ गए.
וַיָּ֨קָם דָּוִ֜ד אַחֲרֵי־כֵ֗ן וַיֵּצֵא֙ מן־המערה וַיִּקְרָ֧א אַֽחֲרֵי־שָׁא֛וּל לֵאמֹ֖ר אֲדֹנִ֣י הַמֶּ֑לֶךְ וַיַּבֵּ֤ט שָׁאוּל֙ אַֽחֲרָ֔יו וַיִּקֹּ֨ד דָּוִ֥ד אַפַּ֛יִם אַ֖רְצָה וַיִּשְׁתָּֽחוּ׃ ס 8
तब दावीद भी गुफा से बाहर आ गए. वहां से उन्होंने शाऊल को पुकारा, “महाराज, मेरे स्वामी!” दावीद का स्वर सुनकर शाऊल ने मुड़कर पीछे देखा. दावीद ने घुटने टेककर भूमि तक सिर झुकाकर उनका अभिवंदन किया,
וַיֹּ֤אמֶר דָּוִד֙ לְשָׁא֔וּל לָ֧מָּה תִשְׁמַ֛ע אֶת־דִּבְרֵ֥י אָדָ֖ם לֵאמֹ֑ר הִנֵּ֣ה דָוִ֔ד מְבַקֵּ֖שׁ רָעָתֶֽךָ׃ 9
और उन्होंने शाऊल को कहा, “महाराज, लोगों की बात का विश्वास क्यों करते हैं, जब वे कहते हैं, ‘दावीद आपके बुरा की युक्ति कर रहा है’?
הִנֵּה֩ הַיּ֨וֹם הַזֶּ֜ה רָא֣וּ עֵינֶ֗יךָ אֵ֣ת אֲשֶׁר־נְתָנְךָ֩ יְהוָ֨ה ׀ הַיּ֤וֹם ׀ בְּיָדִי֙ בַּמְּעָרָ֔ה וְאָמַ֥ר לַהֲרָגֲךָ֖ וַתָּ֣חָס עָלֶ֑יךָ וָאֹמַ֗ר לֹא־אֶשְׁלַ֤ח יָדִי֙ בַּֽאדֹנִ֔י כִּי־מְשִׁ֥יחַ יְהוָ֖ה הֽוּא׃ 10
आप स्वयं यह देखिए, आज गुफा में याहवेह ने आपको मेरे हाथों में सौंप दिया था. मेरे कुछ साथी मुझसे कह भी रहे थे कि मैं आपकी हत्या कर दूं, मगर मैंने यह नहीं किया; मैंने विचार किया, ‘मैं अपने स्वामी पर कभी हाथ न उठाऊंगा, क्योंकि उनका अभिषेक याहवेह ने किया है.’
וְאָבִ֣י רְאֵ֔ה גַּ֗ם רְאֵ֛ה אֶת־כְּנַ֥ף מְעִילְךָ֖ בְּיָדִ֑י כִּ֡י בְּכָרְתִי֩ אֶת־כְּנַ֨ף מְעִֽילְךָ֜ וְלֹ֣א הֲרַגְתִּ֗יךָ דַּ֤ע וּרְאֵה֙ כִּי֩ אֵ֨ין בְּיָדִ֜י רָעָ֤ה וָפֶ֙שַׁע֙ וְלֹא־חָטָ֣אתִי לָ֔ךְ וְאַתָּ֛ה צֹדֶ֥ה אֶת־נַפְשִׁ֖י לְקַחְתָּֽהּ׃ 11
यह देखिए, मेरे पिताजी, मेरे हाथ में आपके कपड़े का यह छोर है. मैंने इसे तो क़तर लिया है, मगर मैंने आप पर वार नहीं किया. तब आपका यह समझ लेना सही होगा कि मैं न तो किसी बुरे की योजना गढ़ रहा हूं, और न ही किसी विद्रोह की. आपके विरुद्ध मैं कोई पाप नहीं कर रहा हूं, फिर भी आप मेरे रास्ते में आ रहे हैं.
יִשְׁפֹּ֤ט יְהוָה֙ בֵּינִ֣י וּבֵינֶ֔ךָ וּנְקָמַ֥נִי יְהוָ֖ה מִמֶּ֑ךָּ וְיָדִ֖י לֹ֥א תִֽהְיֶה־בָּֽךְ׃ 12
स्वयं याहवेह आपके और मेरे बीच निर्णय करें. यह संभव है कि वही आपसे उन कामों के लिए बदला लें, जो आपने मेरे विरुद्ध किए हैं, मगर स्वयं मैं आपकी कोई हानि न करूंगा.
כַּאֲשֶׁ֣ר יֹאמַ֗ר מְשַׁל֙ הַקַּדְמֹנִ֔י מֵרְשָׁעִ֖ים יֵ֣צֵא רֶ֑שַׁע וְיָדִ֖י לֹ֥א תִֽהְיֶה־בָּֽךְ׃ 13
जैसा पुरानी कहावत है, ‘बुराई करनेवालों से बुरे काम आते हैं!’ तो मेरा हाथ आपको नहीं छुएगा.
אַחֲרֵ֨י מִ֤י יָצָא֙ מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֔ל אַחֲרֵ֥י מִ֖י אַתָּ֣ה רֹדֵ֑ף אַֽחֲרֵי֙ כֶּ֣לֶב מֵ֔ת אַחֲרֵ֖י פַּרְעֹ֥שׁ אֶחָֽד׃ 14
“आप ही विचार कीजिए आप कर क्या रहे हैं? इस्राएल का राजा एक मरे हुए कुत्ते का पीछा करने में जुटा है, कि उसकी हत्या कर दे? एक कुत्ता, एक पिस्सू?
וְהָיָ֤ה יְהוָה֙ לְדַיָּ֔ן וְשָׁפַ֖ט בֵּינִ֣י וּבֵינֶ֑ךָ וְיֵ֙רֶא֙ וְיָרֵ֣ב אֶת־רִיבִ֔י וְיִשְׁפְּטֵ֖נִי מִיָּדֶֽךָ׃ פ 15
तब अब निर्णय याहवेह के द्वारा किया जाए. वही आपके और मेरी स्थिति का आंकलन करें. वही मुझे आपसे सुरक्षा प्रदान करें.”
וַיְהִ֣י ׀ כְּכַלּ֣וֹת דָּוִ֗ד לְדַבֵּ֞ר אֶת־הַדְּבָרִ֤ים הָאֵ֙לֶּה֙ אֶל־שָׁא֔וּל וַיֹּ֣אמֶר שָׁא֔וּל הֲקֹלְךָ֥ זֶ֖ה בְּנִ֣י דָוִ֑ד וַיִּשָּׂ֥א שָׁא֛וּל קֹל֖וֹ וַיֵּֽבְךְּ׃ 16
जब दावीद शाऊल के सामने अपनी यह बातें समाप्‍त कर चुके, शाऊल ने प्रश्न किया, “क्या यह तुम्हारा स्वर है, मेरे पुत्र, दावीद?” और तब शाऊल ऊंची आवाज में रोने लगे.
וַיֹּ֙אמֶר֙ אֶל־דָּוִ֔ד צַדִּ֥יק אַתָּ֖ה מִמֶּ֑נִּי כִּ֤י אַתָּה֙ גְּמַלְתַּ֣נִי הַטּוֹבָ֔ה וַאֲנִ֖י גְּמַלְתִּ֥יךָ הָרָעָֽה׃ 17
उन्होंने दावीद से कहा, “तुम मुझसे अधिक धर्मी व्यक्ति हो, क्योंकि तुमने मेरे दुराचार का प्रतिफल सदाचार में दिया, जबकि मैंने सदैव तुम्हारा बुरा ही करना चाहा है.
ואת הִגַּ֣דְתָּ הַיּ֔וֹם אֵ֛ת אֲשֶׁר־עָשִׂ֥יתָה אִתִּ֖י טוֹבָ֑ה אֵת֩ אֲשֶׁ֨ר סִגְּרַ֧נִי יְהוָ֛ה בְּיָדְךָ֖ וְלֹ֥א הֲרַגְתָּֽנִי׃ 18
आज तो तुमने यह घोषणा ही कर दी है कि तुमने सदैव ही मेरे हित की ही कामना की है. याहवेह ने मुझे तुम्हारे हाथों में सौंप ही दिया था, फिर भी तुमने मेरी हत्या नहीं की.
וְכִֽי־יִמְצָ֥א אִישׁ֙ אֶת־אֹ֣יְב֔וֹ וְשִׁלְּח֖וֹ בְּדֶ֣רֶךְ טוֹבָ֑ה וַֽיהוָה֙ יְשַׁלֶּמְךָ֣ טוֹבָ֔ה תַּ֚חַת הַיּ֣וֹם הַזֶּ֔ה אֲשֶׁ֥ר עָשִׂ֖יתָה לִֽי׃ 19
क्या कभी ऐसा सुना गया है कि कोई व्यक्ति अपने हाथों में आए शत्रु को सुरक्षित छोड़ दे? आज तुमने मेरे साथ जो उदारतापूर्ण अभिवृत्ति प्रदर्शित की है, उसके लिए याहवेह तुम्हें भला करें.
וְעַתָּה֙ הִנֵּ֣ה יָדַ֔עְתִּי כִּ֥י מָלֹ֖ךְ תִּמְל֑וֹךְ וְקָ֙מָה֙ בְּיָ֣דְךָ֔ מַמְלֶ֖כֶת יִשְׂרָאֵֽל׃ 20
अब सुनो: मुझे यह पता हो गया है कि निश्चित राजा तुम ही बनोगे, और इस्राएल का राज्य तुम्हारे शासन में प्रतिष्ठित हो जाएगा.
וְעַתָּ֗ה הִשָּׁ֤בְעָה לִּי֙ בַּֽיהוָ֔ה אִם־תַּכְרִ֥ית אֶת־זַרְעִ֖י אַֽחֲרָ֑י וְאִם־תַּשְׁמִ֥יד אֶת־שְׁמִ֖י מִבֵּ֥ית אָבִֽי׃ 21
तब यहां याहवेह के सामने शपथ लो, कि मेरी मृत्यु के बाद तुम मेरे वंशजों को नहीं मिटाओगे और न ही मेरे नाम को और न मेरे पिता के परिवार की प्रतिष्ठा नष्ट करोगे.”
וַיִּשָּׁבַ֥ע דָּוִ֖ד לְשָׁא֑וּל וַיֵּ֤לֶךְ שָׁאוּל֙ אֶל־בֵּית֔וֹ וְדָוִד֙ וַֽאֲנָשָׁ֔יו עָל֖וּ עַל־הַמְּצוּדָֽה׃ פ 22
दावीद ने शाऊल से इसकी शपथ खाई. इसके बाद शाऊल अपने घर लौट गए और दावीद और उनके साथी अपने गढ़ में.

< 1 שְׁמוּאֵל 24 >