< 1 מְלָכִים 12 >

וַיֵּ֥לֶךְ רְחַבְעָ֖ם שְׁכֶ֑ם כִּ֥י שְׁכֶ֛ם בָּ֥א כָל־יִשְׂרָאֵ֖ל לְהַמְלִ֥יךְ אֹתֽוֹ׃ 1
रिहोबोयाम शेकेम नगर गया, क्योंकि उसके राजाभिषेक के उद्देश्य से सारा इस्राएल वहां इकट्ठा हुआ था.
וַיְהִ֞י כִּשְׁמֹ֣עַ ׀ יָרָבְעָ֣ם בֶּן־נְבָ֗ט וְהוּא֙ עוֹדֶ֣נּוּ בְמִצְרַ֔יִם אֲשֶׁ֣ר בָּרַ֔ח מִפְּנֵ֖י הַמֶּ֣לֶךְ שְׁלֹמֹ֑ה וַיֵּ֥שֶׁב יָרָבְעָ֖ם בְּמִצְרָֽיִם׃ 2
जब नेबाथ के पुत्र यरोबोअम ने यह सुना, जो इस समय मिस्र देश में ही रह रहा था—वह राजा शलोमोन से भागकर यहीं ठहरा हुआ था—
וַֽיִּשְׁלְחוּ֙ וַיִּקְרְאוּ־ל֔וֹ ויבאו יָרָבְעָ֖ם וְכָל־קְהַ֣ל יִשְׂרָאֵ֑ל וַֽיְדַבְּר֔וּ אֶל־רְחַבְעָ֖ם לֵאמֹֽר׃ 3
लोगों ने संदेश भेजकर उसे बुलवा लिया. तब यरोबोअम और सारी इस्राएली सभा अपनी बात रखने रिहोबोयाम के पास गई. उन्होंने रिहोबोयाम से कहा,
אָבִ֖יךָ הִקְשָׁ֣ה אֶת־עֻלֵּ֑נוּ וְאַתָּ֡ה עַתָּ֣ה הָקֵל֩ מֵעֲבֹדַ֨ת אָבִ֜יךָ הַקָּשָׁ֗ה וּמֵעֻלּ֧וֹ הַכָּבֵ֛ד אֲשֶׁר־נָתַ֥ן עָלֵ֖ינוּ וְנַעַבְדֶֽךָּ׃ 4
“आपके पिता ने हमारा जूआ बहुत ही भारी कर दिया था; अब तो आपके पिता द्वारा कराई गई मेहनत और इस भारी जूए को हल्का कर दीजिए. हम आपकी सेवा हमेशा करते रहेंगे.”
וַיֹּ֣אמֶר אֲלֵיהֶ֗ם לְכ֥וּ עֹ֛ד שְׁלֹשָׁ֥ה יָמִ֖ים וְשׁ֣וּבוּ אֵלָ֑י וַיֵּלְכ֖וּ הָעָֽם׃ 5
रिहोबोयाम ने उन्हें उत्तर दिया, “अभी आप जाइए और तीन दिन के बाद आइए, तब मैं आपको इसका उत्तर दूंगा.” तब वे सब लौट गए.
וַיִּוָּעַ֞ץ הַמֶּ֣לֶךְ רְחַבְעָ֗ם אֶת־הַזְּקֵנִים֙ אֲשֶׁר־הָי֣וּ עֹמְדִ֗ים אֶת־פְּנֵי֙ שְׁלֹמֹ֣ה אָבִ֔יו בִּֽהְיֹת֥וֹ חַ֖י לֵאמֹ֑ר אֵ֚יךְ אַתֶּ֣ם נֽוֹעָצִ֔ים לְהָשִׁ֥יב אֶת־הָֽעָם־הַזֶּ֖ה דָּבָֽר׃ 6
इसी समय राजा रिहोबोयाम ने उन पुरनियों से सलाह ली, जो उसके पिता शलोमोन के जीवन भर उसके सेवक रहे थे. उसने पूछा, “मेरे लिए आपकी क्या राय है? मैं इन लोगों को क्या उत्तर दूं?”
וידבר אֵלָ֜יו לֵאמֹ֗ר אִם־הַ֠יּוֹם תִּֽהְיֶה־עֶ֜בֶד לָעָ֤ם הַזֶּה֙ וַֽעֲבַדְתָּ֔ם וַעֲנִיתָ֕ם וְדִבַּרְתָּ֥ אֲלֵיהֶ֖ם דְּבָרִ֣ים טוֹבִ֑ים וְהָי֥וּ לְךָ֛ עֲבָדִ֖ים כָּל־הַיָּמִֽים׃ 7
उन्होंने उसे उत्तर दिया, “यदि आप आज इन लोगों के सामने सेवक की तरह बनकर उन्हें उत्तर देते हुए उनसे मीठी बातें करें, तो वे आजीवन आपके सेवक बने रहेंगे.”
וַֽיַּעֲזֹ֛ב אֶת־עֲצַ֥ת הַזְּקֵנִ֖ים אֲשֶׁ֣ר יְעָצֻ֑הוּ וַיִּוָּעַ֗ץ אֶת־הַיְלָדִים֙ אֲשֶׁ֣ר גָּדְל֣וּ אִתּ֔וֹ אֲשֶׁ֥ר הָעֹמְדִ֖ים לְפָנָֽיו׃ 8
मगर रिहोबोयाम ने पुरनियों की इस सलाह को छोड़ दिया और जाकर उन युवाओं से सलाह ली, जो उसी के साथ बड़े हुए थे और जो उसके सेवक थे.
וַיֹּ֣אמֶר אֲלֵיהֶ֗ם מָ֚ה אַתֶּ֣ם נֽוֹעָצִ֔ים וְנָשִׁ֥יב דָּבָ֖ר אֶת־הָעָ֣ם הַזֶּ֑ה אֲשֶׁ֨ר דִּבְּר֤וּ אֵלַי֙ לֵאמֹ֔ר הָקֵל֙ מִן־הָעֹ֔ל אֲשֶׁר־נָתַ֥ן אָבִ֖יךָ עָלֵֽינוּ׃ 9
उसने उनसे पूछा “इन लोगों के लिए तुम्हारी राय क्या है, जिन्होंने मुझसे विनती की, ‘आपके पिता द्वारा हम पर रखा गया जूआ हल्का कर दीजिए’?”
וַיְדַבְּר֣וּ אֵלָ֗יו הַיְלָדִים֙ אֲשֶׁ֨ר גָּדְל֣וּ אִתּוֹ֮ לֵאמֹר֒ כֹּֽה־תֹאמַ֣ר לָעָ֣ם הַזֶּ֡ה אֲשֶׁר֩ דִּבְּר֨וּ אֵלֶ֜יךָ לֵאמֹ֗ר אָבִ֙יךָ֙ הִכְבִּ֣יד אֶת־עֻלֵּ֔נוּ וְאַתָּ֖ה הָקֵ֣ל מֵעָלֵ֑ינוּ כֹּ֚ה תְּדַבֵּ֣ר אֲלֵיהֶ֔ם קָֽטָנִּ֥י עָבָ֖ה מִמָּתְנֵ֥י אָבִֽי׃ 10
उसके साथ साथ पले बढ़े युवाओं ने उसे उत्तर दिया, “जिन लोगों ने आपसे यह विनती की है, ‘आपके पिता द्वारा हम पर रखे गए भारी जूए को हल्का कर दीजिए,’ उन्हें यह उत्तर दीजिए, ‘मेरे हाथ की छोटी उंगली ही मेरे पिता की कमर से मोटी है!
וְעַתָּ֗ה אָבִי֙ הֶעְמִ֤יס עֲלֵיכֶם֙ עֹ֣ל כָּבֵ֔ד וַאֲנִ֖י אוֹסִ֣יף עַֽל־עֻלְּכֶ֑ם אָבִ֗י יִסַּ֤ר אֶתְכֶם֙ בַּשּׁוֹטִ֔ים וַאֲנִ֕י אֲיַסֵּ֥ר אֶתְכֶ֖ם בָּעַקְרַבִּֽים׃ 11
यदि मेरे पिता ने तुम पर भारी जूआ लादा था, तो मैं उसे और भी अधिक भारी बना दूंगा. मेरे पिता ने तो तुम्हें नियंत्रण में रखने के लिए कोड़े इस्तेमाल किए थे, मगर मैं इसके लिए बिच्छू का इस्तेमाल करूंगा.’”
ויבו יָרָבְעָ֧ם וְכָל־הָעָ֛ם אֶל־רְחַבְעָ֖ם בַּיּ֣וֹם הַשְּׁלִישִׁ֑י כַּאֲשֶׁ֨ר דִּבֶּ֤ר הַמֶּ֙לֶךְ֙ לֵאמֹ֔ר שׁ֥וּבוּ אֵלַ֖י בַּיּ֥וֹם הַשְּׁלִישִֽׁי׃ 12
जब यरोबोअम और सारी भीड़ तीन दिन बाद रिहोबोयाम के सामने आया, जैसा राजा द्वारा बताया गया था, “मेरे पास तीन दिन के बाद आना.”
וַיַּ֧עַן הַמֶּ֛לֶךְ אֶת־הָעָ֖ם קָשָׁ֑ה וַֽיַּעֲזֹ֛ב אֶת־עֲצַ֥ת הַזְּקֵנִ֖ים אֲשֶׁ֥ר יְעָצֻֽהוּ׃ 13
राजा ने पुरनियों की सलाह को छोड़कर लोगों को कठोर उत्तर दिया,
וַיְדַבֵּ֣ר אֲלֵיהֶ֗ם כַּעֲצַ֤ת הַיְלָדִים֙ לֵאמֹ֔ר אָבִי֙ הִכְבִּ֣יד אֶֽת־עֻלְּכֶ֔ם וַאֲנִ֖י אֹסִ֣יף עַֽל־עֻלְּכֶ֑ם אָבִ֗י יִסַּ֤ר אֶתְכֶם֙ בַּשּׁוֹטִ֔ים וַאֲנִ֕י אֲיַסֵּ֥ר אֶתְכֶ֖ם בָּעַקְרַבִּֽים׃ 14
जो उन्हें युवाओं के द्वारा दी गई सलाह के अनुसार था. उसने कहा, “मेरे पिता ने तुम्हारा जूआ भारी किया था, तो मैं इसे और ज्यादा भारी कर दूंगा. मेरे पिता ने अगर तुम पर कोड़े चलाए थे, तो अब मैं तुम पर बिच्छू ड़ंक के समान कोड़े बरसाऊंगा.”
וְלֹֽא־שָׁמַ֥ע הַמֶּ֖לֶךְ אֶל־הָעָ֑ם כִּֽי־הָיְתָ֤ה סִבָּה֙ מֵעִ֣ם יְהוָ֔ה לְמַ֜עַן הָקִ֣ים אֶת־דְּבָר֗וֹ אֲשֶׁ֨ר דִּבֶּ֤ר יְהוָה֙ בְּיַד֙ אֲחִיָּ֣ה הַשִּׁילֹנִ֔י אֶל־יָרָבְעָ֖ם בֶּן־נְבָֽט׃ 15
राजा ने लोगों की एक न सुनी क्योंकि यह सारी बातें याहवेह द्वारा तय की जा चुकी थी, कि वह अपनी कही हुई बात पूरी करे, जो उन्होंने नेबाथ के पुत्र यरोबोअम से शीलो के भविष्यद्वक्ता अहीयाह द्वारा की थी.
וַיַּ֣רְא כָּל־יִשְׂרָאֵ֗ל כִּ֠י לֹֽא־שָׁמַ֣ע הַמֶּלֶךְ֮ אֲלֵיהֶם֒ וַיָּשִׁ֣בוּ הָעָ֣ם אֶת־הַמֶּ֣לֶךְ דָּבָ֣ר ׀ לֵאמֹ֡ר מַה־לָּנוּ֩ חֵ֨לֶק בְּדָוִ֜ד וְלֹֽא־נַחֲלָ֣ה בְּבֶן־יִשַׁ֗י לְאֹהָלֶ֙יךָ֙ יִשְׂרָאֵ֔ל עַתָּ֕ה רְאֵ֥ה בֵיתְךָ֖ דָּוִ֑ד וַיֵּ֥לֶךְ יִשְׂרָאֵ֖ל לְאֹהָלָֽיו׃ 16
जब सारे इस्राएल के सामने यह बात आ गई कि राजा ने उनकी विनती की ओर ध्यान ही नहीं दिया है, उन्होंने राजा से यह कह दिया: “क्या भाग है दावीद में हमारा? क्या मीरास है यिशै पुत्र में हमारी? लौट जाओ अपने-अपने तंबुओं में, इस्राएल! दावीद, तुम अपने ही वंश को संभालते रहो!” तब इस्राएली अपने-अपने तंबुओं को लौट गए.
וּבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל הַיֹּשְׁבִ֖ים בְּעָרֵ֣י יְהוּדָ֑ה וַיִּמְלֹ֥ךְ עֲלֵיהֶ֖ם רְחַבְעָֽם׃ פ 17
मगर यहूदिया प्रदेशवासी इस्राएलियों पर रिहोबोयाम का शासन हो गया.
וַיִּשְׁלַ֞ח הַמֶּ֣לֶךְ רְחַבְעָ֗ם אֶת־אֲדֹרָם֙ אֲשֶׁ֣ר עַל־הַמַּ֔ס וַיִּרְגְּמ֨וּ כָל־יִשְׂרָאֵ֥ל בּ֛וֹ אֶ֖בֶן וַיָּמֹ֑ת וְהַמֶּ֣לֶךְ רְחַבְעָ֗ם הִתְאַמֵּץ֙ לַעֲל֣וֹת בַּמֶּרְכָּבָ֔ה לָנ֖וּס יְרוּשָׁלִָֽם׃ 18
राजा रिहोबोयाम ने अदोरम को, जो बेगार श्रमिकों का मुखिया था, इस्राएलियों के पास भेजा. सारे इस्राएलियों ने उसका पथराव किया कि उसकी हत्या हो गई. यह देख राजा रिहोबोयाम ने बिना देर किए रथ जुतवाया और वह येरूशलेम को भाग गया.
וַיִּפְשְׁע֤וּ יִשְׂרָאֵל֙ בְּבֵ֣ית דָּוִ֔ד עַ֖ד הַיּ֥וֹם הַזֶּֽה׃ ס 19
इस प्रकार इस्राएल राज्य आज तक दावीद के वंश के विरुद्ध विद्रोह की स्थिति में है.
וַיְהִ֞י כִּשְׁמֹ֤עַ כָּל־יִשְׂרָאֵל֙ כִּֽי־שָׁ֣ב יָרָבְעָ֔ם וַֽיִּשְׁלְח֗וּ וַיִּקְרְא֤וּ אֹתוֹ֙ אֶל־הָ֣עֵדָ֔ה וַיַּמְלִ֥יכוּ אֹת֖וֹ עַל־כָּל־יִשְׂרָאֵ֑ל לֹ֤א הָיָה֙ אַחֲרֵ֣י בֵית־דָּוִ֔ד זוּלָתִ֥י שֵֽׁבֶט־יְהוּדָ֖ה לְבַדּֽוֹ׃ 20
जब सारे इस्राएल देश में यह मालूम चल गया कि यरोबोअम लौट आया है, उन्होंने उसे सभा में आमंत्रित किया और उसका सारे इस्राएल के राजा के रूप में राजाभिषेक कर दिया. सिर्फ यहूदाह गोत्र दावीद वंश के साथ रहा.
ויבאו רְחַבְעָם֮ יְרוּשָׁלִַם֒ וַיַּקְהֵל֩ אֶת־כָּל־בֵּ֨ית יְהוּדָ֜ה וְאֶת־שֵׁ֣בֶט בִּנְיָמִ֗ן מֵאָ֨ה וּשְׁמֹנִ֥ים אֶ֛לֶף בָּח֖וּר עֹשֵׂ֣ה מִלְחָמָ֑ה לְהִלָּחֵם֙ עִם־בֵּ֣ית יִשְׂרָאֵ֔ל לְהָשִׁיב֙ אֶת־הַמְּלוּכָ֔ה לִרְחַבְעָ֖ם בֶּן־שְׁלֹמֹֽה׃ פ 21
जब रिहोबोयाम येरूशलेम लौटा, उसने सारे यहूदाह और बिन्यामिन गोत्र को इकट्ठा किया. ये एक लाख अस्सी हज़ार योद्धा थे, जिन्हें परखकर अलग किया गया था, कि ये इस्राएल वंश से युद्ध करें और शलोमोन के पुत्र रिहोबोयाम के राज्य को दोबारा उसे लौटा दें.
וַיְהִי֙ דְּבַ֣ר הָֽאֱלֹהִ֔ים אֶל־שְׁמַעְיָ֥ה אִישׁ־הָאֱלֹהִ֖ים לֵאמֹֽר׃ 22
मगर परमेश्वर के एक जन शेमायाह को परमेश्वर का आदेश इन शब्दों में मिला,
אֱמֹ֗ר אֶל־רְחַבְעָ֤ם בֶּן־שְׁלֹמֹה֙ מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֔ה וְאֶל־כָּל־בֵּ֥ית יְהוּדָ֖ה וּבִנְיָמִ֑ין וְיֶ֥תֶר הָעָ֖ם לֵאמֹֽר׃ 23
“शलोमोन के पुत्र यहूदिया के राजा रिहोबोयाम से और यहूदाह और बिन्यामिन के सभी गोत्रों से और बाकी सभी लोगों से जाकर यह कहो:
כֹּ֣ה אָמַ֣ר יְהוָ֡ה לֹֽא־תַעֲלוּ֩ וְלֹא־תִלָּ֨חֲמ֜וּן עִם־אֲחֵיכֶ֣ם בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֗ל שׁ֚וּבוּ אִ֣ישׁ לְבֵית֔וֹ כִּ֧י מֵאִתִּ֛י נִהְיָ֖ה הַדָּבָ֣ר הַזֶּ֑ה וַיִּשְׁמְעוּ֙ אֶת־דְּבַ֣ר יְהוָ֔ה וַיָּשֻׁ֥בוּ לָלֶ֖כֶת כִּדְבַ֥ר יְהוָֽה׃ ס 24
‘यह याहवेह का आदेश है, अपने इन संबंधियों से, जो इस्राएल के वंशज हैं, युद्ध न करना. तुममें से हर एक अपने-अपने घर लौट जाए, क्योंकि यह स्थिति मेरे द्वारा उत्पन्‍न की गई है.’” तब उन्होंने याहवेह के आदेश का पालन किया. याहवेह के आदेश के अनुसार वे सब अपने-अपने घर लौट गए.
וַיִּ֨בֶן יָרָבְעָ֧ם אֶת־שְׁכֶ֛ם בְּהַ֥ר אֶפְרַ֖יִם וַיֵּ֣שֶׁב בָּ֑הּ וַיֵּצֵ֣א מִשָּׁ֔ם וַיִּ֖בֶן אֶת־פְּנוּאֵֽל׃ 25
यरोबोअम ने एफ्राईम के पहाड़ी इलाके में शेकेम नामक नगर को बसाया और वहीं रहने लगा. कुछ समय बाद उसे छोड़ उसने पनीएल नामक स्थान को मजबूत किया.
וַיֹּ֥אמֶר יָרָבְעָ֖ם בְּלִבּ֑וֹ עַתָּ֛ה תָּשׁ֥וּב הַמַּמְלָכָ֖ה לְבֵ֥ית דָּוִֽד׃ 26
यरोबोअम ने विचार किया, “अब तो राज्य दावीद वंश के पास लौट जाएगा.
אִֽם־יַעֲלֶ֣ה ׀ הָעָ֣ם הַזֶּ֗ה לַעֲשׂ֨וֹת זְבָחִ֤ים בְּבֵית־יְהוָה֙ בִּיר֣וּשָׁלִַ֔ם וְ֠שָׁב לֵ֣ב הָעָ֤ם הַזֶּה֙ אֶל־אֲדֹ֣נֵיהֶ֔ם אֶל־רְחַבְעָ֖ם מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֑ה וַהֲרָגֻ֕נִי וְשָׁ֖בוּ אֶל־רְחַבְעָ֥ם מֶֽלֶךְ־יְהוּדָֽה׃ 27
यदि मेरे प्रजाजन बलि चढ़ाने के उद्देश्य से येरूशलेम में याहवेह के भवन को ही जाते रहेंगे, तो यह तय ही है कि उनका हृदय उनके स्वामी की ओर ही लगता जाएगा; यहूदिया के राजा रिहोबोयाम की ओर, और ये लोग मेरी हत्या कर देंगे और यहूदिया के राजा रिहोबोयाम की ओर फिर जाएंगे.”
וַיִּוָּעַ֣ץ הַמֶּ֔לֶךְ וַיַּ֕עַשׂ שְׁנֵ֖י עֶגְלֵ֣י זָהָ֑ב וַיֹּ֣אמֶר אֲלֵהֶ֗ם רַב־לָכֶם֙ מֵעֲל֣וֹת יְרוּשָׁלִַ֔ם הִנֵּ֤ה אֱלֹהֶ֙יךָ֙ יִשְׂרָאֵ֔ל אֲשֶׁ֥ר הֶעֱל֖וּךָ מֵאֶ֥רֶץ מִצְרָֽיִם׃ 28
सलाह-मशविरा करने के बाद, राजा ने सोने के दो बछड़े ढाले, और लोगों के सामने घोषणा की, “बहुत हो चुका तुम्हारा येरूशलेम जाना. इस्राएल, यह देखो, तुम्हारे देवता ये हैं, ये ही हैं जो तुम्हें मिस्र देश से बाहर निकाल लाए हैं.”
וַיָּ֥שֶׂם אֶת־הָאֶחָ֖ד בְּבֵֽית־אֵ֑ל וְאֶת־הָאֶחָ֖ד נָתַ֥ן בְּדָֽן׃ 29
इसके बाद उसने एक को तो बेथेल में और दूसरे को दान प्रदेश में प्रतिष्ठित किया.
וַיְהִ֛י הַדָּבָ֥ר הַזֶּ֖ה לְחַטָּ֑את וַיֵּלְכ֥וּ הָעָ֛ם לִפְנֵ֥י הָאֶחָ֖ד עַד־דָּֽן׃ 30
यह पाप साबित हुआ, क्योंकि लोग उसकी उपासना करने दूर के दान प्रदेश तक जाने लगे.
וַיַּ֖עַשׂ אֶת־בֵּ֣ית בָּמ֑וֹת וַיַּ֤עַשׂ כֹּֽהֲנִים֙ מִקְצ֣וֹת הָעָ֔ם אֲשֶׁ֥ר לֹֽא־הָי֖וּ מִבְּנֵ֥י לֵוִֽי׃ 31
उसने पूजा स्थलों पर मंदिर बनवा दिए, और सारी प्रजा में से ऐसे व्यक्तियों को पुरोहित चुन दिया, जो लेवी के वंशज न थे.
וַיַּ֣עַשׂ יָרָבְעָ֣ם ׀ חָ֡ג בַּחֹ֣דֶשׁ הַשְּׁמִינִ֣י בַּחֲמִשָּֽׁה־עָשָׂר֩ י֨וֹם ׀ לַחֹ֜דֶשׁ כֶּחָ֣ג ׀ אֲשֶׁ֣ר בִּיהוּדָ֗ה וַיַּ֙עַל֙ עַל־הַמִּזְבֵּ֔חַ כֵּ֤ן עָשָׂה֙ בְּבֵֽית־אֵ֔ל לְזַבֵּ֖חַ לָעֲגָלִ֣ים אֲשֶׁר־עָשָׂ֑ה וְהֶעֱמִיד֙ בְּבֵ֣ית אֵ֔ל אֶת־כֹּהֲנֵ֥י הַבָּמ֖וֹת אֲשֶׁ֥ר עָשָֽׂה׃ 32
तब यरोबोअम ने आठवें महीने के पन्द्रहवें दिन एक पर्व घोषित कर दिया. यह वैसा ही पर्व था, जो यहूदिया में मनाया जाता था. उसने बेथेल में वेदी पर उन बछड़ों के लिए, जो स्वयं उसने गढ़ी थी, बलियां चढ़ाईं. उसने बेथेल में उन पूजा की जगहों पर पुरोहित चुन लिए, जिन पूजा घरों को खुद उसी ने बनवाया था.
וַיַּ֜עַל עַֽל־הַמִּזְבֵּ֣חַ ׀ אֲשֶׁר־עָשָׂ֣ה בְּבֵֽית־אֵ֗ל בַּחֲמִשָּׁ֨ה עָשָׂ֥ר יוֹם֙ בַּחֹ֣דֶשׁ הַשְּׁמִינִ֔י בַּחֹ֖דֶשׁ אֲשֶׁר־בָּדָ֣א מלבד וַיַּ֤עַשׂ חָג֙ לִבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל וַיַּ֥עַל עַל־הַמִּזְבֵּ֖חַ לְהַקְטִֽיר׃ פ 33
वह बेथेल में अपनी ही बनाई हुई वेदी पर आठवें महीने के पन्द्रहवें दिन गया, और यह महीना और दिन खुद उसने अपनी ही बुद्धि से निश्चित किया था. इस प्रकार उसने इस्राएली प्रजा के लिए यह उत्सव ठहराया था, फिर वह धूप जलाने वेदी पर गया.

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