< יהושע 15 >
וַיְהִי הַגּוֹרָל לְמַטֵּה בְּנֵי יְהוּדָה לְמִשְׁפְּחֹתָם אֶל־גְּבוּל אֱדוֹם מִדְבַּר־צִן נֶגְבָּה מִקְצֵה תֵימָֽן׃ | 1 |
और बनी यहूदाह के क़बीले का हिस्सा उनके घरानों के मुताबिक़ पर्ची डालकर अदोम की सरहद तक, और दख्खिन में दश्त — ए — सीन तक जो जुनुब के इन्तिहाई हिस्से में आबाद है ठहरा।
וַיְהִי לָהֶם גְּבוּל נֶגֶב מִקְצֵה יָם הַמֶּלַח מִן־הַלָּשֹׁן הַפֹּנֶה נֶֽגְבָּה׃ | 2 |
और उनकी दख्खिनी हद दरिया — ए — शोर के इन्तिहाई हिस्से की उस खाड़ी से जिसका रुख दख्खिन की तरफ़ है शुरू'' हुई;
וְיָצָא אֶל־מִנֶּגֶב לְמַעֲלֵה עַקְרַבִּים וְעָבַר צִנָה וְעָלָה מִנֶּגֶב לְקָדֵשׁ בַּרְנֵעַ וְעָבַר חֶצְרוֹן וְעָלָה אַדָּרָה וְנָסַב הַקַּרְקָּֽעָה׃ | 3 |
और वह 'अक़रब्बीम की चढ़ाई की दख्खिनी सिम्त से निकल सीन होती हुई क़ादिस बरनी' के दख्खिन को गयी, फिर हसरून के पास से अदार को जाकर क़रक़ा' को मुड़ी,
וְעָבַר עַצְמוֹנָה וְיָצָא נַחַל מִצְרַיִם והיה וְהָיוּ תֹּצְאוֹת הַגְּבוּל יָמָּה זֶה־יִהְיֶה לָכֶם גְּבוּל נֶֽגֶב׃ | 4 |
और वहाँ से 'अज़मून होती हुई मिस्र के नाले को जा निकली, और उस हद का ख़ातिमा समन्दर पर हुआ; यही तुम्हारी दख्खिनी सरहद होगी।
וּגְבוּל קֵדְמָה יָם הַמֶּלַח עַד־קְצֵה הַיַּרְדֵּן וּגְבוּל לִפְאַת צָפוֹנָה מִלְּשׁוֹן הַיָּם מִקְצֵה הַיַּרְדֵּֽן׃ | 5 |
और पूरबी सरहद यरदन के दहाने तक दरिया — ए — शोर ही ठहरा, और उसकी उत्तरी हद उस दरिया की उस खाड़ी से जो यरदन के दहाने पर है शुरू'' हुई,
וְעָלָה הַגְּבוּל בֵּית חָגְלָה וְעָבַר מִצְּפוֹן לְבֵית הָעֲרָבָה וְעָלָה הַגְּבוּל אֶבֶן בֹּהַן בֶּן־רְאוּבֵֽן׃ | 6 |
और यह हद बैत हजला को जाकर और बैत उल 'अराबा के उत्तर से गुज़र कर रूबिन के बेटे बोहन के पत्थर को पहुँची;
וְעָלָה הַגְּבוּל ׀ דְּבִרָה מֵעֵמֶק עָכוֹר וְצָפוֹנָה פֹּנֶה אֶל־הַגִּלְגָּל אֲשֶׁר־נֹכַח לְמַעֲלֵה אֲדֻמִּים אֲשֶׁר מִנֶּגֶב לַנָּחַל וְעָבַר הַגְּבוּל אֶל־מֵי־עֵין שֶׁמֶשׁ וְהָיוּ תֹצְאֹתָיו אֶל־עֵין רֹגֵֽל׃ | 7 |
फिर वहाँ से वह हद 'अकूर की वादी होती हुई दबीर को गई और वहाँ से उत्तर की सिम्त चल कर जिलजाल के सामने जो अदुम्मीम की चढ़ाई के मुक़ाबिल है जा निकली, यह चढ़ाई नदी के दख्खिन में है; फिर वह हद 'ऐन शम्स के चश्मों के पास होकर 'ऐन राजिल पहुँची।
וְעָלָה הַגְּבוּל גֵּי בֶן־הִנֹּם אֶל־כֶּתֶף הַיְבוּסִי מִנֶּגֶב הִיא יְרֽוּשָׁלָ͏ִם וְעָלָה הַגְּבוּל אֶל־רֹאשׁ הָהָר אֲשֶׁר עַל־פְּנֵי גֵֽי־הִנֹּם יָמָּה אֲשֶׁר בִּקְצֵה עֵֽמֶק־רְפָאִים צָפֹֽנָה׃ | 8 |
फिर वही हद हिन्नूम के बेटे की वादी में से होकर यबूसियों की बस्ती के दख्खिन को गयी, येरूशलेम वही है; और वहाँ से उस पहाड़ की चोटी को जा निकली, जो वादी — ए — हिन्नूम के मुक़ाबिल पश्चिम की तरफ़ और रिफ़ाईम की वादी के उत्तरी इन्तिहाई हिस्से में आबाद' है;
וְתָאַר הַגְּבוּל מֵרֹאשׁ הָהָר אֶל־מַעְיַן מֵי נֶפְתּוֹחַ וְיָצָא אֶל־עָרֵי הַר־עֶפְרוֹן וְתָאַר הַגְּבוּל בַּעֲלָה הִיא קִרְיַת יְעָרִֽים׃ | 9 |
फिर वही हद पहाड़ की चोटी से आब — ए — नफ़्तूह के चश्में को गयी, और वहाँ से कोह — ए — 'अफ़रोन के शहरों के पास जा निकली, और उधर से बा'ला तक जो क़रयत या'रीम है पहुँची;
וְנָסַב הַגְּבוּל מִבַּעֲלָה יָמָּה אֶל־הַר שֵׂעִיר וְעָבַר אֶל־כֶּתֶף הַר־יְעָרִים מִצָּפוֹנָה הִיא כְסָלוֹן וְיָרַד בֵּֽית־שֶׁמֶשׁ וְעָבַר תִּמְנָֽה׃ | 10 |
और बा'ला से होकर पश्चिम की सिम्त कोह — ए — श'ईर को फिरी, और कोह — ए — या'रीम के जो कसलून भी कहलाता है, उत्तरी दामन के पास से गुज़र कर बैत शम्स की तरफ़ उतरती हुई तिमना को गयी;
וְיָצָא הַגְּבוּל אֶל־כֶּתֶף עֶקְרוֹן צָפוֹנָה וְתָאַר הַגְּבוּל שִׁכְּרוֹנָה וְעָבַר הַר־הַֽבַּעֲלָה וְיָצָא יַבְנְאֵל וְהָיוּ תֹּצְאוֹת הַגְּבוּל יָֽמָּה׃ | 11 |
और वहाँ से वह हद 'अक़रून के उत्तर को जा निकली; फिर वह सिक्रून से हो कर कोह — ए — बा'ला के पास से गुज़रती हुई यबनीएल पर जा निकली; और इस हद का ख़ातिमा समन्दर पर हुआ
וּגְבוּל יָם הַיָּמָּה הַגָּדוֹל וּגְבוּל זֶה גְּבוּל בְּנֵֽי־יְהוּדָה סָבִיב לְמִשְׁפְּחֹתָֽם׃ | 12 |
और पश्चिमी सरहद बड़ा समन्दर और उसका साहिल था। बनी यहूदाह की चारों तरफ़ की हद उनके घरानों के मुताबिक़ यही है।
וּלְכָלֵב בֶּן־יְפֻנֶּה נָתַן חֵלֶק בְּתוֹךְ בְּנֵֽי־יְהוּדָה אֶל־פִּי יְהוָה לִֽיהוֹשֻׁעַ אֶת־קִרְיַת אַרְבַּע אֲבִי הָעֲנָק הִיא חֶבְרֽוֹן׃ | 13 |
और यशू'अ ने उस हुक्म के मुताबिक़ जो ख़ुदावन्द ने उसे दिया था, युफ़न्ना के बेटे कालिब को बनी यहूदाह के बीच 'अनाक़ के बाप अरबा' का शहर क़रयत अरबा'जो हबरून है हिस्सा दिया।
וַיֹּרֶשׁ מִשָּׁם כָּלֵב אֶת־שְׁלוֹשָׁה בְּנֵי הָעֲנָק אֶת־שֵׁשַׁי וְאֶת־אֲחִימַן וְאֶת־תַּלְמַי יְלִידֵי הָעֲנָֽק׃ | 14 |
इसलिए कालिब ने वहाँ से 'अनाक़ के तीनों बेटों, या'नी सीसी और अख़ीमान और तलमी को जो बनी 'अनाक़ हैं निकाल दिया।
וַיַּעַל מִשָּׁם אֶל־יֹשְׁבֵי דְּבִר וְשֵׁם־דְּבִר לְפָנִים קִרְיַת־סֵֽפֶר׃ | 15 |
और वह वहाँ से दबीर के बाशिंदों पर चढ़ गया। दबीर का क़दीमी नाम क़रयत सिफ़र था।
וַיֹּאמֶר כָּלֵב אֲשֶׁר־יַכֶּה אֶת־קִרְיַת־סֵפֶר וּלְכָדָהּ וְנָתַתִּי לוֹ אֶת־עַכְסָה בִתִּי לְאִשָּֽׁה׃ | 16 |
और कालिब ने कहा, “जो कोई क़रयत सिफ़र को मार कर उसको सर करले, उसे मैं अपनी बेटी 'अकसा ब्याह दूँगा”।
וַֽיִּלְכְּדָהּ עָתְנִיאֵל בֶּן־קְנַז אֲחִי כָלֵב וַיִּתֶּן־לוֹ אֶת־עַכְסָה בִתּוֹ לְאִשָּֽׁה׃ | 17 |
तब कालिब के भाई क़नज़ के बेटे ग़तनीएल ने उसको सर कर लिया, इसलिए उसने अपनी बेटी 'अकसा उसे ब्याह दी।
וַיְהִי בְּבוֹאָהּ וַתְּסִיתֵהוּ לִשְׁאוֹל מֵֽאֵת־אָבִיהָ שָׂדֶה וַתִּצְנַח מֵעַל הַחֲמוֹר וַיֹּֽאמֶר־לָהּ כָּלֵב מַה־לָּֽךְ׃ | 18 |
जब वह उसके पास आई, तो उसने उस आदमी को उभारा कि वह उसके बाप से एक खेत माँगे; इसलिए वह अपने गधे पर से उतर पड़ी, तब कालिब ने उससे कहा, “तू क्या चाहती है?”
וַתֹּאמֶר תְּנָה־לִּי בְרָכָה כִּי אֶרֶץ הַנֶּגֶב נְתַתָּנִי וְנָתַתָּה לִי גֻּלֹּת מָיִם וַיִּתֶּן־לָהּ אֵת גֻּלֹּת עִלִּיּוֹת וְאֵת גֻּלֹּת תַּחְתִּיּֽוֹת׃ | 19 |
उस ने कहा, “मुझे बरकत दे; क्यूँकि तूने दख्खिन के मुल्क में कुछ ज़मीन मुझे 'इनायत की है, इसलिए मुझे पानी के चश्में भी दे।” तब उसने उसे ऊपर के चश्में और नीचे के चश्में 'इनायत किये।
זֹאת נַחֲלַת מַטֵּה בְנֵי־יְהוּדָה לְמִשְׁפְּחֹתָֽם׃ | 20 |
बनी यहूदाह के क़बीले की मीरास उनके घरानों के मुताबिक़ यह है।
וַיִּֽהְיוּ הֶעָרִים מִקְצֵה לְמַטֵּה בְנֵֽי־יְהוּדָה אֶל־גְּבוּל אֱדוֹם בַּנֶּגְבָּה קַבְצְאֵל וְעֵדֶר וְיָגֽוּר׃ | 21 |
और अदोम की सरहद की तरफ़ दख्खिन में बनी यहूदाह के इन्तिहाई शहर यह हैं: क़बज़ीएल और 'एदर और यजूर,
וְקִינָה וְדִֽימוֹנָה וְעַדְעָדָֽה׃ | 22 |
और कै़ना और दैमूना और 'अद 'अदा,
וְקֶדֶשׁ וְחָצוֹר וְיִתְנָֽן׃ | 23 |
और क़ादिस और हसूर और इतनान,
זִיף וָטֶלֶם וּבְעָלֽוֹת׃ | 24 |
ज़ीफ़ और तलम और बा'लूत,
וְחָצוֹר ׀ חֲדַתָּה וּקְרִיּוֹת חֶצְרוֹן הִיא חָצֽוֹר׃ | 25 |
और हसूर और हदता और क़रयत और हसरून जो हसूर हैं,
אֲמָם וּשְׁמַע וּמוֹלָדָֽה׃ | 26 |
और अमाम और समा' और मोलादा,
וַחֲצַר גַּדָּה וְחֶשְׁמוֹן וּבֵית פָּֽלֶט׃ | 27 |
और हसार जद्दा और हिशमोन और बैत फ़लत,
וַחֲצַר שׁוּעָל וּבְאֵר שֶׁבַע וּבִזְיוֹתְיָֽה׃ | 28 |
और हसर सु'आल और बैरसबा'और बिज़योत्याह,
בַּעֲלָה וְעִיִּים וָעָֽצֶם׃ | 29 |
बा'ला और 'इय्यीम और 'अज़म,
וְאֶלְתּוֹלַד וּכְסִיל וְחָרְמָֽה׃ | 30 |
और इलतोलद और कसील और हुरमा,
וְצִֽקְלַג וּמַדְמַנָּה וְסַנְסַנָּֽה׃ | 31 |
और सिक़लाज और मदमन्ना और सनसन्ना,
וּלְבָאוֹת וְשִׁלְחִים וְעַיִן וְרִמּוֹן כָּל־עָרִים עֶשְׂרִים וָתֵשַׁע וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 32 |
और लबाऊत और सिलहीम और 'ऐन और रिम्मोन; यह सब उन्तीस शहर हैं, और इनके गाँव भी हैं।
בַּשְּׁפֵלָה אֶשְׁתָּאוֹל וְצָרְעָה וְאַשְׁנָֽה׃ | 33 |
और नशेब की ज़मीन में इस्ताल और सुर'आह और असनाह,
וְזָנוֹחַ וְעֵין גַּנִּים תַּפּוּחַ וְהָעֵינָֽם׃ | 34 |
और ज़नोआह और 'ऐन जन्नीम, तफ़ूह और 'एनाम,
יַרְמוּת וַעֲדֻלָּם שׂוֹכֹה וַעֲזֵקָֽה׃ | 35 |
यरमूत और 'अदूल्लाम, शोको और 'अज़ीक़ा,
וְשַׁעֲרַיִם וַעֲדִיתַיִם וְהַגְּדֵרָה וּגְדֵרֹתָיִם עָרִים אַרְבַּֽע־עֶשְׂרֵה וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 36 |
और शा'रीम और अदीतीम और जदीरा और जदीरतीम; और यह चौदह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
צְנָן וַחֲדָשָׁה וּמִגְדַּל־גָּֽד׃ | 37 |
ज़िनान और हदाशा और मिजदल जद,
וְדִלְעָן וְהַמִּצְפֶּה וְיָקְתְאֵֽל׃ | 38 |
और दिल'आन और मिस्फ़ाह और यक़्तीएल,
לָכִישׁ וּבָצְקַת וְעֶגְלֽוֹן׃ | 39 |
लकीस और बुसक़त और 'इजलून,
וְכַבּוֹן וְלַחְמָס וְכִתְלִֽישׁ׃ | 40 |
और कब्बून और लहमान और कितलीस,
וּגְדֵרוֹת בֵּית־דָּגוֹן וְנַעֲמָה וּמַקֵּדָה עָרִים שֵׁשׁ־עֶשְׂרֵה וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 41 |
और जदीरोत और बैत दजून और ना'मा और मुक़्क़ैदा; यह सोलह शहर हैं, और इनके गाँव भी हैं।
לִבְנָה וָעֶתֶר וְעָשָֽׁן׃ | 42 |
लिबना और 'अत्र और 'असन,
וְיִפְתָּח וְאַשְׁנָה וּנְצִֽיב׃ | 43 |
और यफ़्ताह और असना और नसीब;
וּקְעִילָה וְאַכְזִיב וּמָֽרֵאשָׁה עָרִים תֵּשַׁע וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 44 |
और क़'ईला और अकज़ीब और मरेसा; यह नौ शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
עֶקְרוֹן וּבְנֹתֶיהָ וַחֲצֵרֶֽיהָ׃ | 45 |
अक़रून और उसके क़स्बे और गाँव।
מֵעֶקְרוֹן וָיָמָּה כֹּל אֲשֶׁר־עַל־יַד אַשְׁדּוֹד וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 46 |
अक़रून से समन्दर तक अशदूद के पास के सब शहर और उनके गाँव।
אַשְׁדּוֹד בְּנוֹתֶיהָ וַחֲצֵרֶיהָ עַזָּה בְּנוֹתֶיהָ וַחֲצֵרֶיהָ עַד־נַחַל מִצְרָיִם וְהַיָּם הגבול הַגָּדוֹל וּגְבֽוּל׃ | 47 |
अशदूद अपने शहरों और गांवों के साथ, और गज़्ज़ा अपने शहरों और गाँव के साथ; मिस्र की नदी और बड़े समन्दर और साहिल तक।
וּבָהָר שָׁמִיר וְיַתִּיר וְשׂוֹכֹֽה׃ | 48 |
और पहाड़ी मुल्क में समीर और यतीर और शोको,
וְדַנָּה וְקִרְיַת־סַנָּה הִיא דְבִֽר׃ | 49 |
और दन्ना और क़रयत सन्ना जो दबीर है,
וַעֲנָב וְאֶשְׁתְּמֹה וְעָנִֽים׃ | 50 |
और 'अनाब और इस्मतोह और 'इनीम,
וְגֹשֶׁן וְחֹלֹן וְגִלֹה עָרִים אַֽחַת־עֶשְׂרֵה וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 51 |
और जशन और हौलून और जिलोह; यह ग्यारह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
אֲרַב וְרוּמָה וְאֶשְׁעָֽן׃ | 52 |
अराब और दोमाह और इश'आन,
וינים וְיָנוּם וּבֵית־תַּפּוּחַ וַאֲפֵֽקָה׃ | 53 |
और यनीम और बैत तफ़्फ़ूह और अफ़ीका,
וְחֻמְטָה וְקִרְיַת אַרְבַּע הִיא חֶבְרוֹן וְצִיעֹר עָרִים תֵּשַׁע וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 54 |
और हुमता और क़रयत अरबा' जो हबरून है और सी'ऊर; यह नौ शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
מָעוֹן ׀ כַּרְמֶל וָזִיף וְיוּטָּֽה׃ | 55 |
म'ऊन, कर्मिल और ज़ीफ़ और यूत्ता,
וְיִזְרְעֶאל וְיָקְדְעָם וְזָנֽוֹחַ׃ | 56 |
और यज़रएल और याक़दि'आम और ज़नोआह,
הַקַּיִן גִּבְעָה וְתִמְנָה עָרִים עֶשֶׂר וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 57 |
कै़न, जिब'आ और तिमना; यह दस शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
חַלְחוּל בֵּֽית־צוּר וּגְדֽוֹר׃ | 58 |
हालहूल और बैत सूर और जदूर,
וּמַעֲרָת וּבֵית־עֲנוֹת וְאֶלְתְּקֹן עָרִים שֵׁשׁ וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 59 |
और मा' रात और बैत 'अनोत और इलतिक़ून; यह छह शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
קִרְיַת־בַּעַל הִיא קִרְיַת יְעָרִים וְהָֽרַבָּה עָרִים שְׁתַּיִם וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 60 |
क़रयत बा'ल जो क़रयत या'रीम है, और रब्बा; यह दो शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
בַּמִּדְבָּר בֵּית הָעֲרָבָה מִדִּין וּסְכָכָֽה׃ | 61 |
और वीराने में बैत 'अराबा और मद्दीन और सकाका,
וְהַנִּבְשָׁן וְעִיר־הַמֶּלַח וְעֵין גֶּדִי עָרִים שֵׁשׁ וְחַצְרֵיהֶֽן׃ | 62 |
और नबसान और नमक का शहर और 'ऐन जदी; यह छः शहर हैं और इनके गाँव भी हैं।
וְאֶת־הַיְבוּסִי יוֹשְׁבֵי יְרֽוּשָׁלִַם לֹֽא־יוכלו יָכְלוּ בְנֵֽי־יְהוּדָה לְהֽוֹרִישָׁם וַיֵּשֶׁב הַיְבוּסִי אֶת־בְּנֵי יְהוּדָה בִּירוּשָׁלִַם עַד הַיּוֹם הַזֶּֽה׃ | 63 |
और यबूसियों को जो येरूशलेम के बाशिन्दे थे, बनी यहूदाह निकाल न सके; इसलिए यबूसी बनी यहूदाह के साथ आज के दिन तक येरूशलेम में बसे हुए हैं।