< יחזקאל 7 >

וַיְהִי דְבַר־יְהוָה אֵלַי לֵאמֹֽר׃ 1
याहवेह का यह वचन मेरे पास आया:
וְאַתָּה בֶן־אָדָם כֹּה־אָמַר אֲדֹנָי יְהוִה לְאַדְמַת יִשְׂרָאֵל קֵץ בָּא הַקֵּץ עַל־ארבעת אַרְבַּע כַּנְפוֹת הָאָֽרֶץ׃ 2
“हे मनुष्य के पुत्र, परम प्रधान याहवेह का इस्राएल देश को यह कहना है: “‘अंत! देश के चारों ओर अंत का समय आ गया है!
עַתָּה הַקֵּץ עָלַיִךְ וְשִׁלַּחְתִּי אַפִּי בָּךְ וּשְׁפַטְתִּיךְ כִּדְרָכָיִךְ וְנָתַתִּי עָלַיִךְ אֵת כָּל־תּוֹעֲבֹתָֽיִךְ׃ 3
तुम्हारा अंत आ गया है, अब मैं अपना क्रोध तुम्हारे विरुद्ध प्रगट करूंगा. मैं तुम्हारे आचरण के अनुसार तुम्हारा न्याय करूंगा और तुम्हारे सारे घृणित कार्यों का बदला लूंगा.
וְלֹא־תָחוֹס עֵינִי עָלַיִךְ וְלֹא אֶחְמוֹל כִּי דְרָכַיִךְ עָלַיִךְ אֶתֵּן וְתוֹעֲבוֹתַיִךְ בְּתוֹכֵךְ תִּֽהְיֶיןָ וִידַעְתֶּם כִּֽי־אֲנִי יְהוָֽה׃ 4
मैं तुम्हारे ऊपर दया दृष्टि नहीं करूंगा; मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा. मैं निश्चय ही तुम्हारे आचरण का और तुम्हारे बीच तुम्हारे घृणित कार्यों का तुमसे बदला लूंगा. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.’
כֹּה אָמַר אֲדֹנָי יְהוִה רָעָה אַחַת רָעָה הִנֵּה בָאָֽה׃ 5
“परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “‘घोर विपत्ति! न सुनी गई घोर विपत्ति! देखो, वह आ रही है!
קֵץ בָּא בָּא הַקֵּץ הֵקִיץ אֵלָיִךְ הִנֵּה בָּאָֽה׃ 6
अंत आ गया है! अंत आ गया है! वह स्वयं तुम्हारे विरुद्ध जाग गया है. देखो, वह आ रहा है!
בָּאָה הַצְּפִירָה אֵלֶיךָ יוֹשֵׁב הָאָרֶץ בָּא הָעֵת קָרוֹב הַיּוֹם מְהוּמָה וְלֹא־הֵד הָרִֽים׃ 7
विनाश तुम्हारे ऊपर आ चुका है, तुम्हारे ऊपर, जो इस देश में रहते हो. वह समय आ गया है! वह दिन निकट है! पर्वतों पर आनंद नहीं, पर आतंक है.
עַתָּה מִקָּרוֹב אֶשְׁפּוֹךְ חֲמָתִי עָלַיִךְ וְכִלֵּיתִי אַפִּי בָּךְ וּשְׁפַטְתִּיךְ כִּדְרָכָיִךְ וְנָתַתִּי עָלַיִךְ אֵת כָּל־תּוֹעֲבוֹתָֽיִךְ׃ 8
मैं तुम पर अपना कोप उण्डेलने ही वाला हूं और अपना क्रोध तुम पर प्रगट करने ही वाला हूं. मैं तुम्हारे आचरण के अनुसार तुम्हारा न्याय करूंगा और तुम्हारे सब घृणित कार्यों का बदला तुमसे लूंगा.
וְלֹא־תָחוֹס עֵינִי וְלֹא אֶחְמוֹל כִּדְרָכַיִךְ עָלַיִךְ אֶתֵּן וְתוֹעֲבוֹתַיִךְ בְּתוֹכֵךְ תִּֽהְיֶיןָ וִֽידַעְתֶּם כִּי אֲנִי יְהוָה מַכֶּֽה׃ 9
मैं तुम पर कृपादृष्टि नहीं करूंगा; मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा. मैं तुमसे तुम्हारे आचरण और तुम्हारे बीच घृणित कार्यों का बदला लूंगा. तब तुम जानोगे कि यह मैं वह याहवेह हूं, जो तुम पर प्रहार करता है.
הִנֵּה הַיּוֹם הִנֵּה בָאָה יָֽצְאָה הַצְּפִרָה צָץ הַמַּטֶּה פָּרַח הַזָּדֽוֹן׃ 10
“‘देखो, उस दिन को! देखो, वह दिन आ रहा है! तुम्हारा विनाश फट चुका है, लाठी अंकुरित हो चुकी है, अहंकार खिलकर फूल बन चुका है.
הֶחָמָס ׀ קָם לְמַטֵּה־רֶשַׁע לֹא־מֵהֶם וְלֹא מֵהֲמוֹנָם וְלֹא מֶהֱמֵהֶם וְלֹא־נֹהַּ בָּהֶֽם׃ 11
हिंसा, दुष्ट को सजा देने के लिये एक लाठी बन गयी है. उन लोगों में से कोई भी नहीं बचेगा, उस भीड़ का कोई भी नहीं— न उनकी धन-संपत्ति और न ही उनकी कोई मूल्यवान वस्तु बचेगी.
בָּא הָעֵת הִגִּיעַ הַיּוֹם הַקּוֹנֶה אַל־יִשְׂמָח וְהַמּוֹכֵר אַל־יִתְאַבָּל כִּי חָרוֹן אֶל־כָּל־הֲמוֹנָֽהּ׃ 12
समय आ गया है! वह दिन आ चुका है! खरीदनेवाला आनंदित न हो और न ही बेचनेवाला दुःखी हो, क्योंकि मेरा कोप पूरे भीड़ पर है.
כִּי הַמּוֹכֵר אֶל־הַמִּמְכָּר לֹא יָשׁוּב וְעוֹד בַּחַיִּים חַיָּתָם כִּֽי־חָזוֹן אֶל־כָּל־הֲמוֹנָהּ לֹא יָשׁוּב וְאִישׁ בַּעֲוֺנוֹ חַיָּתוֹ לֹא יִתְחַזָּֽקוּ׃ 13
जब तक खरीदनेवाला और बेचनेवाला जीवित हैं, तब तक बेचनेवाले को उसकी बिकी हुई संपत्ति वापस नहीं मिलेगी. क्योंकि पूरे भीड़ के बारे में जो दर्शन है उसे पलटा नहीं जाएगा. अपने पापों के कारण, उनमें से कोई भी अपने जीवन को बचा न सकेगा.
תָּקְעוּ בַתָּקוֹעַ וְהָכִין הַכֹּל וְאֵין הֹלֵךְ לַמִּלְחָמָה כִּי חֲרוֹנִי אֶל־כָּל־הֲמוֹנָֽהּ׃ 14
“‘उन्होंने तुरही बजाई, और सारी तैयारी भी पूरी कर ली, परंतु युद्ध में कोई भी नहीं जाता, क्योंकि सारी भीड़ पर मेरा कोप है.
הַחֶרֶב בַּחוּץ וְהַדֶּבֶר וְהָרָעָב מִבָּיִת אֲשֶׁר בַּשָּׂדֶה בַּחֶרֶב יָמוּת וַאֲשֶׁר בָּעִיר רָעָב וָדֶבֶר יֹאכֲלֶֽנּוּ׃ 15
बाहर में तलवार है; भीतर महामारी और अकाल है. जो बाहर मैदान में है, वे तलवार से मरेंगे; जो शहर में हैं, वे अकाल और महामारी से मारे जाएंगे.
וּפָֽלְטוּ פְּלִיטֵיהֶם וְהָיוּ אֶל־הֶהָרִים כְּיוֹנֵי הַגֵּאָיוֹת כֻּלָּם הֹמוֹת אִישׁ בַּעֲוֺנֽוֹ׃ 16
जो भगोड़े बच निकलेंगे, वे पर्वतों पर भाग जाएंगे वे घाटियों के पड़कियों के जैसे विलाप करेंगे, हर एक अपने स्वयं के पाप के लिए.
כָּל־הַיָּדַיִם תִּרְפֶּינָה וְכָל־בִּרְכַּיִם תֵּלַכְנָה מָּֽיִם׃ 17
हर एक के हाथ पंगु हो जाएंगे; हर एक के घुटने पानी के नाई कमजोर हो जाएंगे!
וְחָגְרוּ שַׂקִּים וְכִסְּתָה אוֹתָם פַּלָּצוּת וְאֶל כָּל־פָּנִים בּוּשָׁה וּבְכָל־רָאשֵׁיהֶם קָרְחָֽה׃ 18
वे टाट के कपड़े पहनेंगे और आतंक से भर जाएंगे. हर एक का मुंह लज्जा से ढका होगा, और हर एक सिर मुंडन किया होगा.
כַּסְפָּם בַּחוּצוֹת יַשְׁלִיכוּ וּזְהָבָם לְנִדָּה יִֽהְיֶה כַּסְפָּם וּזְהָבָם לֹֽא־יוּכַל לְהַצִּילָם בְּיוֹם עֶבְרַת יְהוָה נַפְשָׁם לֹא יְשַׂבֵּעוּ וּמֵעֵיהֶם לֹא יְמַלֵּאוּ כִּֽי־מִכְשׁוֹל עֲוֺנָם הָיָֽה׃ 19
“‘वे अपनी चांदी को गलियों में फेंक देंगे, और उनका सोना अशुद्ध वस्तु ठहरेगा. याहवेह के कोप के दिन उनका चांदी और सोना उनको बचा न सकेगा. यह उनके भूख को नहीं मिटाएगा या उनके पेट को नहीं भरेगा, क्योंकि यह उनके पाप में पड़ने का कारण हुआ है.
וּצְבִי עֶדְיוֹ לְגָאוֹן שָׂמָהוּ וְצַלְמֵי תוֹעֲבֹתָם שִׁקּוּצֵיהֶם עָשׂוּ בוֹ עַל־כֵּן נְתַתִּיו לָהֶם לְנִדָּֽה׃ 20
उन्होंने अपने सुंदर गहनों पर घमंड किया है, और इनका उपयोग अपने घृणित मूर्तियां बनाने में किया है. उनसे उन्होंने निकम्मी मूर्तियां बनाई हैं; इसलिये मैं इसे उनके लिए अशुद्ध वस्तु बना दूंगा.
וּנְתַתִּיו בְּיַֽד־הַזָּרִים לָבַז וּלְרִשְׁעֵי הָאָרֶץ לְשָׁלָל וחללה וְחִלְּלֽוּהוּ׃ 21
मैं उनके धन-संपत्ति को लूट के रूप में विदेशियों को और पृथ्वी के दुष्ट लोगों को दे दूंगा, जो उसे दूषित कर देंगे.
וַהֲסִבּוֹתִי פָנַי מֵהֶם וְחִלְּלוּ אֶת־צְפוּנִי וּבָאוּ־בָהּ פָּרִיצִים וְחִלְּלֽוּהָ׃ 22
मैं लोगों से अपना मुंह मोड़ लूंगा, और लुटेरे मेरे बहुमूल्य स्थान को अपवित्र करेंगे. वे इसमें प्रवेश करेंगे और इसे अशुद्ध कर देंगे.
עֲשֵׂה הָֽרַתּוֹק כִּי הָאָרֶץ מָֽלְאָה מִשְׁפַּט דָּמִים וְהָעִיר מָלְאָה חָמָֽס׃ 23
“‘बेड़ी तैयार करो! क्योंकि देश रक्तपात से, और शहर हिंसा से भर गया है.
וְהֵֽבֵאתִי רָעֵי גוֹיִם וְיָרְשׁוּ אֶת־בָּֽתֵּיהֶם וְהִשְׁבַּתִּי גְּאוֹן עַזִּים וְנִחֲלוּ מְקַֽדְשֵׁיהֶֽם׃ 24
मैं जनताओं के सबसे बुरे लोगों को लाऊंगा कि वे उनके घरों पर अधिकार कर लें. मैं बलवान के घमंड का अंत कर दूंगा, और उनके पवित्र स्थान अपवित्र किए जाएंगे.
קְפָדָה־בָא וּבִקְשׁוּ שָׁלוֹם וָאָֽיִן׃ 25
जब आतंक आयेगा, तब वे बेकार में शांति की खोज करेंगे.
הֹוָה עַל־הֹוָה תָּבוֹא וּשְׁמֻעָה אֶל־שְׁמוּעָה תִּֽהְיֶה וּבִקְשׁוּ חָזוֹן מִנָּבִיא וְתוֹרָה תֹּאבַד מִכֹּהֵן וְעֵצָה מִזְּקֵנִֽים׃ 26
विपत्ति के ऊपर विपत्ति आएगी, और अफवाह के ऊपर अफवाह फैलेगा. वे भविष्यवक्ता से दर्शन की खोज करेंगे, कानून में पुरोहित के निर्देश बंद हो जाएंगे, अगुओं की सलाह खत्म हो जाएगी.
הַמֶּלֶךְ יִתְאַבָּל וְנָשִׂיא יִלְבַּשׁ שְׁמָמָה וִידֵי עַם־הָאָרֶץ תִּבָּהַלְנָה מִדַּרְכָּם אֶעֱשֶׂה אוֹתָם וּבְמִשְׁפְּטֵיהֶם אֶשְׁפְּטֵם וְיָדְעוּ כִּֽי־אֲנִי יְהוָֽה׃ 27
राजा विलाप करेगा, राजकुमार के लिए निराशा उसका कपड़ा हो जाएगा, और देशवासियों के हाथ कांपने लगेंगे. मैं उनके साथ उनके आचरण के अनुरूप व्यवहार करूंगा, और उन्हीं के स्तर से मैं उनका न्याय करूंगा. तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.’”

< יחזקאל 7 >