< אסתר 6 >
בַּלַּיְלָה הַהוּא נָדְדָה שְׁנַת הַמֶּלֶךְ וַיֹּאמֶר לְהָבִיא אֶת־סֵפֶר הַזִּכְרֹנוֹת דִּבְרֵי הַיָּמִים וַיִּהְיוּ נִקְרָאִים לִפְנֵי הַמֶּֽלֶךְ׃ | 1 |
उस रात राजा को नींद नहीं आई, तब उसने आदेश दिया, कि इतिहास की पुस्तक लायी जाए, कि उसे राजा के सामने वाचन किया जाए.
וַיִּמָּצֵא כָתוּב אֲשֶׁר הִגִּיד מָרְדֳּכַי עַל־בִּגְתָנָא וָתֶרֶשׁ שְׁנֵי סָרִיסֵי הַמֶּלֶךְ מִשֹּׁמְרֵי הַסַּף אֲשֶׁר בִּקְשׁוּ לִשְׁלֹחַ יָד בַּמֶּלֶךְ אֲחַשְׁוֵרֽוֹשׁ׃ | 2 |
वहां पुस्तक में यह बात सामने आयी, कि राजा के दो द्वारपाल खोजा, बिगथान एवं तेरेश का राजा अहषवेरोष की हत्या का षड़्यंत्र मोरदकय द्वारा सूचित किया गया था.
וַיֹּאמֶר הַמֶּלֶךְ מַֽה־נַּעֲשָׂה יְקָר וּגְדוּלָּה לְמָרְדֳּכַי עַל־זֶה וַיֹּאמְרוּ נַעֲרֵי הַמֶּלֶךְ מְשָׁרְתָיו לֹא־נַעֲשָׂה עִמּוֹ דָּבָֽר׃ | 3 |
राजा ने पूछा, “मोरदकय को इसके लिए कौन सा सम्मान अथवा पुरस्कार दिया गया?” राजा के परिचाराकों ने उत्तर दिया. “कुछ भी नहीं किया गया है, उसके लिए.”
וַיֹּאמֶר הַמֶּלֶךְ מִי בֶחָצֵר וְהָמָן בָּא לַחֲצַר בֵּית־הַמֶּלֶךְ הַחִיצוֹנָה לֵאמֹר לַמֶּלֶךְ לִתְלוֹת אֶֽת־מָרְדֳּכַי עַל־הָעֵץ אֲשֶׁר־הֵכִין לֽוֹ׃ | 4 |
राजा ने पूछा, “कौन है इस समय आंगन में?” हुआ यह था, कि हामान ने इसी समय राजमहल परिसर के बाहर के आंगन में प्रवेश किया था, कि वह राजा से मोरदकय को उस स्तंभ पर लटकाने की चर्चा कर सके, जो उसने मोरदकय के लिए बनवाया था.
וַיֹּאמְרוּ נַעֲרֵי הַמֶּלֶךְ אֵלָיו הִנֵּה הָמָן עֹמֵד בֶּחָצֵר וַיֹּאמֶר הַמֶּלֶךְ יָבֽוֹא׃ | 5 |
राजा के अधिकारियों ने उसे सूचित किया, “महाराज, हामान आंगन में ठहरे हुए हैं.” राजा ने आदेश दिया, “उसे यहां आने दो.”
וַיָּבוֹא הָמָן וַיֹּאמֶר לוֹ הַמֶּלֶךְ מַה־לַעֲשׂוֹת בָּאִישׁ אֲשֶׁר הַמֶּלֶךְ חָפֵץ בִּיקָרוֹ וַיֹּאמֶר הָמָן בְּלִבּוֹ לְמִי יַחְפֹּץ הַמֶּלֶךְ לַעֲשׂוֹת יְקָר יוֹתֵר מִמֶּֽנִּי׃ | 6 |
हामान भीतर आ गया. राजा ने उससे प्रश्न किया, “यह बताओ, यदि राजा किसी व्यक्ति को सम्मान प्रदान करना चाहे, तो इसके लिए क्या-क्या उपयुक्त होगा?” हामान के मन में विचार आया: “मेरे अतिरिक्त राजा भला किसे सम्मानित करना चाहेंगे?”
וַיֹּאמֶר הָמָן אֶל־הַמֶּלֶךְ אִישׁ אֲשֶׁר הַמֶּלֶךְ חָפֵץ בִּיקָרֽוֹ׃ | 7 |
हामान ने राजा को उत्तर दिया, “राजा जिस व्यक्ति को सम्मान करना चाहें,
יָבִיאוּ לְבוּשׁ מַלְכוּת אֲשֶׁר לָֽבַשׁ־בּוֹ הַמֶּלֶךְ וְסוּס אֲשֶׁר רָכַב עָלָיו הַמֶּלֶךְ וַאֲשֶׁר נִתַּן כֶּתֶר מַלְכוּת בְּרֹאשֽׁוֹ׃ | 8 |
उसके लिए वही राजसी पोशाक लाया जाए, जो स्वयं राजा पहना करते हैं, उसे वही घोड़ा दिया जाए, जिसका प्रयोग स्वयं राजा करते हैं, तथा उसके सिर पर राजसी मुकुट भी रखा जाए;
וְנָתוֹן הַלְּבוּשׁ וְהַסּוּס עַל־יַד־אִישׁ מִשָּׂרֵי הַמֶּלֶךְ הַֽפַּרְתְּמִים וְהִלְבִּישׁוּ אֶת־הָאִישׁ אֲשֶׁר הַמֶּלֶךְ חָפֵץ בִּֽיקָרוֹ וְהִרְכִּיבֻהוּ עַל־הַסּוּס בִּרְחוֹב הָעִיר וְקָרְאוּ לְפָנָיו כָּכָה יֵעָשֶׂה לָאִישׁ אֲשֶׁר הַמֶּלֶךְ חָפֵץ בִּיקָרֽוֹ׃ | 9 |
यह राजसी पोशाक एवं घोड़ा राजा के सर्वोच्च शासक को सौंपा जाए कि वह यह राजसी वस्त्र उस व्यक्ति को पहना दे, जिसे राजा आदर करना चाहते हैं. तब उस व्यक्ति को घोड़े पर सवार किया जाए और उसे इस तरह से नगर चौक में लेकर घुमाया जाए. यह करते हुए उसके आगे-आगे यह घोषणा की जाए: ‘राजा जिस व्यक्ति को आदर करना चाहते हैं, उसके साथ यही किया जाएगा.’”
וַיֹּאמֶר הַמֶּלֶךְ לְהָמָן מַהֵר קַח אֶת־הַלְּבוּשׁ וְאֶת־הַסּוּס כַּאֲשֶׁר דִּבַּרְתָּ וַֽעֲשֵׂה־כֵן לְמָרְדֳּכַי הַיְּהוּדִי הַיּוֹשֵׁב בְּשַׁעַר הַמֶּלֶךְ אַל־תַּפֵּל דָּבָר מִכֹּל אֲשֶׁר דִּבַּֽרְתָּ׃ | 10 |
राजा ने हामान को आदेश दिया, “तुरंत वे राजसी वस्त्र तथा घोड़ा लो, जैसा सुझाव अभी तुमने रखा है और यहूदी मोरदकय के साथ वह सब करो, जो इस समय राजमहल के परिसर के द्वार पर बैठा हुआ है. तुमने जैसा जैसा सुझाव रखा है, उसमें कोई कमी न आने पाए.”
וַיִּקַּח הָמָן אֶת־הַלְּבוּשׁ וְאֶת־הַסּוּס וַיַּלְבֵּשׁ אֶֽת־מָרְדֳּכָי וַיַּרְכִּיבֵהוּ בִּרְחוֹב הָעִיר וַיִּקְרָא לְפָנָיו כָּכָה יֵעָשֶׂה לָאִישׁ אֲשֶׁר הַמֶּלֶךְ חָפֵץ בִּיקָרֽוֹ׃ | 11 |
तब हामान ने राजसी पोशाक, वस्त्र लिया और घोड़ा लिया. उसने मोरदकय को वह राजसी पोशाक, वस्त्र पहनाया और उसे घोड़े पर सवार करके नगर चौक में घुमाया. वह उसके आगे-आगे यह घोषणा किये जा रहे थे: “उस व्यक्ति के साथ ऐसा ही किया जाएगा, जिसका राजा आदर करना चाहते हैं.”
וַיָּשָׁב מָרְדֳּכַי אֶל־שַׁעַר הַמֶּלֶךְ וְהָמָן נִדְחַף אֶל־בֵּיתוֹ אָבֵל וַחֲפוּי רֹֽאשׁ׃ | 12 |
मोरदकय तो राजमहल परिसर द्वार पर लौट गया; किंतु हामान तुरंत अपने घर को विलाप करता अपने सिर को ढांप कर लौट गया.
וַיְסַפֵּר הָמָן לְזֶרֶשׁ אִשְׁתּוֹ וּלְכָל־אֹהֲבָיו אֵת כָּל־אֲשֶׁר קָרָהוּ וַיֹּאמְרוּ לוֹ חֲכָמָיו וְזֶרֶשׁ אִשְׁתּוֹ אִם מִזֶּרַע הַיְּהוּדִים מָרְדֳּכַי אֲשֶׁר הַחִלּוֹתָ לִנְפֹּל לְפָנָיו לֹא־תוּכַל לוֹ כִּֽי־נָפוֹל תִּפּוֹל לְפָנָֽיו׃ | 13 |
उसने अपनी पत्नी ज़ेरेष तथा अपने मित्रों को उसके साथ जो हुआ सब कुछ कह सुनाया. यह सुन उसकी पत्नी ज़ेरेष तथा उसके बुद्धिमान दोस्तों ने उसे चेतावनी दी, “यदि मोरदकय, जिसके सामने तुम्हारे पतन की शुरुआत हो चुकी है, यहूदी मूल का है, जब तक तुम उसे पराजित न कर पाओगे-तुम्हारा पतन सुनिश्चित है.”
עוֹדָם מְדַבְּרִים עִמּוֹ וְסָרִיסֵי הַמֶּלֶךְ הִגִּיעוּ וַיַּבְהִלוּ לְהָבִיא אֶת־הָמָן אֶל־הַמִּשְׁתֶּה אֲשֶׁר־עָשְׂתָה אֶסְתֵּֽר׃ | 14 |
जब उनके मध्य यह वार्तालाप चल रहा था, वहां राजा के खोजा आ पहुंचे और हामान को तत्काल अपने साथ उस भोज के लिए ले गए, जिसे एस्तेर ने तैयार किया था.