< שמואל א 17 >

וַיַּאַסְפוּ פְלִשְׁתִּים אֶת־מַֽחֲנֵיהֶם לַמִּלְחָמָה וַיֵּאָסְפוּ שֹׂכֹה אֲשֶׁר לִיהוּדָה וַֽיַּחֲנוּ בֵּין־שׂוֹכֹה וּבֵין־עֲזֵקָה בְּאֶפֶס דַּמִּֽים׃ 1
अब पलिश्तियों ने युद्ध के लिये अपनी सेनाओं को इकट्ठा किया; और यहूदा देश के सोको में एक साथ होकर सोको और अजेका के बीच एपेसदम्मीम में डेरे डाले।
וְשָׁאוּל וְאִֽישׁ־יִשְׂרָאֵל נֶאֶסְפוּ וַֽיַּחֲנוּ בְּעֵמֶק הָאֵלָה וַיַּעַרְכוּ מִלְחָמָה לִקְרַאת פְּלִשְׁתִּֽים׃ 2
शाऊल और इस्राएली पुरुषों ने भी इकट्ठे होकर एला नामक तराई में डेरे डाले, और युद्ध के लिये पलिश्तियों के विरुद्ध पाँति बाँधी।
וּפְלִשְׁתִּים עֹמְדִים אֶל־הָהָר מִזֶּה וְיִשְׂרָאֵל עֹמְדִים אֶל־הָהָר מִזֶּה וְהַגַּיְא בֵּינֵיהֶֽם׃ 3
पलिश्ती तो एक ओर के पहाड़ पर और इस्राएली दूसरी ओर के पहाड़ पर खड़े रहे; और दोनों के बीच तराई थी।
וַיֵּצֵא אִֽישׁ־הַבֵּנַיִם מִמַּחֲנוֹת פְּלִשְׁתִּים גָּלְיָת שְׁמוֹ מִגַּת גָּבְהוֹ שֵׁשׁ אַמּוֹת וָזָֽרֶת׃ 4
तब पलिश्तियों की छावनी में से गोलियत नामक एक वीर निकला, जो गत नगर का था, और उसकी लम्बाई छः हाथ एक बित्ता थी।
וְכוֹבַע נְחֹשֶׁת עַל־רֹאשׁוֹ וְשִׁרְיוֹן קַשְׂקַשִּׂים הוּא לָבוּשׁ וּמִשְׁקַל הַשִּׁרְיוֹן חֲמֵשֶׁת־אֲלָפִים שְׁקָלִים נְחֹֽשֶֽׁת׃ 5
उसके सिर पर पीतल का टोप था; और वह एक पत्तर का झिलम पहने हुए था, जिसका तौल पाँच हजार शेकेल पीतल का था।
וּמִצְחַת נְחֹשֶׁת עַל־רַגְלָיו וְכִידוֹן נְחֹשֶׁת בֵּין כְּתֵפָֽיו׃ 6
उसकी टाँगों पर पीतल के कवच थे, और उसके कंधों के बीच बरछी बंधी थी।
וחץ וְעֵץ חֲנִיתוֹ כִּמְנוֹר אֹֽרְגִים וְלַהֶבֶת חֲנִיתוֹ שֵׁשׁ־מֵאוֹת שְׁקָלִים בַּרְזֶל וְנֹשֵׂא הַצִּנָּה הֹלֵךְ לְפָנָֽיו׃ 7
उसके भाले की छड़ जुलाहे के डोंगी के समान थी, और उस भाले का फल छः सौ शेकेल लोहे का था, और बड़ी ढाल लिए हुए एक जन उसके आगे-आगे चलता था
וַֽיַּעֲמֹד וַיִּקְרָא אֶל־מַעַרְכֹת יִשְׂרָאֵל וַיֹּאמֶר לָהֶם לָמָּה תֵצְאוּ לַעֲרֹךְ מִלְחָמָה הֲלוֹא אָנֹכִי הַפְּלִשְׁתִּי וְאַתֶּם עֲבָדִים לְשָׁאוּל בְּרוּ־לָכֶם אִישׁ וְיֵרֵד אֵלָֽי׃ 8
वह खड़ा होकर इस्राएली पाँतियों को ललकार के बोला, “तुम ने यहाँ आकर लड़ाई के लिये क्यों पाँति बाँधी है? क्या मैं पलिश्ती नहीं हूँ, और तुम शाऊल के अधीन नहीं हो? अपने में से एक पुरुष चुनो, कि वह मेरे पास उतर आए।
אִם־יוּכַל לְהִלָּחֵם אִתִּי וְהִכָּנִי וְהָיִינוּ לָכֶם לַעֲבָדִים וְאִם־אֲנִי אֽוּכַל־לוֹ וְהִכִּיתִיו וִהְיִיתֶם לָנוּ לַעֲבָדִים וַעֲבַדְתֶּם אֹתָֽנוּ׃ 9
यदि वह मुझसे लड़कर मुझे मार सके, तब तो हम तुम्हारे अधीन हो जाएँगे; परन्तु यदि मैं उस पर प्रबल होकर मारूँ, तो तुम को हमारे अधीन होकर हमारी सेवा करनी पड़ेगी।”
וַיֹּאמֶר הַפְּלִשְׁתִּי אֲנִי חֵרַפְתִּי אֶת־מַעַרְכוֹת יִשְׂרָאֵל הַיּוֹם הַזֶּה תְּנוּ־לִי אִישׁ וְנִֽלָּחֲמָה יָֽחַד׃ 10
१०फिर वह पलिश्ती बोला, “मैं आज के दिन इस्राएली पाँतियों को ललकारता हूँ, किसी पुरुष को मेरे पास भेजो, कि हम एक दूसरे से लड़ें।”
וַיִּשְׁמַע שָׁאוּל וְכָל־יִשְׂרָאֵל אֶת־דִּבְרֵי הַפְּלִשְׁתִּי הָאֵלֶּה וַיֵּחַתּוּ וַיִּֽרְאוּ מְאֹֽד׃ 11
११उस पलिश्ती की इन बातों को सुनकर शाऊल और समस्त इस्राएलियों का मन कच्चा हो गया, और वे अत्यन्त डर गए।
וְדָוִד בֶּן־אִישׁ אֶפְרָתִי הַזֶּה מִבֵּית לֶחֶם יְהוּדָה וּשְׁמוֹ יִשַׁי וְלוֹ שְׁמֹנָה בָנִים וְהָאִישׁ בִּימֵי שָׁאוּל זָקֵן בָּא בַאֲנָשִֽׁים׃ 12
१२दाऊद यहूदा के बैतलहम के उस एप्राती पुरुष का पुत्र था, जिसका नाम यिशै था, और उसके आठ पुत्र थे और वह पुरुष शाऊल के दिनों में बूढ़ा और निर्बल हो गया था।
וַיֵּלְכוּ שְׁלֹשֶׁת בְּנֵֽי־יִשַׁי הַגְּדֹלִים הָלְכוּ אַחֲרֵי־שָׁאוּל לַמִּלְחָמָה וְשֵׁם ׀ שְׁלֹשֶׁת בָּנָיו אֲשֶׁר הָלְכוּ בַּמִּלְחָמָה אֱלִיאָב הַבְּכוֹר וּמִשְׁנֵהוּ אֲבִינָדָב וְהַשְּׁלִשִׁי שַׁמָּֽה׃ 13
१३यिशै के तीन बड़े पुत्र शाऊल के पीछे होकर लड़ने को गए थे; और उसके तीन पुत्रों के नाम जो लड़ने को गए थे, ये थे, अर्थात् ज्येष्ठ का नाम एलीआब, दूसरे का अबीनादाब, और तीसरे का शम्मा था।
וְדָוִד הוּא הַקָּטָן וּשְׁלֹשָׁה הַגְּדֹלִים הָלְכוּ אַחֲרֵי שָׁאֽוּל׃ 14
१४सबसे छोटा दाऊद था; और तीनों बड़े पुत्र शाऊल के पीछे होकर गए थे,
וְדָוִד הֹלֵךְ וָשָׁב מֵעַל שָׁאוּל לִרְעוֹת אֶת־צֹאן אָבִיו בֵּֽית־לָֽחֶם׃ 15
१५और दाऊद बैतलहम में अपने पिता की भेड़ बकरियाँ चराने को शाऊल के पास से आया-जाया करता था।
וַיִּגַּשׁ הַפְּלִשְׁתִּי הַשְׁכֵּם וְהַעֲרֵב וַיִּתְיַצֵּב אַרְבָּעִים יֽוֹם׃ 16
१६वह पलिश्ती तो चालीस दिन तक सवेरे और साँझ को निकट जाकर खड़ा हुआ करता था।
וַיֹּאמֶר יִשַׁי לְדָוִד בְּנוֹ קַח־נָא לְאַחֶיךָ אֵיפַת הַקָּלִיא הַזֶּה וַעֲשָׂרָה לֶחֶם הַזֶּה וְהָרֵץ הַֽמַּחֲנֶה לְאַחֶֽיךָ׃ 17
१७यिशै ने अपने पुत्र दाऊद से कहा, “यह एपा भर भुना हुआ अनाज, और ये दस रोटियाँ लेकर छावनी में अपने भाइयों के पास दौड़ जा;
וְאֵת עֲשֶׂרֶת חֲרִצֵי הֶֽחָלָב הָאֵלֶּה תָּבִיא לְשַׂר־הָאָלֶף וְאֶת־אַחֶיךָ תִּפְקֹד לְשָׁלוֹם וְאֶת־עֲרֻבָּתָם תִּקָּֽח׃ 18
१८और पनीर की ये दस टिकियाँ उनके सहस्त्रपति के लिये ले जा। और अपने भाइयों का कुशल देखकर उनकी कोई निशानी ले आना।
וְשָׁאוּל וְהֵמָּה וְכָל־אִישׁ יִשְׂרָאֵל בְּעֵמֶק הָֽאֵלָה נִלְחָמִים עִם־פְּלִשְׁתִּֽים׃ 19
१९शाऊल, और तेरे भाई, और समस्त इस्राएली पुरुष एला नामक तराई में पलिश्तियों से लड़ रहे है।”
וַיַּשְׁכֵּם דָּוִד בַּבֹּקֶר וַיִּטֹּשׁ אֶת־הַצֹּאן עַל־שֹׁמֵר וַיִּשָּׂא וַיֵּלֶךְ כַּאֲשֶׁר צִוָּהוּ יִשָׁי וַיָּבֹא הַמַּעְגָּלָה וְהַחַיִל הַיֹּצֵא אֶל־הַמַּעֲרָכָה וְהֵרֵעוּ בַּמִּלְחָמָֽה׃ 20
२०अतः दाऊद सवेरे उठ, भेड़ बकरियों को किसी रखवाले के हाथ में छोड़कर, यिशै की आज्ञा के अनुसार उन वस्तुओं को लेकर चला; और जब सेना रणभूमि को जा रही, और संग्राम के लिये ललकार रही थी, उसी समय वह गाड़ियों के पड़ाव पर पहुँचा।
וַתַּעֲרֹךְ יִשְׂרָאֵל וּפְלִשְׁתִּים מַעֲרָכָה לִקְרַאת מַעֲרָכָֽה׃ 21
२१तब इस्राएलियों और पलिश्तियों ने अपनी-अपनी सेना आमने-सामने करके पाँति बाँधी।
וַיִּטֹּשׁ דָּוִד אֶת־הַכֵּלִים מֵעָלָיו עַל־יַד שׁוֹמֵר הַכֵּלִים וַיָּרָץ הַמַּעֲרָכָה וַיָּבֹא וַיִּשְׁאַל לְאֶחָיו לְשָׁלֽוֹם׃ 22
२२दाऊद अपनी सामग्री सामान के रखवाले के हाथ में छोड़कर रणभूमि को दौड़ा, और अपने भाइयों के पास जाकर उनका कुशल क्षेम पूछा।
וְהוּא ׀ מְדַבֵּר עִמָּם וְהִנֵּה אִישׁ הַבֵּנַיִם עוֹלֶה גָּלְיָת הַפְּלִשְׁתִּי שְׁמוֹ מִגַּת ממערות מִמַּעַרְכוֹת פְּלִשְׁתִּים וַיְדַבֵּר כַּדְּבָרִים הָאֵלֶּה וַיִּשְׁמַע דָּוִֽד׃ 23
२३वह उनके साथ बातें कर ही रहा था, कि पलिश्तियों की पाँतियों में से वह वीर, अर्थात् गतवासी गोलियत नामक वह पलिश्ती योद्धा चढ़ आया, और पहले की सी बातें कहने लगा। और दाऊद ने उन्हें सुना।
וְכֹל אִישׁ יִשְׂרָאֵל בִּרְאוֹתָם אֶת־הָאִישׁ וַיָּנֻסוּ מִפָּנָיו וַיִּֽירְאוּ מְאֹֽד׃ 24
२४उस पुरुष को देखकर सब इस्राएली अत्यन्त भय खाकर उसके सामने से भागे।
וַיֹּאמֶר ׀ אִישׁ יִשְׂרָאֵל הַרְּאִיתֶם הָאִישׁ הָֽעֹלֶה הַזֶּה כִּי לְחָרֵף אֶת־יִשְׂרָאֵל עֹלֶה וְֽהָיָה הָאִישׁ אֲשֶׁר־יַכֶּנּוּ יַעְשְׁרֶנּוּ הַמֶּלֶךְ ׀ עֹשֶׁר גָּדוֹל וְאֶת־בִּתּוֹ יִתֶּן־לוֹ וְאֵת בֵּית אָבִיו יַעֲשֶׂה חָפְשִׁי בְּיִשְׂרָאֵֽל׃ 25
२५फिर इस्राएली पुरुष कहने लगे, “क्या तुम ने उस पुरुष को देखा है जो चढ़ा आ रहा है? निश्चय वह इस्राएलियों को ललकारने को चढ़ा आता है; और जो कोई उसे मार डालेगा उसको राजा बहुत धन देगा, और अपनी बेटी का विवाह उससे कर देगा, और उसके पिता के घराने को इस्राएल में स्वतंत्र कर देगा।”
וַיֹּאמֶר דָּוִד אֶֽל־הָאֲנָשִׁים הָעֹמְדִים עִמּוֹ לֵאמֹר מַה־יֵּעָשֶׂה לָאִישׁ אֲשֶׁר יַכֶּה אֶת־הַפְּלִשְׁתִּי הַלָּז וְהֵסִיר חֶרְפָּה מֵעַל יִשְׂרָאֵל כִּי מִי הַפְּלִשְׁתִּי הֶֽעָרֵל הַזֶּה כִּי חֵרֵף מַעַרְכוֹת אֱלֹהִים חַיִּֽים׃ 26
२६तब दाऊद ने उन पुरुषों से जो उसके आस-पास खड़े थे पूछा, “जो उस पलिश्ती को मारकर इस्राएलियों की नामधराई दूर करेगा उसके लिये क्या किया जाएगा? वह खतनारहित पलिश्ती क्या है कि जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारे?”
וַיֹּאמֶר לוֹ הָעָם כַּדָּבָר הַזֶּה לֵאמֹר כֹּה יֵעָשֶׂה לָאִישׁ אֲשֶׁר יַכֶּֽנּוּ׃ 27
२७तब लोगों ने उससे वही बातें कहीं, अर्थात् यह, कि जो कोई उसे मारेगा उससे ऐसा-ऐसा किया जाएगा।
וַיִּשְׁמַע אֱלִיאָב אָחִיו הַגָּדוֹל בְּדַבְּרוֹ אֶל־הָאֲנָשִׁים וַיִּֽחַר־אַף אֱלִיאָב בְּדָוִד וַיֹּאמֶר ׀ לָמָּה־זֶּה יָרַדְתָּ וְעַל־מִי נָטַשְׁתָּ מְעַט הַצֹּאן הָהֵנָּה בַּמִּדְבָּר אֲנִי יָדַעְתִּי אֶת־זְדֹנְךָ וְאֵת רֹעַ לְבָבֶךָ כִּי לְמַעַן רְאוֹת הַמִּלְחָמָה יָרָֽדְתָּ׃ 28
२८जब दाऊद उन मनुष्यों से बातें कर रहा था, तब उसका बड़ा भाई एलीआब सुन रहा था; और एलीआब दाऊद से बहुत क्रोधित होकर कहने लगा, “तू यहाँ क्यों आया है? और जंगल में उन थोड़ी सी भेड़ बकरियों को तू किसके पास छोड़ आया है? तेरा अभिमान और तेरे मन की बुराई मुझे मालूम है; तू तो लड़ाई देखने के लिये यहाँ आया है।”
וַיֹּאמֶר דָּוִד מֶה עָשִׂיתִי עָתָּה הֲלוֹא דָּבָר הֽוּא׃ 29
२९दाऊद ने कहा, “अब मैंने क्या किया है? वह तो निरी बात थी।”
וַיִּסֹּב מֵֽאֶצְלוֹ אֶל־מוּל אַחֵר וַיֹּאמֶר כַּדָּבָר הַזֶּה וַיְשִׁבֻהוּ הָעָם דָּבָר כַּדָּבָר הָרִאשֽׁוֹן׃ 30
३०तब उसने उसके पास से मुँह फेर के दूसरे के सम्मुख होकर वैसी ही बात कही; और लोगों ने उसे पहले के समान उत्तर दिया।
וַיְּשָּֽׁמְעוּ הַדְּבָרִים אֲשֶׁר דִּבֶּר דָּוִד וַיַּגִּדוּ לִפְנֵֽי־שָׁאוּל וַיִּקָּחֵֽהוּ׃ 31
३१जब दाऊद की बातों की चर्चा हुई, तब शाऊल को भी सुनाई गई; और उसने उसे बुलवा भेजा।
וַיֹּאמֶר דָּוִד אֶל־שָׁאוּל אַל־יִפֹּל לֵב־אָדָם עָלָיו עַבְדְּךָ יֵלֵךְ וְנִלְחַם עִם־הַפְּלִשְׁתִּי הַזֶּֽה׃ 32
३२तब दाऊद ने शाऊल से कहा, “किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जाकर उस पलिश्ती से लड़ेगा।”
וַיֹּאמֶר שָׁאוּל אֶל־דָּוִד לֹא תוּכַל לָלֶכֶת אֶל־הַפְּלִשְׁתִּי הַזֶּה לְהִלָּחֵם עִמּוֹ כִּֽי־נַעַר אַתָּה וְהוּא אִישׁ מִלְחָמָה מִנְּעֻרָֽיו׃ 33
३३शाऊल ने दाऊद से कहा, “तू जाकर उस पलिश्ती के विरुद्ध युद्ध नहीं कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है।”
וַיֹּאמֶר דָּוִד אֶל־שָׁאוּל רֹעֶה הָיָה עַבְדְּךָ לְאָבִיו בַּצֹּאן וּבָא הָֽאֲרִי וְאֶת־הַדּוֹב וְנָשָׂא שֶׂה מֵהָעֵֽדֶר׃ 34
३४दाऊद ने शाऊल से कहा, “तेरा दास अपने पिता की भेड़-बकरियाँ चराता था; और जब कोई सिंह या भालू झुण्ड में से मेम्ना उठा ले जाता,
וְיָצָאתִי אַחֲרָיו וְהִכִּתִיו וְהִצַּלְתִּי מִפִּיו וַיָּקָם עָלַי וְהֶחֱזַקְתִּי בִּזְקָנוֹ וְהִכִּתִיו וַהֲמִיתִּֽיו׃ 35
३५तब मैं उसका पीछा करके उसे मारता, और मेम्ने को उसके मुँह से छुड़ा लेता; और जब वह मुझ पर हमला करता, तब मैं उसके केश को पकड़कर उसे मार डालता।
גַּם אֶֽת־הָאֲרִי גַּם־הַדּוֹב הִכָּה עַבְדֶּךָ וְֽהָיָה הַפְּלִשְׁתִּי הֶעָרֵל הַזֶּה כְּאַחַד מֵהֶם כִּי חֵרֵף מַעַרְכֹת אֱלֹהִים חַיִּֽים׃ 36
३६तेरे दास ने सिंह और भालू दोनों को मारा है। और वह खतनारहित पलिश्ती उनके समान हो जाएगा, क्योंकि उसने जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारा है।”
וַיֹּאמֶר דָּוִד יְהוָה אֲשֶׁר הִצִּלַנִי מִיַּד הָֽאֲרִי וּמִיַּד הַדֹּב הוּא יַצִּילֵנִי מִיַּד הַפְּלִשְׁתִּי הַזֶּה וַיֹּאמֶר שָׁאוּל אֶל־דָּוִד לֵךְ וַֽיהוָה יִהְיֶה עִמָּֽךְ׃ 37
३७फिर दाऊद ने कहा, “यहोवा जिसने मुझे सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा।” शाऊल ने दाऊद से कहा, “जा, यहोवा तेरे साथ रहे।”
וַיַּלְבֵּשׁ שָׁאוּל אֶת־דָּוִד מַדָּיו וְנָתַן קוֹבַע נְחֹשֶׁת עַל־רֹאשׁוֹ וַיַּלְבֵּשׁ אֹתוֹ שִׁרְיֽוֹן׃ 38
३८तब शाऊल ने अपने वस्त्र दाऊद को पहनाए, और पीतल का टोप उसके सिर पर रख दिया, और झिलम उसको पहनाया।
וַיַּחְגֹּר דָּוִד אֶת־חַרְבּוֹ מֵעַל לְמַדָּיו וַיֹּאֶל לָלֶכֶת כִּי לֹֽא־נִסָּה וַיֹּאמֶר דָּוִד אֶל־שָׁאוּל לֹא אוּכַל לָלֶכֶת בָּאֵלֶּה כִּי לֹא נִסִּיתִי וַיְסִרֵם דָּוִד מֵעָלָֽיו׃ 39
३९तब दाऊद ने उसकी तलवार वस्त्र के ऊपर कसी, और चलने का यत्न किया; उसने तो उनको न परखा था। इसलिए दाऊद ने शाऊल से कहा, “इन्हें पहने हुए मुझसे चला नहीं जाता, क्योंकि मैंने इन्हें नहीं परखा है।” और दाऊद ने उन्हें उतार दिया।
וַיִּקַּח מַקְלוֹ בְּיָדוֹ וַיִּבְחַר־לוֹ חֲמִשָּׁה חַלֻּקֵֽי־אֲבָנִים ׀ מִן־הַנַּחַל וַיָּשֶׂם אֹתָם בִּכְלִי הָרֹעִים אֲשֶׁר־לוֹ וּבַיַּלְקוּט וְקַלְּעוֹ בְיָדוֹ וַיִּגַּשׁ אֶל־הַפְּלִשְׁתִּֽי׃ 40
४०तब उसने अपनी लाठी हाथ में ली और नदी में से पाँच चिकने पत्थर छाँटकर अपनी चरवाही की थैली, अर्थात् अपने झोले में रखे; और अपना गोफन हाथ में लेकर पलिश्ती के निकट गया।
וַיֵּלֶךְ הַפְּלִשְׁתִּי הֹלֵךְ וְקָרֵב אֶל־דָּוִד וְהָאִישׁ נֹשֵׂא הַצִּנָּה לְפָנָֽיו׃ 41
४१और पलिश्ती चलते-चलते दाऊद के निकट पहुँचने लगा, और जो जन उसकी बड़ी ढाल लिए था वह उसके आगे-आगे चला।
וַיַּבֵּט הַפְּלִשְׁתִּי וַיִּרְאֶה אֶת־דָּוִד וַיִּבְזֵהוּ כִּֽי־הָיָה נַעַר וְאַדְמֹנִי עִם־יְפֵה מַרְאֶֽה׃ 42
४२जब पलिश्ती ने दृष्टि करके दाऊद को देखा, तब उसे तुच्छ जाना; क्योंकि वह लड़का ही था, और उसके मुख पर लाली झलकती थी, और वह सुन्दर था।
וַיֹּאמֶר הַפְּלִשְׁתִּי אֶל־דָּוִד הֲכֶלֶב אָנֹכִי כִּֽי־אַתָּה בָֽא־אֵלַי בַּמַּקְלוֹת וַיְקַלֵּל הַפְּלִשְׁתִּי אֶת־דָּוִד בֵּאלֹהָֽיו׃ 43
४३तब पलिश्ती ने दाऊद से कहा, “क्या मैं कुत्ता हूँ, कि तू लाठी लेकर मेरे पास आता है?” तब पलिश्ती अपने देवताओं के नाम लेकर दाऊद को कोसने लगा।
וַיֹּאמֶר הַפְּלִשְׁתִּי אֶל־דָּוִד לְכָה אֵלַי וְאֶתְּנָה אֶת־בְּשָׂרְךָ לְעוֹף הַשָּׁמַיִם וּלְבֶהֱמַת הַשָּׂדֶֽה׃ 44
४४फिर पलिश्ती ने दाऊद से कहा, “मेरे पास आ, मैं तेरा माँस आकाश के पक्षियों और वन-पशुओं को दे दूँगा।”
וַיֹּאמֶר דָּוִד אֶל־הַפְּלִשְׁתִּי אַתָּה בָּא אֵלַי בְּחֶרֶב וּבַחֲנִית וּבְכִידוֹן וְאָנֹכִי בָֽא־אֵלֶיךָ בְּשֵׁם יְהוָה צְבָאוֹת אֱלֹהֵי מַעַרְכוֹת יִשְׂרָאֵל אֲשֶׁר חֵרַֽפְתָּ׃ 45
४५दाऊद ने पलिश्ती से कहा, “तू तो तलवार और भाला और सांग लिए हुए मेरे पास आता है; परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूँ, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तूने ललकारा है।
הַיּוֹם הַזֶּה יְסַגֶּרְךָ יְהוָה בְּיָדִי וְהִכִּיתִךָ וַהֲסִרֹתִי אֶת־רֹֽאשְׁךָ מֵעָלֶיךָ וְנָתַתִּי פֶּגֶר מַחֲנֵה פְלִשְׁתִּים הַיּוֹם הַזֶּה לְעוֹף הַשָּׁמַיִם וּלְחַיַּת הָאָרֶץ וְיֵֽדְעוּ כָּל־הָאָרֶץ כִּי יֵשׁ אֱלֹהִים לְיִשְׂרָאֵֽל׃ 46
४६आज के दिन यहोवा तुझको मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझको मारूँगा, और तेरा सिर तेरे धड़ से अलग करूँगा; और मैं आज के दिन पलिश्ती सेना के शव आकाश के पक्षियों को दे दूँगा; तब समस्त पृथ्वी के लोग जान लेंगे कि इस्राएल में एक परमेश्वर है।
וְיֵֽדְעוּ כָּל־הַקָּהָל הַזֶּה כִּֽי־לֹא בְּחֶרֶב וּבַחֲנִית יְהוֹשִׁיעַ יְהוָה כִּי לַֽיהוָה הַמִּלְחָמָה וְנָתַן אֶתְכֶם בְּיָדֵֽנוּ׃ 47
४७और यह समस्त मण्डली जान लेगी कि यहोवा तलवार या भाले के द्वारा जयवन्त नहीं करता, इसलिए कि संग्राम तो यहोवा का है, और वही तुम्हें हमारे हाथ में कर देगा।”
וְהָיָה כִּֽי־קָם הַפְּלִשְׁתִּי וַיֵּלֶךְ וַיִּקְרַב לִקְרַאת דָּוִד וַיְמַהֵר דָּוִד וַיָּרָץ הַמַּעֲרָכָה לִקְרַאת הַפְּלִשְׁתִּֽי׃ 48
४८जब पलिश्ती उठकर दाऊद का सामना करने के लिये निकट आया, तब दाऊद सेना की ओर पलिश्ती का सामना करने के लिये फुर्ती से दौड़ा।
וַיִּשְׁלַח דָּוִד אֶת־יָדוֹ אֶל־הַכֶּלִי וַיִּקַּח מִשָּׁם אֶבֶן וַיְקַלַּע וַיַּךְ אֶת־הַפְּלִשְׁתִּי אֶל־מִצְחוֹ וַתִּטְבַּע הָאֶבֶן בְּמִצְחוֹ וַיִּפֹּל עַל־פָּנָיו אָֽרְצָה׃ 49
४९फिर दाऊद ने अपनी थैली में हाथ डालकर उसमें से एक पत्थर निकाला, और उसे गोफन में रखकर पलिश्ती के माथे पर ऐसा मारा कि पत्थर उसके माथे के भीतर घुस गया, और वह भूमि पर मुँह के बल गिर पड़ा।
וַיֶּחֱזַק דָּוִד מִן־הַפְּלִשְׁתִּי בַּקֶּלַע וּבָאֶבֶן וַיַּךְ אֶת־הַפְּלִשְׁתִּי וַיְמִיתֵהוּ וְחֶרֶב אֵין בְּיַד־דָּוִֽד׃ 50
५०अतः दाऊद ने पलिश्ती पर गोफन और एक ही पत्थर के द्वारा प्रबल होकर उसे मार डाला; परन्तु दाऊद के हाथ में तलवार न थी।
וַיָּרָץ דָּוִד וַיַּעֲמֹד אֶל־הַפְּלִשְׁתִּי וַיִּקַּח אֶת־חַרְבּוֹ וַֽיִּשְׁלְפָהּ מִתַּעְרָהּ וַיְמֹתְתֵהוּ וַיִּכְרָת־בָּהּ אֶת־רֹאשׁוֹ וַיִּרְאוּ הַפְּלִשְׁתִּים כִּֽי־מֵת גִּבּוֹרָם וַיָּנֻֽסוּ׃ 51
५१तब दाऊद दौड़कर पलिश्ती के ऊपर खड़ा हो गया, और उसकी तलवार पकड़कर म्यान से खींची, और उसको घात किया, और उसका सिर उसी तलवार से काट डाला। यह देखकर कि हमारा वीर मर गया पलिश्ती भाग गए।
וַיָּקֻמוּ אַנְשֵׁי יִשְׂרָאֵל וִיהוּדָה וַיָּרִעוּ וַֽיִּרְדְּפוּ אֶת־הַפְּלִשְׁתִּים עַד־בּוֹאֲךָ גַיְא וְעַד שַׁעֲרֵי עֶקְרוֹן וַֽיִּפְּלוּ חַֽלְלֵי פְלִשְׁתִּים בְּדֶרֶךְ שַׁעֲרַיִם וְעַד־גַּת וְעַד־עֶקְרֽוֹן׃ 52
५२इस पर इस्राएली और यहूदी पुरुष ललकार उठे, और गत और एक्रोन से फाटकों तक पलिश्तियों का पीछा करते गए, और घायल पलिश्ती शारैंम के मार्ग में और गत और एक्रोन तक गिरते गए।
וַיָּשֻׁבוּ בְּנֵי יִשְׂרָאֵל מִדְּלֹק אַחֲרֵי פְלִשְׁתִּים וַיָּשֹׁסּוּ אֶת־מַחֲנֵיהֶֽם׃ 53
५३तब इस्राएली पलिश्तियों का पीछा छोड़कर लौट आए, और उनके डेरों को लूट लिया।
וַיִּקַּח דָּוִד אֶת־רֹאשׁ הַפְּלִשְׁתִּי וַיְבִאֵהוּ יְרוּשָׁלָ͏ִם וְאֶת־כֵּלָיו שָׂם בְּאָהֳלֽוֹ׃ 54
५४और दाऊद पलिश्ती का सिर यरूशलेम में ले गया; और उसके हथियार अपने डेरे में रख लिए।
וְכִרְאוֹת שָׁאוּל אֶת־דָּוִד יֹצֵא לִקְרַאת הַפְּלִשְׁתִּי אָמַר אֶל־אַבְנֵר שַׂר הַצָּבָא בֶּן־מִי־זֶה הַנַּעַר אַבְנֵר וַיֹּאמֶר אַבְנֵר חֵֽי־נַפְשְׁךָ הַמֶּלֶךְ אִם־יָדָֽעְתִּי׃ 55
५५जब शाऊल ने दाऊद को उस पलिश्ती का सामना करने के लिये जाते देखा, तब उसने अपने सेनापति अब्नेर से पूछा, “हे अब्नेर, वह जवान किसका पुत्र है?” अब्नेर ने कहा, “हे राजा, तेरे जीवन की शपथ, मैं नहीं जानता।”
וַיֹּאמֶר הַמֶּלֶךְ שְׁאַל אַתָּה בֶּן־מִי־זֶה הָעָֽלֶם׃ 56
५६राजा ने कहा, “तू पूछ ले कि वह जवान किसका पुत्र है।”
וּכְשׁוּב דָּוִד מֵֽהַכּוֹת אֶת־הַפְּלִשְׁתִּי וַיִּקַּח אֹתוֹ אַבְנֵר וַיְבִאֵהוּ לִפְנֵי שָׁאוּל וְרֹאשׁ הַפְּלִשְׁתִּי בְּיָדֽוֹ׃ 57
५७जब दाऊद पलिश्ती को मारकर लौटा, तब अब्नेर ने उसे पलिश्ती का सिर हाथ में लिए हुए शाऊल के सामने पहुँचाया।
וַיֹּאמֶר אֵלָיו שָׁאוּל בֶּן־מִי אַתָּה הַנָּעַר וַיֹּאמֶר דָּוִד בֶּֽן־עַבְדְּךָ יִשַׁי בֵּית הַלַּחְמִֽי׃ 58
५८शाऊल ने उससे पूछा, “हे जवान, तू किसका पुत्र है?” दाऊद ने कहा, “मैं तो तेरे दास बैतलहमवासी यिशै का पुत्र हूँ।”

< שמואל א 17 >