< זְכַרְיָה 1 >
בַּחֹ֙דֶשׁ֙ הַשְּׁמִינִ֔י בִּשְׁנַ֥ת שְׁתַּ֖יִם לְדָרְיָ֑וֶשׁ הָיָ֣ה דְבַר־יְהוָ֗ה אֶל־זְכַרְיָה֙ בֶּן־בֶּ֣רֶכְיָ֔ה בֶּן־עִדּ֥וֹ הַנָּבִ֖יא לֵאמֹֽר׃ | 1 |
राजा दारयावेश के शासनकाल के दूसरे साल के आठवें महीने में याहवेह का यह वचन बेरेखियाह के पुत्र और इद्दो के पोते ज़करयाह भविष्यवक्ता के पास आया:
קָצַ֧ף יְהוָ֛ה עַל־אֲבֽוֹתֵיכֶ֖ם קָֽצֶף׃ | 2 |
“याहवेह तुम्हारे पूर्वजों से बहुत क्रोधित थे.
וְאָמַרְתָּ֣ אֲלֵהֶ֗ם כֹּ֤ה אָמַר֙ יְהוָ֣ה צְבָא֔וֹת שׁ֣וּבוּ אֵלַ֔י נְאֻ֖ם יְהוָ֣ה צְבָא֑וֹת וְאָשׁ֣וּב אֲלֵיכֶ֔ם אָמַ֖ר יְהוָ֥ה צְבָאֽוֹת׃ | 3 |
इसलिये लोगों को बताओ: सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: ‘मेरे पास लौट आओ,’ सर्वशक्तिमान याहवेह की यह घोषणा है, ‘तो मैं भी तुम्हारे पास लौट आऊंगा,’ सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है.
אַל־תִּהְי֣וּ כַאֲבֹֽתֵיכֶ֡ם אֲשֶׁ֣ר קָרְאֽוּ־אֲלֵיהֶם֩ הַנְּבִיאִ֨ים הָרִֽאשֹׁנִ֜ים לֵאמֹ֗ר כֹּ֤ה אָמַר֙ יְהוָ֣ה צְבָא֔וֹת שׁ֤וּבוּ נָא֙ מִדַּרְכֵיכֶ֣ם הָרָעִ֔ים וּמַֽעֲלְלֵיכֶ֖ם הָֽרָעִ֑ים וְלֹ֥א שָׁמְע֛וּ וְלֹֽא־הִקְשִׁ֥יבוּ אֵלַ֖י נְאֻם־יְהוָֽה׃ | 4 |
अपने पूर्वजों के समान मत बनो, जिन्हें पहले के भविष्यवक्ताओं ने पुकार-पुकारकर कहा था: सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: ‘अपने बुरे चालचलन और अपने बुरे कार्यों को छोड़ो.’ किंतु उन्होंने न तो मेरी बातों को सुना और न ही मेरी ओर ध्यान दिया, याहवेह की घोषणा है.
אֲבֽוֹתֵיכֶ֖ם אַיֵּה־הֵ֑ם וְהַ֨נְּבִאִ֔ים הַלְעוֹלָ֖ם יִֽחְיֽוּ׃ | 5 |
तुम्हारे पूर्वज अब कहां हैं? और भविष्यवक्ता, भविष्यद्वक्ता, क्या वे सदाकाल तक जीवित हैं?
אַ֣ךְ ׀ דְּבָרַ֣י וְחֻקַּ֗י אֲשֶׁ֤ר צִוִּ֙יתִי֙ אֶת־עֲבָדַ֣י הַנְּבִיאִ֔ים הֲל֥וֹא הִשִּׂ֖יגוּ אֲבֹתֵיכֶ֑ם וַיָּשׁ֣וּבוּ וַיֹּאמְר֗וּ כַּאֲשֶׁ֨ר זָמַ֜ם יְהוָ֤ה צְבָאוֹת֙ לַעֲשׂ֣וֹת לָ֔נוּ כִּדְרָכֵ֙ינוּ֙ וּכְמַ֣עֲלָלֵ֔ינוּ כֵּ֖ן עָשָׂ֥ה אִתָּֽנוּ׃ ס | 6 |
पर मेरे वचन और कानून, जो मैंने अपने सेवक भविष्यवक्ताओं को दिये थे, क्या वे तुम्हारे पूर्वजों की मृत्यु के बाद भी बने हुए नहीं हैं? “तब उन्होंने प्रायश्चित किया और कहा, ‘सर्वशक्तिमान याहवेह ने ठीक वही किया है जैसा कि हमारे चालचलन और हमारे कर्मों के कारण हमारे साथ किया जाना चाहिये, जैसा कि उन्होंने करने की ठानी थी.’”
בְּיוֹם֩ עֶשְׂרִ֨ים וְאַרְבָּעָ֜ה לְעַשְׁתֵּֽי־עָשָׂ֥ר חֹ֙דֶשׁ֙ הוּא־חֹ֣דֶשׁ שְׁבָ֔ט בִּשְׁנַ֥ת שְׁתַּ֖יִם לְדָרְיָ֑וֶשׁ הָיָ֣ה דְבַר־יְהוָ֗ה אֶל־זְכַרְיָה֙ בֶּן־בֶּ֣רֶכְיָ֔הוּ בֶּן־עִדּ֥וֹא הַנָּבִ֖יא לֵאמֹֽר׃ | 7 |
राजा दारयावेश के शासनकाल के दूसरे साल के ग्यारहवें महीने अर्थात् शबात महीने के चौबीसवें दिन याहवेह का यह वचन बेरेखियाह के पुत्र और इद्दो के पोते ज़करयाह भविष्यवक्ता के पास पहुंचा.
רָאִ֣יתִי ׀ הַלַּ֗יְלָה וְהִנֵּה־אִישׁ֙ רֹכֵב֙ עַל־ס֣וּס אָדֹ֔ם וְה֣וּא עֹמֵ֔ד בֵּ֥ין הַהֲדַסִּ֖ים אֲשֶׁ֣ר בַּמְּצֻלָ֑ה וְאַחֲרָיו֙ סוּסִ֣ים אֲדֻמִּ֔ים שְׂרֻקִּ֖ים וּלְבָנִֽים׃ | 8 |
रात के समय मैंने एक दर्शन में देखा कि मेरे सामने लाल घोड़े पर सवार एक व्यक्ति था. वह घाटी में मेंहदी के पेड़ों के बीच खड़ा था, और उसके पीछे लाल, भूरे और सफेद रंग के घोड़े थे.
וָאֹמַ֖ר מָה־אֵ֣לֶּה אֲדֹנִ֑י וַיֹּ֣אמֶר אֵלַ֗י הַמַּלְאָךְ֙ הַדֹּבֵ֣ר בִּ֔י אֲנִ֥י אַרְאֶ֖ךָּ מָה־הֵ֥מָּה אֵֽלֶּה׃ | 9 |
तब मैंने पूछा, “हे मेरे प्रभु, ये क्या हैं?” जो स्वर्गदूत मुझसे बात कर रहा था, उसने उत्तर दिया, “मैं तुम्हें दिखाऊंगा कि ये क्या हैं.”
וַיַּ֗עַן הָאִ֛ישׁ הָעֹמֵ֥ד בֵּין־הַהַדַסִּ֖ים וַיֹּאמַ֑ר אֵ֚לֶּה אֲשֶׁ֣ר שָׁלַ֣ח יְהוָ֔ה לְהִתְהַלֵּ֖ךְ בָּאָֽרֶץ׃ | 10 |
तब जो व्यक्ति मेंहदी के पेड़ों के बीच खड़ा था, उसने कहा, “ये वे हैं जिन्हें याहवेह ने पूरे पृथ्वी पर भेजा है.”
וַֽיַּעֲנ֞וּ אֶת־מַלְאַ֣ךְ יְהוָ֗ה הָֽעֹמֵד֙ בֵּ֣ין הַהֲדַסִּ֔ים וַיֹּאמְר֖וּ הִתְהַלַּ֣כְנוּ בָאָ֑רֶץ וְהִנֵּ֥ה כָל־הָאָ֖רֶץ יֹשֶׁ֥בֶת וְשֹׁקָֽטֶת׃ | 11 |
और उन्होंने याहवेह के उस स्वर्गदूत को यह सूचित किया, जो मेंहदी के पेड़ों के बीच खड़ा था, “हम पूरी पृथ्वी में गये और देखा कि सारी पृथ्वी में चैन और शांति है.”
וַיַּ֣עַן מַלְאַךְ־יְהוָה֮ וַיֹּאמַר֒ יְהוָ֣ה צְבָא֔וֹת עַד־מָתַ֗י אַתָּה֙ לֹֽא־תְרַחֵ֣ם אֶת־יְרוּשָׁלִַ֔ם וְאֵ֖ת עָרֵ֣י יְהוּדָ֑ה אֲשֶׁ֣ר זָעַ֔מְתָּה זֶ֖ה שִׁבְעִ֥ים שָׁנָֽה׃ | 12 |
तब याहवेह के दूत ने कहा, “हे सर्वशक्तिमान याहवेह, आप जो येरूशलेम तथा यहूदिया के शहरों पर पिछले सत्तर सालों से क्रोधित हैं, कब तक आप इन पर अपनी दया नहीं दिखाएंगे?”
וַיַּ֣עַן יְהוָ֗ה אֶת־הַמַּלְאָ֛ךְ הַדֹּבֵ֥ר בִּ֖י דְּבָרִ֣ים טוֹבִ֑ים דְּבָרִ֖ים נִחֻמִֽים׃ | 13 |
तब याहवेह ने उस स्वर्गदूत से, जो मुझसे बात कर रहा था, दयालु और सांत्वनापूर्ण शब्द कहा.
וַיֹּ֣אמֶר אֵלַ֗י הַמַּלְאָךְ֙ הַדֹּבֵ֣ר בִּ֔י קְרָ֣א לֵאמֹ֔ר כֹּ֥ה אָמַ֖ר יְהוָ֣ה צְבָא֑וֹת קִנֵּ֧אתִי לִירוּשָׁלִַ֛ם וּלְצִיּ֖וֹן קִנְאָ֥ה גְדוֹלָֽה׃ | 14 |
फिर वह स्वर्गदूत जो मुझसे बातें कर रहा था, उसने कहा, “इन बातों की घोषणा करो: सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: ‘येरूशलेम तथा ज़ियोन के प्रति मेरी बहुत जलन है,
וְקֶ֤צֶף גָּדוֹל֙ אֲנִ֣י קֹצֵ֔ף עַל־הַגּוֹיִ֖ם הַשַּֽׁאֲנַנִּ֑ים אֲשֶׁ֤ר אֲנִי֙ קָצַ֣פְתִּי מְּעָ֔ט וְהֵ֖מָּה עָזְר֥וּ לְרָעָֽה׃ | 15 |
और मैं उन जनताओं से बहुत क्रोधित हूं जो आराम में हैं. पहले मैं सिर्फ थोड़ा क्रोधित था, किंतु उन्होंने खुद ही अपनी विपत्तियां बढ़ा ली हैं.’
לָכֵ֞ן כֹּֽה־אָמַ֣ר יְהוָ֗ה שַׁ֤בְתִּי לִירוּשָׁלִַ֙ם֙ בְּֽרַחֲמִ֔ים בֵּיתִי֙ יִבָּ֣נֶה בָּ֔הּ נְאֻ֖ם יְהוָ֣ה צְבָא֑וֹת וְקָ֥ו יִנָּטֶ֖ה עַל־יְרוּשָׁלִָֽם׃ | 16 |
“इसलिये याहवेह का यह कहना है: ‘मैं कृपा करने के लिये येरूशलेम लौटूंगा, और वहां मेरे भवन को फिर से बनाया जाएगा. और येरूशलेम के ऊपर नापने की लकीर खींची जाएगी,’ सर्वशक्तिमान याहवेह की घोषणा है.
ע֣וֹד ׀ קְרָ֣א לֵאמֹ֗ר כֹּ֤ה אָמַר֙ יְהוָ֣ה צְבָא֔וֹת ע֛וֹד תְּפוּצֶ֥ינָה עָרַ֖י מִטּ֑וֹב וְנִחַ֨ם יְהוָ֥ה עוֹד֙ אֶת־צִיּ֔וֹן וּבָחַ֥ר ע֖וֹד בִּירוּשָׁלִָֽם׃ ס | 17 |
“आगे और घोषणा करो: सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: ‘मेरे नगर फिर समृद्ध होंगे, और याहवेह फिर ज़ियोन को सांत्वना देंगे तथा येरूशलेम को अपना ठहराएंगे.’”
וָאֶשָּׂ֥א אֶת־עֵינַ֖י וָאֵ֑רֶא וְהִנֵּ֖ה אַרְבַּ֥ע קְרָנֽוֹת׃ | 18 |
फिर मैंने देखा, और वहां मेरे सामने चार सींग थे.
וָאֹמַ֗ר אֶל־הַמַּלְאָ֛ךְ הַדֹּבֵ֥ר בִּ֖י מָה־אֵ֑לֶּה וַיֹּ֣אמֶר אֵלַ֔י אֵ֤לֶּה הַקְּרָנוֹת֙ אֲשֶׁ֣ר זֵר֣וּ אֶת־יְהוּדָ֔ה אֶת־יִשְׂרָאֵ֖ל וִירוּשָׁלָֽם׃ ס | 19 |
तो मैंने उस स्वर्गदूत, जो मुझसे बातें कर रहा था, उससे पूछा, “ये क्या हैं?” उसने मुझे उत्तर दिया, “ये वे सींग हैं जिन्होंने यहूदिया, इस्राएल और येरूशलेम को तितर-बितर कर दिया है.”
וַיַּרְאֵ֣נִי יְהוָ֔ה אַרְבָּעָ֖ה חָרָשִֽׁים׃ | 20 |
फिर याहवेह ने मुझे चार शिल्पकार दिखाये.
וָאֹמַ֕ר מָ֛ה אֵ֥לֶּה בָאִ֖ים לַֽעֲשׂ֑וֹת וַיֹּ֣אמֶר לֵאמֹ֗ר אֵ֣לֶּה הַקְּרָנ֞וֹת אֲשֶׁר־זֵ֣רוּ אֶת־יְהוּדָ֗ה כְּפִי־אִישׁ֙ לֹא־נָשָׂ֣א רֹאשׁ֔וֹ וַיָּבֹ֤אוּ אֵ֙לֶּה֙ לְהַחֲרִ֣יד אֹתָ֔ם לְיַדּ֞וֹת אֶת־קַרְנ֣וֹת הַגּוֹיִ֗ם הַנֹּשְׂאִ֥ים קֶ֛רֶן אֶל־אֶ֥רֶץ יְהוּדָ֖ה לְזָרוֹתָֽהּ׃ ס | 21 |
मैंने पूछा, “ये क्या करने के लिये आये हैं?” उन्होंने उत्तर दिया, “ये वे सींग हैं जिन्होंने यहूदिया को तितर-बितर कर दिया है, ताकि कोई अपना सिर न उठा सके, पर ये शिल्पकार उन्हें भयभीत करने उन जनताओं के इन सीगों को काट डालने के लिये आए हैं जो यहूदिया देश के शत्रुओं को भयभीत कर देंगे और उन राष्ट्रों के सींग काट डालेंगे, जिन्होंने यहूदिया के लोगों को तितर-बितर करने के लिये आक्रमण किया है.”