< תְהִלִּים 93 >
יְהוָ֣ה מָלָךְ֮ גֵּא֪וּת לָ֫בֵ֥שׁ לָבֵ֣שׁ יְ֭הוָה עֹ֣ז הִתְאַזָּ֑ר אַף־תִּכּ֥וֹן תֵּ֝בֵ֗ל בַּל־תִּמּֽוֹט׃ | 1 |
ख़ुदावन्द सलतनत करता है वह शौकत से मुलब्बस है ख़ुदावन्द कु़दरत से मुलब्बस है, वह उससे कमर बस्ता है इस लिए जहान क़ाईम है और उसे जुम्बिश नहीं।
נָכ֣וֹן כִּסְאֲךָ֣ מֵאָ֑ז מֵֽעוֹלָ֣ם אָֽתָּה׃ | 2 |
तेरा तख़्त पहले से क़ाईम है, तू इब्तिदा से है।
נָשְׂא֤וּ נְהָר֨וֹת ׀ יְֽהוָ֗ה נָשְׂא֣וּ נְהָר֣וֹת קוֹלָ֑ם יִשְׂא֖וּ נְהָר֣וֹת דָּכְיָֽם׃ | 3 |
सैलाबों ने, ऐ ख़ुदावन्द! सैलाबों ने शोर मचा रख्खा है, सैलाब मौजज़न हैं।
מִקֹּל֨וֹת ׀ מַ֤יִם רַבִּ֗ים אַדִּירִ֣ים מִשְׁבְּרֵי־יָ֑ם אַדִּ֖יר בַּמָּר֣וֹם יְהוָֽה׃ | 4 |
बहरों की आवाज़ से, समन्दर की ज़बरदस्त मौजों से भी, ख़ुदावन्द बलन्द — ओ — क़ादिर है।
עֵֽדֹתֶ֨יךָ ׀ נֶאֶמְנ֬וּ מְאֹ֗ד לְבֵיתְךָ֥ נַאֲוָה־קֹ֑דֶשׁ יְ֝הוָ֗ה לְאֹ֣רֶךְ יָמִֽים׃ | 5 |
तेरी शहादतें बिल्कुल सच्ची हैं; ऐ ख़ुदावन्द हमेशा से हमेशा तक के लिए पाकीज़गी तेरे घर को ज़ेबा है।