< תְהִלִּים 57 >

לַמְנַצֵּ֣חַ אַל־תַּ֭שְׁחֵת לְדָוִ֣ד מִכְתָּ֑ם בְּבָרְח֥וֹ מִפְּנֵי־שָׁ֝א֗וּל בַּמְּעָרָֽה׃ חָנֵּ֤נִי אֱלֹהִ֨ים ׀ חָנֵּ֗נִי כִּ֥י בְךָ֮ חָסָ֪יָה נַ֫פְשִׁ֥י וּבְצֵֽל־כְּנָפֶ֥יךָ אֶחְסֶ֑ה עַ֝֗ד יַעֲבֹ֥ר הַוּֽוֹת׃ 1
मुझ पर रहम कर, ऐ ख़ुदा! मुझ पर रहम कर, क्यूँकि मेरी जान तेरी पनाह लेती है। मैं तेरे परों के साये में पनाह लूँगा, जब तक यह आफ़तें गुज़र न जाएँ।
אֶ֭קְרָא לֵֽאלֹהִ֣ים עֶלְי֑וֹן לָ֝אֵ֗ל גֹּמֵ֥ר עָלָֽי׃ 2
मैं ख़ुदा ता'ला से फ़रियाद करूँगा; ख़ुदा से, जो मेरे लिए सब कुछ करता है।
יִשְׁלַ֤ח מִשָּׁמַ֨יִם ׀ וְֽיוֹשִׁיעֵ֗נִי חֵרֵ֣ף שֹׁאֲפִ֣י סֶ֑לָה יִשְׁלַ֥ח אֱ֝לֹהִ֗ים חַסְדּ֥וֹ וַאֲמִתּֽוֹ׃ 3
वह मेरी नजात के लिए आसमान से भेजेगा; जब वह जो मुझे निगलना चाहता है, मलामत करता हो। (सिलाह) ख़ुदा अपनी शफ़क़त और सच्चाई को भेजेगा।
נַפְשִׁ֤י ׀ בְּת֥וֹךְ לְבָאִם֮ אֶשְׁכְּבָ֪ה לֹ֫הֲטִ֥ים בְּֽנֵי־אָדָ֗ם שִׁ֭נֵּיהֶם חֲנִ֣ית וְחִצִּ֑ים וּ֝לְשׁוֹנָ֗ם חֶ֣רֶב חַדָּֽה׃ 4
मेरी जान बबरों के बीच है, मैं आतिश मिज़ाज लोगों में पड़ा हूँ या'नी ऐसे लोगों में जिनके दाँत बर्छियाँऔर तीर हैं, जिनकी ज़बान तेज़ तलवार है।
ר֣וּמָה עַל־הַשָּׁמַ֣יִם אֱלֹהִ֑ים עַ֖ל כָּל־הָאָ֣רֶץ כְּבוֹדֶֽךָ׃ 5
ऐ ख़ुदा! तू आसमान पर सरफ़राज़ हो, तेरा जलाल सारी ज़मीन पर हो!
רֶ֤שֶׁת ׀ הֵכִ֣ינוּ לִפְעָמַי֮ כָּפַ֪ף נַ֫פְשִׁ֥י כָּר֣וּ לְפָנַ֣י שִׁיחָ֑ה נָפְל֖וּ בְתוֹכָ֣הּ סֶֽלָה׃ 6
उन्होंने मेरे पाँव के लिए जाल लगाया है; मेरी जान 'आजिज़ आ गई। उन्होंने मेरे आगे गढ़ा खोदा, वह ख़ुद उसमें गिर पड़े। (सिलाह)
נָ֘כ֤וֹן לִבִּ֣י אֱ֭לֹהִים נָכ֣וֹן לִבִּ֑י אָ֝שִׁ֗ירָה וַאֲזַמֵּֽרָה׃ 7
मेरा दिल क़ाईम है, ऐ ख़ुदा! मेरा दिल क़ाईम है; मैं गाऊँगा बल्कि मैं मदह सराई करूँगा।
ע֤וּרָה כְבוֹדִ֗י ע֭וּרָֽה הַנֵּ֥בֶל וְכִנּ֗וֹר אָעִ֥ירָה שָּֽׁחַר׃ 8
ऐ मेरी शौकत, बेदार हो! ऐ बर्बत और सितार जागो! मैं ख़ुद सुबह सवेरे जाग उठूँगा।
אוֹדְךָ֖ בָעַמִּ֥ים ׀ אֲדֹנָ֑י אֲ֝זַמֶּרְךָ֗ בַּל־אֻמִּֽים׃ 9
ऐ ख़ुदावन्द! मैं लोगों में तेरा शुक्र करूँगा। मैं उम्मतों में तेरी मदहसराई करूँगा।
כִּֽי־גָדֹ֣ל עַד־שָׁמַ֣יִם חַסְדֶּ֑ךָ וְֽעַד־שְׁחָקִ֥ים אֲמִתֶּֽךָ׃ 10
क्यूँकि तेरी शफ़क़त आसमान के, और तेरी सच्चाई फ़लाक के बराबर बुलन्द है।
ר֣וּמָה עַל־שָׁמַ֣יִם אֱלֹהִ֑ים עַ֖ל כָּל־הָאָ֣רֶץ כְּבוֹדֶֽךָ׃ 11
ऐ ख़ुदा! तू आसमान पर सरफ़राज़ हो! तेरा जलाल सारी ज़मीन पर हो!

< תְהִלִּים 57 >