< תְהִלִּים 21 >

לַמְנַצֵּ֗חַ מִזְמ֥וֹר לְדָוִֽד׃ יְֽהוָ֗ה בְּעָזְּךָ֥ יִשְׂמַח־מֶ֑לֶךְ וּ֝בִישׁ֥וּעָתְךָ֗ מַה־יָּ֥גֶל מְאֹֽד׃ 1
संगीत निर्देशक के लिये. दावीद का एक स्तोत्र. याहवेह, आपकी शक्ति पर राजा हर्षित है. आपके द्वारा प्रदान किये गये उद्धार से राजा का हर्षातिरेक देखते ही बनता है!
תַּאֲוַ֣ת לִ֭בּוֹ נָתַ֣תָּה לּ֑וֹ וַאֲרֶ֥שֶׁת שְׂ֝פָתָ֗יו בַּל־מָנַ֥עְתָּ סֶּֽלָה׃ 2
आपने उसके हृदय का मनोरथ पूर्ण किया है, आपने उसके अनुरोध को पूर्ण करने में अस्वीकार नहीं किया.
כִּֽי־תְ֭קַדְּמֶנּוּ בִּרְכ֣וֹת ט֑וֹב תָּשִׁ֥ית לְ֝רֹאשׁ֗וֹ עֲטֶ֣רֶת פָּֽז׃ 3
आपने उत्कृष्ट आशीषों के साथ उसका स्वागत किया है, आपने उसके सिर को कुन्दन के मुकुट से सुशोभित किया है.
חַיִּ֤ים ׀ שָׁאַ֣ל מִ֭מְּךָ נָתַ֣תָּה לּ֑וֹ אֹ֥רֶךְ יָ֝מִ֗ים עוֹלָ֥ם וָעֶֽד׃ 4
राजा ने आपसे जीवन की प्रार्थना की, आपने उसे जीवनदान किया— हां, सदैव का जीवन.
גָּד֣וֹל כְּ֭בוֹדוֹ בִּישׁוּעָתֶ֑ךָ ה֥וֹד וְ֝הָדָר תְּשַׁוֶּ֥ה עָלָֽיו׃ 5
आपके द्वारा दिए गये विजय से राजा की महिमा ऊंची हुई है; आपने उसे ऐश्वर्य एवं तेज से विभूषित किया है.
כִּֽי־תְשִׁיתֵ֣הוּ בְרָכ֣וֹת לָעַ֑ד תְּחַדֵּ֥הוּ בְ֝שִׂמְחָ֗ה אֶת־פָּנֶֽיךָ׃ 6
निःसंदेह आपने उसे सर्वदा के लिये आशीषें प्रदान की हैं, अपनी उपस्थिति के आनंद से आपने उसे उल्‍लसित किया है.
כִּֽי־הַ֭מֶּלֶךְ בֹּטֵ֣חַ בַּיהוָ֑ה וּבְחֶ֥סֶד עֶ֝לְי֗וֹן בַּל־יִמּֽוֹט׃ 7
यह इसलिये कि महाराज का भरोसा याहवेह पर है; सर्वोच्च परमेश्वर की करुणा, प्रेम के कारण राजा अटल रहेगा.
תִּמְצָ֣א יָ֭דְךָ לְכָל־אֹיְבֶ֑יךָ יְ֝מִֽינְךָ תִּמְצָ֥א שֹׂנְאֶֽיךָ׃ 8
आप समस्त शत्रुओं को ढूंढ़ निकालेंगे; आपका बाहुबल उन सभी को कैद कर लाएगा, जो आपसे घृणा करते हैं.
תְּשִׁיתֵ֤מוֹ ׀ כְּתַנּ֥וּר אֵשׁ֮ לְעֵ֪ת פָּ֫נֶ֥יךָ יְ֭הוָה בְּאַפּ֣וֹ יְבַלְּעֵ֑ם וְֽתֹאכְלֵ֥ם אֵֽשׁ׃ 9
आपके प्रकट होने पर, वे सभी जलते भट्टी में जल जाएंगे. अपने कोप में याहवेह उन्हें निगल जाएगा, उनकी अग्नि उन्हें भस्म कर देगी.
פִּ֭רְיָמוֹ מֵאֶ֣רֶץ תְּאַבֵּ֑ד וְ֝זַרְעָ֗ם מִבְּנֵ֥י אָדָֽם׃ 10
आप उनकी सन्तति को पृथ्वी से मिटा देंगे, उनके वंशज मनुष्यों के मध्य नहीं रह जाएंगे.
כִּי־נָט֣וּ עָלֶ֣יךָ רָעָ֑ה חָֽשְׁב֥וּ מְ֝זִמָּ֗ה בַּל־יוּכָֽלוּ׃ 11
यद्यपि आपके विरुद्ध उनकी योजना बुराई करने की है तथा वे युक्ति भी रचेंगे, वे सफल न हो पाएंगे.
כִּ֭י תְּשִׁיתֵ֣מוֹ שֶׁ֑כֶם בְּ֝מֵֽיתָרֶ֗יךָ תְּכוֹנֵ֥ן עַל־פְּנֵיהֶֽם׃ 12
क्योंकि जब आप धनुष से उन पर निशाना लगाएंगे, आपके कारण वे पीठ दिखाकर भाग खड़े होंगे.
ר֣וּמָה יְהוָ֣ה בְּעֻזֶּ֑ךָ נָשִׁ֥ירָה וּֽ֝נְזַמְּרָה גְּבוּרָתֶֽךָ׃ 13
अपनी शक्ति में, याहवेह, आप ऊंचे होते जाएं; हम आपके सामर्थ्य का गुणगान करेंगे.

< תְהִלִּים 21 >