< תְהִלִּים 13 >
לַמְנַצֵּ֗חַ מִזְמ֥וֹר לְדָוִֽד׃ עַד־אָ֣נָה יְ֭הוָה תִּשְׁכָּחֵ֣נִי נֶ֑צַח עַד־אָ֓נָה ׀ תַּסְתִּ֖יר אֶת־פָּנֶ֣יךָ מִמֶּֽנִּי׃ | 1 |
१प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन हे परमेश्वर, तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझसे छिपाए रखेगा?
עַד־אָ֨נָה אָשִׁ֪ית עֵצ֡וֹת בְּנַפְשִׁ֗י יָג֣וֹן בִּלְבָבִ֣י יוֹמָ֑ם עַד־אָ֓נָה ׀ יָר֖וּם אֹיְבִ֣י עָלָֽי׃ | 2 |
२मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियाँ करता रहूँ, और दिन भर अपने हृदय में दुःखित रहा करूँ?, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?
הַבִּ֣יטָֽה עֲ֭נֵנִי יְהוָ֣ה אֱלֹהָ֑י הָאִ֥ירָה עֵ֝ינַ֗י פֶּן־אִישַׁ֥ן הַמָּֽוֶת׃ | 3 |
३हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मेरी ओर ध्यान दे और मुझे उत्तर दे, मेरी आँखों में ज्योति आने दे, नहीं तो मुझे मृत्यु की नींद आ जाएगी;
פֶּן־יֹאמַ֣ר אֹיְבִ֣י יְכָלְתִּ֑יו צָרַ֥י יָ֝גִ֗ילוּ כִּ֣י אֶמּֽוֹט׃ | 4 |
४ऐसा न हो कि मेरा शत्रु कहे, “मैं उस पर प्रबल हो गया;” और ऐसा न हो कि जब मैं डगमगाने लगूँ तो मेरे शत्रु मगन हों।
וַאֲנִ֤י ׀ בְּחַסְדְּךָ֣ בָטַחְתִּי֮ יָ֤גֵ֥ל לִבִּ֗י בִּֽישׁוּעָ֫תֶ֥ךָ | 5 |
५परन्तु मैंने तो तेरी करुणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा।
אָשִׁ֥ירָה לַיהוָ֑ה כִּ֖י גָמַ֣ל עָלָֽי׃ | 6 |
६मैं यहोवा के नाम का भजन गाऊँगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है।