< תְהִלִּים 113 >
הַ֥לְלוּ יָ֨הּ ׀ הַ֭לְלוּ עַבְדֵ֣י יְהוָ֑ה הַֽ֝לְלוּ אֶת־שֵׁ֥ם יְהוָֽה׃ | 1 |
याहवेह का स्तवन हो. याहवेह के सेवको, स्तवन करो; याहवेह की महिमा का स्तवन करो.
יְהִ֤י שֵׁ֣ם יְהוָ֣ה מְבֹרָ֑ךְ מֵֽ֝עַתָּ֗ה וְעַד־עוֹלָֽם׃ | 2 |
आज से सदा-सर्वदा याहवेह के नाम का स्तवन होता रहे.
מִמִּזְרַח־שֶׁ֥מֶשׁ עַד־מְבוֹא֑וֹ מְ֝הֻלָּ֗ל שֵׁ֣ם יְהוָֽה׃ | 3 |
उपयुक्त है कि सूर्योदय से सूर्यास्त के क्षण तक, याहवेह के नाम का स्तवन हो.
רָ֖ם עַל־כָּל־גּוֹיִ֥ם ׀ יְהוָ֑ה עַ֖ל הַשָּׁמַ֣יִם כְּבוֹדֽוֹ׃ | 4 |
याहवेह समस्त राष्ट्रों के ऊपर हैं, उनका तेज स्वर्ग से भी महान है.
מִ֭י כַּיהוָ֣ה אֱלֹהֵ֑ינוּ הַֽמַּגְבִּיהִ֥י לָשָֽׁבֶת׃ | 5 |
और कौन है याहवेह हमारे परमेश्वर के तुल्य, जो सर्वोच्च सिंहासन पर विराजमान हैं,
הַֽמַּשְׁפִּילִ֥י לִרְא֑וֹת בַּשָּׁמַ֥יִם וּבָאָֽרֶץ׃ | 6 |
जिन्हें स्वर्ग एवं पृथ्वी को देखने के लिए झुककर दृष्टिपात करना पड़ता है?
מְקִֽימִ֣י מֵעָפָ֣ר דָּ֑ל מֵֽ֝אַשְׁפֹּ֗ת יָרִ֥ים אֶבְיֽוֹן׃ | 7 |
याहवेह ही कंगाल को धूलि से उठाकर बसाते हैं, वही दरिद्र को राख के ढेर से उठाकर ऊंचा करते हैं.
לְהוֹשִׁיבִ֥י עִם־נְדִיבִ֑ים עִ֝֗ם נְדִיבֵ֥י עַמּֽוֹ׃ | 8 |
वही उन्हें प्रधानों के साथ लाकर, अपनी प्रजा के प्रधानों के साथ विराजमान करते हैं.
מֽוֹשִׁיבִ֨י ׀ עֲקֶ֬רֶת הַבַּ֗יִת אֵֽם־הַבָּנִ֥ים שְׂמֵחָ֗ה הַֽלְלוּ־יָֽהּ׃ | 9 |
वही बांझ स्त्री को बच्चों की माता का आनंद प्रदान करके परिवार में सम्मान प्रदान करते हैं. याहवेह का स्तवन हो.