< תְהִלִּים 100 >

מִזְמ֥וֹר לְתוֹדָ֑ה הָרִ֥יעוּ לַ֝יהוָ֗ה כָּל־הָאָֽרֶץ׃ 1
ऐ अहले ज़मीन, सब ख़ुदावन्द के सामने ख़ुशी का ना'रा मारो!
עִבְד֣וּ אֶת־יְהוָ֣ה בְּשִׂמְחָ֑ה בֹּ֥אוּ לְ֝פָנָ֗יו בִּרְנָנָֽה׃ 2
ख़ुशी से ख़ुदावन्द की इबादत करो! गाते हुए उसके सामने हाज़िर हों!
דְּע֗וּ כִּֽי־יְהוָה֮ ה֤וּא אֱלֹ֫הִ֥ים הֽוּא־עָ֭שָׂנוּ וְל֣וֹ אֲנַ֑חְנוּ עַ֝מּ֗וֹ וְצֹ֣אן מַרְעִיתֽוֹ׃ 3
जान रखों ख़ुदावन्द ही ख़ुदा है! उसी ने हम को बनाया और हम उसी के है; हम उसके लोग और उसकी चरागाह की भेड़े हैं।
בֹּ֤אוּ שְׁעָרָ֨יו ׀ בְּתוֹדָ֗ה חֲצֵרֹתָ֥יו בִּתְהִלָּ֑ה הֽוֹדוּ־ל֝֗וֹ בָּרֲכ֥וּ שְׁמֽוֹ׃ 4
शुक्रगुज़ारी करते हुए उसके फाटकों में और हम्द करते हुए उसकी बारगाहों में दाख़िल हो; उसका शुक्र करो और उसके नाम को मुबारक कहो!
כִּי־ט֣וֹב יְ֭הֹוָה לְעוֹלָ֣ם חַסְדּ֑וֹ וְעַד־דֹּ֥ר וָ֝דֹ֗ר אֱמוּנָתֽוֹ׃ 5
क्यूँकि ख़ुदावन्द भला है, उसकी शफ़क़त हमेशा की है, और उसकी वफ़ादारी नसल दर नसल रहती है।

< תְהִלִּים 100 >