< בְּמִדְבַּר 36 >
וַֽיִּקְרְב֞וּ רָאשֵׁ֣י הָֽאָב֗וֹת לְמִשְׁפַּ֤חַת בְּנֵֽי־גִלְעָד֙ בֶּן־מָכִ֣יר בֶּן־מְנַשֶּׁ֔ה מִֽמִּשְׁפְּחֹ֖ת בְּנֵ֣י יוֹסֵ֑ף וַֽיְדַבְּר֞וּ לִפְנֵ֤י מֹשֶׁה֙ וְלִפְנֵ֣י הַנְּשִׂאִ֔ים רָאשֵׁ֥י אָב֖וֹת לִבְנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 1 |
और बनी यूसुफ़ के घरानों में से बनी जिल'आद बिन मकीर बिन मनस्सी के आबाई ख़ान्दानों के सरदार मूसा और उन अमीरों के पास जाकर जो बनी इस्राईल के आबाई ख़ान्दानों के सरदार थे कहने लगे,
וַיֹּאמְר֗וּ אֶת־אֲדֹנִי֙ צִוָּ֣ה יְהוָ֔ה לָתֵ֨ת אֶת־הָאָ֧רֶץ בְּנַחֲלָ֛ה בְּגוֹרָ֖ל לִבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וַֽאדֹנִי֙ צֻוָּ֣ה בַֽיהוָ֔ה לָתֵ֗ת אֶֽת־נַחֲלַ֛ת צְלָפְחָ֥ד אָחִ֖ינוּ לִבְנֹתָֽיו׃ | 2 |
“ख़ुदावन्द ने हमारे मालिक को हुक्म दिया था कि पर्ची डाल कर यह मुल्क मीरास के तौर पर बनी — इस्राईल को देना; और हमारे मालिक को ख़ुदावन्द की तरफ़ से हुक्म मिला था, कि हमारे भाई सिलाफ़िहाद की मीरास उसकी बेटियों को दी जाए।
וְ֠הָיוּ לְאֶחָ֞ד מִבְּנֵ֨י שִׁבְטֵ֥י בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵל֮ לְנָשִׁים֒ וְנִגְרְעָ֤ה נַחֲלָתָן֙ מִנַּחֲלַ֣ת אֲבֹתֵ֔ינוּ וְנוֹסַ֕ף עַ֚ל נַחֲלַ֣ת הַמַּטֶּ֔ה אֲשֶׁ֥ר תִּהְיֶ֖ינָה לָהֶ֑ם וּמִגֹּרַ֥ל נַחֲלָתֵ֖נוּ יִגָּרֵֽעַ׃ | 3 |
लेकिन अगर वह बनी — इस्राईल के और क़बीलों के आदमियों से ब्याही जाएँ, तो उनकी मीरास हमारे बाप — दादा की मीरास से निकल कर उस क़बीले की मीरास में शामिल की जाएगी जिसमें वह ब्याही जाएँगी; यूँ वह हमारे हिस्से की मीरास से अलग हो जाएगी।
וְאִם־יִהְיֶ֣ה הַיֹּבֵל֮ לִבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵל֒ וְנֽוֹסְפָה֙ נַחֲלָתָ֔ן עַ֚ל נַחֲלַ֣ת הַמַּטֶּ֔ה אֲשֶׁ֥ר תִּהְיֶ֖ינָה לָהֶ֑ם וּמִֽנַּחֲלַת֙ מַטֵּ֣ה אֲבֹתֵ֔ינוּ יִגָּרַ֖ע נַחֲלָתָֽן׃ | 4 |
और जब बनी — इस्राईल का साल — ए — यूबली आएगा, तो उनकी मीरास उसी क़बीले की मीरास से मुल्हक़ की जाएगी जिसमें वह ब्याही जाएँगी। यूँ हमारे बाप — दादा के क़बीले की मीरास से उनका हिस्सा निकल जाएगा।”
וַיְצַ֤ו מֹשֶׁה֙ אֶת־בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל עַל־פִּ֥י יְהוָ֖ה לֵאמֹ֑ר כֵּ֛ן מַטֵּ֥ה בְנֵֽי־יוֹסֵ֖ף דֹּבְרִֽים׃ | 5 |
तब मूसा ने ख़ुदावन्द के कलाम के मुताबिक़ बनी — इस्राईल को हुक्म दिया और कहा कि “बनी यूसुफ़ के क़बीले के लोग ठीक कहते हैं।
זֶ֣ה הַדָּבָ֞ר אֲשֶׁר־צִוָּ֣ה יְהוָ֗ה לִבְנ֤וֹת צְלָפְחָד֙ לֵאמֹ֔ר לַטּ֥וֹב בְּעֵינֵיהֶ֖ם תִּהְיֶ֣ינָה לְנָשִׁ֑ים אַ֗ךְ לְמִשְׁפַּ֛חַת מַטֵּ֥ה אֲבִיהֶ֖ם תִּהְיֶ֥ינָה לְנָשִֽׁים׃ | 6 |
इसलिए सिलाफ़िहाद की बेटियों के हक़ में ख़ुदावन्द का हुक्म यह है कि वह जिनको पसन्द करें उन्हीं से ब्याह करें, लेकिन अपने बापदादा के क़बीले ही के ख़ान्दानों में ब्याही जाएँ।
וְלֹֽא־תִסֹּ֤ב נַחֲלָה֙ לִבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל מִמַּטֶּ֖ה אֶל־מַטֶּ֑ה כִּ֣י אִ֗ישׁ בְּנַחֲלַת֙ מַטֵּ֣ה אֲבֹתָ֔יו יִדְבְּק֖וּ בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 7 |
यूँ बनी — इस्राईल की मीरास एक क़बीले से दूसरे क़बीले में नहीं जाने पाएगी; क्यूँकि हर इस्राईली को अपने बाप — दादा के क़बीले की मीरास को अपने क़ब्ज़े में रखना होगा।
וְכָל־בַּ֞ת יֹרֶ֣שֶׁת נַחֲלָ֗ה מִמַּטּוֹת֮ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵל֒ לְאֶחָ֗ד מִמִּשְׁפַּ֛חַת מַטֵּ֥ה אָבִ֖יהָ תִּהְיֶ֣ה לְאִשָּׁ֑ה לְמַ֗עַן יִֽירְשׁוּ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל אִ֖ישׁ נַחֲלַ֥ת אֲבֹתָֽיו׃ | 8 |
और अगर बनी इस्राईल के किसी क़बीले में कोई लड़की हो जो मीरास की, मालिक हो तों वह अपने बाप के क़बीले के किसी ख़ानदान में ब्याह करे ताकि हर इस्राईली अपने बाप दादा की मीरास पर क़ाईम रहे।
וְלֹֽא־תִסֹּ֧ב נַחֲלָ֛ה מִמַּטֶּ֖ה לְמַטֶּ֣ה אַחֵ֑ר כִּי־אִישׁ֙ בְּנַ֣חֲלָת֔וֹ יִדְבְּק֕וּ מַטּ֖וֹת בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 9 |
यूँ किसी की मीरास एक क़बीले से दूसरे क़बीले में नहीं जाने पाएगी; क्यूँकि बनी — इस्राईल के क़बीलों को लाज़िम है कि अपनी अपनी मीरास अपने — अपने क़ब्ज़े में रख्खें।”
כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֶת־מֹשֶׁ֑ה כֵּ֥ן עָשׂ֖וּ בְּנ֥וֹת צְלָפְחָֽד׃ | 10 |
और सिलाफ़िहाद की बेटियों ने जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को हुक्म दिया था वैसा ही किया।
וַתִּהְיֶ֜ינָה מַחְלָ֣ה תִרְצָ֗ה וְחָגְלָ֧ה וּמִלְכָּ֛ה וְנֹעָ֖ה בְּנ֣וֹת צְלָפְחָ֑ד לִבְנֵ֥י דֹדֵיהֶ֖ן לְנָשִֽׁים׃ | 11 |
क्यूँकि महलाह और तिरज़ाह और हुजलाह और मिल्काह और नू'आह जो सिलाफ़िहाद की बेटियाँ थीं, वह अपने चचेरे भाइयों के साथ ब्याही गई,
מִֽמִּשְׁפְּחֹ֛ת בְּנֵֽי־מְנַשֶּׁ֥ה בֶן־יוֹסֵ֖ף הָי֣וּ לְנָשִׁ֑ים וַתְּהִי֙ נַחֲלָתָ֔ן עַל־מַטֵּ֖ה מִשְׁפַּ֥חַת אֲבִיהֶֽן׃ | 12 |
या'नी वह यूसुफ़ के बेटे मनस्सी की नसल के ख़ान्दानों में ब्याही गई, और उनकी मीरास, उनके आबाई ख़ान्दान के क़बीले में क़ाईम रही।
אֵ֣לֶּה הַמִּצְוֹ֞ת וְהַמִּשְׁפָּטִ֗ים אֲשֶׁ֨ר צִוָּ֧ה יְהוָ֛ה בְּיַד־מֹשֶׁ֖ה אֶל־בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל בְּעַֽרְבֹ֣ת מוֹאָ֔ב עַ֖ל יַרְדֵּ֥ן יְרֵחֽוֹ׃ | 13 |
जो हुक्म और फ़ैसले ख़ुदावन्द ने मूसा के ज़रिए' मोआब के मैदानों में जो यरीहू के सामने यरदन के किनारे वाक़े' है बनी इस्राईल को दिए वह यही हैं।