< בְּמִדְבַּר 3 >
וְאֵ֛לֶּה תּוֹלְדֹ֥ת אַהֲרֹ֖ן וּמֹשֶׁ֑ה בְּי֗וֹם דִּבֶּ֧ר יְהוָ֛ה אֶת־מֹשֶׁ֖ה בְּהַ֥ר סִינָֽי׃ | 1 |
और जिस दिन ख़ुदावन्द ने कोह-ए-सीना पर मूसा से बातें कीं, तब हारून और मूसा के पास यह औलाद थी।
וְאֵ֛לֶּה שְׁמ֥וֹת בְּֽנֵי־אַהֲרֹ֖ן הַבְּכ֣וֹר ׀ נָדָ֑ב וַאֲבִיה֕וּא אֶלְעָזָ֖ר וְאִיתָמָֽר׃ | 2 |
और हारून के बेटों के नाम यह हैं: नदब जो पहलौठा था, और अबीहू और इली'एलियाज़र और ऐतामर।
אֵ֗לֶּה שְׁמוֹת֙ בְּנֵ֣י אַהֲרֹ֔ן הַכֹּהֲנִ֖ים הַמְּשֻׁחִ֑ים אֲשֶׁר־מִלֵּ֥א יָדָ֖ם לְכַהֵֽן׃ | 3 |
हारून के बेटे जो कहानत के लिए मम्सूह हुए और जिनको उसने कहानत की ख़िदमत के लिए मख़्सूस किया था उनके नाम यही हैं।
וַיָּ֣מָת נָדָ֣ב וַאֲבִיה֣וּא לִפְנֵ֣י יְהוָ֡ה בְּֽהַקְרִבָם֩ אֵ֨שׁ זָרָ֜ה לִפְנֵ֤י יְהוָה֙ בְּמִדְבַּ֣ר סִינַ֔י וּבָנִ֖ים לֹא־הָי֣וּ לָהֶ֑ם וַיְכַהֵ֤ן אֶלְעָזָר֙ וְאִ֣יתָמָ֔ר עַל־פְּנֵ֖י אַהֲרֹ֥ן אֲבִיהֶֽם׃ פ | 4 |
और नदब और अबीहू तो जब उन्होंने दश्त — ए — सीना में ख़ुदावन्द के सामने ऊपरी आग पेश कीं तब ही ख़ुदावन्द के सामने मर गए, और वह बे — औलाद भी थे। और इली'एलियाज़र और ऐतामर अपने बाप हारून के सामने कहानत की ख़िदमत को अन्जाम देते थे।
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃ | 5 |
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
הַקְרֵב֙ אֶת־מַטֵּ֣ה לֵוִ֔י וְֽהַעֲמַדְתָּ֣ אֹת֔וֹ לִפְנֵ֖י אַהֲרֹ֣ן הַכֹּהֵ֑ן וְשֵׁרְת֖וּ אֹתֽוֹ׃ | 6 |
“लावी के क़बीले को नज़दीक लाकर हारून काहिन के आगे हाज़िर कर ताकि वह उसकी ख़िदमत करें।
וְשָׁמְר֣וּ אֶת־מִשְׁמַרְתּ֗וֹ וְאֶת־מִשְׁמֶ֙רֶת֙ כָּל־הָ֣עֵדָ֔ה לִפְנֵ֖י אֹ֣הֶל מוֹעֵ֑ד לַעֲבֹ֖ד אֶת־עֲבֹדַ֥ת הַמִּשְׁכָּֽן׃ | 7 |
और जो कुछ उसकी तरफ़ से और जमा'अत की तरफ़ से उनको सौंपा जाए वह सब की ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के आगे निगहबानी करें ताकि घर की ख़िदमत बजा लाएँ।
וְשָׁמְר֗וּ אֶֽת־כָּל־כְּלֵי֙ אֹ֣הֶל מוֹעֵ֔ד וְאֶת־מִשְׁמֶ֖רֶת בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל לַעֲבֹ֖ד אֶת־עֲבֹדַ֥ת הַמִּשְׁכָּֽן׃ | 8 |
और वह ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के सब सामान की और बनी — इस्राईल की सारी अमानत की हिफ़ाज़त करें ताकि घर की ख़िदमत बजा लाएँ।
וְנָתַתָּה֙ אֶת־הַלְוִיִּ֔ם לְאַהֲרֹ֖ן וּלְבָנָ֑יו נְתוּנִ֨ם נְתוּנִ֥ם הֵ֙מָּה֙ ל֔וֹ מֵאֵ֖ת בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 9 |
और तू लावियों को हारून और उसके बेटों के हाथ में सुपर्द कर; बनी — इस्राईल की तरफ़ से वह बिल्कुल उसे दे दिए गए हैं।
וְאֶת־אַהֲרֹ֤ן וְאֶת־בָּנָיו֙ תִּפְקֹ֔ד וְשָׁמְר֖וּ אֶת־כְּהֻנָּתָ֑ם וְהַזָּ֥ר הַקָּרֵ֖ב יוּמָֽת׃ פ | 10 |
और हारून और उसके बेटों को मुक़र्रर कर, और वह अपनी कहानत को महफ़ूज़ रख्खे और अगर कोई अजनबी नज़दीक आये तो वह जान से मारा जाए।”
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃ | 11 |
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
וַאֲנִ֞י הִנֵּ֧ה לָקַ֣חְתִּי אֶת־הַלְוִיִּ֗ם מִתּוֹךְ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל תַּ֧חַת כָּל־בְּכ֛וֹר פֶּ֥טֶר רֶ֖חֶם מִבְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וְהָ֥יוּ לִ֖י הַלְוִיִּֽם׃ | 12 |
“देख, मैंने बनी — इस्राईल में से लावियों को उन सभों के बदले में ले लिया है जो इस्राईलियों में पहलौठी के बच्चे हैं, इसलिए लावी मेरे हों।
כִּ֣י לִי֮ כָּל־בְּכוֹר֒ בְּיוֹם֩ הַכֹּתִ֨י כָל־בְּכ֜וֹר בְּאֶ֣רֶץ מִצְרַ֗יִם הִקְדַּ֨שְׁתִּי לִ֤י כָל־בְּכוֹר֙ בְּיִשְׂרָאֵ֔ל מֵאָדָ֖ם עַד־בְּהֵמָ֑ה לִ֥י יִהְי֖וּ אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ ס | 13 |
क्यूँकि सब पहलौठे मेरे हैं, इसलिए कि जिस दिन मैंने मुल्क — ए — मिस्र में सब पहलौठों को मारा, उसी दिन मैंने बनी — इस्राईल के सब पहलौठों को, क्या इंसान और क्या हैवान, अपने लिए पाक किया; इसलिए वह ज़रूर मेरे हों। मैं ख़ुदावन्द हूँ।”
וַיְדַבֵּ֤ר יְהוָה֙ אֶל־מֹשֶׁ֔ה בְּמִדְבַּ֥ר סִינַ֖י לֵאמֹֽר׃ | 14 |
फिर ख़ुदावन्द ने दश्त — ए — सीना में मूसा से कहा,
פְּקֹד֙ אֶת־בְּנֵ֣י לֵוִ֔י לְבֵ֥ית אֲבֹתָ֖ם לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם כָּל־זָכָ֛ר מִבֶּן־חֹ֥דֶשׁ וָמַ֖עְלָה תִּפְקְדֵֽם׃ | 15 |
“बनी लावी को उनके आबाई ख़ान्दानों और घरानों के मुताबिक़ शुमार कर, या'नी एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के हर लड़के को गिनना।”
וַיִּפְקֹ֥ד אֹתָ֛ם מֹשֶׁ֖ה עַל־פִּ֣י יְהוָ֑ה כַּאֲשֶׁ֖ר צֻוָּֽה׃ | 16 |
चुनाँचे मूसा ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ जो उसने उसे दिया, उनको गिना।
וַיִּֽהְיוּ־אֵ֥לֶּה בְנֵֽי־לֵוִ֖י בִּשְׁמֹתָ֑ם גֵּרְשׁ֕וֹן וּקְהָ֖ת וּמְרָרִֽי׃ | 17 |
और लावी के बेटों के नाम यह हैं: जैरसोन और क़िहात और मिरारी।
וְאֵ֛לֶּה שְׁמ֥וֹת בְּֽנֵי־גֵרְשׁ֖וֹן לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם לִבְנִ֖י וְשִׁמְעִֽי׃ | 18 |
जैरसोन के बेटों के नाम जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं: लिबनी और सिम'ई।
וּבְנֵ֥י קְהָ֖ת לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם עַמְרָ֣ם וְיִצְהָ֔ר חֶבְר֖וֹן וְעֻזִּיאֵֽל׃ | 19 |
और क़िहात के बेटों के नाम जिनसे उनके ख़ान्दान चले 'अमराम और इज़हार और हब्रून और 'उज़्ज़ीएल हैं।
וּבְנֵ֧י מְרָרִ֛י לְמִשְׁפְּחֹתָ֖ם מַחְלִ֣י וּמוּשִׁ֑י אֵ֥לֶּה הֵ֛ם מִשְׁפְּחֹ֥ת הַלֵּוִ֖י לְבֵ֥ית אֲבֹתָֽם׃ | 20 |
और मिरारी के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले, महली और मूशी हैं। लावियों के घराने उनके आबाई ख़ान्दानों के मुवाफ़िक़ यही हैं।
לְגֵ֣רְשׁ֔וֹן מִשְׁפַּ֙חַת֙ הַלִּבְנִ֔י וּמִשְׁפַּ֖חַת הַשִּׁמְעִ֑י אֵ֣לֶּה הֵ֔ם מִשְׁפְּחֹ֖ת הַגֵּרְשֻׁנִּֽי׃ | 21 |
और जैरसोन से लिबनियों और सिम'ईयों के ख़ान्दान चले; यह जैरसोनियों के ख़ान्दान हैं।
פְּקֻדֵיהֶם֙ בְּמִסְפַּ֣ר כָּל־זָכָ֔ר מִבֶּן־חֹ֖דֶשׁ וָמָ֑עְלָה פְּקֻ֣דֵיהֶ֔ם שִׁבְעַ֥ת אֲלָפִ֖ים וַחֲמֵ֥שׁ מֵאֽוֹת׃ | 22 |
इनमें जितने फ़रज़न्द — ए — नरीना एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के थे वह सब गिने गए और उनका शुमार सात हज़ार पाँच सौ था।
מִשְׁפְּחֹ֖ת הַגֵּרְשֻׁנִּ֑י אַחֲרֵ֧י הַמִּשְׁכָּ֛ן יַחֲנ֖וּ יָֽמָּה׃ | 23 |
जैरसोनियों के ख़ान्दानों के आदमी घर के पीछे पश्चिम की तरफ़ अपने ख़ेमे लगाया करें।
וּנְשִׂ֥יא בֵֽית־אָ֖ב לַגֵּרְשֻׁנִּ֑י אֶלְיָסָ֖ף בֶּן־לָאֵֽל׃ | 24 |
और लाएल का बेटा इलियासफ़, जैरसोनियों के आबाई ख़ान्दानों का सरदार हो।
וּמִשְׁמֶ֤רֶת בְּנֵֽי־גֵרְשׁוֹן֙ בְּאֹ֣הֶל מוֹעֵ֔ד הַמִּשְׁכָּ֖ן וְהָאֹ֑הֶל מִכְסֵ֕הוּ וּמָסַ֕ךְ פֶּ֖תַח אֹ֥הֶל מוֹעֵֽד׃ | 25 |
और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के जो सामान बनी जैरसोन की हिफ़ाज़त में सौंपे जाएँ वह यह हैं: घर और ख़ेमा, और उसका ग़िलाफ़, और ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े का पर्दा,
וְקַלְעֵ֣י הֶֽחָצֵ֗ר וְאֶת־מָסַךְ֙ פֶּ֣תַח הֶֽחָצֵ֔ר אֲשֶׁ֧ר עַל־הַמִּשְׁכָּ֛ן וְעַל־הַמִּזְבֵּ֖חַ סָבִ֑יב וְאֵת֙ מֵֽיתָרָ֔יו לְכֹ֖ל עֲבֹדָתֽוֹ׃ | 26 |
और घर और मज़बह के गिर्द के सहन के पर्दे, और सहन के दरवाज़े का पर्दा, और वह सब रस्सियाँ जो उसमें काम आती हैं।
וְלִקְהָ֗ת מִשְׁפַּ֤חַת הַֽעַמְרָמִי֙ וּמִשְׁפַּ֣חַת הַיִּצְהָרִ֔י וּמִשְׁפַּ֙חַת֙ הַֽחֶבְרֹנִ֔י וּמִשְׁפַּ֖חַת הָֽעָזִּיאֵלִ֑י אֵ֥לֶּה הֵ֖ם מִשְׁפְּחֹ֥ת הַקְּהָתִֽי׃ | 27 |
और क़िहात से 'अमरामियों और इज़हारियों और हबरूनियों और 'उज़्ज़ीएलियों के ख़ान्दान चले; ये क़िहातियों के ख़ान्दान हैं।
בְּמִסְפַּר֙ כָּל־זָכָ֔ר מִבֶּן־חֹ֖דֶשׁ וָמָ֑עְלָה שְׁמֹנַ֤ת אֲלָפִים֙ וְשֵׁ֣שׁ מֵא֔וֹת שֹׁמְרֵ֖י מִשְׁמֶ֥רֶת הַקֹּֽדֶשׁ׃ | 28 |
उनके फ़र्ज़न्द — ए — नरीना एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के आठ हज़ार छ: सौ थे। हैकल की निगहबानी इनके ज़िम्मे थी।
מִשְׁפְּחֹ֥ת בְּנֵי־קְהָ֖ת יַחֲנ֑וּ עַ֛ל יֶ֥רֶךְ הַמִּשְׁכָּ֖ן תֵּימָֽנָה׃ | 29 |
बनी क़िहात के ख़ान्दानों के आदमी घर की दख्खिनी सिम्त में अपने ख़ेमे डाला करें।
וּנְשִׂ֥יא בֵֽית־אָ֖ב לְמִשְׁפְּחֹ֣ת הַקְּהָתִ֑י אֶלִיצָפָ֖ן בֶּן־עֻזִּיאֵֽל׃ | 30 |
और 'उज़्ज़ीएल का बेटा इलिसफ़न क़िहातियों के घरानों के आबाई खान्दान का सरदार हो।
וּמִשְׁמַרְתָּ֗ם הָאָרֹ֤ן וְהַשֻּׁלְחָן֙ וְהַמְּנֹרָ֣ה וְהַֽמִּזְבְּחֹ֔ת וּכְלֵ֣י הַקֹּ֔דֶשׁ אֲשֶׁ֥ר יְשָׁרְת֖וּ בָּהֶ֑ם וְהַ֨מָּסָ֔ךְ וְכֹ֖ל עֲבֹדָתֽוֹ׃ | 31 |
और सन्दूक़ और मेज़ और शमा'दान और दोनों मज़बहे और हैकल के बर्तन, जो इबादत के काम में आते हैं, और पर्दे और हैकल में बर्तन का सारा सामान, यह सब उनके ज़िम्मे हों।
וּנְשִׂיא֙ נְשִׂיאֵ֣י הַלֵּוִ֔י אֶלְעָזָ֖ר בֶּן־אַהֲרֹ֣ן הַכֹּהֵ֑ן פְּקֻדַּ֕ת שֹׁמְרֵ֖י מִשְׁמֶ֥רֶת הַקֹּֽדֶשׁ׃ | 32 |
और हारून काहिन का बेटा इली'एलियाज़र लावियों के सरदारों का सरदार और हैकल के मुत्वल्लियों का नाज़िर हो।
לִמְרָרִ֕י מִשְׁפַּ֙חַת֙ הַמַּחְלִ֔י וּמִשְׁפַּ֖חַת הַמּוּשִׁ֑י אֵ֥לֶּה הֵ֖ם מִשְׁפְּחֹ֥ת מְרָרִֽי׃ | 33 |
मिरारी से महलियों और मूशियों के ख़ान्दान चले; यह मिरारियों के ख़ान्दान हैं।
וּפְקֻדֵיהֶם֙ בְּמִסְפַּ֣ר כָּל־זָכָ֔ר מִבֶּן־חֹ֖דֶשׁ וָמָ֑עְלָה שֵׁ֥שֶׁת אֲלָפִ֖ים וּמָאתָֽיִם׃ | 34 |
इनमें जितने फ़रज़न्द — ए — नरीना एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के थे वह छः हज़ार दो सौ थे।
וּנְשִׂ֤יא בֵֽית־אָב֙ לְמִשְׁפְּחֹ֣ת מְרָרִ֔י צוּרִיאֵ֖ל בֶּן־אֲבִיחָ֑יִל עַ֣ל יֶ֧רֶךְ הַמִּשְׁכָּ֛ן יַחֲנ֖וּ צָפֹֽנָה׃ | 35 |
और अबीख़ैल का बेटा सूरीएल मिरारियों के घरानों के आबाई ख़ान्दान का सरदार हो। यह लोग घर की उत्तरी सिम्त में अपने ख़ेमे डाला करें।
וּפְקֻדַּ֣ת מִשְׁמֶרֶת֮ בְּנֵ֣י מְרָרִי֒ קַרְשֵׁי֙ הַמִּשְׁכָּ֔ן וּבְרִיחָ֖יו וְעַמֻּדָ֣יו וַאֲדָנָ֑יו וְכָל־כֵּלָ֔יו וְכֹ֖ל עֲבֹדָתֽוֹ׃ | 36 |
और घर के तख़्तों और उसकी बेडों और सुतूनों और ख़ानों और उसके सब आलात, और उसकी ख़िदमत के सब लवाज़िम की मुहाफ़िज़त,
וְעַמֻּדֵ֧י הֶחָצֵ֛ר סָבִ֖יב וְאַדְנֵיהֶ֑ם וִיתֵדֹתָ֖ם וּמֵֽיתְרֵיהֶֽם׃ | 37 |
और सहन के चारों तरफ़ के सुतूनों, और ख़ानों और मेख़ों और रस्सियों की निगरानी बनी मिरारी के ज़िम्मे हो।
וְהַחֹנִ֣ים לִפְנֵ֣י הַמִּשְׁכָּ֡ן קֵ֣דְמָה לִפְנֵי֩ אֹֽהֶל־מוֹעֵ֨ד ׀ מִזְרָ֜חָה מֹשֶׁ֣ה ׀ וְאַהֲרֹ֣ן וּבָנָ֗יו שֹֽׁמְרִים֙ מִשְׁמֶ֣רֶת הַמִּקְדָּ֔שׁ לְמִשְׁמֶ֖רֶת בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וְהַזָּ֥ר הַקָּרֵ֖ב יוּמָֽת׃ | 38 |
और घर के आगे पश्चिम की तरफ़ जिधर से सूरज निकलता है, या'नी ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के आगे, मूसा और हारून और उसके बेटे अपने ख़ेमे लगाया करें और बनी — इस्राईल के बदले हैकल की हिफ़ाज़त किया करें; और जो अजनबी शख़्स उसके नज़दीक आए वह जान से मारा जाए।
כָּל־פְּקוּדֵ֨י הַלְוִיִּ֜ם אֲשֶׁר֩ פָּקַ֨ד מֹשֶׁ֧ה וְׄאַׄהֲׄרֹ֛ׄןׄ עַל־פִּ֥י יְהוָ֖ה לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם כָּל־זָכָר֙ מִבֶּן־חֹ֣דֶשׁ וָמַ֔עְלָה שְׁנַ֥יִם וְעֶשְׂרִ֖ים אָֽלֶף׃ ס | 39 |
इसलिए लावियों में से जितने एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के थे उनको मूसा और हारून ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुवाफ़िक़ उनके घरानों के मुताबिक़ गिना, वह शुमार में बाईस हज़ार थे।
וַיֹּ֨אמֶר יְהוָ֜ה אֶל־מֹשֶׁ֗ה פְּקֹ֨ד כָּל־בְּכֹ֤ר זָכָר֙ לִבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל מִבֶּן־חֹ֖דֶשׁ וָמָ֑עְלָה וְשָׂ֕א אֵ֖ת מִסְפַּ֥ר שְׁמֹתָֽם׃ | 40 |
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि “बनी इस्राईल के सब नरीना पहलौटे, एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के गिन ले और उनके नामों का शुमार लगा।
וְלָקַחְתָּ֨ אֶת־הַלְוִיִּ֥ם לִי֙ אֲנִ֣י יְהוָ֔ה תַּ֥חַת כָּל־בְּכֹ֖ר בִּבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וְאֵת֙ בֶּהֱמַ֣ת הַלְוִיִּ֔ם תַּ֣חַת כָּל־בְּכ֔וֹר בְּבֶהֱמַ֖ת בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 41 |
और बनी — इस्राईल के सब पहलौठों के बदले लावियों को, और बनी — इस्राईल के चौपायों के सब पहलौठों के बदले लावियों के चौपायों को मेरे लिए ले। मैं ख़ुदावन्द हूँ।”
וַיִּפְקֹ֣ד מֹשֶׁ֔ה כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֹת֑וֹ אֶֽת־כָּל־בְּכֹ֖ר בִּבְנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 42 |
चुनाँचे मूसा ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ बनी — इस्राईल के सब पहलौठों को गिना।
וַיְהִי֩ כָל־בְּכ֨וֹר זָכָ֜ר בְּמִסְפַּ֥ר שֵׁמ֛וֹת מִבֶּן־חֹ֥דֶשׁ וָמַ֖עְלָה לִפְקֻדֵיהֶ֑ם שְׁנַ֤יִם וְעֶשְׂרִים֙ אֶ֔לֶף שְׁלֹשָׁ֥ה וְשִׁבְעִ֖ים וּמָאתָֽיִם׃ פ | 43 |
तब जितने नरीना पहलौठे एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के गिने गए, वह नामों के शुमार के मुताबिक़ बाईस हज़ार दो सौ तिहतर थे।
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃ | 44 |
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा कि;
קַ֣ח אֶת־הַלְוִיִּ֗ם תַּ֤חַת כָּל־בְּכוֹר֙ בִּבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל וְאֶת־בֶּהֱמַ֥ת הַלְוִיִּ֖ם תַּ֣חַת בְּהֶמְתָּ֑ם וְהָיוּ־לִ֥י הַלְוִיִּ֖ם אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ | 45 |
“बनी — इस्राईल के सब पहलौठों के बदले लावियों को, और उनके चौपायों के बदले लावियों के चौपायों को ले; और लावी मेरे हों, मैं ख़ुदावन्द हूँ।
וְאֵת֙ פְּדוּיֵ֣י הַשְּׁלֹשָׁ֔ה וְהַשִּׁבְעִ֖ים וְהַמָּאתָ֑יִם הָעֹֽדְפִים֙ עַל־הַלְוִיִּ֔ם מִבְּכ֖וֹר בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 46 |
और बनी — इस्राईल के पहलौठों में जो दो सौ तिहत्तर लावियों के शुमार से ज़्यादा हैं, उनके फ़िदिये के लिए
וְלָקַחְתָּ֗ חֲמֵ֧שֶׁת חֲמֵ֛שֶׁת שְׁקָלִ֖ים לַגֻּלְגֹּ֑לֶת בְּשֶׁ֤קֶל הַקֹּ֙דֶשׁ֙ תִּקָּ֔ח עֶשְׂרִ֥ים גֵּרָ֖ה הַשָּֽׁקֶל׃ | 47 |
तू हैकल की मिस्काल के हिसाब से हर शख़्स पाँच मिस्काल लेना एक मिस्क़ाल बीस जीरह का होता है।
וְנָתַתָּ֣ה הַכֶּ֔סֶף לְאַהֲרֹ֖ן וּלְבָנָ֑יו פְּדוּיֵ֕י הָעֹדְפִ֖ים בָּהֶֽם׃ | 48 |
और इनके फ़िदिये का रुपया जो शुमार में ज़्यादा हैं तू हारून और उसके बेटों को देना।”
וַיִּקַּ֣ח מֹשֶׁ֔ה אֵ֖ת כֶּ֣סֶף הַפִּדְי֑וֹם מֵאֵת֙ הָעֹ֣דְפִ֔ים עַ֖ל פְּדוּיֵ֥י הַלְוִיִּֽם׃ | 49 |
तब जो उनसे जिनको लावियों ने छुड़ाया था, शुमार में ज़्यादा निकले थे उनके फ़िदिये का रुपया मूसा ने उनसे लिया।
מֵאֵ֗ת בְּכ֛וֹר בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל לָקַ֣ח אֶת־הַכָּ֑סֶף חֲמִשָּׁ֨ה וְשִׁשִּׁ֜ים וּשְׁלֹ֥שׁ מֵא֛וֹת וָאֶ֖לֶף בְּשֶׁ֥קֶל הַקֹּֽדֶשׁ׃ | 50 |
ये रुपया उसने बनी — इस्राईल के पहलौठों से लिया, इसलिए हैकल की मिस्काल के हिसाब से एक हज़ार तीन सौ पैंसठ मिस्क़ालें वसूल हुई।
וַיִּתֵּ֨ן מֹשֶׁ֜ה אֶת־כֶּ֧סֶף הַפְּדוּיִ֛ם לְאַהֲרֹ֥ן וּלְבָנָ֖יו עַל־פִּ֣י יְהוָ֑ה כַּאֲשֶׁ֛ר צִוָּ֥ה יְהוָ֖ה אֶת־מֹשֶֽׁה׃ פ | 51 |
और मूसा ने ख़ुदावन्द के हुक्म के मुताबिक़ फ़िदिये का रुपया जैसा ख़ुदावन्द ने मूसा को फ़रमाया था, हारून और उसके बेटों को दिया।