< בְּמִדְבַּר 26 >
וַיְהִ֖י אַחֲרֵ֣י הַמַּגֵּפָ֑ה פ וַיֹּ֤אמֶר יְהוָה֙ אֶל־מֹשֶׁ֔ה וְאֶ֧ל אֶלְעָזָ֛ר בֶּן־אַהֲרֹ֥ן הַכֹּהֵ֖ן לֵאמֹֽר׃ | 1 |
और वबा के बाद ख़ुदावन्द ने मूसा और हारून काहिन के बोटे इली'एलियाज़र से कहा कि,
שְׂא֞וּ אֶת־רֹ֣אשׁ ׀ כָּל־עֲדַ֣ת בְּנֵי־יִשְׂרָאֵ֗ל מִבֶּ֨ן עֶשְׂרִ֥ים שָׁנָ֛ה וָמַ֖עְלָה לְבֵ֣ית אֲבֹתָ֑ם כָּל־יֹצֵ֥א צָבָ֖א בְּיִשְׂרָאֵֽל׃ | 2 |
“बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत में बीस बरस और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के जितने इस्राईली जंग करने के क़ाबिल हैं, उन सभों को उनके आबाई ख़ान्दानों के मुताबिक़ गिनो।”
וַיְדַבֵּ֨ר מֹשֶׁ֜ה וְאֶלְעָזָ֧ר הַכֹּהֵ֛ן אֹתָ֖ם בְּעַֽרְבֹ֣ת מוֹאָ֑ב עַל־יַרְדֵּ֥ן יְרֵח֖וֹ לֵאמֹֽר׃ | 3 |
चुनाँचे मूसा और इली'एलियाज़र काहिन ने मोआब के मैदानों में जो यरदन के किनारे किनारे यरीहू के सामने हैं, उन लोगों से कहा,
מִבֶּ֛ן עֶשְׂרִ֥ים שָׁנָ֖ה וָמָ֑עְלָה כַּאֲשֶׁר֩ צִוָּ֨ה יְהוָ֤ה אֶת־מֹשֶׁה֙ וּבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל הַיֹּצְאִ֖ים מֵאֶ֥רֶץ מִצְרָֽיִם׃ | 4 |
कि “बीस बरस और उससे ऊपर — ऊपर की उम्र के आदमियों को वैसे ही गिन लो जैसे ख़ुदावन्द ने मूसा और बनी — इस्राईल को, जब वह मुल्क — ए — मिस्र से निकल आए थे हुक्म किया था।”
רְאוּבֵ֖ן בְּכ֣וֹר יִשְׂרָאֵ֑ל בְּנֵ֣י רְאוּבֵ֗ן חֲנוֹךְ֙ מִשְׁפַּ֣חַת הַחֲנֹכִ֔י לְפַלּ֕וּא מִשְׁפַּ֖חַת הַפַּלֻּאִֽי׃ | 5 |
रूबिन जो इस्राईल का पहलौठा था उसके बेटे यह हैं, या'नी हनूक, जिससे हनूकियों का ख़ान्दान चला; और फ़ल्लू, जिससे फ़लवियों का ख़ान्दान चला;
לְחֶצְרֹ֕ן מִשְׁפַּ֖חַת הַֽחֶצְרוֹנִ֑י לְכַרְמִ֕י מִשְׁפַּ֖חַת הַכַּרְמִֽי׃ | 6 |
और हसरोन, जिससे हसरोनियों का ख़ान्दान चला; और करमी, जिससे करमियों का ख़ान्दान चला।
אֵ֖לֶּה מִשְׁפְּחֹ֣ת הָרֻֽאוּבֵנִ֑י וַיִּהְי֣וּ פְקֻדֵיהֶ֗ם שְׁלֹשָׁ֤ה וְאַרְבָּעִים֙ אֶ֔לֶף וּשְׁבַ֥ע מֵא֖וֹת וּשְׁלֹשִֽׁים׃ | 7 |
ये बनी रूबिन के ख़ान्दान हैं, और इनमें से जो गिने गए वह तैन्तालीस हज़ार सात सौ तीस थे।
וּבְנֵ֥י פַלּ֖וּא אֱלִיאָֽב׃ | 8 |
और फ़ल्लू का बेटा इलियाब था,
וּבְנֵ֣י אֱלִיאָ֔ב נְמוּאֵ֖ל וְדָתָ֣ן וַאֲבִירָ֑ם הֽוּא־דָתָ֨ן וַאֲבִירָ֜ם קְרִיאֵ֣י הָעֵדָ֗ה אֲשֶׁ֨ר הִצּ֜וּ עַל־מֹשֶׁ֤ה וְעַֽל־אַהֲרֹן֙ בַּעֲדַת־קֹ֔רַח בְּהַצֹּתָ֖ם עַל־יְהוָֽה׃ | 9 |
और इलियाब के बेटे नमूएल और दातन और अबीराम थे। यह वही दातन और अबीराम हैं जो जमा'अत के चुने हुए थे, और जब क़ोरह के फ़रीक़ ने ख़ुदावन्द से झगड़ा किया तो यह भी उस फ़रीक़ के साथ मिल कर मूसा और हारून से झगड़े;
וַתִּפְתַּ֨ח הָאָ֜רֶץ אֶת־פִּ֗יהָ וַתִּבְלַ֥ע אֹתָ֛ם וְאֶת־קֹ֖רַח בְּמ֣וֹת הָעֵדָ֑ה בַּאֲכֹ֣ל הָאֵ֗שׁ אֵ֣ת חֲמִשִּׁ֤ים וּמָאתַ֙יִם֙ אִ֔ישׁ וַיִּהְי֖וּ לְנֵֽס׃ | 10 |
और जब उन ढाई सौ आदमियों के आग में भसम हो जाने से वह फ़रीक़ हलाक हो गया, उसी मौक़े' पर ज़मीन ने मुँह खोल कर क़ोरह के साथ उनको भी निगल लिया था; और वह सब 'इबरत का निशान ठहरे।
וּבְנֵי־קֹ֖רַח לֹא־מֵֽתוּ׃ ס | 11 |
लेकिन क़ोरह के बेटे नहीं मरे थे।
בְּנֵ֣י שִׁמְעוֹן֮ לְמִשְׁפְּחֹתָם֒ לִנְמוּאֵ֗ל מִשְׁפַּ֙חַת֙ הַנְּמ֣וּאֵלִ֔י לְיָמִ֕ין מִשְׁפַּ֖חַת הַיָּמִינִ֑י לְיָכִ֕ין מִשְׁפַּ֖חַת הַיָּכִינִֽי׃ | 12 |
और शमौन के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी नमूएल, जिससे नमूएलियों का ख़ान्दान चला; और यमीन, जिससे यमीनियों का ख़ान्दान चला; और यकीन, जिससे यकीनियों का ख़ान्दान चला;
לְזֶ֕רַח מִשְׁפַּ֖חַת הַזַּרְחִ֑י לְשָׁא֕וּל מִשְׁפַּ֖חַת הַשָּׁאוּלִֽי׃ | 13 |
और ज़ारह, जिससे ज़ारहियों का ख़ान्दान चला; और साऊल, जिससे साऊलियों का ख़ान्दान चला।
אֵ֖לֶּה מִשְׁפְּחֹ֣ת הַשִּׁמְעֹנִ֑י שְׁנַ֧יִם וְעֶשְׂרִ֛ים אֶ֖לֶף וּמָאתָֽיִם׃ ס | 14 |
तब बनी शमौन के ख़ान्दानों में से बाईस हज़ार दो सौ आदमी गिने गए।
בְּנֵ֣י גָד֮ לְמִשְׁפְּחֹתָם֒ לִצְפ֗וֹן מִשְׁפַּ֙חַת֙ הַצְּפוֹנִ֔י לְחַגִּ֕י מִשְׁפַּ֖חַת הַֽחַגִּ֑י לְשׁוּנִ֕י מִשְׁפַּ֖חַת הַשּׁוּנִֽי׃ | 15 |
और जद्द के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी सफ़ोन, जिससे सफ़ोनियों का ख़ान्दान चला; और हज्जी, जिससे हज्जियों का ख़ान्दान चला; और सूनी, जिससे सूनियों का ख़ान्दान चला;
לְאָזְנִ֕י מִשְׁפַּ֖חַת הָאָזְנִ֑י לְעֵרִ֕י מִשְׁפַּ֖חַת הָעֵרִֽי׃ | 16 |
और उज़नी जिससे उज़नियों का ख़ान्दान चला; और 'एरी, जिससे 'एरियों का ख़ान्दान चला;
לַאֲר֕וֹד מִשְׁפַּ֖חַת הָאֲרוֹדִ֑י לְאַ֨רְאֵלִ֔י מִשְׁפַּ֖חַת הָאַרְאֵלִֽי׃ | 17 |
और अरूद, जिससे अरूदियों का ख़ान्दान चला; और अरेली, जिससे अरेलियों का ख़ान्दान चला।
אֵ֛לֶּה מִשְׁפְּחֹ֥ת בְּנֵֽי־גָ֖ד לִפְקֻדֵיהֶ֑ם אַרְבָּעִ֥ים אֶ֖לֶף וַחֲמֵ֥שׁ מֵאֽוֹת׃ ס | 18 |
बनी जद्द के यही घराने हैं, जो इनमें से गिने गए वह चालीस हज़ार पाँच सौ थे।
בְּנֵ֥י יְהוּדָ֖ה עֵ֣ר וְאוֹנָ֑ן וַיָּ֥מָת עֵ֛ר וְאוֹנָ֖ן בְּאֶ֥רֶץ כְּנָֽעַן׃ | 19 |
यहूदाह के बेटों में से 'एर और ओनान तो मुल्क — ए — कना'न ही में मर गए।
וַיִּהְי֣וּ בְנֵי־יְהוּדָה֮ לְמִשְׁפְּחֹתָם֒ לְשֵׁלָ֗ה מִשְׁפַּ֙חַת֙ הַשֵּׁ֣לָנִ֔י לְפֶ֕רֶץ מִשְׁפַּ֖חַת הַפַּרְצִ֑י לְזֶ֕רַח מִשְׁפַּ֖חַת הַזַּרְחִֽי׃ | 20 |
और यहूदाह के और बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी सीला, जिससे सीलानियों का ख़ान्दान चला; और फ़ारस, जिससे फ़ारसियों का ख़ान्दान चला; और ज़ारह, जिससे ज़ारहियों का ख़ान्दान चला।
וַיִּהְי֣וּ בְנֵי־פֶ֔רֶץ לְחֶצְרֹ֕ן מִשְׁפַּ֖חַת הַֽחֶצְרֹנִ֑י לְחָמ֕וּל מִשְׁפַּ֖חַת הֶחָמוּלִֽי׃ | 21 |
फ़ारस के बेटे यह हैं, या'नी हसरोन, जिससे हसरोनियों का ख़ान्दान चला; और हमूल, जिससे हमूलियों का ख़ान्दान चला।
אֵ֛לֶּה מִשְׁפְּחֹ֥ת יְהוּדָ֖ה לִפְקֻדֵיהֶ֑ם שִׁשָּׁ֧ה וְשִׁבְעִ֛ים אֶ֖לֶף וַחֲמֵ֥שׁ מֵאֽוֹת׃ ס | 22 |
ये बनी यहूदाह के घराने हैं। इनमें से छिहत्तर हज़ार पाँच सौ आदमी गिने गए।
בְּנֵ֤י יִשָּׂשכָר֙ לְמִשְׁפְּחֹתָ֔ם תּוֹלָ֕ע מִשְׁפַּ֖חַת הַתּוֹלָעִ֑י לְפֻוָ֕ה מִשְׁפַּ֖חַת הַפּוּנִֽי׃ | 23 |
और इश्कार के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी तोला', जिससे तोल'इयों का ख़ान्दान चला; और फ़ुव्वा, जिससे फ़ुवियों का ख़ान्दान चला:
לְיָשׁ֕וּב מִשְׁפַּ֖חַת הַיָּשׁוּבִ֑י לְשִׁמְרֹ֕ן מִשְׁפַּ֖חַת הַשִּׁמְרֹנִֽי׃ | 24 |
यसूब, जिससे यसूबियों का ख़ान्दान चला; सिमरोन, जिससे सिमरोनियों का ख़ान्दान चला।
אֵ֛לֶּה מִשְׁפְּחֹ֥ת יִשָּׂשכָ֖ר לִפְקֻדֵיהֶ֑ם אַרְבָּעָ֧ה וְשִׁשִּׁ֛ים אֶ֖לֶף וּשְׁלֹ֥שׁ מֵאֽוֹת׃ ס | 25 |
यह बनी इश्कार के घराने हैं। इनमें से जो गिने गए वह चौंसठ हज़ार तीन सौ थे।
בְּנֵ֣י זְבוּלֻן֮ לְמִשְׁפְּחֹתָם֒ לְסֶ֗רֶד מִשְׁפַּ֙חַת֙ הַסַּרְדִּ֔י לְאֵל֕וֹן מִשְׁפַּ֖חַת הָאֵלֹנִ֑י לְיַ֨חְלְאֵ֔ל מִשְׁפַּ֖חַת הַיַּחְלְאֵלִֽי׃ | 26 |
और ज़बूलून के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी सरद, जिससे सरदियों का ख़ान्दान चला; एलोन, जिससे एलोनियों का ख़ान्दान चला; यहलीएल, जिससे यहलीएलियों का ख़ान्दान चला।
אֵ֛לֶּה מִשְׁפְּחֹ֥ת הַזְּבוּלֹנִ֖י לִפְקֻדֵיהֶ֑ם שִׁשִּׁ֥ים אֶ֖לֶף וַחֲמֵ֥שׁ מֵאֽוֹת׃ ס | 27 |
यह बनी ज़बूलून के घराने हैं। इनमें से साठ हज़ार पाँच सौ आदमी गिने गए।
בְּנֵ֥י יוֹסֵ֖ף לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם מְנַשֶּׁ֖ה וְאֶפְרָֽיִם׃ | 28 |
और यूसुफ़ के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी मनस्सी और इफ़्राईम।
בְּנֵ֣י מְנַשֶּׁ֗ה לְמָכִיר֙ מִשְׁפַּ֣חַת הַמָּכִירִ֔י וּמָכִ֖יר הוֹלִ֣יד אֶת־גִּלְעָ֑ד לְגִלְעָ֕ד מִשְׁפַּ֖חַת הַגִּלְעָדִֽי׃ | 29 |
और मनस्सी का बेटा मकीर था, जिससे मकीरियों का ख़ान्दान चला; और मकीर से जिल'आद पैदा हुआ, जिससे जिल'आदियों का ख़ान्दान चला।
אֵ֚לֶּה בְּנֵ֣י גִלְעָ֔ד אִיעֶ֕זֶר מִשְׁפַּ֖חַת הָאִֽיעֶזְרִ֑י לְחֵ֕לֶק מִשְׁפַּ֖חַת הַֽחֶלְקִֽי׃ | 30 |
और जिल'आद के बेटे यह हैं, या'नी ई'एलियाज़र, जिससे ई'अज़रियों का ख़ान्दान चला; और ख़लक़, जिससे ख़लक़ियों का ख़ान्दान चला;
וְאַ֨שְׂרִיאֵ֔ל מִשְׁפַּ֖חַת הָֽאַשְׂרִֽאֵלִ֑י וְשֶׁ֕כֶם מִשְׁפַּ֖חַת הַשִּׁכְמִֽי׃ | 31 |
और असरीएल, जिससे असरिएलियों का ख़ान्दान चला; और सिकम, जिससे सिकमियों का ख़ान्दान चला;
וּשְׁמִידָ֕ע מִשְׁפַּ֖חַת הַשְּׁמִידָעִ֑י וְחֵ֕פֶר מִשְׁפַּ֖חַת הַֽחֶפְרִֽי׃ | 32 |
और समीदा', जिससे समीदा'इयों का ख़ान्दान चला; और हिफ़्र, जिससे हिफ़्रियों का ख़ान्दान चला।
וּצְלָפְחָ֣ד בֶּן־חֵ֗פֶר לֹא־הָ֥יוּ ל֛וֹ בָּנִ֖ים כִּ֣י אִם־בָּנ֑וֹת וְשֵׁם֙ בְּנ֣וֹת צְלָפְחָ֔ד מַחְלָ֣ה וְנֹעָ֔ה חָגְלָ֥ה מִלְכָּ֖ה וְתִרְצָֽה׃ | 33 |
और हिफ़्र के बेटे सिलाफ़िहाद के यहाँ कोई बेटा नहीं बल्कि बेटियाँ ही हुई, और सिलाफ़िहाद की बेटियों के नाम यह हैं: महलाह, और नू'आह, और हुजलाह, और मिल्काह, और तिरज़ाह।
אֵ֖לֶּה מִשְׁפְּחֹ֣ת מְנַשֶּׁ֑ה וּפְקֻ֣דֵיהֶ֔ם שְׁנַ֧יִם וַחֲמִשִּׁ֛ים אֶ֖לֶף וּשְׁבַ֥ע מֵאֽוֹת׃ ס | 34 |
यह बनी मनस्सी के घराने हैं। इनमें से जो गिने गए वह बावन हज़ार सात सौ थे।
אֵ֣לֶּה בְנֵי־אֶפְרַיִם֮ לְמִשְׁפְּחֹתָם֒ לְשׁוּתֶ֗לַח מִשְׁפַּ֙חַת֙ הַשֻּׁ֣תַלְחִ֔י לְבֶ֕כֶר מִשְׁפַּ֖חַת הַבַּכְרִ֑י לְתַ֕חַן מִשְׁפַּ֖חַת הַֽתַּחֲנִֽי׃ | 35 |
और इफ़्राईम के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी सुतलह, जिससे सुतलहियों का ख़ान्दान चला; और बकर, जिससे बकरियों का ख़ान्दान चला; और तहन जिससे तहनियों का ख़ान्दान चला।
וְאֵ֖לֶּה בְּנֵ֣י שׁוּתָ֑לַח לְעֵרָ֕ן מִשְׁפַּ֖חַת הָעֵרָנִֽי׃ | 36 |
और सुतलह का बेटा 'ईरान था, जिससे 'ईरानियों का ख़ान्दान चला।
אֵ֣לֶּה מִשְׁפְּחֹ֤ת בְּנֵי־אֶפְרַ֙יִם֙ לִפְקֻ֣דֵיהֶ֔ם שְׁנַ֧יִם וּשְׁלֹשִׁ֛ים אֶ֖לֶף וַחֲמֵ֣שׁ מֵא֑וֹת אֵ֥לֶּה בְנֵי־יוֹסֵ֖ף לְמִשְׁפְּחֹתָֽם׃ ס | 37 |
यह बनी इफ़्राईम के घराने हैं। इनमें से जो गिने गए वह बत्तीस हज़ार पाँच सौ थे। यूसुफ़ के बेटों के ख़ान्दान यही हैं।
בְּנֵ֣י בִנְיָמִן֮ לְמִשְׁפְּחֹתָם֒ לְבֶ֗לַע מִשְׁפַּ֙חַת֙ הַבַּלְעִ֔י לְאַשְׁבֵּ֕ל מִשְׁפַּ֖חַת הָֽאַשְׁבֵּלִ֑י לַאֲחִירָ֕ם מִשְׁפַּ֖חַת הָאֲחִירָמִֽי׃ | 38 |
और बिनयमीन के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी बला', जिससे बला'इयों का ख़ान्दान चला; और अशबील, जिससे अशबीलियों का ख़ान्दान चला; और अख़ीराम, जिससे अख़ीरामियों का ख़ान्दान चला;
לִשְׁפוּפָ֕ם מִשְׁפַּ֖חַת הַשּׁוּפָמִ֑י לְחוּפָ֕ם מִשְׁפַּ֖חַת הַחוּפָמִֽי׃ | 39 |
और सूफ़ाम, जिससे सूफ़ामियों का ख़ान्दान चला; और हूफ़ाम, जिससे हूफ़ामियों का ख़ान्दान चला।
וַיִּהְי֥וּ בְנֵי־בֶ֖לַע אַ֣רְדְּ וְנַעֲמָ֑ן לְאַרְדְּ מִשְׁפַּ֙חַת֙ הָֽאַרְדִּ֔י לְנַֽעֲמָ֔ן מִשְׁפַּ֖חַת הַֽנַּעֲמִֽי׃ | 40 |
बाला' के दो बेटे थे एक अर्द, जिससे अर्दियों का ख़ान्दान चला; दूसरा ना'मान, जिससे ना'मानियों का ख़ानदान चला।
אֵ֥לֶּה בְנֵי־בִנְיָמִ֖ן לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם וּפְקֻ֣דֵיהֶ֔ם חֲמִשָּׁ֧ה וְאַרְבָּעִ֛ים אֶ֖לֶף וְשֵׁ֥שׁ מֵאֽוֹת׃ ס | 41 |
यह बनी बिनयमीन के घराने हैं। इनमें से जो गिने गए वह पैंतालस हजार छ: सौ थे।
אֵ֤לֶּה בְנֵי־דָן֙ לְמִשְׁפְּחֹתָ֔ם לְשׁוּחָ֕ם מִשְׁפַּ֖חַת הַשּׁוּחָמִ֑י אֵ֛לֶּה מִשְׁפְּחֹ֥ת דָּ֖ן לְמִשְׁפְּחֹתָֽם׃ | 42 |
और दान का बेटा जिससे उसका ख़ान्दान चला सुहाम था, उससे सूहामियों ख़ान्दान चला। दानियों का ख़ान्दान यही था।
כָּל־מִשְׁפְּחֹ֥ת הַשּׁוּחָמִ֖י לִפְקֻדֵיהֶ֑ם אַרְבָּעָ֧ה וְשִׁשִּׁ֛ים אֶ֖לֶף וְאַרְבַּ֥ע מֵאֽוֹת׃ ס | 43 |
सूहामियों के ख़ान्दान के जो आदमी गिने गए वह चौंसठ हज़ार चार सौ थे।
בְּנֵ֣י אָשֵׁר֮ לְמִשְׁפְּחֹתָם֒ לְיִמְנָ֗ה מִשְׁפַּ֙חַת֙ הַיִּמְנָ֔ה לְיִשְׁוִ֕י מִשְׁפַּ֖חַת הַיִּשְׁוִ֑י לִבְרִיעָ֕ה מִשְׁפַּ֖חַת הַבְּרִיעִֽי׃ | 44 |
और आशर के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी यिमना, जिससे यिमनियों का ख़ान्दान चला; और इसवी, जिससे इसवियों का ख़ान्दान चला; और बरी'अह, जिससे बरी'अहियों का ख़ान्दान चला।
לִבְנֵ֣י בְרִיעָ֔ה לְחֶ֕בֶר מִשְׁפַּ֖חַת הַֽחֶבְרִ֑י לְמַ֨לְכִּיאֵ֔ל מִשְׁפַּ֖חַת הַמַּלְכִּיאֵלִֽי׃ | 45 |
बनी बरी'आह यह हैं, या'नी हिब्र, जिससे हिब्रियों का ख़ान्दान चला; और मलकीएल, जिससे मलकीएलियों का ख़ान्दान चला।
וְשֵׁ֥ם בַּת־אָשֵׁ֖ר שָֽׂרַח׃ | 46 |
और आशर की बेटी का नाम सारा था।
אֵ֛לֶּה מִשְׁפְּחֹ֥ת בְּנֵי־אָשֵׁ֖ר לִפְקֻדֵיהֶ֑ם שְׁלֹשָׁ֧ה וַחֲמִשִּׁ֛ים אֶ֖לֶף וְאַרְבַּ֥ע מֵאֽוֹת׃ ס | 47 |
यह बनी आशर के घराने हैं, और जो इनमें से गिने गए वह तिरपन हज़ार चार सौ थे।
בְּנֵ֤י נַפְתָּלִי֙ לְמִשְׁפְּחֹתָ֔ם לְיַ֨חְצְאֵ֔ל מִשְׁפַּ֖חַת הַיַּחְצְאֵלִ֑י לְגוּנִ֕י מִשְׁפַּ֖חַת הַגּוּנִֽי׃ | 48 |
और नफ़्ताली के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी यहसीएल, जिससे यहसीएलियों का ख़ान्दान चला; और जूनी, जिससे जूनियों का ख़ान्दान चला;
לְיֵ֕צֶר מִשְׁפַּ֖חַת הַיִּצְרִ֑י לְשִׁלֵּ֕ם מִשְׁפַּ֖חַת הַשִּׁלֵּמִֽי׃ | 49 |
और यिस्र, जिससे यिस्रियों का ख़ान्दान चला; और सलीम, जिससे सलीमियों का ख़ान्दान चला।
אֵ֛לֶּה מִשְׁפְּחֹ֥ת נַפְתָּלִ֖י לְמִשְׁפְּחֹתָ֑ם וּפְקֻ֣דֵיהֶ֔ם חֲמִשָּׁ֧ה וְאַרְבָּעִ֛ים אֶ֖לֶף וְאַרְבַּ֥ע מֵאֽוֹת׃ | 50 |
यह बनी नफ़्ताली के घराने हैं, और जितने इनमें से गिने गए वह पैंतालीस हज़ार चार सौ थे।
אֵ֗לֶּה פְּקוּדֵי֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל שֵׁשׁ־מֵא֥וֹת אֶ֖לֶף וָאָ֑לֶף שְׁבַ֥ע מֵא֖וֹת וּשְׁלֹשִֽׁים׃ פ | 51 |
फिर बनी — इस्राईल में से जितने गिने गए वह सब मिला कर छः लाख एक हज़ार सात सौ तीस थे।
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃ | 52 |
और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
לָאֵ֗לֶּה תֵּחָלֵ֥ק הָאָ֛רֶץ בְּנַחֲלָ֖ה בְּמִסְפַּ֥ר שֵׁמֽוֹת׃ | 53 |
“इन ही को, इनके नामों के शुमार के मुवाफ़िक़ वह ज़मीन मीरास के तौर पर बाँट दी जाए।
לָרַ֗ב תַּרְבֶּה֙ נַחֲלָת֔וֹ וְלַמְעַ֕ט תַּמְעִ֖יט נַחֲלָת֑וֹ אִ֚ישׁ לְפִ֣י פְקֻדָ֔יו יֻתַּ֖ן נַחֲלָתֽוֹ׃ | 54 |
जिस क़बीले में ज़्यादा आदमी हों उसे ज़्यादा हिस्सा मिले, और जिसमें कम हों उसे कम हिस्सा मिले। हर क़बीले की मीरास उसके गिने हुए आदमियों के शुमार पर ख़त्म हो।
אַךְ־בְּגוֹרָ֕ל יֵחָלֵ֖ק אֶת־הָאָ֑רֶץ לִשְׁמ֥וֹת מַטּוֹת־אֲבֹתָ֖ם יִנְחָֽלוּ׃ | 55 |
लेकिन ज़मीन पर्ची से तक़्सीम की जाए। वह अपने आबाई क़बीलों के नामों के मुताबिक़ मीरास पाएँ।
עַל־פִּי֙ הַגּוֹרָ֔ל תֵּחָלֵ֖ק נַחֲלָת֑וֹ בֵּ֥ין רַ֖ב לִמְעָֽט׃ ס | 56 |
और चाहे ज़्यादा आदमियों का क़बीला हो या थोड़ों का, पर्चीसे उनकी मीरास तक़्सीम की जाए।”
וְאֵ֨לֶּה פְקוּדֵ֣י הַלֵּוִי֮ לְמִשְׁפְּחֹתָם֒ לְגֵרְשׁ֗וֹן מִשְׁפַּ֙חַת֙ הַגֵּ֣רְשֻׁנִּ֔י לִקְהָ֕ת מִשְׁפַּ֖חַת הַקְּהָתִ֑י לִמְרָרִ֕י מִשְׁפַּ֖חַת הַמְּרָרִֽי׃ | 57 |
और जो लावियों में से अपने — अपने ख़ान्दान के मुताबिक़ गिने गए वह यह हैं, या'नी जैरसोन से जैरसोनियों का घराना, क़िहात से क़िहातियों का घराना, मिरारी से मिरारियों का घराना।
אֵ֣לֶּה ׀ מִשְׁפְּחֹ֣ת לֵוִ֗י מִשְׁפַּ֨חַת הַלִּבְנִ֜י מִשְׁפַּ֤חַת הַֽחֶבְרֹנִי֙ מִשְׁפַּ֤חַת הַמַּחְלִי֙ מִשְׁפַּ֣חַת הַמּוּשִׁ֔י מִשְׁפַּ֖חַת הַקָּרְחִ֑י וּקְהָ֖ת הוֹלִ֥ד אֶת־עַמְרָֽם׃ | 58 |
और यह भी लावियों के घराने हैं, या'नी लिबनी का घराना, हबरून का घराना, महली का घराना, और मूशी का घराना, और कोरह का घराना। और क क़िहात से अमराम पैदा हुआ।
וְשֵׁ֣ם ׀ אֵ֣שֶׁת עַמְרָ֗ם יוֹכֶ֙בֶד֙ בַּת־לֵוִ֔י אֲשֶׁ֨ר יָלְדָ֥ה אֹתָ֛הּ לְלֵוִ֖י בְּמִצְרָ֑יִם וַתֵּ֣לֶד לְעַמְרָ֗ם אֶֽת־אַהֲרֹן֙ וְאֶת־מֹשֶׁ֔ה וְאֵ֖ת מִרְיָ֥ם אֲחֹתָֽם׃ | 59 |
और अमराम की बीवी का नाम यूकबिद था, जो लावी की बेटी थी और मिस्र में लावी के यहाँ पैदा हुई; इसी के हारून और मूसा और उनकी बहन मरियम अमराम से पैदा हुए।
וַיִּוָּלֵ֣ד לְאַהֲרֹ֔ן אֶת־נָדָ֖ב וְאֶת־אֲבִיה֑וּא אֶת־אֶלְעָזָ֖ר וְאֶת־אִיתָמָֽר׃ | 60 |
और हारून के बेटे यह थे: नदब और अबीहू और इली'एलियाज़र और ऐतामर।
וַיָּ֥מָת נָדָ֖ב וַאֲבִיה֑וּא בְּהַקְרִיבָ֥ם אֵשׁ־זָרָ֖ה לִפְנֵ֥י יְהוָֽה׃ | 61 |
और नदब और अबीहू तो उसी वक़्त मर गए जब उन्होंने ख़ुदावन्द के सामने ऊपरी आग पेश कीं थी।
וַיִּהְי֣וּ פְקֻדֵיהֶ֗ם שְׁלֹשָׁ֤ה וְעֶשְׂרִים֙ אֶ֔לֶף כָּל־זָכָ֖ר מִבֶּן־חֹ֣דֶשׁ וָמָ֑עְלָה כִּ֣י ׀ לֹ֣א הָתְפָּקְד֗וּ בְּתוֹךְ֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל כִּ֠י לֹא־נִתַּ֤ן לָהֶם֙ נַחֲלָ֔ה בְּת֖וֹךְ בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 62 |
फिर उनमें से जितने एक महीने और उससे ऊपर — ऊपर के नरीना फ़र्ज़न्द गिने गए वह तेईस हज़ार थे। यह बनी — इस्राईल के साथ नहीं गिने गए क्यूँकि इनको बनी — इस्राईल के साथ मीरास नहीं मिली।
אֵ֚לֶּה פְּקוּדֵ֣י מֹשֶׁ֔ה וְאֶלְעָזָ֖ר הַכֹּהֵ֑ן אֲשֶׁ֨ר פָּֽקְד֜וּ אֶת־בְּנֵ֤י יִשְׂרָאֵל֙ בְּעַֽרְבֹ֣ת מוֹאָ֔ב עַ֖ל יַרְדֵּ֥ן יְרֵחֽוֹ׃ | 63 |
तब मूसा और इली'एलियाज़र काहिन ने जिन बनी — इस्राईल को मोआब के मैदानों में जो यरदन के किनारे किनारे यरीहू के सामने हैं शुमार किया वह यही हैं।
וּבְאֵ֙לֶּה֙ לֹא־הָ֣יָה אִ֔ישׁ מִפְּקוּדֵ֣י מֹשֶׁ֔ה וְאַהֲרֹ֖ן הַכֹּהֵ֑ן אֲשֶׁ֥ר פָּקְד֛וּ אֶת־בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל בְּמִדְבַּ֥ר סִינָֽי׃ | 64 |
लेकिन जिन इस्राईलियों को मूसा और हारून काहिन ने सीना के जंगल में गिना था, उनमें से एक शख़्स भी इनमें न था।
כִּֽי־אָמַ֤ר יְהוָה֙ לָהֶ֔ם מ֥וֹת יָמֻ֖תוּ בַּמִּדְבָּ֑ר וְלֹא־נוֹתַ֤ר מֵהֶם֙ אִ֔ישׁ כִּ֚י אִם־כָּלֵ֣ב בֶּן־יְפֻנֶּ֔ה וִיהוֹשֻׁ֖עַ בִּן־נֽוּן׃ ס | 65 |
क्यूँकि ख़ुदावन्द ने उनके हक़ में कह दिया था कि वह यक़ीनन वीरान में मर जाएँगे, चुनाँचे उनमें से अलावा युफ़न्ना के बेटे कालिब और नून के बेटे यशू'अ के एक भी बाक़ी नहीं बचा था।