< יְהוֹשֻעַ 4 >
וַיְהִי֙ כַּאֲשֶׁר־תַּ֣מּוּ כָל־הַגּ֔וֹי לַעֲב֖וֹר אֶת־הַיַּרְדֵּ֑ן פ וַיֹּ֣אמֶר יְהוָ֔ה אֶל־יְהוֹשֻׁ֖עַ לֵאמֹֽר׃ | 1 |
और जब सारी क़ौम यरदन के पार हो गई तो ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि।
קְח֤וּ לָכֶם֙ מִן־הָעָ֔ם שְׁנֵ֥ים עָשָׂ֖ר אֲנָשִׁ֑ים אִישׁ־אֶחָ֥ד אִישׁ־אֶחָ֖ד מִשָּֽׁבֶט׃ | 2 |
क़बीला पीछे एक आदमी के हिसाब से बारह आदमी लोगों में से चुन लो।
וְצַוּ֣וּ אוֹתָם֮ לֵאמֹר֒ שְׂאֽוּ־לָכֶ֨ם מִזֶּ֜ה מִתּ֣וֹךְ הַיַּרְדֵּ֗ן מִמַּצַּב֙ רַגְלֵ֣י הַכֹּהֲנִ֔ים הָכִ֖ין שְׁתֵּים־עֶשְׂרֵ֣ה אֲבָנִ֑ים וְהַעֲבַרְתֶּ֤ם אוֹתָם֙ עִמָּכֶ֔ם וְהִנַּחְתֶּ֣ם אוֹתָ֔ם בַּמָּל֕וֹן אֲשֶׁר־תָּלִ֥ינוּ ב֖וֹ הַלָּֽיְלָה׃ ס | 3 |
और उन को हुक्म दो कि तुम यरदन के बीच में से जहाँ काहिनों के पाँव जमे हुए थे बारह पत्थर लो और उनको अपने साथ ले जा कर उस मंज़िल पर जहाँ तुम आज की रात टिकोगे रख देना।
וַיִּקְרָ֣א יְהוֹשֻׁ֗עַ אֶל־שְׁנֵ֤ים הֶֽעָשָׂר֙ אִ֔ישׁ אֲשֶׁ֥ר הֵכִ֖ין מִבְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל אִישׁ־אֶחָ֥ד אִישׁ־אֶחָ֖ד מִשָּֽׁבֶט׃ | 4 |
तब यशू'अ ने उन बारह आदमियों को जिनको उस ने बनी इस्राईल में से क़बीला पीछे एक आदमी के हिसाब से तैयार कर रखा था बुलाया।
וַיֹּ֤אמֶר לָהֶם֙ יְהוֹשֻׁ֔עַ עִ֠בְרוּ לִפְנֵ֨י אֲר֧וֹן יְהוָ֛ה אֱלֹֽהֵיכֶ֖ם אֶל־תּ֣וֹךְ הַיַּרְדֵּ֑ן וְהָרִ֨ימוּ לָכֶ֜ם אִ֣ישׁ אֶ֤בֶן אַחַת֙ עַל־שִׁכְמ֔וֹ לְמִסְפַּ֖ר שִׁבְטֵ֥י בְנֵי־יִשְׂרָאֵֽל׃ | 5 |
और यशू'अ ने उन से कहा, “तुम ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के 'अहद के सन्दूक़ के आगे आगे यरदन के बीच में जाओ, और तुम में से हर शख़्स बनी इस्राईल के क़बीलों के शुमार के मुताबिक़ एक एक पत्थर अपने कन्धे पर उठा ले।
לְמַ֗עַן תִּֽהְיֶ֛ה זֹ֥את א֖וֹת בְּקִרְבְּכֶ֑ם כִּֽי־יִשְׁאָל֨וּן בְּנֵיכֶ֤ם מָחָר֙ לֵאמֹ֔ר מָ֛ה הָאֲבָנִ֥ים הָאֵ֖לֶּה לָכֶֽם׃ | 6 |
ताकि यह तुम्हारे बीच एक निशान हो, और जब तुम्हारी औलाद आइन्दा ज़माने में तुम से पूछे, कि इन पत्थरों से तुम्हारा क्या मतलब है?
וַאֲמַרְתֶּ֣ם לָהֶ֗ם אֲשֶׁ֨ר נִכְרְת֜וּ מֵימֵ֤י הַיַּרְדֵּן֙ מִפְּנֵי֙ אֲר֣וֹן בְּרִית־יְהוָ֔ה בְּעָבְרוֹ֙ בַּיַּרְדֵּ֔ן נִכְרְת֖וּ מֵ֣י הַיַּרְדֵּ֑ן וְ֠הָיוּ הָאֲבָנִ֨ים הָאֵ֧לֶּה לְזִכָּר֛וֹן לִבְנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל עַד־עוֹלָֽם׃ | 7 |
तो तुम उन को जवाब देना कि यरदन का पानी ख़ुदावन्द के 'अहद के सन्दूक़ के आगे दो हिस्से हो गया था; क्यूँकि जब वह यरदन पार आ रहा था तब यरदन का पानी दो हिस्से होगया। यूँ यह पत्थर हमेशा के लिए बनी इस्राईल के वास्ते यादगार ठहरेंगे।”
וַיַּעֲשׂוּ־כֵ֣ן בְּנֵי־יִשְׂרָאֵ֘ל כַּאֲשֶׁ֣ר צִוָּ֣ה יְהוֹשֻׁעַ֒ וַיִּשְׂא֡וּ שְׁתֵּֽי־עֶשְׂרֵ֨ה אֲבָנִ֜ים מִתּ֣וֹךְ הַיַּרְדֵּ֗ן כַּאֲשֶׁ֨ר דִּבֶּ֤ר יְהוָה֙ אֶל־יְהוֹשֻׁ֔עַ לְמִסְפַּ֖ר שִׁבְטֵ֣י בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵ֑ל וַיַּעֲבִר֤וּם עִמָּם֙ אֶל־הַמָּל֔וֹן וַיַּנִּח֖וּם שָֽׁם׃ | 8 |
चुनाँचे बनी इस्राईल ने यशू'अ के हुक्म के मुताबिक़ किया, और जैसा ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा था उन्होंने बनी इस्राईल के क़बीलों के शुमार के मुताबिक़ यरदन के बीच में से बारह पत्थर उठा लिए; और उन को उठा कर अपने साथ उस जगह ले गये जहाँ वह टिके और वहीं उनको रख दिया।
וּשְׁתֵּ֧ים עֶשְׂרֵ֣ה אֲבָנִ֗ים הֵקִ֣ים יְהוֹשֻׁעַ֮ בְּת֣וֹךְ הַיַּרְדֵּן֒ תַּ֗חַת מַצַּב֙ רַגְלֵ֣י הַכֹּהֲנִ֔ים נֹשְׂאֵ֖י אֲר֣וֹן הַבְּרִ֑ית וַיִּ֣הְיוּ שָׁ֔ם עַ֖ד הַיּ֥וֹם הַזֶּֽה׃ | 9 |
और यशू'अ ने यरदन के बीच में उस जगह जहाँ 'अहद के सन्दूक़ के उठाने वाले काहिनों ने पाँव जमाये थे बारह पत्थर खड़े किये; चुनाँचे वह आज के दिन तक वहीं हैं।
וְהַכֹּהֲנִ֞ים נֹשְׂאֵ֣י הָאָר֗וֹן עֹמְדִים֮ בְּת֣וֹךְ הַיַּרְדֵּן֒ עַ֣ד תֹּ֣ם כָּֽל־הַ֠דָּבָר אֲשֶׁר־צִוָּ֨ה יְהוָ֤ה אֶת־יְהוֹשֻׁ֙עַ֙ לְדַבֵּ֣ר אֶל־הָעָ֔ם כְּכֹ֛ל אֲשֶׁר־צִוָּ֥ה מֹשֶׁ֖ה אֶת־יְהוֹשֻׁ֑עַ וַיְמַהֲר֥וּ הָעָ֖ם וַֽיַּעֲבֹֽרוּ׃ | 10 |
क्यूँकि वह काहिन जो सन्दूक़ को उठाये हुए थे यरदन के बीच ही में खड़े रहे, जब तक उन सब बातों के मुताबिक़ जिनका हुक्म मूसा ने यशू'अ को दिया था हर एक बात पूरी न हो चुकी, जिसे लोगों को बताने का हुक्म ख़ुदावन्द ने यशू'अ को किया था; और लोगों ने जल्दी की और पार उतरे।
וַיְהִ֛י כַּֽאֲשֶׁר־תַּ֥ם כָּל־הָעָ֖ם לַֽעֲב֑וֹר וַיַּעֲבֹ֧ר אֲרוֹן־יְהוָ֛ה וְהַכֹּהֲנִ֖ים לִפְנֵ֥י הָעָֽם׃ | 11 |
और ऐसा हुआ कि जब सब लोग साफ़ पार हो गये, तो ख़ुदावन्द का सन्दूक़ और काहिन भी लोगों के रूबरू पार हुए।
וַ֠יַּעַבְרוּ בְּנֵי־רְאוּבֵ֨ן וּבְנֵי־גָ֜ד וַחֲצִ֨י שֵׁ֤בֶט הַֽמְנַשֶּׁה֙ חֲמֻשִׁ֔ים לִפְנֵ֖י בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל כַּאֲשֶׁ֛ר דִּבֶּ֥ר אֲלֵיהֶ֖ם מֹשֶֽׁה׃ | 12 |
और बनी रूबिन और बनी जद्द और मनस्सी के आधे क़बीले के लोग मूसा के कहने के मुताबिक़ हथियार बांधे हुए बनी इस्राईल के आगे पार गये;
כְּאַרְבָּעִ֥ים אֶ֖לֶף חֲלוּצֵ֣י הַצָּבָ֑א עָבְר֞וּ לִפְנֵ֤י יְהוָה֙ לַמִּלְחָמָ֔ה אֶ֖ל עַֽרְב֥וֹת יְרִיחֽוֹ׃ ס | 13 |
या'नी क़रीब चालीस हज़ार आदमी लड़ाई के लिए तैयार और हथियार बांधे हुए ख़ुदावन्द के सामने पार होकर यरीहू के मैदान में पहुँचे ताकि जंग करें।
בַּיּ֣וֹם הַה֗וּא גִּדַּ֤ל יְהוָה֙ אֶת־יְהוֹשֻׁ֔עַ בְּעֵינֵ֖י כָּל־יִשְׂרָאֵ֑ל וַיִּֽרְא֣וּ אֹת֔וֹ כַּאֲשֶׁ֛ר יָרְא֥וּ אֶת־מֹשֶׁ֖ה כָּל־יְמֵ֥י חַיָּֽיו׃ פ | 14 |
उस दिन ख़ुदावन्द ने सब इस्राईलियों के सामने यशू'अ को सरफ़राज़ किया; और जैसा वह मूसा से डरते थे, वैसे ही उससे उसकी ज़िन्दगी भर डरते रहे।
וַיֹּ֣אמֶר יְהוָ֔ה אֶל־יְהוֹשֻׁ֖עַ לֵאמֹֽר׃ | 15 |
और ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा कि।
צַוֵּה֙ אֶת־הַכֹּ֣הֲנִ֔ים נֹשְׂאֵ֖י אֲר֣וֹן הָעֵד֑וּת וְיַעֲל֖וּ מִן־הַיַּרְדֵּֽן׃ | 16 |
इन काहिनो को जो 'अहद का सन्दूक़ उठाये हुए हैं, हुक्म कर कि वह यरदन में से निकल आयें।
וַיְצַ֣ו יְהוֹשֻׁ֔עַ אֶת־הַכֹּהֲנִ֖ים לֵאמֹ֑ר עֲל֖וּ מִן־הַיַּרְדֵּֽן׃ | 17 |
चुनाँचे यशू'अ ने काहिनो को हुक्म दिया कि यरदन में से निकल आओ।
וַ֠יְהִי כַּעֲל֨וֹת הַכֹּהֲנִ֜ים נֹשְׂאֵ֨י אֲר֤וֹן בְּרִית־יְהוָה֙ מִתּ֣וֹךְ הַיַּרְדֵּ֔ן נִתְּק֗וּ כַּפּוֹת֙ רַגְלֵ֣י הַכֹּהֲנִ֔ים אֶ֖ל הֶחָרָבָ֑ה וַיָּשֻׁ֤בוּ מֵֽי־הַיַּרְדֵּן֙ לִמְקוֹמָ֔ם וַיֵּלְכ֥וּ כִתְמוֹל־שִׁלְשׁ֖וֹם עַל־כָּל־גְּדוֹתָֽיו׃ | 18 |
और जब वह काहिन जो ख़ुदावन्द के 'अहद का सन्दूक़ उठाये हुए थे यरदन के बीच में से निकल आए, और उनके पाँव के तलवे ख़ुश्की पर आ टिके तो यरदन का पानी फिर अपनी जगह पर आ गया और पहले की तरह अपने सब किनारों पर बहने लगा।
וְהָעָ֗ם עָלוּ֙ מִן־הַיַּרְדֵּ֔ן בֶּעָשׂ֖וֹר לַחֹ֣דֶשׁ הָרִאשׁ֑וֹן וַֽיַּחֲנוּ֙ בַּגִּלְגָּ֔ל בִּקְצֵ֖ה מִזְרַ֥ח יְרִיחֽוֹ׃ | 19 |
और लोग पहले महीने की दसवीं तारीख़ को यरदन में से निकल कर यरीहू की पूरबी सरहद पर जिल्जाल में ख़ेमाज़न हुए।
וְאֵת֩ שְׁתֵּ֨ים עֶשְׂרֵ֤ה הָֽאֲבָנִים֙ הָאֵ֔לֶּה אֲשֶׁ֥ר לָקְח֖וּ מִן־הַיַּרְדֵּ֑ן הֵקִ֥ים יְהוֹשֻׁ֖עַ בַּגִּלְגָּֽל׃ | 20 |
और यशू'अ ने उन बारह पत्थरों को जिनको उन्होंने यरदन में से लिया था जिल्जाल में खड़ा किया।
וַיֹּ֛אמֶר אֶל־בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל לֵאמֹ֑ר אֲשֶׁר֩ יִשְׁאָל֨וּן בְּנֵיכֶ֤ם מָחָר֙ אֶת־אֲבוֹתָ֣ם לֵאמֹ֔ר מָ֖ה הָאֲבָנִ֥ים הָאֵֽלֶּה׃ | 21 |
और उस ने बनी इस्राईल से कहा कि जब तुम्हारे लड़के आइन्दा ज़माने में अपने अपने बाप दादा से पूछें, कि इन पत्थरों का मतलब क्या है?
וְהוֹדַעְתֶּ֖ם אֶת־בְּנֵיכֶ֣ם לֵאמֹ֑ר בַּיַּבָּשָׁה֙ עָבַ֣ר יִשְׂרָאֵ֔ל אֶת־הַיַּרְדֵּ֖ן הַזֶּֽה׃ | 22 |
तो तुम अपने लड़कों को यही बताना कि इस्राईली ख़ुश्की ख़ुश्की हो कर इस यरदन के पार आए थे।
אֲשֶׁר־הוֹבִישׁ֩ יְהוָ֨ה אֱלֹהֵיכֶ֜ם אֶת־מֵ֧י הַיַּרְדֵּ֛ן מִפְּנֵיכֶ֖ם עַֽד־עָבְרְכֶ֑ם כַּאֲשֶׁ֣ר עָשָׂה֩ יְהוָ֨ה אֱלֹהֵיכֶ֧ם לְיַם־ס֛וּף אֲשֶׁר־הוֹבִ֥ישׁ מִפָּנֵ֖ינוּ עַד־עָבְרֵֽנוּ׃ | 23 |
क्यूँकि ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने जब तक तुम पार न हो गये, यरदन के पानी को तुम्हारे सामने से हटा कर सुखा दिया; जैसा ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने बहर — ए — कु़लजु़म से किया, कि उसे हमारे सामने से हटा कर सुखा दिया जब तक हम पार न हो गये।
לְ֠מַעַן דַּ֜עַת כָּל־עַמֵּ֤י הָאָ֙רֶץ֙ אֶת־יַ֣ד יְהוָ֔ה כִּ֥י חֲזָקָ֖ה הִ֑יא לְמַ֧עַן יְרָאתֶ֛ם אֶת־יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיכֶ֖ם כָּל־הַיָּמִֽים׃ ס | 24 |
ताकि ज़मीन की सब क़ौमें जान लें कि ख़ुदावन्द का हाथ ताक़तवर है। और ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा से हमेशा डरती रहें।