< יְהוֹשֻעַ 10 >

וַיְהִי֩ כִשְׁמֹ֨עַ אֲדֹֽנִי־צֶ֜דֶק מֶ֣לֶךְ יְרוּשָׁלִַ֗ם כִּֽי־לָכַ֨ד יְהוֹשֻׁ֣עַ אֶת־הָעַי֮ וַיַּחֲרִימָהּ֒ כַּאֲשֶׁ֨ר עָשָׂ֤ה לִֽירִיחוֹ֙ וּלְמַלְכָּ֔הּ כֵּן־עָשָׂ֥ה לָעַ֖י וּלְמַלְכָּ֑הּ וְכִ֨י הִשְׁלִ֜ימוּ יֹשְׁבֵ֤י גִבְעוֹן֙ אֶת־יִשְׂרָאֵ֔ל וַיִּֽהְי֖וּ בְּקִרְבָּֽם׃ 1
और जब येरूशलेम के बादशाह अदूनी सिद्क़ ने सुना कि यशू'अ ने एे को सर करके उसे हलाक कर दिया और जैसा उस ने यरीहू और वहाँ के बादशाह से किया वैसा ही एे और उसके बादशाह से किया; और जिबा'ऊन के बाशिंदों ने बनी इस्राईल से सुलह कर ली और उनके बीच रहने लगे हैं।
וַיִּֽירְא֣וּ מְאֹ֔ד כִּ֣י עִ֤יר גְּדוֹלָה֙ גִּבְע֔וֹן כְּאַחַ֖ת עָרֵ֣י הַמַּמְלָכָ֑ה וְכִ֨י הִ֤יא גְדוֹלָה֙ מִן־הָעַ֔י וְכָל־אֲנָשֶׁ֖יהָ גִּבֹּרִֽים׃ 2
तो वह सब बहुत ही डरे, क्यूँकि जिबा'ऊन एक बड़ा शहर बल्कि बादशाही शहरों में से एक की तरह और एे से बड़ा था और उसके सब मर्द बड़े बहादुर थे।
וַיִּשְׁלַ֨ח אֲדֹנִי־צֶ֜דֶק מֶ֣לֶךְ יְרוּשָׁלִַ֗ם אֶל־הוֹהָ֣ם מֶֽלֶךְ־חֶ֠בְרוֹן וְאֶל־פִּרְאָ֨ם מֶֽלֶךְ־יַרְמ֜וּת וְאֶל־יָפִ֧יעַ מֶֽלֶךְ־לָכִ֛ישׁ וְאֶל־דְּבִ֥יר מֶֽלֶךְ־עֶגְל֖וֹן לֵאמֹֽר׃ 3
इस लिए येरूशलेम के बादशाह अदूनी सिद्क़ ने हबरून के बादशाह हुहाम, और यरमूत के बादशाह पीराम, और लकीस के बादशाह याफ़ी' और अजलून के बादशाह दबीर को यूँ कहला भेजा कि।
עֲלֽוּ־אֵלַ֣י וְעִזְרֻ֔נִי וְנַכֶּ֖ה אֶת־גִּבְע֑וֹן כִּֽי־הִשְׁלִ֥ימָה אֶת־יְהוֹשֻׁ֖עַ וְאֶת־בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ 4
मेरे पास आओ और मेरी मदद करो और चलो हम जिबा'ऊन को मारें; क्यूँकि उस ने यशू'अ और बनी इस्राईल से सुलह कर ली है।
וַיֵּאָסְפ֨וּ וַֽיַּעֲל֜וּ חֲמֵ֣שֶׁת ׀ מַלְכֵ֣י הָאֱמֹרִ֗י מֶ֣לֶךְ יְרוּשָׁלִַ֜ם מֶֽלֶךְ־חֶבְר֤וֹן מֶֽלֶךְ־יַרְמוּת֙ מֶֽלֶךְ־לָכִ֣ישׁ מֶֽלֶךְ־עֶגְל֔וֹן הֵ֖ם וְכָל־מַֽחֲנֵיהֶ֑ם וַֽיַּחֲנוּ֙ עַל־גִּבְע֔וֹן וַיִּֽלָּחֲמ֖וּ עָלֶֽיהָ׃ 5
इसलिए अमोरियों के पाँच बादशाह, या'नी येरूशलेम का बादशाह और हबरून का बादशाह और यरमूत का बादशाह और लकीस का बादशाह और 'अजलून का बादशाह इकठ्ठे हुए; और उन्होंने अपनी सब फ़ौजों के साथ चढ़ाई की और जिबा'ऊन के मुक़ाबिल डेरे डाल कर उस से जंग शुरू' की।
וַיִּשְׁלְח֣וּ אַנְשֵׁי֩ גִבְע֨וֹן אֶל־יְהוֹשֻׁ֤עַ אֶל־הַֽמַּחֲנֶה֙ הַגִּלְגָּ֣לָה לֵאמֹ֔ר אַל־תֶּ֥רֶף יָדֶ֖יךָ מֵֽעֲבָדֶ֑יךָ עֲלֵ֧ה אֵלֵ֣ינוּ מְהֵרָ֗ה וְהוֹשִׁ֤יעָה לָּ֙נוּ֙ וְעָזְרֵ֔נוּ כִּ֚י נִקְבְּצ֣וּ אֵלֵ֔ינוּ כָּל־מַלְכֵ֥י הָאֱמֹרִ֖י יֹשְׁבֵ֥י הָהָֽר׃ 6
तब जिबा'ऊन के लोगों ने यशू'अ को जो जिलजाल में ख़ेमाज़न था कहला भेजा कि अपने ख़ादिमों की तरफ़ से अपना हाथ मत खींच। जल्द हमारे पास पहुँच कर हमको बचा और हमारी मदद कर, इसलिए कि सब अमूरी बादशाह जो पहाड़ी मुल्क में रहते हैं हमारे ख़िलाफ़ इकठ्ठे हुए हैं।
וַיַּ֨עַל יְהוֹשֻׁ֜עַ מִן־הַגִּלְגָּ֗ל ה֚וּא וְכָל־עַ֤ם הַמִּלְחָמָה֙ עִמּ֔וֹ וְכֹ֖ל גִּבּוֹרֵ֥י הֶחָֽיִל׃ פ 7
तब यशू'अ सब जंगी मर्दों और सब ज़बरदस्त सूरमाओं को हमराह लेकर जिलजाल से चल पड़ा।
וַיֹּ֨אמֶר יְהוָ֤ה אֶל־יְהוֹשֻׁ֙עַ֙ אַל־תִּירָ֣א מֵהֶ֔ם כִּ֥י בְיָדְךָ֖ נְתַתִּ֑ים לֹֽא־יַעֲמֹ֥ד אִ֛ישׁ מֵהֶ֖ם בְּפָנֶֽיךָ׃ 8
और ख़ुदावन्द ने यशू'अ से कहा, “उन से न डर इस लिए कि मैंने उनको तेरे क़ब्ज़े में कर दिया है; उन में से एक आदमी भी तेरे सामने खड़ा न रह सकेगा।”
וַיָּבֹ֧א אֲלֵיהֶ֛ם יְהוֹשֻׁ֖עַ פִּתְאֹ֑ם כָּל־הַלַּ֕יְלָה עָלָ֖ה מִן־הַגִּלְגָּֽל׃ 9
तब यशू'अ रातों रात जिल्जाल से चल कर अचानक उन पर आ पड़ा।
וַיְהֻמֵּ֤ם יְהוָה֙ לִפְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל וַיַּכֵּ֥ם מַכָּֽה־גְדוֹלָ֖ה בְּגִבְע֑וֹן וַֽיִּרְדְּפֵ֗ם דֶּ֚רֶךְ מַעֲלֵ֣ה בֵית־חוֹרֹ֔ן וַיַּכֵּ֥ם עַד־עֲזֵקָ֖ה וְעַד־מַקֵּדָֽה׃ 10
और ख़ुदावन्द ने उनको बनी इस्राईल के सामने शिकस्त दी; और उस ने उनको जिबा'ऊन में बड़ी ख़ून रेज़ी के साथ क़त्ल किया और बैत हौरून की चढ़ाई के रास्ते पर उनको दौड़ाया और 'अज़ीक़ाह और मुक़क़ीदा तक उनको मारता गया।
וַיְהִ֞י בְּנֻסָ֣ם ׀ מִפְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל הֵ֞ם בְּמוֹרַ֤ד בֵּית־חוֹרֹן֙ וַֽיהוָ֡ה הִשְׁלִ֣יךְ עֲלֵיהֶם֩ אֲבָנִ֨ים גְּדֹל֧וֹת מִן־הַשָּׁמַ֛יִם עַד־עֲזֵקָ֖ה וַיָּמֻ֑תוּ רַבִּ֗ים אֲשֶׁר־מֵ֙תוּ֙ בְּאַבְנֵ֣י הַבָּרָ֔ד מֵאֲשֶׁ֥ר הָרְג֛וּ בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל בֶּחָֽרֶב׃ ס 11
और जब वह इस्राईलियों के सामने से भागे और बैतहोरून के उतार पर थे, तो ख़ुदावन्द ने 'अज़ीक़ाह तक आसमान से उन पर बड़े बड़े पत्थर बरसाए और वह मर गये; और जो ओलों से मरे वह उनसे जिनको बनी इस्राईल ने तलवार से मारा कहीं ज़्यादा थे।
אָ֣ז יְדַבֵּ֤ר יְהוֹשֻׁעַ֙ לַֽיהוָ֔ה בְּי֗וֹם תֵּ֤ת יְהוָה֙ אֶת־הָ֣אֱמֹרִ֔י לִפְנֵ֖י בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וַיֹּ֣אמֶר ׀ לְעֵינֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל שֶׁ֚מֶשׁ בְּגִבְע֣וֹן דּ֔וֹם וְיָרֵ֖חַ בְּעֵ֥מֶק אַיָּלֽוֹן׃ 12
और उस दिन जब ख़ुदावन्द ने अमोरियों को बनी इस्राईल के क़ाबू में कर दिया यशू'अ ने ख़ुदावन्द के हुज़ूर बनी इस्राईल के सामने यह कहा कि, ऐ सूरज तू जिबा'ऊन पर और ऐ चाँद! तू वादी — ए — अय्यालोन में ठहरा रह।
וַיִּדֹּ֨ם הַשֶּׁ֜מֶשׁ וְיָרֵ֣חַ עָמָ֗ד עַד־יִקֹּ֥ם גּוֹי֙ אֹֽיְבָ֔יו הֲלֹא־הִ֥יא כְתוּבָ֖ה עַל־סֵ֣פֶר הַיָּשָׁ֑ר וַיַּעֲמֹ֤ד הַשֶּׁ֙מֶשׁ֙ בַּחֲצִ֣י הַשָּׁמַ֔יִם וְלֹא־אָ֥ץ לָב֖וֹא כְּי֥וֹם תָּמִֽים׃ 13
और सूरज ठहर गया और चाँद थमा रहा। जब तक क़ौम ने अपने दुश्मनों से अपना इन्तिक़ाम न ले लिया। क्या यह आशर की किताब में नहीं लिखा है? और सूरज आसमान के बीचो बीच ठहरा रहा, और तक़रीबन सारे दिन डूबने में जल्दी न की।
וְלֹ֨א הָיָ֜ה כַּיּ֤וֹם הַהוּא֙ לְפָנָ֣יו וְאַחֲרָ֔יו לִשְׁמֹ֥עַ יְהוָ֖ה בְּק֣וֹל אִ֑ישׁ כִּ֣י יְהוָ֔ה נִלְחָ֖ם לְיִשְׂרָאֵֽל׃ פ 14
और ऐसा दिन कभी उस से पहले हुआ और न उसके बा'द, जिस में ख़ुदावन्द ने किसी आदमी की बात सुनी हो; क्यूँकि ख़ुदावन्द इस्राईलियों की ख़ातिर लड़ा।
וַיָּ֤שָׁב יְהוֹשֻׁ֙עַ֙ וְכָל־יִשְׂרָאֵ֣ל עִמּ֔וֹ אֶל־הַֽמַּחֲנֶ֖ה הַגִּלְגָּֽלָה׃ 15
फिर यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली जिलजाल को ख़ेमागाह में लौटे।
וַיָּנֻ֕סוּ חֲמֵ֖שֶׁת הַמְּלָכִ֣ים הָאֵ֑לֶּה וַיֵּחָבְא֥וּ בַמְּעָרָ֖ה בְּמַקֵּדָֽה׃ 16
और वह पाँचों बादशाह भाग कर मुक़्क़ैदा के ग़ार में जा छिपे।
וַיֻּגַּ֖ד לִיהוֹשֻׁ֣עַ לֵאמֹ֑ר נִמְצְאוּ֙ חֲמֵ֣שֶׁת הַמְּלָכִ֔ים נֶחְבְּאִ֥ים בַּמְּעָרָ֖ה בְּמַקֵּדָֽה׃ 17
और यशू'अ को यह ख़बर मिली कि वह पाँचो बादशाह मुक़्क़ैदा के ग़ार में छिपे हुए मिले हैं।
וַיֹּ֣אמֶר יְהוֹשֻׁ֔עַ גֹּ֛לּוּ אֲבָנִ֥ים גְּדֹל֖וֹת אֶל־פִּ֣י הַמְּעָרָ֑ה וְהַפְקִ֧ידוּ עָלֶ֛יהָ אֲנָשִׁ֖ים לְשָׁמְרָֽם׃ 18
यशू'अ ने हुक्म किया कि बड़े बड़े पत्थर उस ग़ार के मुँह पर लुढ़का दो और आदमियों को उसके पास उनकी निगहबानी के लिए बिठा दो।
וְאַתֶּם֙ אַֽל־תַּעֲמֹ֔דוּ רִדְפוּ֙ אַחֲרֵ֣י אֹֽיְבֵיכֶ֔ם וְזִנַּבְתֶּ֖ם אוֹתָ֑ם אַֽל־תִּתְּנ֗וּם לָבוֹא֙ אֶל־עָ֣רֵיהֶ֔ם כִּ֧י נְתָנָ֛ם יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיכֶ֖ם בְּיֶדְכֶֽם׃ 19
लेकिन तुम न रुको, तुम अपने दुश्मनों का पीछा करो और उन में के जो जो पीछे रह गए हैं उनको मार डालो, उनको मोहलत न दो कि वह अपने अपने शहर में दाख़िल हों; इसलिए कि ख़ुदावन्द तुम्हारे ख़ुदा ने उनको तुम्हारे क़ब्ज़े में कर दिया है।
וַיְהִי֩ כְּכַלּ֨וֹת יְהוֹשֻׁ֜עַ וּבְנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל לְהַכּוֹתָ֛ם מַכָּ֥ה גְדוֹלָֽה־מְאֹ֖ד עַד־תֻּמָּ֑ם וְהַשְּׂרִידִים֙ שָׂרְד֣וּ מֵהֶ֔ם וַיָּבֹ֖אוּ אֶל־עָרֵ֥י הַמִּבְצָֽר׃ 20
और जब यशू'अ और बनी इस्राईल बड़ी ख़ूँरेज़ी के साथ उनको क़त्ल कर चुके, यहाँ तक कि वह हलाक — ओ — बर्बाद हो गये; और वह जो उन में से बाक़ी बचे फ़सील दार शहरों में दाख़िल हो गये।
וַיָּשֻׁבוּ֩ כָל־הָעָ֨ם אֶל־הַמַּחֲנֶ֧ה אֶל־יְהוֹשֻׁ֛עַ מַקֵּדָ֖ה בְּשָׁל֑וֹם לֹֽא־חָרַ֞ץ לִבְנֵ֧י יִשְׂרָאֵ֛ל לְאִ֖ישׁ אֶת־לְשֹׁנֽוֹ׃ 21
तो सब लोग मुक़्क़ैदा में यशू'अ के पास लश्कर गाह को सलामत लौटे, और किसी ने बनी इस्राईल में से किसी के बरख़िलाफ़ ज़बान न हिलाई।
וַיֹּ֣אמֶר יְהוֹשֻׁ֔עַ פִּתְח֖וּ אֶת־פִּ֣י הַמְּעָרָ֑ה וְהוֹצִ֣יאוּ אֵלַ֗י אֶת־חֲמֵ֛שֶׁת הַמְּלָכִ֥ים הָאֵ֖לֶּה מִן־הַמְּעָרָֽה׃ 22
फिर यशू'अ ने हुक्म दिया कि ग़ार का मुँह खोलो और उन पाँचों बादशाहों को ग़ार से बाहर निकाल कर मेरे पास लाओ
וַיַּ֣עֲשׂוּ כֵ֔ן וַיֹּצִ֣יאוּ אֵלָ֗יו אֶת־חֲמֵ֛שֶׁת הַמְּלָכִ֥ים הָאֵ֖לֶּה מִן־הַמְּעָרָ֑ה אֵ֣ת ׀ מֶ֣לֶךְ יְרוּשָׁלִַ֗ם אֶת־מֶ֤לֶךְ חֶבְרוֹן֙ אֶת־מֶ֣לֶךְ יַרְמ֔וּת אֶת־מֶ֥לֶךְ לָכִ֖ישׁ אֶת־מֶ֥לֶךְ עֶגְלֽוֹן׃ 23
उन्होंने ऐसा ही किया और वह पाँचों बादशाहों को या'नी शाह येरूशलेम और शाह — ए — हबरोन और शाह — ए — यरमूत और शाह — ए — लकीस और शाह — ए — अजलून को ग़ार से निकाल कर उसके पास लाये।
וַ֠יְהִי כְּֽהוֹצִיאָ֞ם אֶת־הַמְּלָכִ֣ים הָאֵלֶּה֮ אֶל־יְהוֹשֻׁעַ֒ וַיִּקְרָ֨א יְהוֹשֻׁ֜עַ אֶל־כָּל־אִ֣ישׁ יִשְׂרָאֵ֗ל וַ֠יֹּאמֶר אֶל־קְצִינֵ֞י אַנְשֵׁ֤י הַמִּלְחָמָה֙ הֶהָלְכ֣וּא אִתּ֔וֹ קִרְב֗וּ שִׂ֚ימוּ אֶת־רַגְלֵיכֶ֔ם עַֽל־צַוְּארֵ֖י הַמְּלָכִ֣ים הָאֵ֑לֶּה וַֽיִּקְרְב֔וּ וַיָּשִׂ֥ימוּ אֶת־רַגְלֵיהֶ֖ם עַל־צַוְּארֵיהֶֽם׃ 24
और जब वह उनको यशू'अ के सामने लाये तो यशू'अ ने सब इस्राईलियों को बुलवाया और उन जंगी मर्दों के सरदारों से जो उसके साथ गये थे यह कहा कि नज़दीक आकर अपने अपने पाँव इन बादशाहों की गरदनों पर रखो।
וַיֹּ֤אמֶר אֲלֵיהֶם֙ יְהוֹשֻׁ֔עַ אַל־תִּֽירְא֖וּ וְאַל־תֵּחָ֑תּוּ חִזְק֣וּ וְאִמְצ֔וּ כִּ֣י כָ֗כָה יַעֲשֶׂ֤ה יְהוָה֙ לְכָל־אֹ֣יְבֵיכֶ֔ם אֲשֶׁ֥ר אַתֶּ֖ם נִלְחָמִ֥ים אוֹתָֽם׃ 25
और यशू'अ ने उन से कहा खौफ़ न करो और हिरासाँ मत हो मज़बूत हो जाओ और हौसला रखो इसलिए कि ख़ुदावन्द तुम्हारे सब दुश्मनों से जिनका मुक़ाबिला तुम करोगे ऐसा ही करेगा।
וַיַּכֵּ֨ם יְהוֹשֻׁ֤עַ אַֽחֲרֵי־כֵן֙ וַיְמִיתֵ֔ם וַיִּתְלֵ֕ם עַ֖ל חֲמִשָּׁ֣ה עֵצִ֑ים וַיִּֽהְי֛וּ תְּלוּיִ֥ם עַל־הָעֵצִ֖ים עַד־הָעָֽרֶב׃ 26
इसके बाद यशू'अ ने उनको मारा और क़त्ल किया और पाँच दरख़्तों पर उनको टांग दिया। इसलिए वह शाम तक दरख़्तों पर टंगे रहे।
וַיְהִ֞י לְעֵ֣ת ׀ בּ֣וֹא הַשֶּׁ֗מֶשׁ צִוָּ֤ה יְהוֹשֻׁ֙עַ֙ וַיֹּֽרִידוּם֙ מֵעַ֣ל הָעֵצִ֔ים וַיַּ֨שְׁלִכֻ֔ם אֶל־הַמְּעָרָ֖ה אֲשֶׁ֣ר נֶחְבְּאוּ־שָׁ֑ם וַיָּשִׂ֜מוּ אֲבָנִ֤ים גְּדֹלוֹת֙ עַל־פִּ֣י הַמְּעָרָ֔ה עַד־עֶ֖צֶם הַיּ֥וֹם הַזֶּֽה׃ פ 27
और सूरज डूबते वक़्त उन्होंने यशू'अ के हुक्म से उनको दरख़्तों पर से उतार कर उसी ग़ार में जिस में वह जा छिपे थे डाल दिया, और ग़ार के मुँह पर बड़े बड़े पत्थर रख दिए जो आज तक हैं।
וְאֶת־מַקֵּדָה֩ לָכַ֨ד יְהוֹשֻׁ֜עַ בַּיּ֣וֹם הַה֗וּא וַיַּכֶּ֣הָ לְפִי־חֶרֶב֮ וְאֶת־מַלְכָּהּ֒ הֶחֱרִ֣ם אוֹתָ֗ם וְאֶת־כָּל־הַנֶּ֙פֶשׁ֙ אֲשֶׁר־בָּ֔הּ לֹ֥א הִשְׁאִ֖יר שָׂרִ֑יד וַיַּ֙עַשׂ֙ לְמֶ֣לֶךְ מַקֵּדָ֔ה כַּאֲשֶׁ֥ר עָשָׂ֖ה לְמֶ֥לֶךְ יְרִיחֽוֹ׃ 28
और उसी दिन यशू'अ ने मुक़्क़ैदा को घेर कर के उसे हलाक किया, और उसके बादशाह को और उसके सब लोगों को बिल्कुल हलाक कर डाला और एक भी बाक़ी न छोड़ा; और मुक़्क़ैदा के बादशाह से उसने वही किया जो यरीहू के बादशाह से किया था।
וַיַּעֲבֹ֣ר יְ֠הוֹשֻׁעַ וְכָֽל־יִשְׂרָאֵ֥ל עִמּ֛וֹ מִמַּקֵּדָ֖ה לִבְנָ֑ה וַיִּלָּ֖חֶם עִם־לִבְנָֽה׃ 29
फिर यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली मुक़्क़ैदा से लिबनाह को गये, और वह लिबनाह से लड़ा।
וַיִּתֵּן֩ יְהוָ֨ה גַּם־אוֹתָ֜הּ בְּיַ֣ד יִשְׂרָאֵ֘ל וְאֶת־מַלְכָּהּ֒ וַיַּכֶּ֣הָ לְפִי־חֶ֗רֶב וְאֶת־כָּל־הַנֶּ֙פֶשׁ֙ אֲשֶׁר־בָּ֔הּ לֹֽא־הִשְׁאִ֥יר בָּ֖הּ שָׂרִ֑יד וַיַּ֣עַשׂ לְמַלְכָּ֔הּ כַּאֲשֶׁ֥ר עָשָׂ֖ה לְמֶ֥לֶךְ יְרִיחֽוֹ׃ ס 30
और ख़ुदावन्द ने उसको भी और उसके बादशाह को भी बनी इस्राईल के क़ब्ज़े में कर दिया; और उस ने उसे और उसके सब लोगों को हलाक किया और एक को भी बाक़ी न छोड़ा, और वहाँ के बादशाह से वैसा ही किया जो यरीहू के बादशाह से किया था।
וַיַּעֲבֹ֣ר יְ֠הוֹשֻׁעַ וְכָל־יִשְׂרָאֵ֥ל עִמּ֛וֹ מִלִּבְנָ֖ה לָכִ֑ישָׁה וַיִּ֣חַן עָלֶ֔יהָ וַיִּלָּ֖חֶם בָּֽהּ׃ 31
फिर लिबनाह से यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली लकीस को गये और उसके मुक़ाबिल डेरे डाल लिए और वह उस से लड़ा।
וַיִּתֵּן֩ יְהוָ֨ה אֶת־לָכִ֜ישׁ בְּיַ֣ד יִשְׂרָאֵ֗ל וַֽיִּלְכְּדָהּ֙ בַּיּ֣וֹם הַשֵּׁנִ֔י וַיַּכֶּ֣הָ לְפִי־חֶ֔רֶב וְאֶת־כָּל־הַנֶּ֖פֶשׁ אֲשֶׁר־בָּ֑הּ כְּכֹ֥ל אֲשֶׁר־עָשָׂ֖ה לְלִבְנָֽה׃ פ 32
और ख़ुदावन्द ने लकीस को इस्राईल के क़ब्ज़े में कर दिया उस ने दूसरे दिन उस पर फ़तह पायी और उसे हलाक किया और सब लोगों को जो उस में थे क़त्ल किया जिस तरह उस ने लिबनाह से किया था।
אָ֣ז עָלָ֗ה הֹרָם֙ מֶ֣לֶךְ גֶּ֔זֶר לַעְזֹ֖ר אֶת־לָכִ֑ישׁ וַיַּכֵּ֤הוּ יְהוֹשֻׁ֙עַ֙ וְאֶת־עַמּ֔וֹ עַד־בִּלְתִּ֥י הִשְׁאִֽיר־ל֖וֹ שָׂרִֽיד׃ 33
उस वक़्त जज़र का बादशाह हुरम लकीस को मदद करने को आया इसलिए यशू'अ ने उसको और उसके आदमियों को मारा यहाँ तक कि उसका एक भी जीता न छोड़ा।
וַיַּעֲבֹ֣ר יְ֠הוֹשֻׁעַ וְכָל־יִשְׂרָאֵ֥ל עִמּ֛וֹ מִלָּכִ֖ישׁ עֶגְלֹ֑נָה וַיַּחֲנ֣וּ עָלֶ֔יהָ וַיִּֽלָּחֲמ֖וּ עָלֶֽיהָ׃ 34
और यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली लकीस से 'अजलून को गये और उसके मुक़ाबिल डेरे डालकर उस से जंग शुरू' की।
וַֽיִּלְכְּד֜וּהָ בַּיּ֤וֹם הַהוּא֙ וַיַּכּ֣וּהָ לְפִי־חֶ֔רֶב וְאֵת֙ כָּל־הַנֶּ֣פֶשׁ אֲשֶׁר־בָּ֔הּ בַּיּ֥וֹם הַה֖וּא הֶחֱרִ֑ים כְּכֹ֥ל אֲשֶׁר־עָשָׂ֖ה לְלָכִֽישׁ׃ פ 35
और उसी दिन उसे घेर लिया उसे हलाक किया और उन सब लोगों को जो उस में थे उस ने उसी दिन बिल्कुल हलाक कर डाला जैसा उस ने लकीस से किया था।
וַיַּ֣עַל יְ֠הוֹשֻׁעַ וְכָֽל־יִשְׂרָאֵ֥ל עִמּ֛וֹ מֵעֶגְל֖וֹנָה חֶבְר֑וֹנָה וַיִּֽלָּחֲמ֖וּ עָלֶֽיהָ׃ 36
फिर 'अजलून से यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली हबरून को गये और उस से लड़े।
וַיִּלְכְּד֣וּהָ וַיַּכּֽוּהָ־לְפִי־חֶ֠רֶב וְאֶת־מַלְכָּ֨הּ וְאֶת־כָּל־עָרֶ֜יהָ וְאֶת־כָּל־הַנֶּ֤פֶשׁ אֲשֶׁר־בָּהּ֙ לֹֽא־הִשְׁאִ֣יר שָׂרִ֔יד כְּכֹ֥ל אֲשֶׁר־עָשָׂ֖ה לְעֶגְל֑וֹן וַיַּחֲרֵ֣ם אוֹתָ֔הּ וְאֶת־כָּל־הַנֶּ֖פֶשׁ אֲשֶׁר־בָּֽהּ׃ ס 37
और उन्होंने उसे घेर करके उसे और उसके बादशाह और उसकी सब बस्तियों और वहाँ के सब लोगों को बर्बाद किया और जैसा उस ने 'अजलून से किया था एक को भी जीता न छोड़ा बल्कि उसे और वहाँ के सब लोगों को बिल्कुल हलाक कर डाला।
וַיָּ֧שָׁב יְהוֹשֻׁ֛עַ וְכָל־יִשְׂרָאֵ֥ל עִמּ֖וֹ דְּבִ֑רָה וַיִּלָּ֖חֶם עָלֶֽיהָ׃ 38
फिर यशू'अ और उसके साथ सब इस्राईली दबीर को लौटे और उससे लड़े।
וַֽיִּלְכְּדָ֞הּ וְאֶת־מַלְכָּ֤הּ וְאֶת־כָּל־עָרֶ֙יהָ֙ וַיַּכּ֣וּם לְפִי־חֶ֔רֶב וַֽיַּחֲרִ֙ימוּ֙ אֶת־כָּל־נֶ֣פֶשׁ אֲשֶׁר־בָּ֔הּ לֹ֥א הִשְׁאִ֖יר שָׂרִ֑יד כַּאֲשֶׁ֨ר עָשָׂ֜ה לְחֶבְר֗וֹן כֵּן־עָשָׂ֤ה לִדְבִ֙רָה֙ וּלְמַלְכָּ֔הּ וְכַאֲשֶׁ֥ר עָשָׂ֛ה לְלִבְנָ֖ה וּלְמַלְכָּֽהּ׃ 39
और उसने उसे और उसके बादशाह और उसकी सब बस्तियों को फ़तह कर लिया और उन्होंने उनको बर्बाद किया और सब लोगों को जो उस में थे बिल्कुल हलाक कर दिया उसने एक को भी बाक़ी न छोड़ा जैसा उसने हबरून और उसके बादशाह से किया था वैसा ही दबीर और उसके बादशाह से किया, ऐसा ही उस ने लिबनाह और उसके बादशाह से भी किया था।
וַיַּכֶּ֣ה יְהוֹשֻׁ֣עַ אֶת־כָּל־הָאָ֡רֶץ הָהָר֩ וְהַנֶּ֨גֶב וְהַשְּׁפֵלָ֜ה וְהָאֲשֵׁד֗וֹת וְאֵת֙ כָּל־מַלְכֵיהֶ֔ם לֹ֥א הִשְׁאִ֖יר שָׂרִ֑יד וְאֵ֤ת כָּל־הַנְּשָׁמָה֙ הֶחֱרִ֔ים כַּאֲשֶׁ֣ר צִוָּ֔ה יְהוָ֖ה אֱלֹהֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ 40
तब यशू'अ ने सारे मुल्क को या'नी पहाड़ी मुल्क और दख्खिनी हिस्सा और नशीब की ज़मीन और ढलानों और वहाँ के सब बादशाहों को मारा। उस ने एक को भी जीता न छोड़ा बल्कि वहाँ के हर इंसान को जैसा ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा ने हुक्म किया था बिल्कुल हलाक कर डाला।
וַיַּכֵּ֧ם יְהוֹשֻׁ֛עַ מִקָּדֵ֥שׁ בַּרְנֵ֖עַ וְעַד־עַזָּ֑ה וְאֵ֛ת כָּל־אֶ֥רֶץ גֹּ֖שֶׁן וְעַד־גִּבְעֽוֹן׃ 41
और यशू'अ ने उनको क़ादिस बरनी' से लेकर ग़ज़्ज़ा तक और जशन के सारे मुल्क के लोगों को जिबा'ऊन तक मारा।
וְאֵ֨ת כָּל־הַמְּלָכִ֤ים הָאֵ֙לֶּה֙ וְאֶת־אַרְצָ֔ם לָכַ֥ד יְהוֹשֻׁ֖עַ פַּ֣עַם אֶחָ֑ת כִּ֗י יְהוָה֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל נִלְחָ֖ם לְיִשְׂרָאֵֽל׃ 42
और यशू'अ ने उन सब बादशाहों पर और उनके मुल्क पर एक ही वक़्त में क़ब्ज़ा हासिल किया इसलिए कि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा इस्राईल की ख़ातिर लड़ा।
וַיָּ֤שָׁב יְהוֹשֻׁ֙עַ֙ וְכָל־יִשְׂרָאֵ֣ל עִמּ֔וֹ אֶל־הַֽמַּחֲנֶ֖ה הַגִּלְגָּֽלָה׃ פ 43
फिर यशू'अ और सब इस्राईली उसके साथ जिल्जाल को ख़ेमागाह में लौटे।

< יְהוֹשֻעַ 10 >