< יִרְמְיָהוּ 36 >
וַֽיְהִי֙ בַּשָּׁנָ֣ה הָרְבִיעִ֔ת לִיהוֹיָקִ֥ים בֶּן־יֹאשִׁיָּ֖הוּ מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֑ה הָיָ֞ה הַדָּבָ֤ר הַזֶּה֙ אֶֽל־יִרְמְיָ֔הוּ מֵאֵ֥ת יְהוָ֖ה לֵאמֹֽר׃ | 1 |
योशियाह के पुत्र यहूदिया के राजा यहोइयाकिम के राज्य-काल के चौथे वर्ष में येरेमियाह को याहवेह का यह संदेश भेजा गया:
קַח־לְךָ֮ מְגִלַּת־סֵפֶר֒ וְכָתַבְתָּ֣ אֵלֶ֗יהָ אֵ֣ת כָּל־הַדְּבָרִ֞ים אֲשֶׁר־דִּבַּ֧רְתִּי אֵלֶ֛יךָ עַל־יִשְׂרָאֵ֥ל וְעַל־יְהוּדָ֖ה וְעַל־כָּל־הַגּוֹיִ֑ם מִיּ֞וֹם דִּבַּ֤רְתִּי אֵלֶ֙יךָ֙ מִימֵ֣י יֹאשִׁיָּ֔הוּ וְעַ֖ד הַיּ֥וֹם הַזֶּֽה׃ | 2 |
“जिस दिन से मैंने तुमसे बात करना प्रारंभ किया है, उसके पहले दिन से ही योशियाह के दिनों से लेकर आज तक मैंने तुमसे इस्राएल, यहूदिया तथा सारे राष्ट्रों के संबंध में जो कुछ कहा है, उसे एक चर्मपत्र कुण्डली लेकर उस पर मेरे सारे संदेश लिख डालो.
אוּלַ֤י יִשְׁמְעוּ֙ בֵּ֣ית יְהוּדָ֔ה אֵ֚ת כָּל־הָ֣רָעָ֔ה אֲשֶׁ֛ר אָנֹכִ֥י חֹשֵׁ֖ב לַעֲשׂ֣וֹת לָהֶ֑ם לְמַ֣עַן יָשׁ֗וּבוּ אִ֚ישׁ מִדַּרְכּ֣וֹ הָרָעָ֔ה וְסָלַחְתִּ֥י לַעֲוֹנָ֖ם וּלְחַטָּאתָֽם׃ ס | 3 |
यह संभव है कि यहूदाह के वंशज सारे विपत्ति के विषय में सुनेंगे, जो मैं उन पर प्रभावी करने की योजना बना रहा हूं; कि हर एक व्यक्ति इसे सुन अपनी संकट नीति से विमुख हो जाए और मैं उनकी अधर्मिता तथा उनके पाप को क्षमा कर दूं.”
וַיִּקְרָ֣א יִרְמְיָ֔הוּ אֶת־בָּר֖וּךְ בֶּן־נֵֽרִיָּ֑ה וַיִּכְתֹּ֨ב בָּר֜וּךְ מִפִּ֣י יִרְמְיָ֗הוּ אֵ֣ת כָּל־דִּבְרֵ֧י יְהוָ֛ה אֲשֶׁר־דִּבֶּ֥ר אֵלָ֖יו עַל־מְגִלַּת־סֵֽפֶר׃ | 4 |
फिर येरेमियाह ने नेरियाह के पुत्र बारूख को बुलवाया. याहवेह द्वारा प्रगट हर एक संदेश को जैसे जैसे येरेमियाह बोलते गए, वैसे वैसे बारूख एक चर्मपत्र कुण्डली पर लिखता गया.
וַיְצַוֶּ֣ה יִרְמְיָ֔הוּ אֶת־בָּר֖וּךְ לֵאמֹ֑ר אֲנִ֣י עָצ֔וּר לֹ֣א אוּכַ֔ל לָב֖וֹא בֵּ֥ית יְהוָֽה׃ | 5 |
येरेमियाह ने बारूख को यह आदेश दिया, “मुझ पर प्रतिबन्ध लगाया गया है; इसलिये याहवेह के भवन में मेरा प्रवेश निषिद्ध है.
וּבָאתָ֣ אַתָּ֡ה וְקָרָ֣אתָ בַמְּגִלָּ֣ה אֲשֶׁר־כָּתַֽבְתָּ־מִפִּי֩ אֶת־דִּבְרֵ֨י יְהוָ֜ה בְּאָזְנֵ֥י הָעָ֛ם בֵּ֥ית יְהוָ֖ה בְּי֣וֹם צ֑וֹם וְגַ֨ם בְּאָזְנֵ֧י כָל־יְהוּדָ֛ה הַבָּאִ֥ים מֵעָרֵיהֶ֖ם תִּקְרָאֵֽם׃ | 6 |
इसलिये तुम्हें ही याहवेह के भवन में जाना होगा और उपवास के लिए निर्धारित दिवस पर तुम मेरे बोले हुए लेख द्वारा चर्मपत्र कुण्डली पर लिखे गए सारे वचन लोगों के समक्ष पढ़ देना. तुम्हें यही वचन उन लोगों के समक्ष भी पढ़ना होगा, जो यहूदिया के नगरों से वहां आएंगे.
אוּלַ֞י תִּפֹּ֤ל תְּחִנָּתָם֙ לִפְנֵ֣י יְהוָ֔ה וְיָשֻׁ֕בוּ אִ֖ישׁ מִדַּרְכּ֣וֹ הָרָעָ֑ה כִּֽי־גָד֤וֹל הָאַף֙ וְהַ֣חֵמָ֔ה אֲשֶׁר־דִּבֶּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־הָעָ֥ם הַזֶּֽה׃ | 7 |
संभव है उनकी बिनती याहवेह के समक्ष प्रस्तुत की जाए, हर एक व्यक्ति अपने अधर्म से विमुख हो जाए, क्योंकि प्रचंड है याहवेह का क्रोध एवं प्रकोप, जिसकी वाणी इन लोगों के विरुद्ध की जा चुकी है.”
וַיַּ֗עַשׂ בָּרוּךְ֙ בֶּן־נֵ֣רִיָּ֔ה כְּכֹ֥ל אֲשֶׁר־צִוָּ֖הוּ יִרְמְיָ֣הוּ הַנָּבִ֑יא לִקְרֹ֥א בַסֵּ֛פֶר דִּבְרֵ֥י יְהוָ֖ה בֵּ֥ית יְהֹוָֽה׃ ס | 8 |
नेरियाह के पुत्र बारूख ने येरेमियाह भविष्यद्वक्ता के आदेश का पूरी तरह पालन किया, उसने याहवेह के भवन में जाकर इस अभिलेख में से याहवेह के संदेश का वाचन किया.
וַיְהִ֣י בַשָּׁנָ֣ה הַ֠חֲמִשִׁית לִיהוֹיָקִ֨ים בֶּן־יֹאשִׁיָּ֤הוּ מֶֽלֶךְ־יְהוּדָה֙ בַּחֹ֣דֶשׁ הַתְּשִׁעִ֔י קָרְא֨וּ צ֜וֹם לִפְנֵ֧י יְהוָ֛ה כָּל־הָעָ֖ם בִּירֽוּשָׁלִָ֑ם וְכָל־הָעָ֗ם הַבָּאִ֛ים מֵעָרֵ֥י יְהוּדָ֖ה בִּירוּשָׁלִָֽם׃ | 9 |
योशियाह के पुत्र यहूदिया के राजा यहोइयाकिम के राज्य-काल के पांचवें वर्ष के नवें माह में येरूशलेम के सभी निवासियों ने तथा यहूदिया के नगरों से वहां आए सभी निवासियों ने याहवेह के समक्ष उपवास रखे जाने की घोषणा की.
וַיִּקְרָ֨א בָר֥וּךְ בַּסֵּ֛פֶר אֶת־דִּבְרֵ֥י יִרְמְיָ֖הוּ בֵּ֣ית יְהוָ֑ה בְּלִשְׁכַּ֡ת גְּמַרְיָהוּ֩ בֶן־שָׁפָ֨ן הַסֹּפֵ֜ר בֶּחָצֵ֣ר הָעֶלְי֗וֹן פֶּ֣תַח שַׁ֤עַר בֵּית־יְהוָה֙ הֶֽחָדָ֔שׁ בְּאָזְנֵ֖י כָּל־הָעָֽם׃ | 10 |
तत्पश्चात बारूख ने याहवेह के भवन में लिपिक शापान के पुत्र गेमारियाह के कक्ष में, जो ऊपरी आंगन में था, याहवेह के भवन के नये प्रवेश द्वार के प्रवेश में खड़े होकर उपस्थित सारे जनसमूह के समक्ष येरेमियाह के अभिलेख के संदेश को पढ़ा.
וַ֠יִּשְׁמַ֗ע מִכָ֨יְהוּ בֶן־גְּמַרְיָ֧הוּ בֶן־שָׁפָ֛ן אֶת־כָּל־דִּבְרֵ֥י יְהוָ֖ה מֵעַ֥ל הַסֵּֽפֶר׃ | 11 |
जब शापान के पौत्र गेमारियाह के पुत्र मीकायाह ने इस अभिलेख से याहवेह का संदेश सुना,
וַיֵּ֤רֶד בֵּית־הַמֶּ֙לֶךְ֙ עַל־לִשְׁכַּ֣ת הַסֹּפֵ֔ר וְהִ֨נֵּה־שָׁ֔ם כָּל־הַשָּׂרִ֖ים יֽוֹשְׁבִ֑ים אֱלִישָׁמָ֣ע הַסֹּפֵ֡ר וּדְלָיָ֣הוּ בֶן־שְׁ֠מַעְיָהוּ וְאֶלְנָתָ֨ן בֶּן־עַכְבּ֜וֹר וּגְמַרְיָ֧הוּ בֶן־שָׁפָ֛ן וְצִדְקִיָּ֥הוּ בֶן־חֲנַנְיָ֖הוּ וְכָל־הַשָּׂרִֽים׃ | 12 |
वह महलों में लिपिकों के कक्ष में चला गया. वहां उसने देखा कि वहां सारे अधिकारी बैठे हुए थे. लिपिक एलीशामा, शेमायाह का पुत्र देलाइयाह, अखबोर को पुत्र एल-नाथान, शापान का पुत्र गेमारियाह, हननियाह का पुत्र सीदकियाहू तथा अन्य सभी अधिकारी भी.
וַיַּגֵּ֤ד לָהֶם֙ מִכָ֔יְהוּ אֵ֥ת כָּל־הַדְּבָרִ֖ים אֲשֶׁ֣ר שָׁמֵ֑עַ בִּקְרֹ֥א בָר֛וּךְ בַּסֵּ֖פֶר בְּאָזְנֵ֥י הָעָֽם׃ | 13 |
मीकायाह ने उनके समक्ष उस अभिलेख से बारूख द्वारा लोगों के समक्ष पढ़ी गई संपूर्ण विषय-वस्तु दोहरा दी, जो वह स्वयं सुनकर आया था,
וַיִּשְׁלְח֨וּ כָל־הַשָּׂרִ֜ים אֶל־בָּר֗וּךְ אֶת־יְהוּדִ֡י בֶּן־נְ֠תַנְיָהוּ בֶּן־שֶׁלֶמְיָ֣הוּ בֶן־כּוּשִׁי֮ לֵאמֹר֒ הַמְּגִלָּ֗ה אֲשֶׁ֨ר קָרָ֤אתָ בָּהּ֙ בְּאָזְנֵ֣י הָעָ֔ם קָחֶ֥נָּה בְיָדְךָ֖ וָלֵ֑ךְ וַ֠יִּקַּח בָּר֨וּךְ בֶּן־נֵרִיָּ֤הוּ אֶת־הַמְּגִלָּה֙ בְּיָד֔וֹ וַיָּבֹ֖א אֲלֵיהֶֽם׃ | 14 |
इस पर सारे अधिकारियों ने कूशी के परपोते, शेलेमियाह के पोते, नेथनियाह के पुत्र, येहूदी को बारूख के लिए इस संदेश के साथ भेजा, “तुमने जिस चर्मपत्र कुण्डली से लोगों के समक्ष पढ़ा है, उसे लेकर यहां आ जाओ.” इसलिये नेरियाह का पुत्र बारूख उस चर्मपत्र कुण्डली को लेकर उनकी उपस्थिति में पहुंच गया.
וַיֹּאמְר֣וּ אֵלָ֔יו שֵׁ֣ב נָ֔א וּקְרָאֶ֖נָּה בְּאָזְנֵ֑ינוּ וַיִּקְרָ֥א בָר֖וּךְ בְּאָזְנֵיהֶֽם׃ | 15 |
उन्होंने उससे आग्रह किया, “कृपया बैठ जाओ और इसे हमें पढ़कर सुनाओ.” तब बारूख ने उसे उनके समक्ष पढ़ दिया.
וַיְהִ֗י כְּשָׁמְעָם֙ אֶת־כָּל־הַדְּבָרִ֔ים פָּחֲד֖וּ אִ֣ישׁ אֶל־רֵעֵ֑הוּ וַיֹּֽאמְרוּ֙ אֶל־בָּר֔וּךְ הַגֵּ֤יד נַגִּיד֙ לַמֶּ֔לֶךְ אֵ֥ת כָּל־הַדְּבָרִ֖ים הָאֵֽלֶּה׃ | 16 |
जब उन्होंने संपूर्ण विषय-वस्तु सुन ली, तब वे भयभीत होकर एक दूसरे की ओर देखने लगे और उन्होंने बारूख से कहा, “निश्चयतः हम यह सब राजा को सूचित कर देंगे.”
וְאֶ֨ת־בָּר֔וּךְ שָׁאֲל֖וּ לֵאמֹ֑ר הַגֶּד־נָ֣א לָ֔נוּ אֵ֗יךְ כָּתַ֛בְתָּ אֶת־כָּל־הַדְּבָרִ֥ים הָאֵ֖לֶּה מִפִּֽיו׃ | 17 |
उन्होंने बारूख से यह भी पूछा, “हमें कृपा कर यह भी बताओ, यह सब तुमने लिखा कैसे? क्या यह येरेमियाह द्वारा बोली हुई बातों का लेख है?”
וַיֹּ֤אמֶר לָהֶם֙ בָּר֔וּךְ מִפִּיו֙ יִקְרָ֣א אֵלַ֔י אֵ֥ת כָּל־הַדְּבָרִ֖ים הָאֵ֑לֶּה וַאֲנִ֛י כֹּתֵ֥ב עַל־הַסֵּ֖פֶר בַּדְּיֽוֹ׃ פ | 18 |
तब बारूख ने उन्हें उत्तर दिया, “उन्होंने ही मुझे यह सारे वचन कहे हैं, जिन्हें मैंने स्याही से सूची में लिख दिया है.”
וַיֹּאמְר֤וּ הַשָּׂרִים֙ אֶל־בָּר֔וּךְ לֵ֥ךְ הִסָּתֵ֖ר אַתָּ֣ה וְיִרְמְיָ֑הוּ וְאִ֥ישׁ אַל־יֵדַ֖ע אֵיפֹ֥ה אַתֶּֽם׃ | 19 |
तब अधिकारियों ने बारूख को आदेश दिया, “तुम और येरेमियाह जाकर कहीं छिप जाओ और किसी को भी यह ज्ञात न होने पाए कि तुम कहां हो.”
וַיָּבֹ֤אוּ אֶל־הַמֶּ֙לֶךְ֙ חָצֵ֔רָה וְאֶת־הַמְּגִלָּ֣ה הִפְקִ֔דוּ בְּלִשְׁכַּ֖ת אֱלִישָׁמָ֣ע הַסֹּפֵ֑ר וַיַּגִּ֙ידוּ֙ בְּאָזְנֵ֣י הַמֶּ֔לֶךְ אֵ֖ת כָּל־הַדְּבָרִֽים׃ | 20 |
अधिकारियों ने जाकर चर्मपत्र कुण्डली को लिपिक एलीशामा के कक्ष में सुरक्षित रख दिया और फिर राज्यसभा में जाकर राजा को चर्मपत्र कुण्डली में लिखित संपूर्ण विषय-वस्तु की सूचना दे दी.
וַיִּשְׁלַ֨ח הַמֶּ֜לֶךְ אֶת־יְהוּדִ֗י לָקַ֙חַת֙ אֶת־הַמְּגִלָּ֔ה וַיִּ֨קָּחֶ֔הָ מִלִּשְׁכַּ֖ת אֱלִישָׁמָ֣ע הַסֹּפֵ֑ר וַיִּקְרָאֶ֤הָ יְהוּדִי֙ בְּאָזְנֵ֣י הַמֶּ֔לֶךְ וּבְאָזְנֵי֙ כָּל־הַשָּׂרִ֔ים הָעֹמְדִ֖ים מֵעַ֥ל הַמֶּֽלֶךְ׃ | 21 |
राजा ने येहूदी को यह चर्मपत्र कुण्डली लाने का आदेश दिया, उसने जाकर इसे लिपिक एलीशामा के कक्ष से बाहर निकाल लिया. तब येहूदी ने राजा एवं राजा की उपस्थिति में खड़े सारे अधिकारियों के समक्ष चर्मपत्र कुण्डली अभिलेख पढ़ दिया.
וְהַמֶּ֗לֶךְ יוֹשֵׁב֙ בֵּ֣ית הַחֹ֔רֶף בַּחֹ֖דֶשׁ הַתְּשִׁיעִ֑י וְאֶת־הָאָ֖ח לְפָנָ֥יו מְבֹעָֽרֶת׃ | 22 |
यह नवें माह का अवसर था और राजा अपने शीतकालीन आवास में विराजमान था; उसके समक्ष अंगीठी में अग्नि प्रज्वलित थी.
וַיְהִ֣י ׀ כִּקְר֣וֹא יְהוּדִ֗י שָׁלֹ֣שׁ דְּלָתוֹת֮ וְאַרְבָּעָה֒ יִֽקְרָעֶ֙הָ֙ בְּתַ֣עַר הַסֹּפֵ֔ר וְהַשְׁלֵ֕ךְ אֶל־הָאֵ֖שׁ אֲשֶׁ֣ר אֶל־הָאָ֑ח עַד־תֹּם֙ כָּל־הַמְּגִלָּ֔ה עַל־הָאֵ֖שׁ אֲשֶׁ֥ר עַל־הָאָֽח׃ | 23 |
जब येहूदी तीन अथवा चार अंश पढ़ लेता था, राजा उतने चर्मपत्र को लिपिक के चाकू से काटकर अंगीठी की अग्नि में डाल देता था, इस प्रकार होते-होते संपूर्ण चर्मपत्र कुण्डली अंगीठी की अग्नि में भस्म हो गई.
וְלֹ֣א פָחֲד֔וּ וְלֹ֥א קָרְע֖וּ אֶת־בִּגְדֵיהֶ֑ם הַמֶּ֙לֶךְ֙ וְכָל־עֲבָדָ֔יו הַשֹּׁ֣מְעִ֔ים אֵ֥ת כָּל־הַדְּבָרִ֖ים הָאֵֽלֶּה׃ | 24 |
इतना सब होने पर भी राजा तथा उसके सारे सेवकों पर कोई प्रभाव न पड़ा, न वे भयभीत हुए और न उनमें से किसी ने शोक में अपने वस्त्र ही फाड़े.
וְגַם֩ אֶלְנָתָ֨ן וּדְלָיָ֤הוּ וּגְמַרְיָ֙הוּ֙ הִפְגִּ֣עוּ בַמֶּ֔לֶךְ לְבִלְתִּ֥י שְׂרֹ֖ף אֶת־הַמְּגִלָּ֑ה וְלֹ֥א שָׁמַ֖ע אֲלֵיהֶֽם׃ | 25 |
यहां तक कि एल-नाथान, देलाइयाह तथा गेमारियाह, राजा से चर्मपत्र कुण्डली को दहन न करने का आग्रह करते रहे, राजा ने उनकी एक न सुनी.
וַיְצַוֶּ֣ה הַ֠מֶּלֶךְ אֶת־יְרַחְמְאֵ֨ל בֶּן־הַמֶּ֜לֶךְ וְאֶת־שְׂרָיָ֣הוּ בֶן־עַזְרִיאֵ֗ל וְאֶת־שֶֽׁלֶמְיָ֙הוּ֙ בֶּֽן־עַבְדְּאֵ֔ל לָקַ֙חַת֙ אֶת־בָּר֣וּךְ הַסֹּפֵ֔ר וְאֵ֖ת יִרְמְיָ֣הוּ הַנָּבִ֑יא וַיַּסְתִּרֵ֖ם יְהוָֽה׃ ס | 26 |
राजा ने राजपुत्र येराहमील को, आज़रियल के पुत्र सेराइयाह तथा अबदील के पुत्र शेलेमियाह को आदेश दिया, कि वे लिपिक बारूख को तथा भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को पकड़ लें, किंतु इस समय वे याहवेह द्वारा छिपा दिए गए थे.
וַיְהִ֥י דְבַר־יְהוָ֖ה אֶֽל־יִרְמְיָ֑הוּ אַחֲרֵ֣י ׀ שְׂרֹ֣ף הַמֶּ֗לֶךְ אֶת־הַמְּגִלָּה֙ וְאֶת־הַדְּבָרִ֔ים אֲשֶׁ֨ר כָּתַ֥ב בָּר֛וּךְ מִפִּ֥י יִרְמְיָ֖הוּ לֵאמֹֽר׃ | 27 |
येरेमियाह के बोले हुए लेख जो बारूख द्वारा लिखित चर्मपत्र कुण्डली में था, जिसका दहन जब राजा यहोइयाकिम ने कर चुका, तब येरेमियाह को याहवेह का यह संदेश प्राप्त हुआ:
שׁ֥וּב קַח־לְךָ֖ מְגִלָּ֣ה אַחֶ֑רֶת וּכְתֹ֣ב עָלֶ֗יהָ אֵ֤ת כָּל־הַדְּבָרִים֙ הָרִ֣אשֹׁנִ֔ים אֲשֶׁ֣ר הָי֗וּ עַל־הַמְּגִלָּה֙ הָרִ֣אשֹׁנָ֔ה אֲשֶׁ֥ר שָׂרַ֖ף יְהוֹיָקִ֥ים מֶֽלֶךְ־יְהוּדָֽה׃ | 28 |
“अब एक नयी चर्मपत्र कुण्डली लो और उस पर वे ही संदेश लिपिबद्ध कर दो, जो उस चर्मपत्र कुण्डली पर लिखे गए थे, जिसको यहूदिया के राजा यहोइयाकिम द्वारा दहन कर दिया गया है.
וְעַל־יְהוֹיָקִ֤ים מֶֽלֶךְ־יְהוּדָה֙ תֹּאמַ֔ר כֹּ֖ה אָמַ֣ר יְהוָ֑ה אַ֠תָּה שָׂרַ֜פְתָּ אֶת־הַמְּגִלָּ֤ה הַזֹּאת֙ לֵאמֹ֔ר מַדּוּעַ֩ כָּתַ֨בְתָּ עָלֶ֜יהָ לֵאמֹ֗ר בֹּֽא־יָב֤וֹא מֶֽלֶךְ־בָּבֶל֙ וְהִשְׁחִית֙ אֶת־הָאָ֣רֶץ הַזֹּ֔את וְהִשְׁבִּ֥ית מִמֶּ֖נָּה אָדָ֥ם וּבְהֵמָֽה׃ ס | 29 |
यहूदिया के राजा यहोइयाकिम के विषय में तुम्हें यह कहना होगा, ‘यह याहवेह का संदेश है: तुमने तो यह कहते हुए चर्मपत्र कुण्डली का दहन कर दिया है, “तुमने इसमें ऐसा क्यों लिख दिया, कि बाबेल का राजा निश्चयतः आएगा तथा इस देश को ध्वस्त कर देगा तथा उस देश से मनुष्यों एवं पशुओं का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा?”
לָכֵ֞ן כֹּֽה־אָמַ֣ר יְהוָ֗ה עַל־יְהֽוֹיָקִים֙ מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֔ה לֹא־יִֽהְיֶה־לּ֥וֹ יוֹשֵׁ֖ב עַל־כִּסֵּ֣א דָוִ֑ד וְנִבְלָתוֹ֙ תִּֽהְיֶ֣ה מֻשְׁלֶ֔כֶת לַחֹ֥רֶב בַּיּ֖וֹם וְלַקֶּ֥רַח בַּלָּֽיְלָה׃ | 30 |
इसलिये यहूदिया के राजा यहोइयाकिम के विषय में याहवेह की पूर्ववाणी यह है: दावीद के सिंहासन पर विराजमान होने के लिए उसका कोई भी वंशज नहीं रह जाएगा तथा उसका शव दिन की उष्णता तथा रात्रि के पाले में पड़ा रह जाएगा.
וּפָקַדְתִּ֨י עָלָ֧יו וְעַל־זַרְע֛וֹ וְעַל־עֲבָדָ֖יו אֶת־עֲוֹנָ֑ם וְהֵבֵאתִ֣י עֲ֠לֵיהֶם וְעַל־יֹשְׁבֵ֨י יְרוּשָׁלִַ֜ם וְאֶל־אִ֣ישׁ יְהוּדָ֗ה אֵ֧ת כָּל־הָרָעָ֛ה אֲשֶׁר־דִּבַּ֥רְתִּי אֲלֵיהֶ֖ם וְלֹ֥א שָׁמֵֽעוּ׃ ס | 31 |
मैं उसे, उसके वंशजों तथा उसके सेवकों को उनके अधर्म के लिए दंड भी दूंगा; मैं उन पर, येरूशलेम वासियों पर तथा यहूदिया की प्रजा पर वे सभी विपत्तियां प्रभावी कर दूंगा, जिनकी वाणी मैं कर चुका हूं, क्योंकि उन्होंने मेरी चेतावनियों की अवहेलना की है.’”
וְיִרְמְיָ֜הוּ לָקַ֣ח ׀ מְגִלָּ֣ה אַחֶ֗רֶת וַֽיִּתְּנָהּ֮ אֶל־בָּר֣וּךְ בֶּן־נֵרִיָּהוּ֮ הַסֹּפֵר֒ וַיִּכְתֹּ֤ב עָלֶ֙יהָ֙ מִפִּ֣י יִרְמְיָ֔הוּ אֵ֚ת כָּל־דִּבְרֵ֣י הַסֵּ֔פֶר אֲשֶׁ֥ר שָׂרַ֛ף יְהוֹיָקִ֥ים מֶֽלֶךְ־יְהוּדָ֖ה בָּאֵ֑שׁ וְע֨וֹד נוֹסַ֧ף עֲלֵיהֶ֛ם דְּבָרִ֥ים רַבִּ֖ים כָּהֵֽמָּה׃ ס | 32 |
तब येरेमियाह ने नेरियाह के पुत्र लिपिक बारूख को एक अन्य चर्मपत्र कुण्डली दी, जिस पर उसने येरेमियाह के बोले हुए वचन लिखे, इसमें उसने वे सभी संदेश पुनः लिख दिए, जो उस चर्मपत्र कुण्डली में लिखे थे, जिसे यहूदिया के राजा यहोइयाकिम ने अग्नि में दहन कर दिया था. इसके सिवा इसमें इसी प्रकार के अन्य संदेश भी सम्मिलित कर दिए गए.