< הוֹשֵׁעַ 8 >
אֶל־חִכְּךָ֣ שֹׁפָ֔ר כַּנֶּ֖שֶׁר עַל־בֵּ֣ית יְהוָ֑ה יַ֚עַן עָבְר֣וּ בְרִיתִ֔י וְעַל־תּוֹרָתִ֖י פָּשָֽׁעוּ׃ | 1 |
१अपने मुँह में नरसिंगा लगा। वह उकाब के समान यहोवा के घर पर झपटेगा, क्योंकि मेरे घर के लोगों ने मेरी वाचा तोड़ी, और मेरी व्यवस्था का उल्लंघन किया है।
לִ֖י יִזְעָ֑קוּ אֱלֹהַ֥י יְֽדַעֲנ֖וּךָ יִשְׂרָאֵֽל׃ | 2 |
२वे मुझसे पुकारकर कहेंगे, “हे हमारे परमेश्वर, हम इस्राएली लोग तुझे जानते हैं।”
זָנַ֥ח יִשְׂרָאֵ֖ל ט֑וֹב אוֹיֵ֖ב יִרְדְּֽפוֹ׃ | 3 |
३परन्तु इस्राएल ने भलाई को मन से उतार दिया है; शत्रु उसके पीछे पड़ेगा।
הֵ֤ם הִמְלִיכוּ֙ וְלֹ֣א מִמֶּ֔נִּי הֵשִׂ֖ירוּ וְלֹ֣א יָדָ֑עְתִּי כַּסְפָּ֣ם וּזְהָבָ֗ם עָשׂ֤וּ לָהֶם֙ עֲצַבִּ֔ים לְמַ֖עַן יִכָּרֵֽת׃ | 4 |
४वे राजाओं को ठहराते रहे, परन्तु मेरी इच्छा से नहीं। वे हाकिमों को भी ठहराते रहे, परन्तु मेरे अनजाने में। उन्होंने अपना सोना-चाँदी लेकर मूरतें बना लीं जिससे वे ही नाश हो जाएँ।
זָנַח֙ עֶגְלֵ֣ךְ שֹֽׁמְר֔וֹן חָרָ֥ה אַפִּ֖י בָּ֑ם עַד־מָתַ֕י לֹ֥א יוּכְל֖וּ נִקָּיֹֽן׃ | 5 |
५हे सामरिया, उसने तेरे बछड़े को मन से उतार दिया है, मेरा क्रोध उन पर भड़का है। वे निर्दोष होने में कब तक विलम्ब करेंगे?
כִּ֤י מִיִּשְׂרָאֵל֙ וְה֔וּא חָרָ֣שׁ עָשָׂ֔הוּ וְלֹ֥א אֱלֹהִ֖ים ה֑וּא כִּֽי־שְׁבָבִ֣ים יִֽהְיֶ֔ה עֵ֖גֶל שֹׁמְרֽוֹן׃ | 6 |
६यह इस्राएल से हुआ है। एक कारीगर ने उसे बनाया; वह परमेश्वर नहीं है। इस कारण सामरिया का वह बछड़ा टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा।
כִּ֛י ר֥וּחַ יִזְרָ֖עוּ וְסוּפָ֣תָה יִקְצֹ֑רוּ קָמָ֣ה אֵֽין־ל֗וֹ צֶ֚מַח בְּלִ֣י יַֽעֲשֶׂה־קֶּ֔מַח אוּלַ֣י יַֽעֲשֶׂ֔ה זָרִ֖ים יִבְלָעֻֽהוּ׃ | 7 |
७वे वायु बोते हैं, और वे बवण्डर लवेंगे। उनके लिये कुछ खेत रहेगा नहीं न उनकी उपज से कुछ आटा होगा; और यदि हो भी तो परदेशी उसको खा डालेंगे।
נִבְלַ֖ע יִשְׂרָאֵ֑ל עַתָּה֙ הָי֣וּ בַגּוֹיִ֔ם כִּכְלִ֖י אֵֽין־חֵ֥פֶץ בּֽוֹ׃ | 8 |
८इस्राएल निगला गया; अब वे अन्यजातियों में ऐसे निकम्मे ठहरे जैसे तुच्छ बर्तन ठहरता है।
כִּֽי־הֵ֙מָּה֙ עָל֣וּ אַשּׁ֔וּר פֶּ֖רֶא בּוֹדֵ֣ד ל֑וֹ אֶפְרַ֖יִם הִתְנ֥וּ אֲהָבִֽים | 9 |
९क्योंकि वे अश्शूर को ऐसे चले गए, जैसा जंगली गदहा झुण्ड से बिछड़ के रहता है; एप्रैम ने यारों को मजदूरी पर रखा है।
גַּ֛ם כִּֽי־יִתְנ֥וּ בַגּוֹיִ֖ם עַתָּ֣ה אֲקַבְּצֵ֑ם וַיָּחֵ֣לּוּ מְּעָ֔ט מִמַּשָּׂ֖א מֶ֥לֶךְ שָׂרִֽים׃ | 10 |
१०यद्यपि वे अन्यजातियों में से मजदूर बनाकर रखें, तो भी मैं उनको इकट्ठा करूँगा। और वे हाकिमों और राजा के बोझ के कारण घटने लगेंगे।
כִּֽי־הִרְבָּ֥ה אֶפְרַ֛יִם מִזְבְּחֹ֖ת לַחֲטֹ֑א הָיוּ־ל֥וֹ מִזְבְּח֖וֹת לַחֲטֹֽא׃ | 11 |
११एप्रैम ने पाप करने को बहुत सी वेदियाँ बनाई हैं, वे ही वेदियाँ उसके पापी ठहरने का कारण भी ठहरीं।
אֶ֨כְתָּב ל֔וֹ רֻבֵּ֖י תּֽוֹרָתִ֑י כְּמוֹ־זָ֖ר נֶחְשָֽׁבוּ׃ | 12 |
१२मैं तो उनके लिये अपनी व्यवस्था की लाखों बातें लिखकर दिए, परन्तु वे उन्हें पराया समझते हैं।
זִבְחֵ֣י הַבְהָבַ֗י יִזְבְּח֤וּ בָשָׂר֙ וַיֹּאכֵ֔לוּ יְהוָ֖ה לֹ֣א רָצָ֑ם עַתָּ֞ה יִזְכֹּ֤ר עֲוֹנָם֙ וְיִפְקֹ֣ד חַטֹּאותָ֔ם הֵ֖מָּה מִצְרַ֥יִם יָשֽׁוּבוּ׃ | 13 |
१३वे मेरे लिये बलिदान तो करते हैं, और पशुबलि भी करते हैं, परन्तु उसका फल माँस ही है; वे आप ही उसे खाते हैं; परन्तु यहोवा उनसे प्रसन्न नहीं होता। अब वह उनके अधर्म की सुधि लेकर उनके पाप का दण्ड देगा; वे मिस्र में लौट जाएँगे।
וַיִּשְׁכַּ֨ח יִשְׂרָאֵ֜ל אֶת־עֹשֵׂ֗הוּ וַיִּ֙בֶן֙ הֵֽיכָל֔וֹת וִֽיהוּדָ֕ה הִרְבָּ֖ה עָרִ֣ים בְּצֻר֑וֹת וְשִׁלַּחְתִּי־אֵ֣שׁ בְּעָרָ֔יו וְאָכְלָ֖ה אַרְמְנֹתֶֽיהָ׃ ס | 14 |
१४क्योंकि इस्राएल ने अपने कर्ता को भुला कर महल बनाए, और यहूदा ने बहुत से गढ़वाले नगरों को बसाया है; परन्तु मैं उनके नगरों में आग लगाऊँगा, और उससे उनके गढ़ भस्म हो जाएँगे।