< הוֹשֵׁעַ 13 >
כְּדַבֵּ֤ר אֶפְרַ֙יִם֙ רְתֵ֔ת נָשָׂ֥א ה֖וּא בְּיִשְׂרָאֵ֑ל וַיֶּאְשַׁ֥ם בַּבַּ֖עַל וַיָּמֹֽת׃ | 1 |
इफ़्राईम के कलाम में ख़ौफ़ था, वह इस्राईल के बीच सरफ़राज़ किया गया; लेकिन बा'ल की वजह से गुनहगार होकर फ़ना हो गया।
וְעַתָּ֣ה ׀ יוֹסִ֣פוּ לַחֲטֹ֗א וַיַּעְשׂ֣וּ לָהֶם֩ מַסֵּכָ֨ה מִכַּסְפָּ֤ם כִּתְבוּנָם֙ עֲצַבִּ֔ים מַעֲשֵׂ֥ה חָרָשִׁ֖ים כֻּלֹּ֑ה לָהֶם֙ הֵ֣ם אֹמְרִ֔ים זֹבְחֵ֣י אָדָ֔ם עֲגָלִ֖ים יִשָּׁקֽוּן׃ | 2 |
और अब वह गुनाह पर गुनाह करते हैं, उन्होंने अपने लिए चाँदी की ढाली हुई मुरते बनाई और अपनी समझ के मुताबिक़ बुत तैयार किए जो सब के सब कारीगरों का काम हैं। वो उनके बारे कहते हैं, “जो लोग क़ुर्बानी पेश करते हैं, बछड़ों को चूमें!”
לָכֵ֗ן יִֽהְיוּ֙ כַּעֲנַן־בֹּ֔קֶר וְכַטַּ֖ל מַשְׁכִּ֣ים הֹלֵ֑ךְ כְּמֹץ֙ יְסֹעֵ֣ר מִגֹּ֔רֶן וּכְעָשָׁ֖ן מֵאֲרֻבָּֽה׃ | 3 |
इसलिए वह सुबह के बादल और शबनम की तरह जल्द जाते रहेंगे, और भूसी की तरह, जिसको बगोला खलीहान पर से उड़ा ले जाता है, और उस धुंवें की तरह जो दूदकश से निकलता है।
וְאָנֹכִ֛י יְהוָ֥ה אֱלֹהֶ֖יךָ מֵאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם וֵאלֹהִ֤ים זֽוּלָתִי֙ לֹ֣א תֵדָ֔ע וּמוֹשִׁ֥יעַ אַ֖יִן בִּלְתִּֽי׃ | 4 |
लेकिन मैं मुल्क — ए — मिस्र ही से, ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा हूँ और मेरे अलावा तू किसी मा'बूद को नहीं जानता था, क्यूँकि मेरे अलावा कोई और नजात देने वाला नहीं है।
אֲנִ֥י יְדַעְתִּ֖יךָ בַּמִּדְבָּ֑ר בְּאֶ֖רֶץ תַּלְאֻבֽוֹת׃ | 5 |
मैंने बियाबान में, या'नी खु़श्क ज़मीन में तेरी ख़बर गीरी की।
כְּמַרְעִיתָם֙ וַיִּשְׂבָּ֔עוּ שָׂבְע֖וּ וַיָּ֣רָם לִבָּ֑ם עַל־כֵּ֖ן שְׁכֵחֽוּנִי׃ | 6 |
वह अपनी चरागाहों में सेर हुए, और सेर होकर उनके दिल में घमंड समाया और मुझे भूल गए।
וָאֱהִ֥י לָהֶ֖ם כְּמוֹ־שָׁ֑חַל כְּנָמֵ֖ר עַל־דֶּ֥רֶךְ אָשֽׁוּר׃ | 7 |
इसलिए मैं उनके लिए शेर — ए — बबर की तरह हुआ; चीते की तरह राह में उनकी घात में बैठूँगा।
אֶפְגְּשֵׁם֙ כְּדֹ֣ב שַׁכּ֔וּל וְאֶקְרַ֖ע סְג֣וֹר לִבָּ֑ם וְאֹכְלֵ֥ם שָׁם֙ כְּלָבִ֔יא חַיַּ֥ת הַשָּׂדֶ֖ה תְּבַקְּעֵֽם׃ | 8 |
मैं उस रीछनी की तरह जिसके बच्चे छिन गए हों, उनसे दो चार हूँगा, और उनके दिल का पर्दा चाक करके शेर — ए — बबर की तरह, उनको वहीं निगल जाऊँगा; जंगली जानवर उनको फाड़ डालेंगे।
שִֽׁחֶתְךָ֥ יִשְׂרָאֵ֖ל כִּֽי־בִ֥י בְעֶזְרֶֽךָ׃ | 9 |
ऐ इस्राईल, यही तेरी हलाकत है कि तू मेरा यानी अपने मदद गार का मुख़ालिफ़ बना।
אֱהִ֤י מַלְכְּךָ֙ אֵפ֔וֹא וְיוֹשִֽׁיעֲךָ֖ בְּכָל־עָרֶ֑יךָ וְשֹׁ֣פְטֶ֔יךָ אֲשֶׁ֣ר אָמַ֔רְתָּ תְּנָה־לִּ֖י מֶ֥לֶךְ וְשָׂרִֽים׃ | 10 |
अब तेरा बादशाह कहाँ है कि तुझे तेरे सब शहरों में बचाए और तेरे क़ाज़ी कहाँ हैं जिनके बारे तू कहता था कि मुझे बादशाह और उमरा इनायत कर?
אֶֽתֶּן־לְךָ֥ מֶ֙לֶךְ֙ בְּאַפִּ֔י וְאֶקַּ֖ח בְּעֶבְרָתִֽי׃ ס | 11 |
मैंने अपने क़हर में तुझे बादशाह दिया, और ग़ज़ब से उसे उठा लिया।
צָרוּר֙ עֲוֹ֣ן אֶפְרָ֔יִם צְפוּנָ֖ה חַטָּאתֽוֹ׃ | 12 |
इफ़्राईम की बदकिरदारी बाँध रखी गई, और उसके गुनाह ज़ख़ीरे में जमा' किए गए।
חֶבְלֵ֥י יֽוֹלֵדָ֖ה יָבֹ֣אוּ ל֑וֹ הוּא־בֵן֙ לֹ֣א חָכָ֔ם כִּֽי־עֵ֥ת לֹֽא־יַעֲמֹ֖ד בְּמִשְׁבַּ֥ר בָּנִֽים׃ | 13 |
वह जैसे दर्द — ए — ज़िह में मुब्तिला होगा, वो बे अक़्ल फ़र्ज़न्द है; अब मुनासिब है कि पैदाइश की जगह में देर न करे।
מִיַּ֤ד שְׁאוֹל֙ אֶפְדֵּ֔ם מִמָּ֖וֶת אֶגְאָלֵ֑ם אֱהִ֨י דְבָרֶיךָ֜ מָ֗וֶת אֱהִ֤י קָֽטָבְךָ֙ שְׁא֔וֹל נֹ֖חַם יִסָּתֵ֥ר מֵעֵינָֽי׃ (Sheol ) | 14 |
मैं उनको पाताल के क़ाबू से नजात दूँगा; मैं उनकी मौत से छुड़ाऊँगा। ऐ मौत तेरी वबा कहाँ है? ऐ पाताल तेरी हलाकत कहाँ है? मैं हरगिज़ रहम न करूँगा। (Sheol )
כִּ֣י ה֔וּא בֵּ֥ן אַחִ֖ים יַפְרִ֑יא יָב֣וֹא קָדִים֩ ר֨וּחַ יְהוָ֜ה מִמִּדְבָּ֣ר עֹלֶ֗ה וְיֵב֤וֹשׁ מְקוֹרוֹ֙ וְיֶחֱרַ֣ב מַעְיָנ֔וֹ ה֣וּא יִשְׁסֶ֔ה אוֹצַ֖ר כָּל־כְּלִ֥י חֶמְדָּֽה׃ | 15 |
अगरचे वह अपने भाइयों में कामियाब हो, तोभी पूरबी हवा आएगी; ख़ुदावन्द का दम बियाबान से आएगा, और उसका सोता सूख जाएगा, और उसका चश्मा ख़ुश्क हो जाएगा। वह सब पसंदीदा बर्तनों का ख़ज़ाना लूट लेगा।
תֶּאְשַׁם֙ שֹֽׁמְר֔וֹן כִּ֥י מָרְתָ֖ה בֵּֽאלֹהֶ֑יהָ בַּחֶ֣רֶב יִפֹּ֔לוּ עֹלְלֵיהֶ֣ם יְרֻטָּ֔שׁוּ וְהָרִיּוֹתָ֖יו יְבֻקָּֽעוּ׃ פ | 16 |
सामरिया अपने जुर्म की सज़ा पाएगा, क्यूँकि उसने अपने ख़ुदा से बग़ावत की है; वह तलवार से गिर जाएँगे। उनके बच्चे पारा — पारा होंगे और हामला 'औरतों के पेट चाक किए जाएँगे।