< הוֹשֵׁעַ 11 >
כִּ֛י נַ֥עַר יִשְׂרָאֵ֖ל וָאֹהֲבֵ֑הוּ וּמִמִּצְרַ֖יִם קָרָ֥אתִי לִבְנִֽי׃ | 1 |
जब इस्राईल अभी बच्चा ही था, मैने उससे मुहब्बत रख्खी, और अपने बेटे को मिस्र से बुलाया।
קָרְא֖וּ לָהֶ֑ם כֵּ֚ן הָלְכ֣וּ מִפְּנֵיהֶ֔ם לַבְּעָלִ֣ים יְזַבֵּ֔חוּ וְלַפְּסִלִ֖ים יְקַטֵּרֽוּן׃ | 2 |
उन्होंने जिस क़द्र उनको बुलाया, उसी क़द्र वह दूर होते गए; उन्होंने बा'लीम के लिए कु़र्बानियाँ पेश कीं और तराशी हुई मूरतों के लिए ख़ुशबू जलाया।
וְאָנֹכִ֤י תִרְגַּ֙לְתִּי֙ לְאֶפְרַ֔יִם קָחָ֖ם עַל־זְרֽוֹעֹתָ֑יו וְלֹ֥א יָדְע֖וּ כִּ֥י רְפָאתִֽים׃ | 3 |
मैंने बनी इफ़्राईम को चलना सिखाया; मैंने उनको गोद में उठाया, लेकिन उन्होंने न जाना कि मैं ही ने उनको सेहत बख़्शी।
בְּחַבְלֵ֨י אָדָ֤ם אֶמְשְׁכֵם֙ בַּעֲבֹת֣וֹת אַהֲבָ֔ה וָאֶהְיֶ֥ה לָהֶ֛ם כִּמְרִ֥ימֵי עֹ֖ל עַ֣ל לְחֵיהֶ֑ם וְאַ֥ט אֵלָ֖יו אוֹכִֽיל׃ | 4 |
मैंने उनको इंसानी रिश्तों और मुहब्बत की डोरियों से खींचा; मैं उनके हक़ में उनकी गर्दन पर से जूआ उतारने वालों की तरह हुआ, और मैंने उनके आगे खाना रख्खा।
לֹ֤א יָשׁוּב֙ אֶל־אֶ֣רֶץ מִצְרַ֔יִם וְאַשּׁ֖וּר ה֣וּא מַלְכּ֑וֹ כִּ֥י מֵאֲנ֖וּ לָשֽׁוּב׃ | 5 |
वह फिर मुल्क — ए — मिस्र में न जाएँगे, बल्कि असूर उनका बादशाह होगा; क्यूँकि वह वापस आने से इन्कार करते हैं।
וְחָלָ֥ה חֶ֙רֶב֙ בְּעָרָ֔יו וְכִלְּתָ֥ה בַדָּ֖יו וְאָכָ֑לָה מִֽמֹּעֲצ֖וֹתֵיהֶֽם׃ | 6 |
तलवार उनके शहरों पर आ पड़ेगी, और उनके अड़बंगों को खा जाएगी और ये उन ही की मश्वरत का नतीजा होगा।
וְעַמִּ֥י תְלוּאִ֖ים לִמְשֽׁוּבָתִ֑י וְאֶל־עַל֙ יִקְרָאֻ֔הוּ יַ֖חַד לֹ֥א יְרוֹמֵם׃ | 7 |
क्यूँकि मेरे लोग मुझ से नाफ़रमानी पर आमादा हैं, बावुजूद ये कि उन्होंने उनको बुलाया कि हक़ ता'ला की तरफ़ रुजू' लाए; लेकिन किसी ने न चाहा कि उसकी इबादत करें।
אֵ֞יךְ אֶתֶּנְךָ֣ אֶפְרַ֗יִם אֲמַגֶּנְךָ֙ יִשְׂרָאֵ֔ל אֵ֚יךְ אֶתֶּנְךָ֣ כְאַדְמָ֔ה אֲשִֽׂימְךָ֖ כִּצְבֹאיִ֑ם נֶהְפַּ֤ךְ עָלַי֙ לִבִּ֔י יַ֖חַד נִכְמְר֥וּ נִחוּמָֽי׃ | 8 |
ऐ इफ़्राईम, मैं तुझ से क्यूँकर दस्तबरदार हो जाऊँ? ऐ इस्राईल, मैं तुझे क्यूँकर तर्क करूं? मैं क्यूँकर तुझे अदमा की तरह बनाऊ? और ज़िबू'ईम तरह बनाऊँ मेरा दिल मुझ में पेच खाता है; मेरी शफ़क़त मौजज़न है।
לֹ֤א אֶֽעֱשֶׂה֙ חֲר֣וֹן אַפִּ֔י לֹ֥א אָשׁ֖וּב לְשַׁחֵ֣ת אֶפְרָ֑יִם כִּ֣י אֵ֤ל אָֽנֹכִי֙ וְלֹא־אִ֔ישׁ בְּקִרְבְּךָ֣ קָד֔וֹשׁ וְלֹ֥א אָב֖וֹא בְּעִֽיר׃ | 9 |
मैं अपने क़हर की शिद्दत के मुताबिक़ 'अमल नहीं करूँगा, मैं हरगिज़ इफ़्राईम को हलाक न करूँगा; क्यूँकि मैं इंसान नहीं, ख़ुदा हूँ। तेरे बीच सुकूनत करने वाला कु़द्दूस, और मैं क़हर के साथ नहीं आऊँगा।
אַחֲרֵ֧י יְהוָ֛ה יֵלְכ֖וּ כְּאַרְיֵ֣ה יִשְׁאָ֑ג כִּֽי־ה֣וּא יִשְׁאַ֔ג וְיֶחֶרְד֥וּ בָנִ֖ים מִיָּֽם׃ | 10 |
वह ख़ुदावन्द की पैरवी करेंगे, जो शेर — ए — बबर की तरह गरजेगा, क्यूँकि वह गरजेगा, और उसके फ़र्ज़न्द मग़रिब की तरफ़ से काँपते हुए आएँगे।
יֶחֶרְד֤וּ כְצִפּוֹר֙ מִמִּצְרַ֔יִם וּכְיוֹנָ֖ה מֵאֶ֣רֶץ אַשּׁ֑וּר וְהוֹשַׁבְתִּ֥ים עַל־בָּתֵּיהֶ֖ם נְאֻם־יְהוָֽה׃ ס | 11 |
वह मिस्र से परिन्दे की तरह, और असूर के मुल्क से कबूतर की तरह काँपते हुए आएँगे; और मैं उनको उनके घरों में बसाऊँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
סְבָבֻ֤נִי בְכַ֙חַשׁ֙ אֶפְרַ֔יִם וּבְמִרְמָ֖ה בֵּ֣ית יִשְׂרָאֵ֑ל וִֽיהוּדָ֗ה עֹ֥ד רָד֙ עִם־אֵ֔ל וְעִם־קְדוֹשִׁ֖ים נֶאֱמָֽן׃ | 12 |
इफ़्राईम ने दरोगगोई से और इस्राईल के घराने ने मक्कारी से मुझ को घेरा है, लेकिन यहूदाह अब तक ख़ुदा के साथ हाँ उस क़ुद्दूस वफ़ादार के साथ हुक्मरान हैं।