< בְּרֵאשִׁית 4 >
וְהָ֣אָדָ֔ם יָדַ֖ע אֶת־חַוָּ֣ה אִשְׁתּ֑וֹ וַתַּ֙הַר֙ וַתֵּ֣לֶד אֶת־קַ֔יִן וַתֹּ֕אמֶר קָנִ֥יתִי אִ֖ישׁ אֶת־יְהוָֽה׃ | 1 |
और आदम अपनी बीवी हव्वा के पास गया, और वह हामिला हुई और उसके क़ाइन पैदा हुआ। तब उसने कहा, मुझे ख़ुदावन्द से एक फ़र्ज़न्द मिला।
וַתֹּ֣סֶף לָלֶ֔דֶת אֶת־אָחִ֖יו אֶת־הָ֑בֶל וַֽיְהִי־הֶ֙בֶל֙ רֹ֣עֵה צֹ֔אן וְקַ֕יִן הָיָ֖ה עֹבֵ֥ד אֲדָמָֽה׃ | 2 |
फिर क़ाइन का भाई हाबिल पैदा हुआ; और हाबिल भेड़ बकरियों का चरवाहा और क़ाइन किसान था।
וַֽיְהִ֖י מִקֵּ֣ץ יָמִ֑ים וַיָּבֵ֨א קַ֜יִן מִפְּרִ֧י הָֽאֲדָמָ֛ה מִנְחָ֖ה לַֽיהוָֽה׃ | 3 |
कुछ दिन के बाद ऐसा हुआ कि क़ाइन अपने खेत के फल का हदिया ख़ुदावन्द के लिए लाया।
וְהֶ֨בֶל הֵבִ֥יא גַם־ה֛וּא מִבְּכֹר֥וֹת צֹאנ֖וֹ וּמֵֽחֶלְבֵהֶ֑ן וַיִּ֣שַׁע יְהוָ֔ה אֶל־הֶ֖בֶל וְאֶל־מִנְחָתֽוֹ׃ | 4 |
और हाबिल भी अपनी भेड़ बकरियों के कुछ पहलौठे बच्चों का और कुछ उनकी चर्बी का हदिया लाया। और ख़ुदावन्द ने हाबिल को और उसके हदिये को क़ुबूल किया,
וְאֶל־קַ֥יִן וְאֶל־מִנְחָת֖וֹ לֹ֣א שָׁעָ֑ה וַיִּ֤חַר לְקַ֙יִן֙ מְאֹ֔ד וַֽיִּפְּל֖וּ פָּנָֽיו׃ | 5 |
लेकिन क़ाइन को और उसके हदिये को क़ुबूल न किया। इसलिए क़ाइन बहुत ग़ुस्सा हुआ और उसका मुँह बिगड़ा।
וַיֹּ֥אמֶר יְהוָ֖ה אֶל־קָ֑יִן לָ֚מָּה חָ֣רָה לָ֔ךְ וְלָ֖מָּה נָפְל֥וּ פָנֶֽיךָ׃ | 6 |
और ख़ुदावन्द ने क़ाइन से कहा, तू क्यूँ ग़ुस्सा हुआ? और तेरा मुँह क्यूँ बिगड़ा हुआ है?
הֲל֤וֹא אִם־תֵּיטִיב֙ שְׂאֵ֔ת וְאִם֙ לֹ֣א תֵיטִ֔יב לַפֶּ֖תַח חַטָּ֣את רֹבֵ֑ץ וְאֵלֶ֙יךָ֙ תְּשׁ֣וּקָת֔וֹ וְאַתָּ֖ה תִּמְשָׁל־בּֽוֹ׃ | 7 |
अगर तू भला करे तो क्या तू मक़्बूल न होगा? और अगर तू भला न करे तो गुनाह दरवाज़े पर दुबका बैठा है और तेरा मुश्ताक़ है, लेकिन तू उस पर ग़ालिब आ।
וַיֹּ֥אמֶר קַ֖יִן אֶל־הֶ֣בֶל אָחִ֑יו נֵלְכָה הַשָּׂדֶה וַֽיְהִי֙ בִּהְיוֹתָ֣ם בַּשָּׂדֶ֔ה וַיָּ֥קָם קַ֛יִן אֶל־הֶ֥בֶל אָחִ֖יו וַיַּהַרְגֵֽהוּ׃ | 8 |
और क़ाइन ने अपने भाई हाबिल को कुछ कहा और जब वह दोनों खेत में थे तो ऐसा हुआ कि क़ाइन ने अपने भाई हाबिल पर हमला किया और उसे क़त्ल कर डाला।
וַיֹּ֤אמֶר יְהוָה֙ אֶל־קַ֔יִן אֵ֖י הֶ֣בֶל אָחִ֑יךָ וַיֹּ֙אמֶר֙ לֹ֣א יָדַ֔עְתִּי הֲשֹׁמֵ֥ר אָחִ֖י אָנֹֽכִי׃ | 9 |
तब ख़ुदावन्द ने क़ाइन से कहा कि तेरा भाई हाबिल कहाँ है? उसने कहा, मुझे मा'लूम नहीं; क्या मैं अपने भाई का मुहाफ़िज़ हूँ?
וַיֹּ֖אמֶר מֶ֣ה עָשִׂ֑יתָ ק֚וֹל דְּמֵ֣י אָחִ֔יךָ צֹעֲקִ֥ים אֵלַ֖י מִן־הָֽאֲדָמָֽה׃ | 10 |
फिर उसने कहा कि तूने यह क्या किया? तेरे भाई का ख़ून ज़मीन से मुझ को पुकारता है।
וְעַתָּ֖ה אָר֣וּר אָ֑תָּה מִן־הָֽאֲדָמָה֙ אֲשֶׁ֣ר פָּצְתָ֣ה אֶת־פִּ֔יהָ לָקַ֛חַת אֶת־דְּמֵ֥י אָחִ֖יךָ מִיָּדֶֽךָ׃ | 11 |
और अब तू ज़मीन की तरफ़ से ला'नती हुआ, जिसने अपना मुँह पसारा कि तेरे हाथ से तेरे भाई का ख़ून ले।
כִּ֤י תַֽעֲבֹד֙ אֶת־הָ֣אֲדָמָ֔ה לֹֽא־תֹסֵ֥ף תֵּת־כֹּחָ֖הּ לָ֑ךְ נָ֥ע וָנָ֖ד תִּֽהְיֶ֥ה בָאָֽרֶץ׃ | 12 |
जब तू ज़मीन को जोतेगा, तो वह अब तुझे अपनी पैदावार न देगी और ज़मीन पर तू ख़ानाख़राब और आवारा होगा।
וַיֹּ֥אמֶר קַ֖יִן אֶל־יְהוָ֑ה גָּד֥וֹל עֲוֹנִ֖י מִנְּשֹֽׂא׃ | 13 |
तब क़ाइन ने ख़ुदावन्द से कहा कि मेरी सज़ा बर्दाश्त से बाहर है।
הֵן֩ גֵּרַ֨שְׁתָּ אֹתִ֜י הַיּ֗וֹם מֵעַל֙ פְּנֵ֣י הָֽאֲדָמָ֔ה וּמִפָּנֶ֖יךָ אֶסָּתֵ֑ר וְהָיִ֜יתִי נָ֤ע וָנָד֙ בָּאָ֔רֶץ וְהָיָ֥ה כָל־מֹצְאִ֖י יַֽהַרְגֵֽנִי׃ | 14 |
देख, आज तूने मुझे रू — ए — ज़मीन से निकाल दिया है, और मैं तेरे सामने से ग़ायब हो जाऊँगा; और ज़मीन पर खानाख़राब और आवारा रहूँगा, और ऐसा होगा कि जो कोई मुझे पाएगा क़त्ल कर डालेगा।
וַיֹּ֧אמֶר ל֣וֹ יְהוָ֗ה לָכֵן֙ כָּל־הֹרֵ֣ג קַ֔יִן שִׁבְעָתַ֖יִם יֻקָּ֑ם וַיָּ֨שֶׂם יְהוָ֤ה לְקַ֙יִן֙ א֔וֹת לְבִלְתִּ֥י הַכּוֹת־אֹת֖וֹ כָּל־מֹצְאֽוֹ׃ | 15 |
तब ख़ुदावन्द ने उसे कहा, नहीं, बल्कि जो क़ाइन को क़त्ल करे उससे सात गुना बदला लिया जाएगा। और ख़ुदावन्द ने क़ाइन के लिए एक निशान ठहराया कि कोई उसे पा कर मार न डाले।
וַיֵּ֥צֵא קַ֖יִן מִלִּפְנֵ֣י יְהוָ֑ה וַיֵּ֥שֶׁב בְּאֶֽרֶץ־נ֖וֹד קִדְמַת־עֵֽדֶן׃ | 16 |
इसलिए, क़ाइन ख़ुदावन्द के सामने से निकल गया और अदन के मशरिक़ की तरफ़ नूद के इलाक़े में जा बसा।
וַיֵּ֤דַע קַ֙יִן֙ אֶת־אִשְׁתּ֔וֹ וַתַּ֖הַר וַתֵּ֣לֶד אֶת־חֲנ֑וֹךְ וַֽיְהִי֙ בֹּ֣נֶה עִ֔יר וַיִּקְרָא֙ שֵׁ֣ם הָעִ֔יר כְּשֵׁ֖ם בְּנ֥וֹ חֲנֽוֹךְ׃ | 17 |
और क़ाइन अपनी बीवी के पास गया और वह हामिला हुई और उसके हनूक पैदा हुआ; और उसने एक शहर बसाया और उसका नाम अपने बेटे के नाम पर हनूक रख्खा।
וַיִּוָּלֵ֤ד לַֽחֲנוֹךְ֙ אֶת־עִירָ֔ד וְעִירָ֕ד יָלַ֖ד אֶת־מְחֽוּיָאֵ֑ל וּמְחִיּיָאֵ֗ל יָלַד֙ אֶת־מְת֣וּשָׁאֵ֔ל וּמְתוּשָׁאֵ֖ל יָלַ֥ד אֶת־לָֽמֶךְ׃ | 18 |
और हनूक से ईराद पैदा हुआ, और ईराद से महुयाएल पैदा हुआ, और महुयाएल से मतूसाएल पैदा हुआ, और मत्तूसाएल से लमक पैदा हुआ।
וַיִּֽקַּֽח־ל֥וֹ לֶ֖מֶךְ שְׁתֵּ֣י נָשִׁ֑ים שֵׁ֤ם הָֽאַחַת֙ עָדָ֔ה וְשֵׁ֥ם הַשֵּׁנִ֖ית צִלָּֽה׃ | 19 |
और लमक दो औरतें ब्याह लाया: एक का नाम अदा और दूसरी का नाम ज़िल्ला था।
וַתֵּ֥לֶד עָדָ֖ה אֶת־יָבָ֑ל ה֣וּא הָיָ֔ה אֲבִ֕י יֹשֵׁ֥ב אֹ֖הֶל וּמִקְנֶֽה׃ | 20 |
और अदा के याबल पैदा हुआ: वह उनका बाप था जो ख़ेमों में रहते और जानवर पालते हैं।
וְשֵׁ֥ם אָחִ֖יו יוּבָ֑ל ה֣וּא הָיָ֔ה אֲבִ֕י כָּל־תֹּפֵ֥שׂ כִּנּ֖וֹר וְעוּגָֽב׃ | 21 |
और उसके भाई का नाम यूबल था: वह बीन और बांसली बजाने वालों का बाप था।
וְצִלָּ֣ה גַם־הִ֗וא יָֽלְדָה֙ אֶת־תּ֣וּבַל קַ֔יִן לֹטֵ֕שׁ כָּל־חֹרֵ֥שׁ נְחֹ֖שֶׁת וּבַרְזֶ֑ל וַֽאֲח֥וֹת תּֽוּבַל־קַ֖יִן נַֽעֲמָֽה׃ | 22 |
और ज़िल्ला के भी तूबलक़ाइन पैदा हुआ: जो पीतल और लोहे के सब तेज़ हथियारों का बनाने वाला था; और नामा तूबलक़ाइन की बहन थी।
וַיֹּ֨אמֶר לֶ֜מֶךְ לְנָשָׁ֗יו עָדָ֤ה וְצִלָּה֙ שְׁמַ֣עַן קוֹלִ֔י נְשֵׁ֣י לֶ֔מֶךְ הַאְזֵ֖נָּה אִמְרָתִ֑י כִּ֣י אִ֤ישׁ הָרַ֙גְתִּי֙ לְפִצְעִ֔י וְיֶ֖לֶד לְחַבֻּרָתִֽי׃ | 23 |
और लमक ने अपनी बीवियों से कहा कि ऐ अदा और ज़िल्ला मेरी बात सुनो; ऐ लमक की बीवियो, मेरी बात पर कान लगाओ: मैंने एक आदमी को जिसने मुझे ज़ख़्मी किया, मार डाला। और एक जवान को जिसने मेरे चोट लगाई, क़त्ल कर डाला।
כִּ֥י שִׁבְעָתַ֖יִם יֻקַּם־קָ֑יִן וְלֶ֖מֶךְ שִׁבְעִ֥ים וְשִׁבְעָֽה׃ | 24 |
अगर क़ाइन का बदला सात गुना लिया जाएगा, तो लमक का सत्तर और सात गुना।
וַיֵּ֨דַע אָדָ֥ם עוֹד֙ אֶת־אִשְׁתּ֔וֹ וַתֵּ֣לֶד בֵּ֔ן וַתִּקְרָ֥א אֶת־שְׁמ֖וֹ שֵׁ֑ת כִּ֣י שָֽׁת־לִ֤י אֱלֹהִים֙ זֶ֣רַע אַחֵ֔ר תַּ֣חַת הֶ֔בֶל כִּ֥י הֲרָג֖וֹ קָֽיִן׃ | 25 |
और आदम फिर अपनी बीवी के पास गया और उसके एक और बेटा हुआ और उसका नाम सेत रख्खा: और वह कहने लगी कि ख़ुदा ने हाबिल के बदले जिसको क़ाइन ने क़त्ल किया, मुझे दूसरा फ़र्ज़न्द दिया।
וּלְשֵׁ֤ת גַּם־הוּא֙ יֻלַּד־בֵּ֔ן וַיִּקְרָ֥א אֶת־שְׁמ֖וֹ אֱנ֑וֹשׁ אָ֣ז הוּחַ֔ל לִקְרֹ֖א בְּשֵׁ֥ם יְהוָֽה׃ פ | 26 |
और सेत के यहाँ भी एक बेटा पैदा हुआ, जिसका नाम उसने अनूस रख्खा; उस वक़्त से लोग यहोवा का नाम लेकर दुआ करने लगे।