< בְּרֵאשִׁית 16 >

וְשָׂרַי֙ אֵ֣שֶׁת אַבְרָ֔ם לֹ֥א יָלְדָ֖ה ל֑וֹ וְלָ֛הּ שִׁפְחָ֥ה מִצְרִ֖ית וּשְׁמָ֥הּ הָגָֽר׃ 1
और इब्रहाम की बीवी सारय के कोई औलाद न हुई। उसकी एक मिस्री लौंडी थी जिसका नाम हाजिरा था।
וַתֹּ֨אמֶר שָׂרַ֜י אֶל־אַבְרָ֗ם הִנֵּה־נָ֞א עֲצָרַ֤נִי יְהוָה֙ מִלֶּ֔דֶת בֹּא־נָא֙ אֶל־שִׁפְחָתִ֔י אוּלַ֥י אִבָּנֶ֖ה מִמֵּ֑נָּה וַיִּשְׁמַ֥ע אַבְרָ֖ם לְק֥וֹל שָׂרָֽי׃ 2
और सारय ने इब्रहाम से कहा कि देख, ख़ुदावन्द ने मुझे तो औलाद से महरूम रख्खा है, इसलिए तू मेरी लौंडी के पास जा शायद उससे मेरा घर आबाद हो। और इब्रहाम ने सारय की बात मानी।
וַתִּקַּ֞ח שָׂרַ֣י אֵֽשֶׁת־אַבְרָ֗ם אֶת־הָגָ֤ר הַמִּצְרִית֙ שִׁפְחָתָ֔הּ מִקֵּץ֙ עֶ֣שֶׂר שָׁנִ֔ים לְשֶׁ֥בֶת אַבְרָ֖ם בְּאֶ֣רֶץ כְּנָ֑עַן וַתִּתֵּ֥ן אֹתָ֛הּ לְאַבְרָ֥ם אִישָׁ֖הּ ל֥וֹ לְאִשָּֽׁה׃ 3
और इब्रहाम को मुल्क — ए — कना'न में रहते दस साल हो गए थे जब उसकी बीवी सारय ने अपनी मिस्री लौंडी उसे दी कि उसकी बीवी बने।
וַיָּבֹ֥א אֶל־הָגָ֖ר וַתַּ֑הַר וַתֵּ֙רֶא֙ כִּ֣י הָרָ֔תָה וַתֵּקַ֥ל גְּבִרְתָּ֖הּ בְּעֵינֶֽיהָ׃ 4
और वह हाजिरा के पास गया और वह हामिला हुई। और जब उसे मा'लूम हुआ कि वह हामिला हो गई तो अपनी बीवी को हक़ीर जानने लगी।
וַתֹּ֨אמֶר שָׂרַ֣י אֶל־אַבְרָם֮ חֲמָסִ֣י עָלֶיךָ֒ אָנֹכִ֗י נָתַ֤תִּי שִׁפְחָתִי֙ בְּחֵיקֶ֔ךָ וַתֵּ֙רֶא֙ כִּ֣י הָרָ֔תָה וָאֵקַ֖ל בְּעֵינֶ֑יהָ יִשְׁפֹּ֥ט יְהוָ֖ה בֵּינִ֥י וּבֵינֶֽיׄךָ׃ 5
तब सारय ने इब्रहाम से कहा, जो जु़ल्म मुझ पर हुआ वह तेरी गर्दन पर है। मैंने अपनी लौंडी तेरे आग़ोश में दी और अब जो उसने आपको हामिला देखा तो मैं उसकी नज़रों में हक़ीर हो गई; इसलिए ख़ुदावन्द मेरे और तेरे बीच इन्साफ़ करे।
וַיֹּ֨אמֶר אַבְרָ֜ם אֶל־שָׂרַ֗י הִנֵּ֤ה שִׁפְחָתֵךְ֙ בְּיָדֵ֔ךְ עֲשִׂי־לָ֖הּ הַטּ֣וֹב בְּעֵינָ֑יִךְ וַתְּעַנֶּ֣הָ שָׂרַ֔י וַתִּבְרַ֖ח מִפָּנֶֽיהָ׃ 6
इब्रहाम ने सारय से कहा कि तेरी लौंडी तेरे हाथ में है; जो तुझे भला दिखाई दे वैसा ही उसके साथ कर। तब सारय उस पर सख़्ती करने लगी और वह उसके पास से भाग गई।
וַֽיִּמְצָאָ֞הּ מַלְאַ֧ךְ יְהוָ֛ה עַל־עֵ֥ין הַמַּ֖יִם בַּמִּדְבָּ֑ר עַל־הָעַ֖יִן בְּדֶ֥רֶךְ שֽׁוּר׃ 7
और वह ख़ुदावन्द के फ़रिश्ता को वीराने में पानी के एक चश्मे के पास मिली। यह वही चश्मा है जो शोर की राह पर है।
וַיֹּאמַ֗ר הָגָ֞ר שִׁפְחַ֥ת שָׂרַ֛י אֵֽי־מִזֶּ֥ה בָ֖את וְאָ֣נָה תֵלֵ֑כִי וַתֹּ֕אמֶר מִפְּנֵי֙ שָׂרַ֣י גְּבִרְתִּ֔י אָנֹכִ֖י בֹּרַֽחַת׃ 8
और उसने कहा, “ऐ सारय की लौंडी हाजिरा, तू कहाँ से आई और किधर जाती है?” उसने कहा कि मैं अपनी बीबी सारय के पास से भाग आई हूँ।
וַיֹּ֤אמֶר לָהּ֙ מַלְאַ֣ךְ יְהוָ֔ה שׁ֖וּבִי אֶל־גְּבִרְתֵּ֑ךְ וְהִתְעַנִּ֖י תַּ֥חַת יָדֶֽיהָ׃ 9
ख़ुदावन्द के फ़रिश्ता ने उससे कहा कि तू अपनी बीबी के पास लौट जा और अपने को उसके कब्ज़े में कर दे
וַיֹּ֤אמֶר לָהּ֙ מַלְאַ֣ךְ יְהוָ֔ה הַרְבָּ֥ה אַרְבֶּ֖ה אֶת־זַרְעֵ֑ךְ וְלֹ֥א יִסָּפֵ֖ר מֵרֹֽב׃ 10
और ख़ुदावन्द के फ़रिश्ता ने उससे कहा, कि मै तेरी औलाद को बहुत बढ़ाऊँगा यहाँ तक कि कसरत की वजह से उसका शुमार न हो सकेगा।
וַיֹּ֤אמֶר לָהּ֙ מַלְאַ֣ךְ יְהוָ֔ה הִנָּ֥ךְ הָרָ֖ה וְיֹלַ֣דְתְּ בֵּ֑ן וְקָרָ֤את שְׁמוֹ֙ יִשְׁמָעֵ֔אל כִּֽי־שָׁמַ֥ע יְהוָ֖ה אֶל־עָנְיֵֽךְ׃ 11
और ख़ुदावन्द के फ़रिश्ता ने उससे कहा कि तू हामिला है और तेरा बेटा होगा, उसका नाम इस्मा'ईल रखना इसलिए कि ख़ुदावन्द ने तेरा दुख सुन लिया।
וְה֤וּא יִהְיֶה֙ פֶּ֣רֶא אָדָ֔ם יָד֣וֹ בַכֹּ֔ל וְיַ֥ד כֹּ֖ל בּ֑וֹ וְעַל־פְּנֵ֥י כָל־אֶחָ֖יו יִשְׁכֹּֽן׃ 12
वह गोरखर की तरह आज़ाद मर्द होगा, उसका हाथ सबके ख़िलाफ़ और सबके हाथ उसके ख़िलाफ़ होंगे और वह अपने सब भाइयों के सामने बसा रहेगा।
וַתִּקְרָ֤א שֵׁם־יְהוָה֙ הַדֹּבֵ֣ר אֵלֶ֔יהָ אַתָּ֖ה אֵ֣ל רֳאִ֑י כִּ֣י אָֽמְרָ֗ה הֲגַ֥ם הֲלֹ֛ם רָאִ֖יתִי אַחֲרֵ֥י רֹאִֽי׃ 13
और हाजिरा ने ख़ुदावन्द का जिसने उससे बातें कीं, अताएल — रोई नाम रख्खा या'नी ऐ ख़ुदा तू बसीर है; क्यूँकि उसने कहा, क्या मैंने यहाँ भी अपने देखने वाले को जाते हुए देखा?'
עַל־כֵּן֙ קָרָ֣א לַבְּאֵ֔ר בְּאֵ֥ר לַחַ֖י רֹאִ֑י הִנֵּ֥ה בֵין־קָדֵ֖שׁ וּבֵ֥ין בָּֽרֶד׃ 14
इसी वजह से उस कुएँ का नाम बैरलही रोई पड़ गया; वह क़ादिस और बरिद के बीच है।
וַתֵּ֧לֶד הָגָ֛ר לְאַבְרָ֖ם בֵּ֑ן וַיִּקְרָ֨א אַבְרָ֧ם שֶׁם־בְּנ֛וֹ אֲשֶׁר־יָלְדָ֥ה הָגָ֖ר יִשְׁמָעֵֽאל׃ 15
और इब्रहाम से हाजिरा के एक बेटा हुआ, और इब्रहाम ने अपने उस बेटे का नाम जो हाजिरा से पैदा हुआ इस्मा'ईल रख्खा।
וְאַבְרָ֕ם בֶּן־שְׁמֹנִ֥ים שָׁנָ֖ה וְשֵׁ֣שׁ שָׁנִ֑ים בְּלֶֽדֶת־הָגָ֥ר אֶת־יִשְׁמָעֵ֖אל לְאַבְרָֽם׃ ס 16
और जब इब्रहाम से हाजिरा के इस्मा'ईल पैदा हुआ तब इब्रहाम छियासी साल का था।

< בְּרֵאשִׁית 16 >