< יְחֶזְקֵאל 6 >

וַיְהִ֥י דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃ 1
और ख़ुदावन्द का कलाम मुझ पर नाज़िल हुआ।
בֶּן־אָדָ֕ם שִׂ֥ים פָּנֶ֖יךָ אֶל־הָרֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וְהִנָּבֵ֖א אֲלֵיהֶֽם׃ 2
कि ऐ आदमज़ाद, इस्राईल के पहाड़ों की तरफ़ मुँह करके उनके ख़िलाफ़ नबुव्वत कर
וְאָ֣מַרְתָּ֔ הָרֵי֙ יִשְׂרָאֵ֔ל שִׁמְע֖וּ דְּבַר־אֲדֹנָ֣י יְהוִ֑ה כֹּה־אָמַ֣ר אֲדֹנָ֣י יְ֠הוִה לֶהָרִ֨ים וְלַגְּבָע֜וֹת לָאֲפִיקִ֣ים וְלַגֵּאָי֗וֹת הִנְנִ֨י אֲנִ֜י מֵבִ֤יא עֲלֵיכֶם֙ חֶ֔רֶב וְאִבַּדְתִּ֖י בָּמֽוֹתֵיכֶֽם׃ 3
और यूँ कह, कि ऐ इस्राईल के पहाड़ों, खु़दावन्द खु़दा का कलाम सुनो! खु़दावन्द ख़ुदा पहाड़ों और टीलों को और नहरों और वादियों को यूँ फ़रमाता है: कि देखो, मैं, हाँ मैं ही तुम पर तलवार चलाऊँगा, और तुम्हारे ऊँचे मक़ामों को ग़ारत करूँगा।
וְנָשַׁ֙מּוּ֙ מִזְבְּח֣וֹתֵיכֶ֔ם וְנִשְׁבְּר֖וּ חַמָּֽנֵיכֶ֑ם וְהִפַּלְתִּי֙ חַלְלֵיכֶ֔ם לִפְנֵ֖י גִּלּוּלֵיכֶֽם׃ 4
और तुम्हारी कु़र्बानगाहें उजड़ जाएँगी और तुम्हारी सूरज की मूरतें तोड़ डाली जाएगी और मैं तुम्हारे मक़तूलों को तुम्हारे बुतों के आगे डाल दूँगा।
וְנָתַתִּ֗י אֶת־פִּגְרֵי֙ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל לִפְנֵ֖י גִּלּֽוּלֵיהֶ֑ם וְזֵרִיתִי֙ אֶת־עַצְמ֣וֹתֵיכֶ֔ם סְבִיב֖וֹת מִזְבְּחוֹתֵיכֶֽם׃ 5
और बनी — इस्राईल की लाशें उनके बुतों के आगे फेंक दूँगा, और मैं तुम्हारी हड्डियों को तुम्हारी कु़र्बानगाहों के चारों तरफ़ तितर — बितर करूँगा।
בְּכֹל֙ מוֹשְׁב֣וֹתֵיכֶ֔ם הֶעָרִ֣ים תֶּחֱרַ֔בְנָה וְהַבָּמ֖וֹת תִּישָׁ֑מְנָה לְמַעַן֩ יֶחֶרְב֨וּ וְיֶאְשְׁמ֜וּ מִזְבְּחֽוֹתֵיכֶ֗ם וְנִשְׁבְּר֤וּ וְנִשְׁבְּתוּ֙ גִּלּ֣וּלֵיכֶ֔ם וְנִגְדְּעוּ֙ חַמָּ֣נֵיכֶ֔ם וְנִמְח֖וּ מַעֲשֵׂיכֶֽם׃ 6
तुम्हारे क़याम के तमाम इलाक़ों के शहर वीरान होंगे और ऊँचे मक़ाम उजाड़े जायेंगे ताकि तुम्हारी क़ुर्बानगाहें ख़राब और वीरान हों और तुम्हारे बुत तोड़े जाएँ और बाक़ी न रहें और तुम्हारी सूरज की मूरतें काट डाली जाएँ और तुम्हारी दस्तकारियाँ हलाक हों।
וְנָפַ֥ל חָלָ֖ל בְּתֽוֹכְכֶ֑ם וִֽידַעְתֶּ֖ם כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ 7
और मक़्तूल तुम्हारे बीच गिरेंगे, और तुम जानोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
וְהוֹתַרְתִּ֗י בִּהְי֥וֹת לָכֶ֛ם פְּלִ֥יטֵי חֶ֖רֶב בַּגּוֹיִ֑ם בְּהִזָּרֽוֹתֵיכֶ֖ם בָּאֲרָצֽוֹת׃ 8
“लेकिन मैं एक बक़िया छोड़ दूँगा, या'नी वह चन्द लोग जो क़ौमों के बीच तलवार से बच निकलेंगे जब तुम ग़ैर मुल्कों में तितर बितर हो जाओगे।
וְזָכְר֨וּ פְלִֽיטֵיכֶ֜ם אוֹתִ֗י בַּגּוֹיִם֮ אֲשֶׁ֣ר נִשְׁבּוּ־שָׁם֒ אֲשֶׁ֨ר נִשְׁבַּ֜רְתִּי אֶת־לִבָּ֣ם הַזּוֹנֶ֗ה אֲשֶׁר־סָר֙ מֵֽעָלַ֔י וְאֵת֙ עֵֽינֵיהֶ֔ם הַזֹּנ֕וֹת אַחֲרֵ֖י גִּלּֽוּלֵיהֶ֑ם וְנָקֹ֙טּוּ֙ בִּפְנֵיהֶ֔ם אֶל־הָֽרָעוֹת֙ אֲשֶׁ֣ר עָשׂ֔וּ לְכֹ֖ל תּוֹעֲבֹתֵיהֶֽם׃ 9
और जो तुम में से बच रहेंगे उन क़ौमों के बीच जहाँ जहाँ वह ग़ुलाम होकर जाएँगे मुझको याद करेंगे, जब मैं उनके बेवफ़ा दिलों को जो मुझ से दूर हुए और उनकी आँखों को जो बुतों की पैरवी में नाफ़रमान हुईं, शिकस्त करूँगा और वह ख़ुद अपनी तमाम बद'आमाली की वजह से जो उन्होंने अपने तमाम घिनौने कामों में की, अपनी ही नज़र में नफ़रती ठहरेंगे।
וְיָדְע֖וּ כִּֽי־אֲנִ֣י יְהוָ֑ה לֹ֤א אֶל־חִנָּם֙ דִּבַּ֔רְתִּי לַעֲשׂ֥וֹת לָהֶ֖ם הָרָעָ֥ה הַזֹּֽאת׃ פ 10
तब वह जानेंगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ, और मैंने यूँ ही नहीं फ़रमाया था कि मैं उन पर यह बला लाऊँगा।”
כֹּֽה־אָמַ֞ר אֲדֹנָ֣י יְהוִ֗ה הַכֵּ֨ה בְכַפְּךָ֜ וּרְקַ֤ע בְּרַגְלְךָ֙ וֶֽאֱמָר־אָ֔ח אֶ֛ל כָּל־תּוֹעֲב֥וֹת רָע֖וֹת בֵּ֣ית יִשְׂרָאֵ֑ל אֲשֶׁ֗ר בַּחֶ֛רֶב בָּרָעָ֥ב וּבַדֶּ֖בֶר יִפֹּֽלוּ׃ 11
ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि “हाथ पर हाथ मार और पाँव ज़मीन पर पटक कर कह, कि बनी — इस्राईल के तमाम घिनौने कामों पर अफ़सोस! क्यूँकि वह तलवार और काल और वबा से हलाक होंगे।
הָרָח֞וֹק בַּדֶּ֣בֶר יָמ֗וּת וְהַקָּרוֹב֙ בַּחֶ֣רֶב יִפּ֔וֹל וְהַנִּשְׁאָר֙ וְהַנָּצ֔וּר בָּרָעָ֖ב יָמ֑וּת וְכִלֵּיתִ֥י חֲמָתִ֖י בָּֽם׃ 12
जो दूर हैं वह वबा से मरेगा और जो नज़दीक है तलवार से क़त्ल किया जाएगा, और जो बाक़ी रहे और महसूर हो वह काल से मरेगा, और मैं उन पर अपने क़हर को यूँ पूरा करूँगा।
וִֽידַעְתֶּם֙ כִּֽי־אֲנִ֣י יְהוָ֔ה בִּֽהְי֣וֹת חַלְלֵיהֶ֗ם בְּתוֹךְ֙ גִּלּ֣וּלֵיהֶ֔ם סְבִיב֖וֹת מִזְבְּחֽוֹתֵיהֶ֑ם אֶל֩ כָּל־גִּבְעָ֨ה רָמָ֜ה בְּכֹ֣ל ׀ רָאשֵׁ֣י הֶהָרִ֗ים וְתַ֨חַת כָּל־עֵ֤ץ רַֽעֲנָן֙ וְתַ֙חַת֙ כָּל־אֵלָ֣ה עֲבֻתָּ֔ה מְק֗וֹם אֲשֶׁ֤ר נָֽתְנוּ־שָׁם֙ רֵ֣יחַ נִיחֹ֔חַ לְכֹ֖ל גִּלּוּלֵיהֶֽם׃ 13
और जब उनके मक़्तूल हर ऊँचे टीले पर और पहाड़ों की सब चोटियों पर, और हर एक हरे दरख़्त और घने बलूत के नीचे, हर जगह जहाँ वह अपने सब बुतों के लिए ख़ुशबू जलाते थे; उनके बुतों के पास उनकी कु़र्बानगाहों के चारों तरफ़ पड़े हुए होंगे, तब वह पहचानेंगे कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।
וְנָטִ֤יתִי אֶת־יָדִי֙ עֲלֵיהֶ֔ם וְנָתַתִּ֨י אֶת־הָאָ֜רֶץ שְׁמָמָ֤ה וּמְשַׁמָּה֙ מִמִּדְבַּ֣ר דִּבְלָ֔תָה בְּכֹ֖ל מוֹשְׁבֽוֹתֵיהֶ֑ם וְיָדְע֖וּ כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ פ 14
और मैं उन पर हाथ चलाऊँगा, और वीराने से दिबला तक उनके मुल्क की सब बस्तियाँ वीरान और सुनसान करूँगा। तब वह पहचानेंगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।”

< יְחֶזְקֵאל 6 >