< יְחֶזְקֵאל 25 >
וַיְהִ֥י דְבַר־יְהוָ֖ה אֵלַ֥י לֵאמֹֽר׃ | 1 |
और ख़ुदावन्द ख़ुदा का कलाम मुझपर नाज़िल हुआ।
בֶּן־אָדָ֕ם שִׂ֥ים פָּנֶ֖יךָ אֶל־בְּנֵ֣י עַמּ֑וֹן וְהִנָּבֵ֖א עֲלֵיהֶֽם׃ | 2 |
कि 'ऐ आदमज़ाद बनी 'अम्मून की तरफ़ मुतवज्जिह हो और उनके ख़िलाफ़ नबुव्वत कर।
וְאָֽמַרְתָּ֙ לִבְנֵ֣י עַמּ֔וֹן שִׁמְע֖וּ דְּבַר־אֲדֹנָ֣י יְהוִ֑ה כֹּה־אָמַ֣ר אֲדֹנָ֣י יְהוִ֡ה יַעַן֩ אָמְרֵ֨ךְ הֶאָ֜ח אֶל־מִקְדָּשִׁ֣י כִֽי־נִחָ֗ל וְאֶל־אַדְמַ֤ת יִשְׂרָאֵל֙ כִּ֣י נָשַׁ֔מָּה וְאֶל־בֵּ֣ית יְהוּדָ֔ה כִּ֥י הָלְכ֖וּ בַּגּוֹלָֽה׃ | 3 |
और बनी 'अम्मून से कह, ख़ुदावन्द ख़ुदा का कलाम सुनो, ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: चूँकि तूने मेरे हैकल पर जब वह नापाक किया गया, और इस्राईल के मुल्क पर जब वह उजाड़ा गया, और बनी यहूदाह पर जब वह ग़ुलाम हो कर गए, अहा हा! कहा।
לָכֵ֡ן הִנְנִי֩ נֹתְנָ֨ךְ לִבְנֵי־קֶ֜דֶם לְמֽוֹרָשָׁ֗ה וְיִשְּׁב֤וּ טִירֽוֹתֵיהֶם֙ בָּ֔ךְ וְנָ֥תְנוּ בָ֖ךְ מִשְׁכְּנֵיהֶ֑ם הֵ֚מָּה יֹאכְל֣וּ פִרְיֵ֔ךְ וְהֵ֖מָּה יִשְׁתּ֥וּ חֲלָבֵֽךְ׃ | 4 |
इसलिए मैं तुझे अहल — ए — पूरब के हवाले कर दूँगा कि तू उनकी मिल्कियत हो, और वह तुझ में अपने ख़ेमे लगाएँगे और तेरे अन्दर अपने मकान बनाएँगे, और तेरे मेवे खाएँगे और तेरा दूध पिएँगे।
וְנָתַתִּ֤י אֶת־רַבָּה֙ לִנְוֵ֣ה גְמַלִּ֔ים וְאֶת־בְּנֵ֥י עַמּ֖וֹן לְמִרְבַּץ־צֹ֑אן וִֽידַעְתֶּ֖ם כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ ס | 5 |
और मैं रब्बा को ऊँटों का अस्तबल और बनी 'अम्मून की सर — ज़मीन को भेड़साला बना दूँगा, और तू जानेगा कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।
כִּ֣י כֹ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה יַ֚עַן מַחְאֲךָ֣ יָ֔ד וְרַקְעֲךָ֖ בְּרָ֑גֶל וַתִּשְׂמַ֤ח בְּכָל־שָֽׁאטְךָ֙ בְּנֶ֔פֶשׁ אֶל־אַדְמַ֖ת יִשְׂרָאֵֽל׃ | 6 |
क्यूँकि ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि चूँकि तूने तालियाँ बजाई और पाँव पटके, और इस्राईल की मम्लकत की बर्बादी पर अपनी कमाल 'अदावत से बड़ी ख़ुशी की;
לָכֵ֡ן הִנְנִי֩ נָטִ֨יתִי אֶת־יָדִ֜י עָלֶ֗יךָ וּנְתַתִּ֤יךָֽ־לְבַז֙ לַגּוֹיִ֔ם וְהִכְרַתִּ֙יךָ֙ מִן־הָ֣עַמִּ֔ים וְהַאֲבַדְתִּ֖יךָ מִן־הָאֲרָצ֑וֹת אַשְׁמִ֣ידְךָ֔ וְיָדַעְתָּ֖ כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ ס | 7 |
इसलिए देख, मैं अपना हाथ तुझ पर चलाऊँगा और तुझे दीगर क़ौम के हवाले करूँगा, ताकि वह तुझ को लूट लें और मैं तुझे उम्मतों में से काट डालूँगा, और मुल्कों में से तुझे बर्बाद — ओ — हलाक करूँगा; मैं तुझे हलाक करूँगा और तू जानेगा कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।
כֹּ֥ה אָמַ֖ר אֲדֹנָ֣י יְהוִ֑ה יַ֗עַן אֲמֹ֤ר מוֹאָב֙ וְשֵׂעִ֔יר הִנֵּ֥ה כְּכָֽל־הַגּוֹיִ֖ם בֵּ֥ית יְהוּדָֽה׃ | 8 |
“ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि चूँकि मोआब और श'ईर कहते हैं कि बनी यहूदाह तमाम क़ौमों की तरह हैं,
לָכֵן֩ הִנְנִ֨י פֹתֵ֜חַ אֶת־כֶּ֤תֶף מוֹאָב֙ מֵהֶ֣עָרִ֔ים מֵֽעָרָ֖יו מִקָּצֵ֑הוּ צְבִ֗י אֶ֚רֶץ בֵּ֣ית הַיְשִׁימֹ֔ת בַּ֥עַל מְע֖וֹן וְקִרְיָתָֽיְמָה׃ | 9 |
इसलिए देख, मैं मोआब के पहलू को उसके शहरों से, उसकी सरहद के शहरों से जो ज़मीन की शौकत हैं, बैत — यसीमोत और बालम'ऊन और क़रयताइम से खोल दूँगा।
לִבְנֵי־קֶ֙דֶם֙ עַל־בְּנֵ֣י עַמּ֔וֹן וּנְתַתִּ֖יהָ לְמֽוֹרָשָׁ֑ה לְמַ֛עַן לֹֽא־תִזָּכֵ֥ר בְּנֵֽי־עַמּ֖וֹן בַּגּוֹיִֽם׃ | 10 |
और मैं अहल — ए — पूरब को उसके और बनी 'अम्मून के ख़िलाफ़ चढ़ा लाऊँगा कि उन पर क़ाबिज़ हों, ताकि क़ौमों के बीच बनी 'अम्मून का ज़िक्र बाक़ी न रहे।
וּבְמוֹאָ֖ב אֶעֱשֶׂ֣ה שְׁפָטִ֑ים וְיָדְע֖וּ כִּֽי־אֲנִ֥י יְהוָֽה׃ ס | 11 |
और मैं मोआब को सज़ा दूँगा, और वह जानेंगे कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।
כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה יַ֣עַן עֲשׂ֥וֹת אֱד֛וֹם בִּנְקֹ֥ם נָקָ֖ם לְבֵ֣ית יְהוּדָ֑ה וַיֶּאְשְׁמ֥וּ אָשׁ֖וֹם וְנִקְּמ֥וּ בָהֶֽם׃ | 12 |
'ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि चूँकि अदोम ने बनी यहूदाह से कीना कशी की, और उनसे इन्तक़ाम लेकर बड़ा गुनाह किया।
לָכֵ֗ן כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה וְנָטִ֤תִי יָדִי֙ עַל־אֱד֔וֹם וְהִכְרַתִּ֥י מִמֶּ֖נָּה אָדָ֣ם וּבְהֵמָ֑ה וּנְתַתִּ֤יהָ חָרְבָּה֙ מִתֵּימָ֔ן וּדְדָ֖נֶה בַּחֶ֥רֶב יִפֹּֽלוּ׃ | 13 |
इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि मैं अदोम पर हाथ चलाऊँगा; उसके इंसान और हैवान को हलाक करूँगा, और तीमान से लेकर उसे वीरान करूँगा और वह ददान तक तलवार से क़त्ल होंगे।
וְנָתַתִּ֨י אֶת־נִקְמָתִ֜י בֶּאֱד֗וֹם בְּיַד֙ עַמִּ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל וְעָשׂ֣וּ בֶאֱד֔וֹם כְּאַפִּ֖י וְכַחֲמָתִ֑י וְיָֽדְעוּ֙ אֶת־נִקְמָתִ֔י נְאֻ֖ם אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃ פ | 14 |
और मैं अपनी क़ौम बनी — इस्राईल के हाथ से अदोम से इन्तक़ाम लूँगा, और वह मेरे ग़ज़ब — ओ — क़हर के मुताबिक़ अदोम से सुलूक करेंगे, और वह मेरे इन्तक़ाम को मा'लूम करेंगे, ख़ुदावन्द ख़ुदा फ़रमाता है।
כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה יַ֛עַן עֲשׂ֥וֹת פְּלִשְׁתִּ֖ים בִּנְקָמָ֑ה וַיִּנָּקְמ֤וּ נָקָם֙ בִּשְׁאָ֣ט בְּנֶ֔פֶשׁ לְמַשְׁחִ֖ית אֵיבַ֥ת עוֹלָֽם׃ | 15 |
'ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: कि चूँकि फ़िलिस्तियों ने कीनाकशी की, और दिल की कीना वरी से इन्तक़ाम लिया, ताकि दाइमी 'अदावत से उसे हलाक करें।
לָכֵ֗ן כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה הִנְנִ֨י נוֹטֶ֤ה יָדִי֙ עַל־פְּלִשְׁתִּ֔ים וְהִכְרַתִּ֖י אֶת־כְּרֵתִ֑ים וְהַ֣אֲבַדְתִּ֔י אֶת־שְׁאֵרִ֖ית ח֥וֹף הַיָּֽם׃ | 16 |
इसलिए ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि देख, मैं फ़िलिस्तियों पर हाथ चलाऊँगा और करेतियों को काट डाल्लूँगा, और समन्दर के साहिल के बाक़ी लोगों को हलाक करूँगा।
וְעָשִׂ֤יתִי בָם֙ נְקָמ֣וֹת גְּדֹל֔וֹת בְּתוֹכְח֖וֹת חֵמָ֑ה וְיָֽדְעוּ֙ כִּֽי־אֲנִ֣י יְהוָ֔ה בְּתִתִּ֥י אֶת־נִקְמָתִ֖י בָּֽם׃ ס | 17 |
और मैं सख़्त सज़ा देकर उनसे बड़ा इन्तक़ाम लूँगा, और जब मैं उनसे इन्तक़ाम लूँगा तो वह जानेंगे कि ख़ुदावन्द मैं हूँ।”