< עָמוֹס 7 >
כֹּ֤ה הִרְאַ֙נִי֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה וְהִנֵּה֙ יוֹצֵ֣ר גֹּבַ֔י בִּתְחִלַּ֖ת עֲל֣וֹת הַלָּ֑קֶשׁ וְהִ֨נֵּה־לֶ֔קֶשׁ אַחַ֖ר גִּזֵּ֥י הַמֶּֽלֶךְ׃ | 1 |
ख़ुदावन्द ख़ुदा ने मुझे ख़्वाब दिखाया और क्या देखता हूँ कि उसने ज़रा'अत की आख़िरी रोईदगी की शुरू' में टिड्डियाँ पैदा कीं; और देखो, ये शाही कटाई के बाद आख़िरी रोईदगी थी।
וְהָיָ֗ה אִם־כִּלָּה֙ לֶֽאֱכוֹל֙ אֶת־עֵ֣שֶׂב הָאָ֔רֶץ וָאֹמַ֗ר אֲדֹנָ֤י יְהוִה֙ סְֽלַֽח־נָ֔א מִ֥י יָק֖וּם יַֽעֲקֹ֑ב כִּ֥י קָטֹ֖ן הֽוּא׃ | 2 |
और जब वह ज़मीन की घास को बिल्कुल खा चुकीं, तो मैंने 'अर्ज़ की, “ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, मेहरबानी से मु'आफ़ फ़रमा! या'क़ूब की क्या हक़ीक़त है कि वह क़ायम रह सके? क्यूँकि वह छोटा है!”
נִחַ֥ם יְהוָ֖ה עַל־זֹ֑את לֹ֥א תִהְיֶ֖ה אָמַ֥ר יְהוָֽה׃ | 3 |
ख़ुदावन्द इससे बाज़ आया, और उसने फ़रमाया: “यूँ न होगा।”
כֹּ֤ה הִרְאַ֙נִי֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה וְהִנֵּ֥ה קֹרֵ֛א לָרִ֥ב בָּאֵ֖שׁ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֑ה וַתֹּ֙אכַל֙ אֶת־תְּה֣וֹם רַבָּ֔ה וְאָכְלָ֖ה אֶת־הַחֵֽלֶק׃ | 4 |
फिर ख़ुदावन्द ख़ुदा ने मुझे ख़्वाब दिखाया, और क्या देखता हूँ कि ख़ुदावन्द ख़ुदा ने आग को बुलाया कि मुक़ाबला करे, और वह बहर — ए — 'अमीक़ को निगल गई, और नज़दीक था कि ज़मीन को खा जाए।
וָאֹמַ֗ר אֲדֹנָ֤י יְהוִה֙ חֲדַל־נָ֔א מִ֥י יָק֖וּם יַעֲקֹ֑ב כִּ֥י קָטֹ֖ן הֽוּא׃ | 5 |
तब मैंने 'अर्ज़ की, “ऐ ख़ुदावन्द ख़ुदा, मेहरबानी से बाज़ आ, या'क़ूब की क्या हक़ीक़त है कि वह क़ायम रह सके? क्यूँकि वह छोटा है!”
נִחַ֥ם יְהוָ֖ה עַל־זֹ֑את גַּם־הִיא֙ לֹ֣א תִֽהְיֶ֔ה אָמַ֖ר אֲדֹנָ֥י יְהוִֽה׃ ס | 6 |
ख़ुदावन्द इससे बाज़ आया, और ख़ुदावन्द ख़ुदा ने फ़रमाया: “यूँ भी न होगा।”
כֹּ֣ה הִרְאַ֔נִי וְהִנֵּ֧ה אֲדֹנָ֛י נִצָּ֖ב עַל־חוֹמַ֣ת אֲנָ֑ךְ וּבְיָד֖וֹ אֲנָֽךְ׃ | 7 |
फिर उसने मुझे ख़्वाब दिखाया, और क्या देखता हूँ कि ख़ुदावन्द एक दीवार पर, जो साहूल से बनाई गई थी खड़ा है, और साहूल उसके हाथ में है।
וַיֹּ֨אמֶר יְהוָ֜ה אֵלַ֗י מָֽה־אַתָּ֤ה רֹאֶה֙ עָמ֔וֹס וָאֹמַ֖ר אֲנָ֑ךְ וַיֹּ֣אמֶר אֲדֹנָ֗י הִנְנִ֨י שָׂ֤ם אֲנָךְ֙ בְּקֶ֙רֶב֙ עַמִּ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל לֹֽא־אוֹסִ֥יף ע֖וֹד עֲב֥וֹר לֽוֹ׃ | 8 |
और ख़ुदावन्द ने मुझे फ़रमाया कि “ऐ 'आमूस, तू क्या देखता है?” मैंने 'अर्ज़ की, कि साहूल। तब ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, देख, मैं अपनी क़ौम इस्राईल में साहूल लटकाऊँगा, और मैं फिर उनसे दरगुज़र न करूँगा;
וְנָשַׁ֙מּוּ֙ בָּמ֣וֹת יִשְׂחָ֔ק וּמִקְדְּשֵׁ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל יֶחֱרָ֑בוּ וְקַמְתִּ֛י עַל־בֵּ֥ית יָרָבְעָ֖ם בֶּחָֽרֶב׃ פ | 9 |
और इस्हाक़ के ऊँचे मक़ाम बर्बाद होंगे, और इस्राईल के मक़दिस वीरान हो जाएँगे; और मैं युरब'आम के घराने के ख़िलाफ़ तलवार लेकर उढूँगा।
וַיִּשְׁלַ֗ח אֲמַצְיָה֙ כֹּהֵ֣ן בֵּֽית־אֵ֔ל אֶל־יָרָבְעָ֥ם מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵ֖ל לֵאמֹ֑ר קָשַׁ֨ר עָלֶ֜יךָ עָמ֗וֹס בְּקֶ֙רֶב֙ בֵּ֣ית יִשְׂרָאֵ֔ל לֹא־תוּכַ֣ל הָאָ֔רֶץ לְהָכִ֖יל אֶת־כָּל־דְּבָרָֽיו׃ | 10 |
तब बैतएल के काहिन इम्सियाह ने शाह — ए — इस्राईल युरब'आम को कहला भेजा कि 'आमूस ने तेरे ख़िलाफ़ बनी — इस्राईल में फ़ितना खड़ा किया है, और मुल्क में उसकी बातों की बर्दाश्त नहीं।
כִּי־כֹה֙ אָמַ֣ר עָמ֔וֹס בַּחֶ֖רֶב יָמ֣וּת יָרָבְעָ֑ם וְיִ֨שְׂרָאֵ֔ל גָּלֹ֥ה יִגְלֶ֖ה מֵעַ֥ל אַדְמָתֽוֹ׃ ס | 11 |
क्यूँकि 'आमूस यूँ कहता है, 'कि युरब'आम तलवार से मारा जाएगा, और इस्राईल यक़ीनन अपने वतन से ग़ुलाम होकर जाएगा।
וַיֹּ֤אמֶר אֲמַצְיָה֙ אֶל־עָמ֔וֹס חֹזֶ֕ה לֵ֥ךְ בְּרַח־לְךָ֖ אֶל־אֶ֣רֶץ יְהוּדָ֑ה וֶאֱכָל־שָׁ֣ם לֶ֔חֶם וְשָׁ֖ם תִּנָּבֵֽא׃ | 12 |
और इम्सियाह ने 'आमूस से कहा, ऐ गै़बगो, तू यहूदाह के मुल्क को भाग जा; वहीं खा पी और नबुव्वत कर,
וּבֵֽית־אֵ֔ל לֹֽא־תוֹסִ֥יף ע֖וֹד לְהִנָּבֵ֑א כִּ֤י מִקְדַּשׁ־מֶ֙לֶךְ֙ ה֔וּא וּבֵ֥ית מַמְלָכָ֖ה הֽוּא׃ ס | 13 |
लेकिन बैतएल में फिर कभी नबुव्वत न करना, क्यूँकि ये बादशाह का मक़दिस और शाही महल है।
וַיַּ֤עַן עָמוֹס֙ וַיֹּ֣אמֶר אֶל־אֲמַצְיָ֔ה לֹא־נָבִ֣יא אָנֹ֔כִי וְלֹ֥א בֶן־נָבִ֖יא אָנֹ֑כִי כִּֽי־בוֹקֵ֥ר אָנֹ֖כִי וּבוֹלֵ֥ס שִׁקְמִֽים׃ | 14 |
तब 'आमूस ने इम्सियाह को जवाब दिया, कि मैं न नबी हूँ, न नबी का बेटा; बल्कि चरवाहा और गूलर का फल बटोरने वाला हूँ।
וַיִּקָּחֵ֣נִי יְהוָ֔ה מֵאַחֲרֵ֖י הַצֹּ֑אן וַיֹּ֤אמֶר אֵלַי֙ יְהוָ֔ה לֵ֥ךְ הִנָּבֵ֖א אֶל־עַמִּ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 15 |
और जब मैं गल्ले के पीछे — पीछे जाता था, तो ख़ुदावन्द ने मुझे लिया और फ़रमाया, कि 'जा, मेरी क़ौम इस्राईल से नबुव्वत कर।
וְעַתָּ֖ה שְׁמַ֣ע דְּבַר־יְהוָ֑ה אַתָּ֣ה אֹמֵ֗ר לֹ֤א תִנָּבֵא֙ עַל־יִשְׂרָאֵ֔ל וְלֹ֥א תַטִּ֖יף עַל־בֵּ֥ית יִשְׂחָֽק׃ | 16 |
इसलिए अब तू ख़ुदावन्द का कलाम सुन। तू कहता है, 'कि इस्राईल के ख़िलाफ़ नबुव्वत और इस्हाक़ के घराने के ख़िलाफ़ कलाम न कर।
לָכֵ֞ן כֹּה־אָמַ֣ר יְהוָ֗ה אִשְׁתְּךָ֞ בָּעִ֤יר תִּזְנֶה֙ וּבָנֶ֤יךָ וּבְנֹתֶ֙יךָ֙ בַּחֶ֣רֶב יִפֹּ֔לוּ וְאַדְמָתְךָ֖ בַּחֶ֣בֶל תְּחֻלָּ֑ק וְאַתָּ֗ה עַל־אֲדָמָ֤ה טְמֵאָה֙ תָּמ֔וּת וְיִ֨שְׂרָאֵ֔ל גָּלֹ֥ה יִגְלֶ֖ה מֵעַ֥ל אַדְמָתֽוֹ׃ ס | 17 |
इसलिए ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि तेरी बीवी शहर में कस्बी बनेगी, और तेरे बेटे और तेरी बेटियाँ तलवार से मारे जाएँगे; और तेरी ज़मीन जरीब से बाँटी जाएगी, और तू एक नापाक मुल्क में मरेगा; और इस्राईल यक़ीनन अपने वतन से ग़ुलाम होकर जाएगा।