< עָמוֹס 3 >

שִׁמְע֞וּ אֶת־הַדָּבָ֣ר הַזֶּ֗ה אֲשֶׁ֨ר דִּבֶּ֧ר יְהוָ֛ה עֲלֵיכֶ֖ם בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל עַ֚ל כָּל־הַמִּשְׁפָּחָ֔ה אֲשֶׁ֧ר הֶעֱלֵ֛יתִי מֵאֶ֥רֶץ מִצְרַ֖יִם לֵאמֹֽר׃ 1
हे इस्राएलियो, सुनो यह वह संदेश है, जिसे याहवेह ने तुम्हारे विरुद्ध कहा है—पूरे वंश के विरुद्ध जिसे मैंने मिस्र देश से बाहर निकाल लाया है:
רַ֚ק אֶתְכֶ֣ם יָדַ֔עְתִּי מִכֹּ֖ל מִשְׁפְּח֣וֹת הָאֲדָמָ֑ה עַל־כֵּן֙ אֶפְקֹ֣ד עֲלֵיכֶ֔ם אֵ֖ת כָּל־עֲוֹנֹֽתֵיכֶֽם׃ 2
“केवल तुम हो जिसे मैंने पृथ्वी के सब कुलों में से चुना है; तब मैं तुम्हारे सब पापों के लिये तुम्हें दंड दूंगा.”
הֲיֵלְכ֥וּ שְׁנַ֖יִם יַחְדָּ֑ו בִּלְתִּ֖י אִם־נוֹעָֽדוּ׃ 3
क्या यह संभव है कि बिना सहमति के दो व्यक्ति एक साथ चलें?
הֲיִשְׁאַ֤ג אַרְיֵה֙ בַּיַּ֔עַר וְטֶ֖רֶף אֵ֣ין ל֑וֹ הֲיִתֵּ֨ן כְּפִ֤יר קוֹלוֹ֙ מִמְּעֹ֣נָת֔וֹ בִּלְתִּ֖י אִם־לָכָֽד׃ 4
क्या सिंह वन में शिकार के दिखे बिना दहाड़ता है? क्या वह अपनी मांद में से कुछ पकड़े बिना गुर्राता है?
הֲתִפֹּ֤ל צִפּוֹר֙ עַל־פַּ֣ח הָאָ֔רֶץ וּמוֹקֵ֖שׁ אֵ֣ין לָ֑הּ הֲיַֽעֲלֶה־פַּח֙ מִן־הָ֣אֲדָמָ֔ה וְלָכ֖וֹד לֹ֥א יִלְכּֽוֹד׃ 5
क्या कोई पक्षी भूमि पर बिना चारा डाले बिछाए गये जाल की ओर झपटेगा? क्या भूमि पर से फंदा अपने आप उछलता है जब उसमें कुछ न फंसा हो?
אִם־יִתָּקַ֤ע שׁוֹפָר֙ בְּעִ֔יר וְעָ֖ם לֹ֣א יֶחֱרָ֑דוּ אִם־תִּהְיֶ֤ה רָעָה֙ בְּעִ֔יר וַיהוָ֖ה לֹ֥א עָשָֽׂה׃ 6
जब तुरही की आवाज से नगर में चेतावनी दी जाती है, तो क्या लोग डर से नहीं कांपते हैं? जब किसी नगर पर विपत्ति आती है, तो क्या यह याहवेह की ओर से नहीं होता?
כִּ֣י לֹ֧א יַעֲשֶׂ֛ה אֲדֹנָ֥י יְהוִ֖ה דָּבָ֑ר כִּ֚י אִם־גָּלָ֣ה סוֹד֔וֹ אֶל־עֲבָדָ֖יו הַנְּבִיאִֽים׃ 7
निश्चित रूप से प्रभु याहवेह अपने सेवक भविष्यवक्ताओं पर अपनी योजना प्रकट किए बिना कुछ भी नहीं करते.
אַרְיֵ֥ה שָׁאָ֖ג מִ֣י לֹ֣א יִירָ֑א אֲדֹנָ֤י יְהוִה֙ דִּבֶּ֔ר מִ֖י לֹ֥א יִנָּבֵֽא׃ 8
जब सिंह की गर्जना सुनाई देती है— तो कौन है, जो भयभीत न होगा? प्रभु याहवेह ने कहा है— तो कौन है, जो भविष्यवाणी न करेगा?
הַשְׁמִ֙יעוּ֙ עַל־אַרְמְנ֣וֹת בְּאַשְׁדּ֔וֹד וְעַֽל־אַרְמְנ֖וֹת בְּאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם וְאִמְר֗וּ הֵאָֽסְפוּ֙ עַל־הָרֵ֣י שֹׁמְר֔וֹן וּרְא֞וּ מְהוּמֹ֤ת רַבּוֹת֙ בְּתוֹכָ֔הּ וַעֲשׁוּקִ֖ים בְּקִרְבָּֽהּ׃ 9
अशदोद के राजमहलों में और मिस्र देश के राजमहलों में यह घोषणा की जाए: “शमरिया के पर्वतों पर इकट्‍ठे हो जाओ; और उसके बीच हो रहे शोरगुल और उसके लोगों पर हो रहे अत्याचार पर ध्यान दो.”
וְלֹֽא־יָדְע֥וּ עֲשׂוֹת־נְכֹחָ֖ה נְאֻם־יְהוָ֑ה הָאֽוֹצְרִ֛ים חָמָ֥ס וָשֹׁ֖ד בְּאַרְמְנֽוֹתֵיהֶֽם׃ פ 10
“वे सही काम करना जानते ही नहीं,” यह याहवेह का कहना है, “उनके लूटे और छीने गये माल को उनके राजमहलों में किसने इकट्ठा किया है.”
לָכֵ֗ן כֹּ֤ה אָמַר֙ אֲדֹנָ֣י יְהוִ֔ה צַ֖ר וּסְבִ֣יב הָאָ֑רֶץ וְהוֹרִ֤ד מִמֵּךְ֙ עֻזֵּ֔ךְ וְנָבֹ֖זּוּ אַרְמְנוֹתָֽיִךְ׃ 11
तब प्रभु याहवेह का यह संदेश है: “एक शत्रु तुम्हारे देश को घेर लेगा, वह तुम्हारे भवनों को गिरा देगा और तुम्हारे राजमहलों को लूटेगा.”
כֹּה֮ אָמַ֣ר יְהוָה֒ כַּאֲשֶׁר֩ יַצִּ֨יל הָרֹעֶ֜ה מִפִּ֧י הָאֲרִ֛י שְׁתֵּ֥י כְרָעַ֖יִם א֣וֹ בְדַל־אֹ֑זֶן כֵּ֣ן יִנָּצְל֞וּ בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל הַיֹּֽשְׁבִים֙ בְּשֹׁ֣מְר֔וֹן בִּפְאַ֥ת מִטָּ֖ה וּבִדְמֶ֥שֶׁק עָֽרֶשׂ׃ 12
याहवेह का यह कहना है: “जिस प्रकार चरवाहा छुड़ाने के प्रयास में सिंह के मुंह से सिर्फ पैर की दो हड्डी या कान का एक टुकड़ा ही बचा पाता है, उसी प्रकार से वे इस्राएली, जो शमरिया में निवास करते हैं, ऐसे बचाए जायेंगे, जैसे पलंग का सिरहाना और बिस्तर से कपड़े का एक टुकड़ा.”
שִׁמְע֥וּ וְהָעִ֖ידוּ בְּבֵ֣ית יַֽעֲקֹ֑ב נְאֻם־אֲדֹנָ֥י יְהוִ֖ה אֱלֹהֵ֥י הַצְּבָאֽוֹת׃ 13
“यह बात सुनो और याकोब के घराने विरुद्ध में कहो,” प्रभु याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की यह घोषणा है.
כִּ֗י בְּי֛וֹם פָּקְדִ֥י פִשְׁעֵֽי־יִשְׂרָאֵ֖ל עָלָ֑יו וּפָֽקַדְתִּי֙ עַל־מִזְבְּח֣וֹת בֵּֽית־אֵ֔ל וְנִגְדְּעוּ֙ קַרְנ֣וֹת הַמִּזְבֵּ֔חַ וְנָפְל֖וּ לָאָֽרֶץ׃ 14
“जिस दिन मैं इस्राएल को उसके पापों के लिए दंड दूंगा, मैं बेथेल की वेदियों को नष्ट कर दूंगा; वेदी के सींग जो वेदी की संरचना का अंग हैं, काट दिए जाएंगे और वे भूमि पर गिर पड़ेंगे.
וְהִכֵּיתִ֥י בֵית־הַחֹ֖רֶף עַל־בֵּ֣ית הַקָּ֑יִץ וְאָבְד֞וּ בָּתֵּ֣י הַשֵּׁ֗ן וְסָפ֛וּ בָּתִּ֥ים רַבִּ֖ים נְאֻם־יְהוָֽה׃ ס 15
मैं शीतकालीन भवन और साथ में ग्रीष्मकालीन भवन को गिरा दूंगा; वे भवन, जो हाथी-दांत से सजाए गये हैं, नाश किए जायेंगे और हवेलियों को नष्ट कर दिया जाएगा,” यह याहवेह का कहना है.

< עָמוֹס 3 >