< 2 מְלָכִים 9 >

וֶאֱלִישָׁע֙ הַנָּבִ֔יא קָרָ֕א לְאַחַ֖ד מִבְּנֵ֣י הַנְּבִיאִ֑ים וַיֹּ֨אמֶר ל֜וֹ חֲגֹ֣ר מָתְנֶ֗יךָ וְ֠קַח פַּ֣ךְ הַשֶּׁ֤מֶן הַזֶּה֙ בְּיָדֶ֔ךָ וְלֵ֖ךְ רָמֹ֥ת גִּלְעָֽד׃ 1
और इलीशा' नबी ने अम्बियाज़ादों में से एक को बुलाकर उससे कहा, अपनी कमर बाँध, और तेल की ये कुप्पी अपने हाथ में ले, और रामात जिल'आद को जा।
וּבָ֖אתָ שָׁ֑מָּה וּרְאֵֽה־שָׁ֠ם יֵה֨וּא בֶן־יְהוֹשָׁפָ֜ט בֶּן־נִמְשִׁ֗י וּבָ֙אתָ֙ וַהֲקֵֽמֹתוֹ֙ מִתּ֣וֹך אֶחָ֔יו וְהֵבֵיאתָ֥ אֹת֖וֹ חֶ֥דֶר בְּחָֽדֶר׃ 2
और जब तू वहाँ पहुँचे तो याहू — बिन — यहूसफ़त बिन — निमसी को पूछ, और अन्दर जाकर उसे उसके भाइयों में से उठा और अन्दर की कोठरी में ले जा।
וְלָקַחְתָּ֤ פַךְ־הַשֶּׁ֙מֶן֙ וְיָצַקְתָּ֣ עַל־רֹאשׁ֔וֹ וְאָֽמַרְתָּ֙ כֹּֽה־אָמַ֣ר יְהוָ֔ה מְשַׁחְתִּ֥יךָֽ לְמֶ֖לֶךְ אֶל־יִשְׂרָאֵ֑ל וּפָתַחְתָּ֥ הַדֶּ֛לֶת וְנַ֖סְתָּה וְלֹ֥א תְחַכֶּֽה׃ 3
फिर तेल की यह कुप्पी लेकर उसके सिर पर डाल और कह, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि मैंने तुझे मसह करके इस्राईल का बादशाह बनाया है,' फिर तू दरवाज़ा खोल कर भागना और ठहरना मत।”
וַיֵּ֧לֶךְ הַנַּ֛עַר הַנַּ֥עַר הַנָּבִ֖יא רָמֹ֥ת גִּלְעָֽד׃ 4
तब वह जवान, या'नी वह जवान जो नबी था, रामात जिल'आद को गया।
וַיָּבֹ֗א וְהִנֵּ֨ה שָׂרֵ֤י הַחַ֙יִל֙ יֹֽשְׁבִ֔ים וַיֹּ֕אמֶר דָּבָ֥ר לִ֛י אֵלֶ֖יךָ הַשָּׂ֑ר וַיֹּ֤אמֶר יֵהוּא֙ אֶל־מִ֣י מִכֻּלָּ֔נוּ וַיֹּ֖אמֶר אֵלֶ֥יךָ הַשָּֽׂר׃ 5
जब वह पहुँचा तो लश्कर के सरदार बैठे हुए थे उसने कहा, “ऐ सरदार, मेरे पास तेरे लिए एक पैग़ाम है।” याहू ने कहा, “हम सभों में से किसके लिए?” उसने कहा, “ऐ सरदार, तेरे लिए।”
וַיָּ֙קָם֙ וַיָּבֹ֣א הַבַּ֔יְתָה וַיִּצֹ֥ק הַשֶּׁ֖מֶן אֶל־רֹאשׁ֑וֹ וַיֹּ֣אמֶר ל֗וֹ כֹּֽה־אָמַ֤ר יְהוָה֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל מְשַׁחְתִּ֧יךָֽ לְמֶ֛לֶךְ אֶל־עַ֥ם יְהוָ֖ה אֶל־יִשְׂרָאֵֽל׃ 6
तब वह उठ कर उस घर में गया, तब उसने उसके सिर पर वह तेल डाला, और उससे कहा, “ख़ुदावन्द, इस्राईल का ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि मैंने तुझे मसह करके ख़ुदावन्द की क़ौम या'नी इस्राईल का बादशाह बनाया है।
וְהִ֨כִּיתָ֔ה אֶת־בֵּ֥ית אַחְאָ֖ב אֲדֹנֶ֑יךָ וְנִקַּמְתִּ֞י דְּמֵ֣י ׀ עֲבָדַ֣י הַנְּבִיאִ֗ים וּדְמֵ֛י כָּל־עַבְדֵ֥י יְהוָ֖ה מִיַּ֥ד אִיזָֽבֶל׃ 7
इसलिए तू अपने मालिक अख़ीअब के घराने को मार डालना, ताकि मैं अपने बन्दों, नबियों के ख़ून का और ख़ुदावन्द के सब बन्दों के ख़ून का इन्तिक़ाम ईज़बिल के हाथ से लूँ।
וְאָבַ֖ד כָּל־בֵּ֣ית אַחְאָ֑ב וְהִכְרַתִּ֤י לְאַחְאָב֙ מַשְׁתִּ֣ין בְּקִ֔יר וְעָצ֥וּר וְעָז֖וּב בְּיִשְׂרָאֵֽל׃ 8
क्यूँकि अख़ीअब का सारा घराना हलाक होगा, और मैं अख़ीअब की नस्ल के हर एक लड़के को, और उसको जो इस्राईल में बन्द है और उसको जो आज़ाद छूटा हुआ है, काट डालूँगा।
וְנָֽתַתִּי֙ אֶת־בֵּ֣ית אַחְאָ֔ב כְּבֵ֖ית יָרָבְעָ֣ם בֶּן־נְבָ֑ט וּכְבֵ֖ית בַּעְשָׁ֥א בֶן־אֲחִיָּֽה׃ 9
और मैं अख़ीअब के घर को नबात के बेटे युरब'आम के घर और अखि़याह के बेटे बाशा के घर की तरह कर दूँगा।
וְאֶת־אִיזֶ֜בֶל יֹאכְל֧וּ הַכְּלָבִ֛ים בְּחֵ֥לֶק יִזְרְעֶ֖אל וְאֵ֣ין קֹבֵ֑ר וַיִּפְתַּ֥ח הַדֶּ֖לֶת וַיָּנֹֽס׃ 10
और ईज़बिल को यज़र'एल के इलाके़ में कुत्ते खाएँगे, वहाँ कोई न होगा जो उसे दफ़्न करे।” फिर वह दरवाज़ा खोल कर भागा।
וְיֵה֗וּא יָצָא֙ אֶל־עַבְדֵ֣י אֲדֹנָ֔יו וַיֹּ֤אמֶר לוֹ֙ הֲשָׁל֔וֹם מַדּ֛וּעַ בָּֽא־הַמְשֻׁגָּ֥ע הַזֶּ֖ה אֵלֶ֑יךָ וַיֹּ֣אמֶר אֲלֵיהֶ֔ם אַתֶּ֛ם יְדַעְתֶּ֥ם אֶת־הָאִ֖ישׁ וְאֶת־שִׂיחֽוֹ׃ 11
तब याहू अपने मालिक के ख़ादिमों के पास बाहर आया; और एक ने उससे पूछा, “सब खै़र तो है? यह दीवाना तेरे पास क्यूँ आया था?” उसने उनसे कहा, “तुम उस शख़्स से और उसके पैग़ाम से वाक़िफ हो।”
וַיֹּאמְר֣וּ שֶׁ֔קֶר הַגֶּד־נָ֖א לָ֑נוּ וַיֹּ֗אמֶר כָּזֹ֤את וְכָזֹאת֙ אָמַ֤ר אֵלַי֙ לֵאמֹ֔ר כֹּ֚ה אָמַ֣ר יְהוָ֔ה מְשַׁחְתִּ֥יךָֽ לְמֶ֖לֶךְ אֶל־יִשְׂרָאֵֽל׃ 12
उन्होंने कहा, “यह झूठ है; अब हम को हाल बता।” उसने कहा, “उसने मुझ से इस तरह की बात की और कहा, 'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि “मैंने तुझे मसह करके इस्राईल का बादशाह बनाया है।’”
וַֽיְמַהֲר֗וּ וַיִּקְחוּ֙ אִ֣ישׁ בִּגְד֔וֹ וַיָּשִׂ֥ימוּ תַחְתָּ֖יו אֶל־גֶּ֣רֶם הַֽמַּעֲל֑וֹת וַֽיִּתְקְעוּ֙ בַּשּׁוֹפָ֔ר וַיֹּאמְר֖וּ מָלַ֥ךְ יֵהֽוּא׃ 13
तब उन्होंने जल्दी की और हर एक ने अपनी पोशाक लेकर उसके नीचे सीढ़ियों की चोटी पर बिछाई, और तुरही फूंककर कहने लगे, “याहू बादशाह है।”
וַיִּתְקַשֵּׁ֗ר יֵה֛וּא בֶּן־יְהוֹשָׁפָ֥ט בֶּן־נִמְשִׁ֖י אֶל־יוֹרָ֑ם וְיוֹרָם֩ הָיָ֨ה שֹׁמֵ֜ר בְּרָמֹ֣ת גִּלְעָ֗ד ה֚וּא וְכָל־יִשְׂרָאֵ֔ל מִפְּנֵ֥י חֲזָאֵ֖ל מֶֽלֶךְ־אֲרָֽם׃ 14
तब याहू — बिन — यहूसफ़त — बिन — निमसी ने यूराम के ख़िलाफ़ साज़िश की। और यूराम सारे इस्राईल के साथ अराम के बादशाह हज़ाएल की वजह से रामात जिल'आद की हिमायत कर रहा था;
וַיָּשָׁב֩ יְהוֹרָ֨ם הַמֶּ֜לֶךְ לְהִתְרַפֵּ֣א בִיְזְרְעֶ֗אל מִן־הַמַּכִּים֙ אֲשֶׁ֣ר יַכֻּ֣הוּ אֲרַמִּ֔ים בְּהִלָּ֣חֲמ֔וֹ אֶת־חֲזָאֵ֖ל מֶ֣לֶךְ אֲרָ֑ם וַיֹּ֤אמֶר יֵהוּא֙ אִם־יֵ֣שׁ נַפְשְׁכֶ֔ם אַל־יֵצֵ֤א פָלִיט֙ מִן־הָעִ֔יר לָלֶ֖כֶת לְהַגִּ֥יד בְּיִזְרְעֶֽאל׃ 15
लेकिन यूराम बादशाह लौट गया था, ताकि यज़र'एल में उन ज़ख़्मों का इलाज कराए जो अराम के बादशाह हज़ाएल से लड़ते वक़्त अरामियों के हाथ से लगे थे। तब याहू ने कहा, “अगर तुम्हारी मर्ज़ी यही है, तो कोई यज़र'एल जाकर ख़बर करने के लिए इस शहर से भागने और निकलने न पाए।”
וַיִּרְכַּ֤ב יֵהוּא֙ וַיֵּ֣לֶךְ יִזְרְעֶ֔אלָה כִּ֥י יוֹרָ֖ם שֹׁכֵ֣ב שָׁ֑מָּה וַֽאֲחַזְיָה֙ מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֔ה יָרַ֖ד לִרְא֥וֹת אֶת־יוֹרָֽם׃ 16
और याहू रथ पर सवार होकर यज़र'एल को गया, क्यूँकि यूराम वहीं पड़ा हुआ था। और यहूदाह का बादशाह अख़ज़ियाह यूराम की मुलाक़ात को आया हुआ था।
וְהַצֹּפֶה֩ עֹמֵ֨ד עַֽל־הַמִּגְדָּ֜ל בְּיִזְרְעֶ֗אל וַיַּ֞רְא אֶת־שִׁפְעַ֤ת יֵהוּא֙ בְּבֹא֔וֹ וַיֹּ֕אמֶר שִׁפְעַ֖ת אֲנִ֣י רֹאֶ֑ה וַיֹּ֣אמֶר יְהוֹרָ֗ם קַ֥ח רַכָּ֛ב וּֽשְׁלַ֥ח לִקְרָאתָ֖ם וְיֹאמַ֥ר הֲשָׁלֽוֹם׃ 17
यज़र'एल में निगहबान बुर्ज पर खड़ा था, और उसने जो याहू के लश्कर को आते हुए देखा, तो कहा, “मुझे एक लश्कर दिखाई देता है।” यूराम ने कहा, एक सवार को लेकर उनसे मिलने को भेज, वह ये पूछे, “ख़ैर है?”
וַיֵּלֶךְ֩ רֹכֵ֨ב הַסּ֜וּס לִקְרָאת֗וֹ וַיֹּ֙אמֶר֙ כֹּֽה־אָמַ֤ר הַמֶּ֙לֶךְ֙ הֲשָׁל֔וֹם וַיֹּ֧אמֶר יֵה֛וּא מַה־לְּךָ֥ וּלְשָׁל֖וֹם סֹ֣ב אֶֽל־אַחֲרָ֑י וַיַּגֵּ֤ד הַצֹּפֶה֙ לֵאמֹ֔ר בָּֽא־הַמַּלְאָ֥ךְ עַד־הֵ֖ם וְלֹֽא־שָֽׁב׃ 18
चुनाँचे एक शख़्स घोड़े पर उससे मिलने को गया और कहा, बादशाह पूछता है, 'ख़ैर है?' “याहू ने कहा, तुझ को खै़र से क्या काम? मेरे पीछे हो ले।” फिर निगहबान ने कहा, “क़ासिद उनके पास पहुँच तो गया, लेकिन वापस नहीं आता।”
וַיִּשְׁלַ֗ח רֹכֵ֣ב סוּס֮ שֵׁנִי֒ וַיָּבֹ֣א אֲלֵהֶ֔ם וַיֹּ֛אמֶר כֹּֽה־אָמַ֥ר הַמֶּ֖לֶךְ שָׁל֑וֹם וַיֹּ֧אמֶר יֵה֛וּא מַה־לְּךָ֥ וּלְשָׁל֖וֹם סֹ֥ב אֶֽל־אַחֲרָֽי׃ 19
तब उसने दूसरे को घोड़े पर रवाना किया, जिसने उनके पास जाकर उनसे कहा, बादशाह यूँ कहता है, 'ख़ैर है?' “याहू ने जवाब दिया, तुझे ख़ैर से क्या काम? मेरे पीछे हो ले।”
וַיַּגֵּ֤ד הַצֹּפֶה֙ לֵאמֹ֔ר בָּ֥א עַד־אֲלֵיהֶ֖ם וְלֹֽא־שָׁ֑ב וְהַמִּנְהָ֗ג כְּמִנְהַג֙ יֵה֣וּא בֶן־נִמְשִׁ֔י כִּ֥י בְשִׁגָּע֖וֹן יִנְהָֽג׃ 20
फिर निगहबान ने कहा, “वह भी उनके पास पहुँच तो गया, लेकिन वापस नहीं आता। और रथ का हाँकना ऐसा है जैसे निमसी के बेटे याहू का हाँकना होता है, क्यूँकि वही सुस्ती से हाँकता है।”
וַיֹּ֤אמֶר יְהוֹרָם֙ אֱסֹ֔ר וַיֶּאְסֹ֖ר רִכְבּ֑וֹ וַיֵּצֵ֣א יְהוֹרָ֣ם מֶֽלֶךְ־יִ֠שְׂרָאֵל וַאֲחַזְיָ֨הוּ מֶֽלֶךְ־יְהוּדָ֜ה אִ֣ישׁ בְּרִכְבּ֗וֹ וַיֵּֽצְאוּ֙ לִקְרַ֣את יֵה֔וּא וַיִּמְצָאֻ֔הוּ בְּחֶלְקַ֖ת נָב֥וֹת הַיִּזְרְעֵאלִֽי׃ 21
तब यूराम ने फ़रमाया, “जोत ले।” तब उन्होंने उसके रथ को जोत लिया। तब इस्राईल का बादशाह यूराम और यहूदाह का बादशाह अख़ज़ियाह अपने — अपने रथ पर निकले और याहू से मिलने को गए, और यज़र'एली नबोत की मिल्कियत में उससे दो चार हुए।
וַיְהִ֗י כִּרְא֤וֹת יְהוֹרָם֙ אֶת־יֵה֔וּא וַיֹּ֖אמֶר הֲשָׁל֣וֹם יֵה֑וּא וַיֹּ֙אמֶר֙ מָ֣ה הַשָּׁל֔וֹם עַד־זְנוּנֵ֞י אִיזֶ֧בֶל אִמְּךָ֛ וּכְשָׁפֶ֖יהָ הָרַבִּֽים׃ 22
यूराम ने याहू को देखकर कहा, “ऐ याहू, खै़र है?” उसने जवाब दिया, “जब तक तेरी माँ ईज़बिल की ज़िनाकारियाँ और उसकी जादूगरियाँ इस क़दर हैं, तब तक कैसी ख़ैर?”
וַיַּהֲפֹ֧ךְ יְהוֹרָ֛ם יָדָ֖יו וַיָּנֹ֑ס וַיֹּ֥אמֶר אֶל־אֲחַזְיָ֖הוּ מִרְמָ֥ה אֲחַזְיָֽה׃ 23
तब यूराम ने बाग़' मोड़ी और भागा, और अख़ज़ियाह से कहा, “ऐ अख़ज़ियाह यह धोखा है।”
וְיֵה֞וּא מִלֵּ֧א יָד֣וֹ בַקֶּ֗שֶׁת וַיַּ֤ךְ אֶת־יְהוֹרָם֙ בֵּ֣ין זְרֹעָ֔יו וַיֵּצֵ֥א הַחֵ֖צִי מִלִּבּ֑וֹ וַיִּכְרַ֖ע בְּרִכְבּֽוֹ׃ 24
तब याहू ने अपने सारे ज़ोर से कमान खेंची', और यूराम के दोनों शानों के बीच ऐसा मारा के तीर उसके दिल से पार हो गया और वह अपने रथ में गिरा।
וַיֹּ֗אמֶר אֶל־בִּדְקַר֙ שָֽׁלִשׁ֔וֹ שָׂ֚א הַשְׁלִכֵ֔הוּ בְּחֶלְקַ֕ת שְׂדֵ֖ה נָב֣וֹת הַיִּזְרְעֵאלִ֑י כִּֽי־זְכֹ֞ר אֲנִ֣י וָאַ֗תָּה אֵ֣ת רֹכְבִ֤ים צְמָדִים֙ אַֽחֲרֵי֙ אַחְאָ֣ב אָבִ֔יו וַֽיהוָה֙ נָשָׂ֣א עָלָ֔יו אֶת־הַמַּשָּׂ֖א הַזֶּֽה׃ 25
तब याहू ने अपने लश्कर के सरदार बिदक़र से कहा, उसे लेकर यज़र'एली नबोत की मिल्कियत के खेत में डाल दे; क्यूँकि याद कर कि जब मैं और तू उसके बाप अख़ीअब के पीछे पीछे सवार होकर चल रहे थे, तो ख़ुदावन्द ने ये फ़तवा उस पर दिया था,
אִם־לֹ֡א אֶת־דְּמֵ֣י נָבוֹת֩ וְאֶת־דְּמֵ֨י בָנָ֜יו רָאִ֤יתִי אֶ֙מֶשׁ֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה וְשִׁלַּמְתִּ֥י לְךָ֛ בַּחֶלְקָ֥ה הַזֹּ֖את נְאֻם־יְהוָ֑ה וְעַתָּ֗ה שָׂ֧א הַשְׁלִכֵ֛הוּ בַּחֶלְקָ֖ה כִּדְבַ֥ר יְהוָֽה׃ 26
“यक़ीनन मैंने कल नबोत के ख़ून और उसके बेटों के ख़ून को देखा है, ख़ुदावन्द फ़रमाता है; और मैं इसी खेत में तुझे बदला दूँगा, ख़ुदावन्द फ़रमाता है। इसलिए जैसा ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है, उसे लेकर उसी जगह डाल दे।”
וַאֲחַזְיָ֤ה מֶֽלֶךְ־יְהוּדָה֙ רָאָ֔ה וַיָּ֕נָס דֶּ֖רֶךְ בֵּ֣ית הַגָּ֑ן וַיִּרְדֹּ֨ף אַחֲרָ֜יו יֵה֗וּא וַ֠יֹּאמֶר גַּם־אֹת֞וֹ הַכֻּ֣הוּ אֶל־הַמֶּרְכָּבָ֗ה בְּמַֽעֲלֵה־גוּר֙ אֲשֶׁ֣ר אֶֽת־יִבְלְעָ֔ם וַיָּ֥נָס מְגִדּ֖וֹ וַיָּ֥מָת שָֽׁם׃ 27
लेकिन जब यहूदाह के बादशाह अख़ज़ियाह ने ये देखा, तो वह बाग़ की बारह दरी के रास्ते से निकल भागा। और याहू ने उसका पीछा किया और कहा, “उसे भी रथ ही में मार दो।” चुनाँचे उन्होंने उसे जूर की चढ़ाई पर, जो इबली'आम के क़रीब है मारा; और वो मजिही को भागा, और वहीं मर गया।
וַיַּרְכִּ֧בוּ אֹת֛וֹ עֲבָדָ֖יו יְרוּשָׁלְָ֑מָה וַיִּקְבְּר֨וּ אֹת֧וֹ בִקְבֻרָת֛וֹ עִם־אֲבֹתָ֖יו בְּעִ֥יר דָּוִֽד׃ פ 28
और उसके ख़ादिम उसको एक रथ में येरूशलेम को ले गए, और उसे उसकी क़ब्र में दाऊद के शहर में उसके बाप — दादा के साथ दफ़न किया।
וּבִשְׁנַת֙ אַחַ֣ת עֶשְׂרֵ֣ה שָׁנָ֔ה לְיוֹרָ֖ם בֶּן־אַחְאָ֑ב מָלַ֥ךְ אֲחַזְיָ֖ה עַל־יְהוּדָֽה׃ 29
और अख़ीअब के बेटे यूराम के ग्यारहवें साल अख़ज़ियाह यहूदाह का बादशाह हुआ।
וַיָּב֥וֹא יֵה֖וּא יִזְרְעֶ֑אלָה וְאִיזֶ֣בֶל שָׁמְעָ֗ה וַתָּ֨שֶׂם בַּפּ֤וּךְ עֵינֶ֙יהָ֙ וַתֵּ֣יטֶב אֶת־רֹאשָׁ֔הּ וַתַּשְׁקֵ֖ף בְּעַ֥ד הַחַלּֽוֹן׃ 30
जब याहू यज़र'एल में आया, तो ईज़बिल ने सुना और अपनी आँखों में सुरमा लगा, और अपना सिर संवार खिड़की से झाँकने लगी।
וְיֵה֖וּא בָּ֣א בַשָּׁ֑עַר וַתֹּ֣אמֶר הֲשָׁל֔וֹם זִמְרִ֖י הֹרֵ֥ג אֲדֹנָֽיו׃ 31
और जैसे ही याहू फाटक में दाखिल हुआ, वह कहने लगी, “ऐ ज़िमरी। अपने आक़ा के क़ातिल, खै़र तो है?”
וַיִּשָּׂ֤א פָנָיו֙ אֶל־הַ֣חַלּ֔וֹן וַיֹּ֕אמֶר מִ֥י אִתִּ֖י מִ֑י וַיַּשְׁקִ֣יפוּ אֵלָ֔יו שְׁנַ֥יִם שְׁלֹשָׁ֖ה סָרִיסִֽים׃ 32
पर उसने खिड़की की तरफ़ मुँह उठा कर कहा, “मेरी तरफ़ कौन है, कौन?” तब दो तीन ख़्वाजासराओं ने इसकी तरफ़ देखा।
וַיֹּ֥אמֶר שִׁמְט֖וּהָ וַֽיִּשְׁמְט֑וּהָ וַיִּ֨ז מִדָּמָ֧הּ אֶל־הַקִּ֛יר וְאֶל־הַסּוּסִ֖ים וַֽיִּרְמְסֶֽנָּה׃ 33
इसने कहा, “उसे नीचे गिरा दो।” तब उन्होंने उसे नीचे गिरा दिया, और उसके ख़ून के छींटें दीवार पर और घोड़ों पर पड़ीं, और इसने उसे पैरों तले रौदा।
וַיָּבֹ֖א וַיֹּ֣אכַל וַיֵּ֑שְׁתְּ וַיֹּ֗אמֶר פִּקְדוּ־נָ֞א אֶת־הָאֲרוּרָ֤ה הַזֹּאת֙ וְקִבְר֔וּהָ כִּ֥י בַת־מֶ֖לֶךְ הִֽיא׃ 34
जब ये अन्दर आया, तो इसने खाया पिया; फिर कहने लगा, “जाओ, उस ला'नती 'औरत को देखो, और उसे दफ़्न करो क्यूँकि वह शहज़ादी है।”
וַיֵּלְכ֖וּ לְקָבְרָ֑הּ וְלֹא־מָ֣צְאוּ בָ֗הּ כִּ֧י אִם־הַגֻּלְגֹּ֛לֶת וְהָרַגְלַ֖יִם וְכַפּ֥וֹת הַיָּדָֽיִם׃ 35
और वह उसे दफ़्न करने गए, पर सिर और उसके पैर और हथेलियों के सिवा उसका और कुछ उनको न मिला।
וַיָּשֻׁבוּ֮ וַיַּגִּ֣ידוּ לוֹ֒ וַיֹּ֙אמֶר֙ דְּבַר־יְהוָ֣ה ה֔וּא אֲשֶׁ֣ר דִּבֶּ֗ר בְּיַד־עַבְדּ֛וֹ אֵלִיָּ֥הוּ הַתִּשְׁבִּ֖י לֵאמֹ֑ר בְּחֵ֣לֶק יִזְרְעֶ֔אל יֹאכְל֥וּ הַכְּלָבִ֖ים אֶת־בְּשַׂ֥ר אִיזָֽבֶל׃ 36
इसलिए वह लौट आए और उसे ये बताया, इसने कहा, ये ख़ुदावन्द का वही सुख़न है, जो उसने अपने बन्दे एलियाह तिशबी के मा'रिफ़त फ़रमाया था, 'यज़र'एल के इलाके़ में कुत्ते ईज़बिल का गोश्त खाएँगे;
וְֽהָיְתָ֞ה נִבְלַ֣ת אִיזֶ֗בֶל כְּדֹ֛מֶן עַל־פְּנֵ֥י הַשָּׂדֶ֖ה בְּחֵ֣לֶק יִזְרְעֶ֑אל אֲשֶׁ֥ר לֹֽא־יֹאמְר֖וּ זֹ֥את אִיזָֽבֶל׃ פ 37
और ईज़बिल की लाश यज़र'एल के इलाके़ में खेत में खाद की तरह पड़ी रहेगी, यहाँ तक कि कोई न कहेगा कि “यह ईज़बिल है।”

< 2 מְלָכִים 9 >