< 2 מְלָכִים 21 >

בֶּן־שְׁתֵּ֨ים עֶשְׂרֵ֤ה שָׁנָה֙ מְנַשֶּׁ֣ה בְמָלְכ֔וֹ וַחֲמִשִּׁ֤ים וְחָמֵשׁ֙ שָׁנָ֔ה מָלַ֖ךְ בִּירוּשָׁלִָ֑ם וְשֵׁ֥ם אִמּ֖וֹ חֶפְצִי־בָֽהּ׃ 1
जब मनस्सी सल्तनत करने लगा तो बारह बरस का था, उसने पचपन बरस येरूशलेम में सल्तनत की, और उसकी माँ का नाम हिफ़सीबाह था।
וַיַּ֥עַשׂ הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה כְּתֽוֹעֲבֹת֙ הַגּוֹיִ֔ם אֲשֶׁר֙ הוֹרִ֣ישׁ יְהוָ֔ה מִפְּנֵ֖י בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ 2
उसने उन क़ौमों के नफ़रती कामों की तरह जिनको ख़ुदावन्द ने बनी इस्राईल के आगे से दफ़ा' किया, ख़ुदावन्द की नज़र में गुनाह किया।
וַיָּ֗שָׁב וַיִּ֙בֶן֙ אֶת־הַבָּמ֔וֹת אֲשֶׁ֥ר אִבַּ֖ד חִזְקִיָּ֣הוּ אָבִ֑יו וַיָּ֨קֶם מִזְבְּחֹ֜ת לַבַּ֗עַל וַיַּ֤עַשׂ אֲשֵׁרָה֙ כַּאֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֗ה אַחְאָב֙ מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֔ל וַיִּשְׁתַּ֙חוּ֙ לְכָל־צְבָ֣א הַשָּׁמַ֔יִם וַֽיַּעֲבֹ֖ד אֹתָֽם׃ 3
क्यूँकि उसने उन ऊँचे मक़ामों को जिनको उसके बाप हिज़क़ियाह ने ढाया था फिर बनाया; और बा'ल के लिए — मज़बह बनाए। और यसीरत बनाई जैसे शाह — ए — इस्राईल अख़ीअब ने किया था; और आसमान की सारी फ़ौज को सिज्दा करता और उनकी इबादत करता था।
וּבָנָ֥ה מִזְבְּחֹ֖ת בְּבֵ֣ית יְהוָ֑ה אֲשֶׁר֙ אָמַ֣ר יְהוָ֔ה בִּירוּשָׁלִַ֖ם אָשִׂ֥ים אֶת־שְׁמִֽי׃ 4
और उसने ख़ुदावन्द की हैकल में, जिसके ज़रिए' ख़ुदावन्द ने फ़रमाया था, “मैं येरूशलेम में अपना नाम रख्खूँगा।” मज़बह बनाए।
וַיִּ֥בֶן מִזְבְּח֖וֹת לְכָל־צְבָ֣א הַשָּׁמָ֑יִם בִּשְׁתֵּ֖י חַצְר֥וֹת בֵּית־יְהוָֽה׃ 5
और उसने आसमान की सारी फ़ौज के लिए ख़ुदावन्द की हैकल के दोनों सहनों में मज़बह बनाए।
וְהֶעֱבִ֤יר אֶת־בְּנוֹ֙ בָּאֵ֔שׁ וְעוֹנֵ֣ן וְנִחֵ֔שׁ וְעָ֥שָׂה א֖וֹב וְיִדְּעֹנִ֑ים הִרְבָּ֗ה לַעֲשׂ֥וֹת הָרַ֛ע בְּעֵינֵ֥י יְהוָ֖ה לְהַכְעִֽיס׃ 6
और उसने अपने बेटे को आग में चलाया, और वह शगून निकालता और अफ़सूँगरी करता, और जिन्नात के प्यारों और जादूगरों से त'अल्लुक़ रखता था। उसने ख़ुदावन्द के आगे उसको ग़ुस्सा दिलाने के लिए बड़ी शरारत की।
וַיָּ֕שֶׂם אֶת־פֶּ֥סֶל הָאֲשֵׁרָ֖ה אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֑ה בַּבַּ֗יִת אֲשֶׁ֨ר אָמַ֤ר יְהוָה֙ אֶל־דָּוִד֙ וְאֶל־שְׁלֹמֹ֣ה בְנ֔וֹ בַּבַּ֨יִת הַזֶּ֜ה וּבִירוּשָׁלִַ֗ם אֲשֶׁ֤ר בָּחַ֙רְתִּי֙ מִכֹּל֙ שִׁבְטֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל אָשִׂ֥ים אֶת־שְׁמִ֖י לְעוֹלָֽם׃ 7
और उसने यसीरत की खोदी हुई मूरत को, जिसे उसने बनाया था, उस घर में खड़ा किया जिसके ज़रिए' ख़ुदावन्द ने दाऊद और उसके बेटे सुलेमान से कहा था कि “इसी घर में और येरूशलेम में जिसे मैंने बनी — इस्राईल के सब क़बीलों में से चुन लिया है, मैं अपना नाम हमेशा तक रख्खूँगा
וְלֹ֣א אֹסִ֗יף לְהָנִיד֙ רֶ֣גֶל יִשְׂרָאֵ֔ל מִן־הָ֣אֲדָמָ֔ה אֲשֶׁ֥ר נָתַ֖תִּי לַֽאֲבוֹתָ֑ם רַ֣ק ׀ אִם־יִשְׁמְר֣וּ לַעֲשׂ֗וֹת כְּכֹל֙ אֲשֶׁ֣ר צִוִּיתִ֔ים וּלְכָל־הַ֨תּוֹרָ֔ה אֲשֶׁר־צִוָּ֥ה אֹתָ֖ם עַבְדִּ֥י מֹשֶֽׁה׃ 8
और मैं ऐसा न करूँगा कि बनी — इस्राईल के पाँव उस मुल्क से बाहर आवारा फिरें, जिसे मैंने उनके बाप — दादा को दिया, बशर्ते कि वह उन सब हुक्म के मुताबिक़ और उस शरी'अत के मुताबिक़, जिसका हुक्म मेरे बन्दे मूसा ने उनको दिया, 'अमल करने की एहतियात रख्खें।”
וְלֹ֖א שָׁמֵ֑עוּ וַיַּתְעֵ֤ם מְנַשֶּׁה֙ לַעֲשׂ֣וֹת אֶת־הָרָ֔ע מִן־הַ֨גּוֹיִ֔ם אֲשֶׁר֙ הִשְׁמִ֣יד יְהוָ֔ה מִפְּנֵ֖י בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ 9
लेकिन उन्होंने न माना, और मनस्सी ने उनको बहकाया कि वह उन क़ौमों के बारे में, जिनको ख़ुदावन्द ने बनी — इस्राईल के आगे से बर्बाद किया, ज़्यादा बदी करें।
וַיְדַבֵּ֧ר יְהוָ֛ה בְּיַד־עֲבָדָ֥יו הַנְּבִיאִ֖ים לֵאמֹֽר׃ 10
इसलिए ख़ुदावन्द ने अपने बन्दों, नबियों के ज़रिए' फ़रमाया,
יַעַן֩ אֲשֶׁ֨ר עָשָׂ֜ה מְנַשֶּׁ֤ה מֶֽלֶךְ־יְהוּדָה֙ הַתֹּעֵב֣וֹת הָאֵ֔לֶּה הֵרַ֕ע מִכֹּ֛ל אֲשֶׁר־עָשׂ֥וּ הָאֱמֹרִ֖י אֲשֶׁ֣ר לְפָנָ֑יו וַיַּחֲטִ֥א גַֽם־אֶת־יְהוּדָ֖ה בְּגִלּוּלָֽיו׃ פ 11
“चूँकि बादशाह यहूदाह मनस्सी ने नफ़रती काम किए, और अमोरियों की निस्बत जो उससे पहले हुए ज़्यादा बुराई की, और यहूदाह से भी अपने बुतों के ज़रीए' से गुनाह कराया;
לָכֵ֗ן כֹּֽה־אָמַ֤ר יְהוָה֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל הִנְנִי֙ מֵבִ֣יא רָעָ֔ה עַל־יְרוּשָׁלִַ֖ם וִֽיהוּדָ֑ה אֲשֶׁר֙ כָּל־שֹׁ֣מְעָ֔הּ תִּצַּ֖לְנָה שְׁתֵּ֥י אָזְנָֽיו׃ 12
इसलिए ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा यूँ फ़रमाता है: देखो, मैं येरूशलेम और यहूदाह पर ऐसी बला लाने को हूँ कि जो कोई उसका हाल सुने, उसके कान झन्ना उठेंगे।
וְנָטִ֣יתִי עַל־יְרוּשָׁלִַ֗ם אֵ֚ת קָ֣ו שֹֽׁמְר֔וֹן וְאֶת־מִשְׁקֹ֖לֶת בֵּ֣ית אַחְאָ֑ב וּמָחִ֨יתִי אֶת־יְרוּשָׁלִַ֜ם כַּֽאֲשֶׁר־יִמְחֶ֤ה אֶת־הַצַּלַּ֙חַת֙ מָחָ֔ה וְהָפַ֖ךְ עַל־פָּנֶֽיהָ׃ 13
और मैं येरूशलेम पर सामरिया की रस्सी, और अख़ीअब के घराने का साहुल डालूँगा; और मैं येरूशलेम को ऐसा साफ़ करूँगा जैसे आदमी थाली को साफ़ करता है और उसे साफ़कर के उल्टी रख देता है।
וְנָטַשְׁתִּ֗י אֵ֚ת שְׁאֵרִ֣ית נַחֲלָתִ֔י וּנְתַתִּ֖ים בְּיַ֣ד אֹֽיְבֵיהֶ֑ם וְהָי֥וּ לְבַ֛ז וְלִמְשִׁסָּ֖ה לְכָל־אֹיְבֵיהֶֽם׃ 14
और मैं अपनी मीरास के बाक़ी लोगों को तर्क करके, उनको उनके दुश्मनों के हवाले करूँगा; और वह अपने सब दुश्मनों के लिए शिकार और लूट ठहरेंगे।
יַ֗עַן אֲשֶׁ֨ר עָשׂ֤וּ אֶת־הָרַע֙ בְּעֵינַ֔י וַיִּהְי֥וּ מַכְעִסִ֖ים אֹתִ֑י מִן־הַיּ֗וֹם אֲשֶׁ֨ר יָצְא֤וּ אֲבוֹתָם֙ מִמִּצְרַ֔יִם וְעַ֖ד הַיּ֥וֹם הַזֶּֽה׃ 15
क्यूँकि जब से उनके बाप — दादा मिस्र से निकले, उस दिन से आज तक वह मेरे आगे बुराई करते और मुझे ग़ुस्सा दिलाते रहे।”
וְגַם֩ דָּ֨ם נָקִ֜י שָׁפַ֤ךְ מְנַשֶּׁה֙ הַרְבֵּ֣ה מְאֹ֔ד עַ֛ד אֲשֶׁר־מִלֵּ֥א אֶת־יְרוּשָׁלִַ֖ם פֶּ֣ה לָפֶ֑ה לְבַ֤ד מֵֽחַטָּאתוֹ֙ אֲשֶׁ֣ר הֶחֱטִ֣יא אֶת־יְהוּדָ֔ה לַעֲשׂ֥וֹת הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֥י יְהוָֽה׃ 16
'अलावा इसके मनस्सी ने उस गुनाह के 'अलावा कि उसने यहूदाह को गुमराह करके ख़ुदावन्द की नज़र में गुनाह कराया, बेगुनाहों का ख़ून भी इस क़दर किया कि येरूशलेम इस सिरे से उस सिरे तक भर गया।
וְיֶ֨תֶר דִּבְרֵ֤י מְנַשֶּׁה֙ וְכָל־אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֔ה וְחַטָּאת֖וֹ אֲשֶׁ֣ר חָטָ֑א הֲלֹא־הֵ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יְהוּדָֽה׃ 17
और मनस्सी के बाक़ी काम और सब कुछ जो उसने किया, और वह गुनाह जो उससे सरज़द हुआ; इसलिए क्या वह बनी यहूदाह के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में लिखा नहीं?
וַיִּשְׁכַּ֤ב מְנַשֶּׁה֙ עִם־אֲבֹתָ֔יו וַיִּקָּבֵ֥ר בְּגַן־בֵּית֖וֹ בְּגַן־עֻזָּ֑א וַיִּמְלֹ֛ךְ אָמ֥וֹן בְּנ֖וֹ תַּחְתָּֽיו׃ פ 18
और मनस्सी अपने बाप दादा के साथ सो गया, और अपने घर के बाग में जो 'उज़्ज़ा का बाग़ है दफ़न हुआ; और उसका बेटा अमून उसकी जगह बादशाह हुआ।
בֶּן־עֶשְׂרִ֨ים וּשְׁתַּ֤יִם שָׁנָה֙ אָמ֣וֹן בְּמָלְכ֔וֹ וּשְׁתַּ֣יִם שָׁנִ֔ים מָלַ֖ךְ בִּירוּשָׁלִָ֑ם וְשֵׁ֣ם אִמּ֔וֹ מְשֻׁלֶּ֥מֶת בַּת־חָר֖וּץ מִן־יָטְבָֽה׃ 19
और अमून जब सल्तनत करने लगा तो बाईस बरस का था। उसने येरूशलेम में दो बरस सल्तनत की; उसकी माँ का नाम मुसल्लिमत था, जो हरूस युतबही की बेटी थी।
וַיַּ֥עַשׂ הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה כַּאֲשֶׁ֥ר עָשָׂ֖ה מְנַשֶּׁ֥ה אָבִֽיו׃ 20
और उसने ख़ुदावन्द की नज़र में गुनाह किया जैसे उसके बाप मनस्सी ने की थी।
וַיֵּ֕לֶךְ בְּכָל־הַדֶּ֖רֶךְ אֲשֶׁר־הָלַ֣ךְ אָבִ֑יו וַֽיַּעֲבֹ֗ד אֶת־הַגִּלֻּלִים֙ אֲשֶׁ֣ר עָבַ֣ד אָבִ֔יו וַיִּשְׁתַּ֖חוּ לָהֶֽם׃ 21
और वह अपने बाप के सब रास्तों पर चला, और उन बुतों की इबादत की जिनकी इबादत उसके बाप ने की थी, और उनको सिज्दा किया।
וַיַּעֲזֹ֕ב אֶת־יְהוָ֖ה אֱלֹהֵ֣י אֲבֹתָ֑יו וְלֹ֥א הָלַ֖ךְ בְּדֶ֥רֶךְ יְהוָֽה׃ 22
और उसने ख़ुदावन्द अपने बाप दादा के ख़ुदा को छोड़ दिया, और ख़ुदावन्द की राह पर न चला।
וַיִּקְשְׁר֥וּ עַבְדֵֽי־אָמ֖וֹן עָלָ֑יו וַיָּמִ֥יתוּ אֶת־הַמֶּ֖לֶךְ בְּבֵיתֽוֹ׃ 23
और अमून के ख़ादिमों ने उसके ख़िलाफ़ साज़िश की, और बादशाह को उसी के महल में जान से मार दिया।
וַיַּךְ֙ עַם־הָאָ֔רֶץ אֵ֥ת כָּל־הַקֹּשְׁרִ֖ים עַל־הַמֶּ֣לֶךְ אָמ֑וֹן וַיַּמְלִ֧יכוּ עַם־הָאָ֛רֶץ אֶת־יֹאשִׁיָּ֥הוּ בְנ֖וֹ תַּחְתָּֽיו׃ 24
लेकिन उस मुल्क के लोगों ने उन सबको, जिन्होंने अमून बादशाह के ख़िलाफ़ साज़िश की थी क़त्ल किया। और मुल्क के लोगों ने उसके बेटे यूसियाह को उसकी जगह बादशाह बनाया।
וְיֶ֛תֶר דִּבְרֵ֥י אָמ֖וֹן אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֑ה הֲלֹא־הֵ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יְהוּדָֽה׃ 25
अमून के बाक़ी काम जो उसने किए, इसलिए क्या वह यहूदाह के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में लिखे नहीं?
וַיִּקְבְֹּ֥ר אֹת֛וֹ בִּקְבֻרָת֖וֹ בְּגַן־עֻזָּ֑א וַיִּמְלֹ֛ךְ יֹאשִׁיָּ֥הוּ בְנ֖וֹ תַּחְתָּֽיו׃ פ 26
और वह अपनी क़ब्र में 'उज़्ज़ा के बाग़ में दफ़न हुआ, और उसका बेटा यूसियाह उसकी जगह बादशाह हुआ।

< 2 מְלָכִים 21 >