< 2 מְלָכִים 15 >

בִּשְׁנַ֨ת עֶשְׂרִ֤ים וָשֶׁ֙בַע֙ שָׁנָ֔ה לְיָרָבְעָ֖ם מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֑ל מָלַ֛ךְ עֲזַרְיָ֥ה בֶן־אֲמַצְיָ֖ה מֶ֥לֶךְ יְהוּדָֽה׃ 1
इस्राएल के राजा यारोबाम के राज्य के सताईसवें वर्ष में यहूदा के राजा अमस्याह का पुत्र अजर्याह राजा हुआ।
בֶּן־שֵׁ֨שׁ עֶשְׂרֵ֤ה שָׁנָה֙ הָיָ֣ה בְמָלְכ֔וֹ וַחֲמִשִּׁ֤ים וּשְׁתַּ֙יִם֙ שָׁנָ֔ה מָלַ֖ךְ בִּירוּשָׁלִָ֑ם וְשֵׁ֣ם אִמּ֔וֹ יְכָלְיָ֖הוּ מִירוּשָׂלִָֽם׃ 2
जब वह राज्य करने लगा, तब सोलह वर्ष का था, और यरूशलेम में बावन वर्ष राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम यकोल्याह था, जो यरूशलेम की थी।
וַיַּ֥עַשׂ הַיָּשָׁ֖ר בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה כְּכֹ֥ל אֲשֶׁר־עָשָׂ֖ה אֲמַצְיָ֥הוּ אָבִֽיו׃ 3
जैसे उसका पिता अमस्याह किया करता था जो यहोवा की दृष्टि में ठीक था, वैसे ही वह भी करता था।
רַ֥ק הַבָּמ֖וֹת לֹא־סָ֑רוּ ע֥וֹד הָעָ֛ם מְזַבְּחִ֥ים וּֽמְקַטְּרִ֖ים בַּבָּמֽוֹת׃ 4
तो भी ऊँचे स्थान गिराए न गए; प्रजा के लोग उस समय भी उन पर बलि चढ़ाते, और धूप जलाते रहे।
וַיְנַגַּ֨ע יְהוָ֜ה אֶת־הַמֶּ֗לֶךְ וַיְהִ֤י מְצֹרָע֙ עַד־י֣וֹם מֹת֔וֹ וַיֵּ֖שֶׁב בְּבֵ֣ית הַחָפְשִׁ֑ית וְיוֹתָ֤ם בֶּן־הַמֶּ֙לֶךְ֙ עַל־הַבַּ֔יִת שֹׁפֵ֖ט אֶת־עַ֥ם הָאָֽרֶץ׃ 5
यहोवा ने उस राजा को ऐसा मारा, कि वह मरने के दिन तक कोढ़ी रहा, और अलग एक घर में रहता था। योताम नामक राजपुत्र उसके घराने के काम पर अधिकारी होकर देश के लोगों का न्याय करता था।
וְיֶ֛תֶר דִּבְרֵ֥י עֲזַרְיָ֖הוּ וְכָל־אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֑ה הֲלֹא־הֵ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יְהוּדָֽה׃ 6
अजर्याह के और सब काम जो उसने किए, वह क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?
וַיִּשְׁכַּ֤ב עֲזַרְיָה֙ עִם־אֲבֹתָ֔יו וַיִּקְבְּר֥וּ אֹת֛וֹ עִם־אֲבֹתָ֖יו בְּעִ֣יר דָּוִ֑ד וַיִּמְלֹ֛ךְ יוֹתָ֥ם בְּנ֖וֹ תַּחְתָּֽיו׃ פ 7
अन्त में अजर्याह मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और उसको दाऊदपुर में उसके पुरखाओं के बीच मिट्टी दी गई, और उसका पुत्र योताम उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
בִּשְׁנַ֨ת שְׁלֹשִׁ֤ים וּשְׁמֹנֶה֙ שָׁנָ֔ה לַעֲזַרְיָ֖הוּ מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֑ה מָ֠לַךְ זְכַרְיָ֨הוּ בֶן־יָרָבְעָ֧ם עַל־יִשְׂרָאֵ֛ל בְּשֹׁמְר֖וֹן שִׁשָּׁ֥ה חֳדָשִֽׁים׃ 8
यहूदा के राजा अजर्याह के राज्य के अड़तीसवें वर्ष में यारोबाम का पुत्र जकर्याह इस्राएल पर सामरिया में राज्य करने लगा, और छः महीने राज्य किया।
וַיַּ֤עַשׂ הָרַע֙ בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֔ה כַּאֲשֶׁ֥ר עָשׂ֖וּ אֲבֹתָ֑יו לֹ֣א סָ֗ר מֵֽחַטֹּאות֙ יָרָבְעָ֣ם בֶּן־נְבָ֔ט אֲשֶׁ֥ר הֶחֱטִ֖יא אֶת־יִשְׂרָאֵֽל׃ 9
उसने अपने पुरखाओं के समान वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, अर्थात् नबात के पुत्र यारोबाम जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उनसे वह अलग न हुआ।
וַיִּקְשֹׁ֤ר עָלָיו֙ שַׁלֻּ֣ם בֶּן־יָבֵ֔שׁ וַיַּכֵּ֥הוּ קָֽבָלְ־עָ֖ם וַיְמִיתֵ֑הוּ וַיִּמְלֹ֖ךְ תַּחְתָּֽיו׃ 10
१०और याबेश के पुत्र शल्लूम ने उससे राजद्रोह की गोष्ठी करके उसको प्रजा के सामने मारा, और उसको घात करके उसके स्थान पर राजा हुआ।
וְיֶ֖תֶר דִּבְרֵ֣י זְכַרְיָ֑ה הִנָּ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ 11
११जकर्याह के और काम इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं।
ה֣וּא דְבַר־יְהוָ֗ה אֲשֶׁ֨ר דִּבֶּ֤ר אֶל־יֵהוּא֙ לֵאמֹ֔ר בְּנֵ֣י רְבִיעִ֔ים יֵשְׁב֥וּ לְךָ֖ עַל־כִּסֵּ֣א יִשְׂרָאֵ֑ל וַֽיְהִי־כֵֽן׃ פ 12
१२अतः यहोवा का वह वचन पूरा हुआ, जो उसने येहू से कहा था, “तेरे परपोते के पुत्र तक तेरी सन्तान इस्राएल की गद्दी पर बैठती जाएगी।” और वैसा ही हुआ।
שַׁלּ֤וּם בֶּן־יָבֵישׁ֙ מָלַ֔ךְ בִּשְׁנַ֨ת שְׁלֹשִׁ֤ים וָתֵ֙שַׁע֙ שָׁנָ֔ה לְעֻזִיָּ֖ה מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֑ה וַיִּמְלֹ֥ךְ יֶֽרַח־יָמִ֖ים בְּשֹׁמְרֽוֹן׃ 13
१३यहूदा के राजा उज्जियाह के राज्य के उनतालीसवें वर्ष में याबेश का पुत्र शल्लूम राज्य करने लगा, और महीने भर सामरिया में राज्य करता रहा।
וַיַּעַל֩ מְנַחֵ֨ם בֶּן־גָּדִ֜י מִתִּרְצָ֗ה וַיָּבֹא֙ שֹׁמְר֔וֹן וַיַּ֛ךְ אֶת־שַׁלּ֥וּם בֶּן־יָבֵ֖ישׁ בְּשֹׁמְר֑וֹן וַיְמִיתֵ֖הוּ וַיִּמְלֹ֥ךְ תַּחְתָּֽיו׃ 14
१४क्योंकि गादी के पुत्र मनहेम ने, तिर्सा से सामरिया को जाकर याबेश के पुत्र शल्लूम को वहीं मारा, और उसे घात करके उसके स्थान पर राजा हुआ।
וְיֶ֙תֶר֙ דִּבְרֵ֣י שַׁלּ֔וּם וְקִשְׁר֖וֹ אֲשֶׁ֣ר קָשָׁ֑ר הִנָּ֣ם כְּתֻבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ ס 15
१५शल्लूम के अन्य काम और उसने राजद्रोह की जो गोष्ठी की, यह सब इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखा है।
אָ֣ז יַכֶּֽה־מְ֠נַחֵם אֶת־תִּפְסַ֨ח וְאֶת־כָּל־אֲשֶׁר־בָּ֤הּ וְאֶת־גְּבוּלֶ֙יהָ֙ מִתִּרְצָ֔ה כִּ֛י לֹ֥א פָתַ֖ח וַיַּ֑ךְ אֵ֛ת כָּל־הֶהָ֥רוֹתֶ֖יהָ בִּקֵּֽעַ׃ פ 16
१६तब मनहेम ने तिर्सा से जाकर, सब निवासियों और आस-पास के देश समेत तिप्सह को इस कारण मार लिया, कि तिप्सहियों ने उसके लिये फाटक न खोले थे, इस कारण उसने उन्हें मार दिया, और उसमें जितनी गर्भवती स्त्रियाँ थीं, उन सभी को चीर डाला।
בִּשְׁנַ֨ת שְׁלֹשִׁ֤ים וָתֵ֙שַׁע֙ שָׁנָ֔ה לַעֲזַרְיָ֖ה מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֑ה מָ֠לַךְ מְנַחֵ֨ם בֶּן־גָּדִ֧י עַל־יִשְׂרָאֵ֛ל עֶ֥שֶׂר שָׁנִ֖ים בְּשֹׁמְרֽוֹן׃ 17
१७यहूदा के राजा अजर्याह के राज्य के उनतालीसवें वर्ष में गादी का पुत्र मनहेम इस्राएल पर राज्य करने लगा, और दस वर्ष सामरिया में राज्य करता रहा।
וַיַּ֥עַשׂ הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה לֹ֣א סָ֠ר מֵעַ֨ל חַטֹּ֜אות יָרָבְעָ֧ם בֶּן־נְבָ֛ט אֲשֶׁר־הֶחֱטִ֥יא אֶת־יִשְׂרָאֵ֖ל כָּל־יָמָֽיו׃ 18
१८उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था, अर्थात् नबात के पुत्र यारोबाम जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उनसे वह जीवन भर अलग न हुआ।
בָּ֣א פ֤וּל מֶֽלֶךְ־אַשּׁוּר֙ עַל־הָאָ֔רֶץ וַיִּתֵּ֤ן מְנַחֵם֙ לְפ֔וּל אֶ֖לֶף כִּכַּר־כָּ֑סֶף לִהְי֤וֹת יָדָיו֙ אִתּ֔וֹ לְהַחֲזִ֥יק הַמַּמְלָכָ֖ה בְּיָדֽוֹ׃ 19
१९अश्शूर के राजा पूल ने देश पर चढ़ाई की, और मनहेम ने उसको हजार किक्कार चाँदी इस इच्छा से दी, कि वह उसका सहायक होकर राज्य को उसके हाथ में स्थिर रखे।
וַיֹּצֵא֩ מְנַחֵ֨ם אֶת־הַכֶּ֜סֶף עַל־יִשְׂרָאֵ֗ל עַ֚ל כָּל־גִּבּוֹרֵ֣י הַחַ֔יִל לָתֵת֙ לְמֶ֣לֶךְ אַשּׁ֔וּר חֲמִשִּׁ֧ים שְׁקָלִ֛ים כֶּ֖סֶף לְאִ֣ישׁ אֶחָ֑ד וַיָּ֙שָׁב֙ מֶ֣לֶךְ אַשּׁ֔וּר וְלֹא־עָ֥מַד שָׁ֖ם בָּאָֽרֶץ׃ 20
२०यह चाँदी अश्शूर के राजा को देने के लिये मनहेम ने बड़े-बड़े धनवान इस्राएलियों से ले ली, एक-एक पुरुष को पचास-पचास शेकेल चाँदी देनी पड़ी; तब अश्शूर का राजा देश को छोड़कर लौट गया।
וְיֶ֛תֶר דִּבְרֵ֥י מְנַחֵ֖ם וְכָל־אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֑ה הֲלוֹא־הֵ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ 21
२१मनहेम के और काम जो उसने किए, वे सब क्या इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?
וַיִּשְׁכַּ֥ב מְנַחֵ֖ם עִם־אֲבֹתָ֑יו וַיִּמְלֹ֛ךְ פְּקַחְיָ֥ה בְנ֖וֹ תַּחְתָּֽיו׃ פ 22
२२अन्त में मनहेम मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और उसका पुत्र पकहयाह उसके स्थान पर राज्य करने लगा।
בִּשְׁנַת֙ חֲמִשִּׁ֣ים שָׁנָ֔ה לַעֲזַרְיָ֖ה מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֑ה מָ֠לַךְ פְּקַֽחְיָ֨ה בֶן־מְנַחֵ֧ם עַל־יִשְׂרָאֵ֛ל בְּשֹׁמְר֖וֹן שְׁנָתָֽיִם׃ 23
२३यहूदा के राजा अजर्याह के राज्य के पचासवें वर्ष में मनहेम का पुत्र पकहयाह सामरिया में इस्राएल पर राज्य करने लगा, और दो वर्ष तक राज्य करता रहा।
וַיַּ֥עַשׂ הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה לֹ֣א סָ֗ר מֵֽחַטֹּאות֙ יָרָבְעָ֣ם בֶּן־נְבָ֔ט אֲשֶׁ֥ר הֶחֱטִ֖יא אֶת־יִשְׂרָאֵֽל׃ 24
२४उसने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था, अर्थात् नबात के पुत्र यारोबाम जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उनसे वह अलग न हुआ।
וַיִּקְשֹׁ֣ר עָלָיו֩ פֶּ֨קַח בֶּן־רְמַלְיָ֜הוּ שָׁלִישׁ֗וֹ וַיַּכֵּ֨הוּ בְשֹׁמְר֜וֹן בְּאַרְמ֤וֹן בֵּית־הַמֶּ֙לֶךְ֙ אֶת־אַרְגֹּ֣ב וְאֶת־הָאַרְיֵ֔ה וְעִמּ֛וֹ חֲמִשִּׁ֥ים אִ֖ישׁ מִבְּנֵ֣י גִלְעָדִ֑ים וַיְמִיתֵ֖הוּ וַיִּמְלֹ֥ךְ תַּחְתָּֽיו׃ 25
२५उसके सरदार रमल्याह के पुत्र पेकह ने उसके विरुद्ध राजद्रोह की गोष्ठी करके, सामरिया के राजभवन के गुम्मट में उसको और उसके संग अर्गोब और अर्ये को मारा; और पेकह के संग पचास गिलादी पुरुष थे, और वह उसका घात करके उसके स्थान पर राजा बन गया।
וְיֶ֛תֶר דִּבְרֵ֥י פְקַחְיָ֖ה וְכָל־אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֑ה הִנָּ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ פ 26
२६पकहयाह के और सब काम जो उसने किए, वह इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं।
בִּשְׁנַ֨ת חֲמִשִּׁ֤ים וּשְׁתַּ֙יִם֙ שָׁנָ֔ה לַעֲזַרְיָ֖ה מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֑ה מָ֠לַךְ פֶּ֣קַח בֶּן־רְמַלְיָ֧הוּ עַל־יִשְׂרָאֵ֛ל בְּשֹׁמְר֖וֹן עֶשְׂרִ֥ים שָׁנָֽה׃ 27
२७यहूदा के राजा अजर्याह के राज्य के बावनवें वर्ष में रमल्याह का पुत्र पेकह सामरिया में इस्राएल पर राज्य करने लगा, और बीस वर्ष तक राज्य करता रहा।
וַיַּ֥עַשׂ הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה לֹ֣א סָ֗ר מִן־חַטֹּאות֙ יָרָבְעָ֣ם בֶּן־נְבָ֔ט אֲשֶׁ֥ר הֶחֱטִ֖יא אֶת־יִשְׂרָאֵֽל׃ 28
२८उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था, अर्थात् नबात के पुत्र यारोबाम, जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उसके पापों के अनुसार वह करता रहा, और उनसे वह अलग न हुआ।
בִּימֵ֞י פֶּ֣קַח מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵ֗ל בָּא֮ תִּגְלַ֣ת פִּלְאֶסֶר֮ מֶ֣לֶךְ אַשּׁוּר֒ וַיִּקַּ֣ח אֶת־עִיּ֡וֹן וְאֶת־אָבֵ֣ל בֵּֽית־מַעֲכָ֡ה וְאֶת־יָ֠נוֹחַ וְאֶת־קֶ֨דֶשׁ וְאֶת־חָצ֤וֹר וְאֶת־הַגִּלְעָד֙ וְאֶת־הַגָּלִ֔ילָה כֹּ֖ל אֶ֣רֶץ נַפְתָּלִ֑י וַיַּגְלֵ֖ם אַשּֽׁוּרָה׃ 29
२९इस्राएल के राजा पेकह के दिनों में अश्शूर के राजा तिग्लत्पिलेसेर ने आकर इय्योन, आबेल्वेत्माका, यानोह, केदेश और हासोर नामक नगरों को और गिलाद और गलील, वरन् नप्ताली के पूरे देश को भी ले लिया, और उनके लोगों को बन्दी बनाकर अश्शूर को ले गया।
וַיִּקְשָׁר־קֶ֜שֶׁר הוֹשֵׁ֣עַ בֶּן־אֵלָ֗ה עַל־פֶּ֙קַח֙ בֶּן־רְמַלְיָ֔הוּ וַיַּכֵּ֙הוּ֙ וַיְמִיתֵ֔הוּ וַיִּמְלֹ֖ךְ תַּחְתָּ֑יו בִּשְׁנַ֣ת עֶשְׂרִ֔ים לְיוֹתָ֖ם בֶּן־עֻזִיָּֽה׃ 30
३०उज्जियाह के पुत्र योताम के बीसवें वर्ष में एला के पुत्र होशे ने रमल्याह के पुत्र पेकह के विरुद्ध राजद्रोह की गोष्ठी करके उसे मारा, और उसे घात करके उसके स्थान पर राजा बन गया।
וְיֶ֥תֶר דִּבְרֵי־פֶ֖קַח וְכָל־אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֑ה הִנָּ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ פ 31
३१पेकह के और सब काम जो उसने किए वह इस्राएल के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में लिखे हैं।
בִּשְׁנַ֣ת שְׁתַּ֔יִם לְפֶ֥קַח בֶּן־רְמַלְיָ֖הוּ מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֑ל מָלַ֛ךְ יוֹתָ֥ם בֶּן־עֻזִיָּ֖הוּ מֶ֥לֶךְ יְהוּדָֽה׃ 32
३२रमल्याह के पुत्र इस्राएल के राजा पेकह के राज्य के दूसरे वर्ष में यहूदा के राजा उज्जियाह का पुत्र योताम राजा हुआ।
בֶּן־עֶשְׂרִ֨ים וְחָמֵ֤שׁ שָׁנָה֙ הָיָ֣ה בְמָלְכ֔וֹ וְשֵׁשׁ־עֶשְׂרֵ֣ה שָׁנָ֔ה מָלַ֖ךְ בִּירוּשָׁלִָ֑ם וְשֵׁ֣ם אִמּ֔וֹ יְרוּשָׁ֖א בַּת־צָדֽוֹק׃ 33
३३जब वह राज्य करने लगा, तब पच्चीस वर्ष का था, और यरूशलेम में सोलह वर्ष तक राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम यरूशा था जो सादोक की बेटी थी।
וַיַּ֥עַשׂ הַיָּשָׁ֖ר בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה כְּכֹ֧ל אֲשֶׁר־עָשָׂ֛ה עֻזִיָּ֥הוּ אָבִ֖יו עָשָֽׂה׃ 34
३४उसने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में ठीक था, अर्थात् जैसा उसके पिता उज्जियाह ने किया था, ठीक वैसा ही उसने भी किया।
רַ֤ק הַבָּמוֹת֙ לֹ֣א סָ֔רוּ ע֗וֹד הָעָ֛ם מְזַבְּחִ֥ים וּֽמְקַטְּרִ֖ים בַּבָּמ֑וֹת ה֗וּא בָּנָ֛ה אֶת־שַׁ֥עַר בֵּית־יְהוָ֖ה הָעֶלְיֽוֹן׃ 35
३५तो भी ऊँचे स्थान गिराए न गए, प्रजा के लोग उन पर उस समय भी बलि चढ़ाते और धूप जलाते रहे। यहोवा के भवन के ऊँचे फाटक को इसी ने बनाया था।
וְיֶ֛תֶר דִּבְרֵ֥י יוֹתָ֖ם אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֑ה הֲלֹא־הֵ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יְהוּדָֽה׃ 36
३६योताम के और सब काम जो उसने किए, वे क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?
בַּיָּמִ֣ים הָהֵ֔ם הֵחֵ֣ל יְהוָ֗ה לְהַשְׁלִ֙יחַ֙ בִּֽיהוּדָ֔ה רְצִ֖ין מֶ֣לֶךְ אֲרָ֑ם וְאֵ֖ת פֶּ֥קַח בֶּן־רְמַלְיָֽהוּ׃ 37
३७उन दिनों में यहोवा अराम के राजा रसीन को, और रमल्याह के पुत्र पेकह को, यहूदा के विरुद्ध भेजने लगा।
וַיִּשְׁכַּ֤ב יוֹתָם֙ עִם־אֲבֹתָ֔יו וַיִּקָּבֵר֙ עִם־אֲבֹתָ֔יו בְּעִ֖יר דָּוִ֣ד אָבִ֑יו וַיִּמְלֹ֛ךְ אָחָ֥ז בְּנ֖וֹ תַּחְתָּֽיו׃ פ 38
३८अन्त में योताम मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और अपने मूलपुरुष दाऊद के नगर में अपने पुरखाओं के बीच उसको मिट्टी दी गई, और उसका पुत्र आहाज उसके स्थान पर राज्य करने लगा।

< 2 מְלָכִים 15 >