< 2 מְלָכִים 12 >
בִּשְׁנַת־שֶׁ֤בַע לְיֵהוּא֙ מָלַ֣ךְ יְהוֹאָ֔שׁ וְאַרְבָּעִ֣ים שָׁנָ֔ה מָלַ֖ךְ בִּירֽוּשָׁלִָ֑ם וְשֵׁ֣ם אִמּ֔וֹ צִבְיָ֖ה מִבְּאֵ֥ר שָֽׁבַע׃ | 1 |
और याहू के सातवें साल यहूआस' बादशाह हुआ और उसने येरूशलेम में चालीस साल सल्तनत की। उसकी माँ का नाम ज़िबियाह था जो बैरसबा' की थी।
וַיַּ֨עַשׂ יְהוֹאָ֧שׁ הַיָּשָׁ֛ר בְּעֵינֵ֥י יְהוָ֖ה כָּל־יָמָ֑יו אֲשֶׁ֣ר הוֹרָ֔הוּ יְהוֹיָדָ֖ע הַכֹּהֵֽן׃ | 2 |
और यहूआस ने इस तमाम 'अर्से में जब तक यहोयदा' काहिन उसकी ता'लीम — व — तरबियत करता रहा, वही काम किया जो ख़ुदावन्द की नज़र में ठीक था।
רַ֥ק הַבָּמ֖וֹת לֹא־סָ֑רוּ ע֥וֹד הָעָ֛ם מְזַבְּחִ֥ים וּֽמְקַטְּרִ֖ים בַּבָּמֽוֹת׃ | 3 |
तोभी ऊँचे मक़ाम ढाए न गए, और लोग अभी ऊँचे मक़ामों पर क़ुर्बानी करते और ख़ुशबू जलाते थे।
וַיֹּ֨אמֶר יְהוֹאָ֜שׁ אֶל־הַכֹּהֲנִ֗ים כֹּל֩ כֶּ֨סֶף הַקֳּדָשִׁ֜ים אֲשֶׁר־יוּבָ֤א בֵית־יְהוָה֙ כֶּ֣סֶף עוֹבֵ֔ר אִ֕ישׁ כֶּ֥סֶף נַפְשׁ֖וֹת עֶרְכּ֑וֹ כָּל־כֶּ֗סֶף אֲשֶׁ֤ר יַֽעֲלֶה֙ עַ֣ל לֶב־אִ֔ישׁ לְהָבִ֖יא בֵּ֥ית יְהוָֽה׃ | 4 |
और यहूआस' ने काहिनों से कहा, कि “मुक़द्दस की हुई चीज़ों की सब नक़दी जो मौजूदा सिक्के में ख़ुदावन्द के घर में पहुँचाई जाती है, या'नी उन लोगों की नक़दी जिनके लिए हर शख़्स की हैसियत के मुताबिक़ अन्दाज़ा लगाया जाता है, और वह सब नक़दी जो हर एक अपनी ख़ुशी से ख़ुदावन्द के घर में लाता है,
יִקְח֤וּ לָהֶם֙ הַכֹּ֣הֲנִ֔ים אִ֖ישׁ מֵאֵ֣ת מַכָּר֑וֹ וְהֵ֗ם יְחַזְּקוּ֙ אֶת־בֶּ֣דֶק הַבַּ֔יִת לְכֹ֛ל אֲשֶׁר־יִמָּצֵ֥א שָׁ֖ם בָּֽדֶק׃ פ | 5 |
इन सबको काहिन अपने अपने जान पहचान से लेकर अपने पास रख लें; और हैकल की दरारों की जहाँ कहीं कोई दरार मिले मरम्मत करें।”
וַיְהִ֗י בִּשְׁנַ֨ת עֶשְׂרִ֧ים וְשָׁלֹ֛שׁ שָׁנָ֖ה לַמֶּ֣לֶךְ יְהוֹאָ֑שׁ לֹֽא־חִזְּק֥וּ הַכֹּהֲנִ֖ים אֶת־בֶּ֥דֶק הַבָּֽיִת׃ | 6 |
लेकिन यहूआस के तेईसवें साल तक काहिनों ने हैकल की दरारों की मरम्मत न की।
וַיִּקְרָא֩ הַמֶּ֨לֶךְ יְהוֹאָ֜שׁ לִיהוֹיָדָ֤ע הַכֹּהֵן֙ וְלַכֹּ֣הֲנִ֔ים וַיֹּ֣אמֶר אֲלֵהֶ֔ם מַדּ֛וּעַ אֵינְכֶ֥ם מְחַזְּקִ֖ים אֶת־בֶּ֣דֶק הַבָּ֑יִת וְעַתָּ֗ה אַל־תִּקְחוּ־כֶ֙סֶף֙ מֵאֵ֣ת מַכָּֽרֵיכֶ֔ם כִּֽי־לְבֶ֥דֶק הַבַּ֖יִת תִּתְּנֻֽהוּ׃ | 7 |
तब यहूआस बादशाह ने यहोयदा' काहिन को और, और काहिनों को बुलाकर उनसे कहा, “तुम हैकल की दरारों की मरम्मत क्यूँ नहीं करते? इसलिए अब अपने अपने जान — पहचान से नक़दी न लेना, बल्कि इसको हैकल की दरारों के लिए हवाले करो।”
וַיֵּאֹ֖תוּ הַכֹּֽהֲנִ֑ים לְבִלְתִּ֤י קְחַת־כֶּ֙סֶף֙ מֵאֵ֣ת הָעָ֔ם וּלְבִלְתִּ֥י חַזֵּ֖ק אֶת־בֶּ֥דֶק הַבָּֽיִת׃ | 8 |
इसलिए काहिनों ने मंज़ूर कर लिया कि न तो लोगों से नक़दी लें और न हैकल की दरारों की मरम्मत करें।
וַיִּקַּ֞ח יְהוֹיָדָ֤ע הַכֹּהֵן֙ אֲר֣וֹן אֶחָ֔ד וַיִּקֹּ֥ב חֹ֖ר בְּדַלְתּ֑וֹ וַיִּתֵּ֣ן אֹתוֹ֩ אֵ֨צֶל הַמִּזְבֵּ֜חַ מִיָּמִ֗ין בְּבֽוֹא־אִישׁ֙ בֵּ֣ית יְהוָ֔ה וְנָֽתְנוּ־שָׁ֤מָּה הַכֹּֽהֲנִים֙ שֹׁמְרֵ֣י הַסַּ֔ף אֶת־כָּל־הַכֶּ֖סֶף הַמּוּבָ֥א בֵית־יְהוָֽה׃ | 9 |
तब यहोयदा' काहिन ने एक सन्दूक़ लेकर उसके ऊपर में एक सूराख किया, और उसे मज़बह के पास रख्खा, ऐसा कि ख़ुदावन्द की हैकल में दाख़िल होते वक़्त वह दहनी तरफ़ पड़ता था; और जो काहिन दरवाज़े के निगहबान थे, वह सब नक़दी जो ख़ुदावन्द के घर में लाई जाती थी उसी में डाल देते थे।
וַֽיְהִי֙ כִּרְאוֹתָ֔ם כִּֽי־רַ֥ב הַכֶּ֖סֶף בָּֽאָר֑וֹן וַיַּ֨עַל סֹפֵ֤ר הַמֶּ֙לֶךְ֙ וְהַכֹּהֵ֣ן הַגָּד֔וֹל וַיָּצֻ֙רוּ֙ וַיִּמְנ֔וּ אֶת־הַכֶּ֖סֶף הַנִּמְצָ֥א בֵית־יְהוָֽה׃ | 10 |
जब वह देखते थे कि सन्दूक़ में बहुत नक़दी हो गई है, तो बादशाह का मुन्शी और सरदार काहिन ऊपर आकर उसे थैलियों में बाँधते थे, और उस नक़दी को जो ख़ुदावन्द के घर में मिलती थी गिन लेते थे।
וְנָתְנוּ֙ אֶת־הַכֶּ֣סֶף הַֽמְתֻכָּ֔ן עַל־יְדֵי֙ עֹשֵׂ֣י הַמְּלָאכָ֔ה הַמֻּפְקָדִ֖ים בֵּ֣ית יְהוָ֑ה וַיּוֹצִיאֻ֜הוּ לְחָרָשֵׁ֤י הָעֵץ֙ וְלַבֹּנִ֔ים הָעֹשִׂ֖ים בֵּ֥ית יְהוָֽה׃ | 11 |
और वह उस नक़दी को जो तोल ली जाती थी, उनके हाथों में सौप देते थे जो काम करनेवाले, या'नी ख़ुदावन्द की हैकल की देख भाल करते थे; और वह उसे बढ़इयों और मे'मारों पर जो ख़ुदावन्द के घर का काम बनाते थे।
וְלַגֹּֽדְרִים֙ וּלְחֹצְבֵ֣י הָאֶ֔בֶן וְלִקְנ֤וֹת עֵצִים֙ וְאַבְנֵ֣י מַחְצֵ֔ב לְחַזֵּ֖ק אֶת־בֶּ֣דֶק בֵּית־יְהוָ֑ה וּלְכֹ֛ל אֲשֶׁר־יֵצֵ֥א עַל־הַבַּ֖יִת לְחָזְקָֽה׃ | 12 |
और राजों और संग तराशों पर और ख़ुदावन्द की हैकल की दरारों की मरम्मत के लिए लकड़ी और तराशे हुए पत्थर ख़रीदने में, और उन सब चीज़ों पर जो हैकल की मरम्मत के लिए इस्ते'माल में आती थी ख़र्च करते थे।
אַךְ֩ לֹ֨א יֵעָשֶׂ֜ה בֵּ֣ית יְהוָ֗ה סִפּ֥וֹת כֶּ֙סֶף֙ מְזַמְּר֤וֹת מִזְרָקוֹת֙ חֲצֹ֣צְר֔וֹת כָּל־כְּלִ֥י זָהָ֖ב וּכְלִי־כָ֑סֶף מִן־הַכֶּ֖סֶף הַמּוּבָ֥א בֵית־יְהוָֽה׃ | 13 |
लेकिन जो नक़दी ख़ुदावन्द की हैकल में लाई जाती थी, उससे ख़ुदावन्द की हैकल के लिए चाँदी के प्याले, या गुलगीर, या देगचे, या नरसिर्गे, या'नी सोने के बर्तन या चाँदी के बर्तन न बनाए गए,
כִּֽי־לְעֹשֵׂ֥י הַמְּלָאכָ֖ה יִתְּנֻ֑הוּ וְחִזְּקוּ־ב֖וֹ אֶת־בֵּ֥ית יְהוָֽה׃ | 14 |
क्यूँकि ये नक़दी कारीगरों को दी जाती थी, और इसी से उन्होंने ख़ुदावन्द की हैकल की मरम्मत की।
וְלֹ֧א יְחַשְּׁב֣וּ אֶת־הָאֲנָשִׁ֗ים אֲשֶׁ֨ר יִתְּנ֤וּ אֶת־הַכֶּ֙סֶף֙ עַל־יָדָ֔ם לָתֵ֖ת לְעֹשֵׂ֣י הַמְּלָאכָ֑ה כִּ֥י בֶאֱמֻנָ֖ה הֵ֥ם עֹשִֽׂים׃ | 15 |
इसके अलावा जिन लोगों के हाथ वह इस नक़दी को सुपुर्द करते थे, ताकि वह उसे कारीगरों को दें, उनसे वह उसका कुछ हिसाब नहीं लेते थे इसलिए कि वह ईमानदारी से काम करते थे।
כֶּ֤סֶף אָשָׁם֙ וְכֶ֣סֶף חַטָּא֔וֹת לֹ֥א יוּבָ֖א בֵּ֣ית יְהוָ֑ה לַכֹּהֲנִ֖ים יִהְיֽוּ׃ פ | 16 |
और जुर्म की क़ुर्बानी की नक़दी और ख़ता की क़ुर्बानी की नक़दी, ख़ुदावन्द की हैकल में नहीं लाई जाती थी, वह काहिनों की थी।
אָ֣ז יַעֲלֶ֗ה חֲזָאֵל֙ מֶ֣לֶךְ אֲרָ֔ם וַיִּלָּ֥חֶם עַל־גַּ֖ת וַֽיִּלְכְּדָ֑הּ וַיָּ֤שֶׂם חֲזָאֵל֙ פָּנָ֔יו לַעֲל֖וֹת עַל־יְרוּשָׁלִָֽם׃ | 17 |
तब शाह — ए — अराम हज़ाएल ने चढ़ाई की, और जात से लड़कर उसे ले लिया। फिर हज़ाएल ने येरूशलेम का रुख़ किया ताकि उस पर चढ़ाई करे।
וַיִּקַּ֞ח יְהוֹאָ֣שׁ מֶֽלֶךְ־יְהוּדָ֗ה אֵ֣ת כָּל־הַקֳּדָשִׁ֡ים אֲשֶׁר־הִקְדִּ֣ישׁוּ יְהוֹשָׁפָ֣ט וִיהוֹרָם֩ וַאֲחַזְיָ֨הוּ אֲבֹתָ֜יו מַלְכֵ֤י יְהוּדָה֙ וְאֶת־קֳדָשָׁ֔יו וְאֵ֣ת כָּל־הַזָּהָ֗ב הַנִּמְצָ֛א בְּאֹצְר֥וֹת בֵּית־יְהוָ֖ה וּבֵ֣ית הַמֶּ֑לֶךְ וַיִּשְׁלַ֗ח לַֽחֲזָאֵל֙ מֶ֣לֶךְ אֲרָ֔ם וַיַּ֖עַל מֵעַ֥ל יְרוּשָׁלִָֽם׃ | 18 |
तब शाह — ए — यहूदाह यहूआस' ने सब मुक़द्दस चीज़ें जिनको उसके बाप — दादा, यहूसफ़त और यहूराम और अख़ज़ियाह, यहूदाह के बादशाहों ने नज़्र किया था, और अपनी सब मुक़द्दस चीज़ों को और सब सोना जो ख़ुदावन्द की हैकल के ख़ज़ानों और बादशाह के महल में मिला, लेकर शाहे अराम हज़ाएल को भेज दिया; तब वह येरूशलेम से हटा।
וְיֶ֛תֶר דִּבְרֵ֥י יוֹאָ֖שׁ וְכָל־אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֑ה הֲלוֹא־הֵ֣ם כְּתוּבִ֗ים עַל־סֵ֛פֶר דִּבְרֵ֥י הַיָּמִ֖ים לְמַלְכֵ֥י יְהוּדָֽה׃ | 19 |
यूआस के बाक़ी काम और सब कुछ जो उसने किया, इसलिए क्या वह यहूदाह के बादशाहों की तवारीख़ की किताब में लिखे नहीं?
וַיָּקֻ֥מוּ עֲבָדָ֖יו וַיִּקְשְׁרֽוּ־קָ֑שֶׁר וַיַּכּוּ֙ אֶת־יוֹאָ֔שׁ בֵּ֥ית מִלֹּ֖א הַיּוֹרֵ֥ד סִלָּֽא׃ | 20 |
उसके ख़ादिमों ने उठकर साज़िश की और यूआस को मिल्लो के महल में जो सिल्ला की उतराई पर है, क़त्ल किया;
וְיוֹזָבָ֣ד בֶּן־שִׁ֠מְעָת וִיהוֹזָבָ֨ד בֶּן־שֹׁמֵ֤ר ׀ עֲבָדָיו֙ הִכֻּ֣הוּ וַיָּמֹ֔ת וַיִּקְבְּר֥וּ אֹת֛וֹ עִם־אֲבֹתָ֖יו בְּעִ֣יר דָּוִ֑ד וַיִּמְלֹ֛ךְ אֲמַצְיָ֥ה בְנ֖וֹ תַּחְתָּֽיו׃ פ | 21 |
या'नी उसके ख़ादिमों यूसकार — बिन — समा'अत, और यहूज़बद — बिन — शूमीर ने उसे मारा और वह मर गया, और उन्होंने उसे उसके बाप — दादा के साथ दाऊद के शहर में दफ़न किया; और उसका बेटा अमसियाह उसकी जगह बादशाह हुआ।