< 2 דִּבְרֵי הַיָּמִים 29 >
יְחִזְקִיָּ֣הוּ מָלַ֗ךְ בֶּן־עֶשְׂרִ֤ים וְחָמֵשׁ֙ שָׁנָ֔ה וְעֶשְׂרִ֤ים וָתֵ֙שַׁע֙ שָׁנָ֔ה מָלַ֖ךְ בִּירוּשָׁלִָ֑ם וְשֵׁ֣ם אִמּ֔וֹ אֲבִיָּ֖ה בַּת־זְכַרְיָֽהוּ׃ | 1 |
१जब हिजकिय्याह राज्य करने लगा तब वह पच्चीस वर्ष का था, और उनतीस वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम अबिय्याह था, जो जकर्याह की बेटी थी।
וַיַּ֥עַשׂ הַיָּשָׁ֖ר בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה כְּכֹ֥ל אֲשֶׁר־עָשָׂ֖ה דָּוִ֥יד אָבִֽיו׃ | 2 |
२जैसे उसके मूलपुरुष दाऊद ने किया था अर्थात् जो यहोवा की दृष्टि में ठीक था वैसा ही उसने भी किया।
ה֣וּא בַשָּׁנָה֩ הָרִאשׁוֹנָ֨ה לְמָלְכ֜וֹ בַּחֹ֣דֶשׁ הָרִאשׁ֗וֹן פָּתַ֛ח אֶת־דַּלְת֥וֹת בֵּית־יְהוָ֖ה וַֽיְחַזְּקֵֽם׃ | 3 |
३अपने राज्य के पहले वर्ष के पहले महीने में उसने यहोवा के भवन के द्वार खुलवा दिए, और उनकी मरम्मत भी कराई।
וַיָּבֵ֥א אֶת־הַכֹּהֲנִ֖ים וְאֶת־הַלְוִיִּ֑ם וַיַּֽאַסְפֵ֖ם לִרְח֥וֹב הַמִּזְרָֽח׃ | 4 |
४तब उसने याजकों और लेवियों को ले आकर पूर्व के चौक में इकट्ठा किया।
וַיֹּ֥אמֶר לָהֶ֖ם שְׁמָע֣וּנִי הַלְוִיִּ֑ם עַתָּ֣ה הִֽתְקַדְּשׁ֗וּ וְקַדְּשׁוּ֙ אֶת־בֵּ֤ית יְהוָה֙ אֱלֹהֵ֣י אֲבֹתֵיכֶ֔ם וְהוֹצִ֥יאוּ אֶת־הַנִּדָּ֖ה מִן־הַקֹּֽדֶשׁ׃ | 5 |
५और उनसे कहने लगा, “हे लेवियों, मेरी सुनो! अब अपने-अपने को पवित्र करो, और अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा के भवन को पवित्र करो, और पवित्रस्थान में से मैल निकालो।
כִּֽי־מָעֲל֣וּ אֲבֹתֵ֗ינוּ וְעָשׂ֥וּ הָרַ֛ע בְּעֵינֵ֥י יְהוָֽה־אֱלֹהֵ֖ינוּ וַיַּֽעַזְבֻ֑הוּ וַיַּסֵּ֧בּוּ פְנֵיהֶ֛ם מִמִּשְׁכַּ֥ן יְהוָ֖ה וַיִּתְּנוּ־עֹֽרֶף׃ | 6 |
६देखो हमारे पुरखाओं ने विश्वासघात करके वह कर्म किया था, जो हमारे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में बुरा है और उसको तज करके यहोवा के निवास से मुँह फेरकर उसको पीठ दिखाई थी।
גַּ֣ם סָֽגְר֞וּ דַּלְת֣וֹת הָאוּלָ֗ם וַיְכַבּוּ֙ אֶת־הַנֵּר֔וֹת וּקְטֹ֖רֶת לֹ֣א הִקְטִ֑ירוּ וְעֹלָה֙ לֹא־הֶעֱל֣וּ בַקֹּ֔דֶשׁ לֵאלֹהֵ֖י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 7 |
७फिर उन्होंने ओसारे के द्वार बन्द किए, और दीपकों को बुझा दिया था; और पवित्रस्थान में इस्राएल के परमेश्वर के लिये न तो धूप जलाया और न होमबलि चढ़ाया था।
וַיְהִי֙ קֶ֣צֶף יְהוָ֔ה עַל־יְהוּדָ֖ה וִירוּשָׁלִָ֑ם וַיִּתְּנֵ֤ם לְזַֽעֲוָה֙ לְשַׁמָּ֣ה וְלִשְׁרֵקָ֔ה כַּאֲשֶׁ֛ר אַתֶּ֥ם רֹאִ֖ים בְּעֵינֵיכֶֽם׃ | 8 |
८इसलिए यहोवा का क्रोध यहूदा और यरूशलेम पर भड़का है, और उसने ऐसा किया, कि वे मारे-मारे फिरें और चकित होने और ताली बजाने का कारण हो जाएँ, जैसे कि तुम अपनी आँखों से देख रहे हो।
וְהִנֵּ֛ה נָפְל֥וּ אֲבוֹתֵ֖ינוּ בֶּחָ֑רֶב וּבָנֵ֨ינוּ וּבְנוֹתֵ֧ינוּ וְנָשֵׁ֛ינוּ בַּשְּׁבִ֖י עַל־זֹֽאת׃ | 9 |
९देखो, इस कारण हमारे बाप तलवार से मारे गए, और हमारे बेटे-बेटियाँ और स्त्रियाँ बँधुआई में चली गई हैं।
עַתָּה֙ עִם־לְבָבִ֔י לִכְר֣וֹת בְּרִ֔ית לַיהוָ֖ה אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל וְיָשֹׁ֥ב מִמֶּ֖נּוּ חֲר֥וֹן אַפּֽוֹ׃ | 10 |
१०अब मेरे मन ने यह निर्णय किया है कि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा से वाचा बाँधू, इसलिए कि उसका भड़का हुआ क्रोध हम पर से दूर हो जाए।
בָּנַ֕י עַתָּ֖ה אַל־תִּשָּׁל֑וּ כִּֽי־בָכֶ֞ם בָּחַ֣ר יְהוָ֗ה לַעֲמֹ֤ד לְפָנָיו֙ לְשָׁ֣רְת֔וֹ וְלִהְי֥וֹת ל֖וֹ מְשָׁרְתִ֥ים וּמַקְטִרִֽים׃ ס | 11 |
११हे मेरे बेटों, ढिलाई न करो; देखो, यहोवा ने अपने सम्मुख खड़े रहने, और अपनी सेवा टहल करने, और अपने टहलुए और धूप जलानेवाले का काम करने के लिये तुम्हीं को चुन लिया है।”
וַיָּקֻ֣מוּ הַ֠לְוִיִּם מַ֣חַת בֶּן־עֲמָשַׂ֞י וְיוֹאֵ֣ל בֶּן־עֲזַרְיָהוּ֮ מִן־בְּנֵ֣י הַקְּהָתִי֒ וּמִן־בְּנֵ֣י מְרָרִ֔י קִ֚ישׁ בֶּן־עַבְדִּ֔י וַעֲזַרְיָ֖הוּ בֶּן־יְהַלֶּלְאֵ֑ל וּמִן־הַגֵּ֣רְשֻׁנִּ֔י יוֹאָח֙ בֶּן־זִמָּ֔ה וְעֵ֖דֶן בֶּן־יוֹאָֽח׃ | 12 |
१२तब लेवीय उठ खड़े हुए: अर्थात् कहातियों में से अमासै का पुत्र महत, और अजर्याह का पुत्र योएल, और मरारियों में से अब्दी का पुत्र कीश, और यहल्लेलेल का पुत्र अजर्याह, और गेर्शोनियों में से जिम्मा का पुत्र योआह, और योआह का पुत्र एदेन।
וּמִן־בְּנֵי֙ אֱלִ֣יצָפָ֔ן שִׁמְרִ֖י וִיעִיאֵ֑ל וּמִן־בְּנֵ֣י אָסָ֔ף זְכַרְיָ֖הוּ וּמַתַּנְיָֽהוּ׃ ס | 13 |
१३और एलीसापान की सन्तान में से शिम्री, और यूएल और आसाप की सन्तान में से जकर्याह और मत्तन्याह।
וּמִן־בְּנֵ֥י הֵימָ֖ן יְחִיאֵ֣ל וְשִׁמְעִ֑י ס וּמִן־בְּנֵ֣י יְדוּת֔וּן שְׁמַֽעְיָ֖ה וְעֻזִּיאֵֽל׃ | 14 |
१४और हेमान की सन्तान में से यहूएल और शिमी, और यदूतून की सन्तान में से शमायाह और उज्जीएल।
וַיַּֽאַסְפ֤וּ אֶת־אֲחֵיהֶם֙ וַיִּֽתְקַדְּשׁ֔וּ וַיָּבֹ֥אוּ כְמִצְוַת־הַמֶּ֖לֶךְ בְּדִבְרֵ֣י יְהוָ֑ה לְטַהֵ֖ר בֵּ֥ית יְהוָֽה׃ | 15 |
१५इन्होंने अपने भाइयों को इकट्ठा किया और अपने-अपने को पवित्र करके राजा की उस आज्ञा के अनुसार जो उसने यहोवा से वचन पाकर दी थी, यहोवा का भवन शुद्ध करने के लिये भीतर गए।
וַיָּבֹ֣אוּ הַ֠כֹּהֲנִים לִפְנִ֣ימָה בֵית־יְהוָה֮ לְטַהֵר֒ וַיּוֹצִ֗יאוּ אֵ֤ת כָּל־הַטֻּמְאָה֙ אֲשֶׁ֤ר מָֽצְאוּ֙ בְּהֵיכַ֣ל יְהוָ֔ה לַחֲצַ֖ר בֵּ֣ית יְהוָ֑ה וַֽיְקַבְּלוּ֙ הַלְוִיִּ֔ם לְהוֹצִ֥יא לְנַֽחַל־קִדְר֖וֹן חֽוּצָה׃ | 16 |
१६तब याजक यहोवा के भवन के भीतरी भाग को शुद्ध करने के लिये उसमें जाकर यहोवा के मन्दिर में जितनी अशुद्ध वस्तुएँ मिलीं उन सब को निकालकर यहोवा के भवन के आँगन में ले गए, और लेवियों ने उन्हें उठाकर बाहर किद्रोन के नाले में पहुँचा दिया।
וַ֠יָּחֵלּוּ בְּאֶחָ֞ד לַחֹ֣דֶשׁ הָרִאשׁוֹן֮ לְקַדֵּשׁ֒ וּבְי֧וֹם שְׁמוֹנָ֣ה לַחֹ֗דֶשׁ בָּ֚אוּ לְאוּלָ֣ם יְהוָ֔ה וַיְקַדְּשׁ֥וּ אֶת־בֵּית־יְהוָ֖ה לְיָמִ֣ים שְׁמוֹנָ֑ה וּבְי֨וֹם שִׁשָּׁ֥ה עָשָׂ֛ר לַחֹ֥דֶשׁ הָרִאשׁ֖וֹן כִּלּֽוּ׃ ס | 17 |
१७पहले महीने के पहले दिन को उन्होंने पवित्र करने का काम आरम्भ किया, और उसी महीने के आठवें दिन को वे यहोवा के ओसारे तक आ गए। इस प्रकार उन्होंने यहोवा के भवन को आठ दिन में पवित्र किया, और पहले महीने के सोलहवें दिन को उन्होंने उस काम को पूरा किया।
וַיָּב֤וֹאוּ פְנִ֙ימָה֙ אֶל־חִזְקִיָּ֣הוּ הַמֶּ֔לֶךְ וַיֹּ֣אמְר֔וּ טִהַ֖רְנוּ אֶת־כָּל־בֵּ֣ית יְהוָ֑ה אֶת־מִזְבַּ֤ח הָעוֹלָה֙ וְאֶת־כָּל־כֵּלָ֔יו וְאֶת־שֻׁלְחַ֥ן הַֽמַּעֲרֶ֖כֶת וְאֶת־כָּל־כֵּלָֽיו׃ | 18 |
१८तब उन्होंने राजा हिजकिय्याह के पास भीतर जाकर कहा, “हम यहोवा के पूरे भवन को और पात्रों समेत होमबलि की वेदी, और भेंट की रोटी की मेज को भी शुद्ध कर चुके।
וְאֵ֣ת כָּל־הַכֵּלִ֗ים אֲשֶׁ֣ר הִזְנִיחַ֩ הַמֶּ֨לֶךְ אָחָ֧ז בְּמַלְכוּת֛וֹ בְּמַעֲל֖וֹ הֵכַ֣נּוּ וְהִקְדָּ֑שְׁנוּ וְהִנָּ֕ם לִפְנֵ֖י מִזְבַּ֥ח יְהוָֽה׃ ס | 19 |
१९जितने पात्र राजा आहाज ने अपने राज्य में विश्वासघात करके फेंक दिए थे, उनको भी हमने ठीक करके पवित्र किया है; और वे यहोवा की वेदी के सामने रखे हुए हैं।”
וַיַּשְׁכֵּם֙ יְחִזְקִיָּ֣הוּ הַמֶּ֔לֶךְ וַיֶּאֱסֹ֕ף אֵ֖ת שָׂרֵ֣י הָעִ֑יר וַיַּ֖עַל בֵּ֥ית יְהוָֽה׃ | 20 |
२०तब राजा हिजकिय्याह सवेरे उठकर नगर के हाकिमों को इकट्ठा करके, यहोवा के भवन को गया।
וַיָּבִ֣יאוּ פָרִים־שִׁבְעָה֩ וְאֵילִ֨ים שִׁבְעָ֜ה וּכְבָשִׂ֣ים שִׁבְעָ֗ה וּצְפִירֵ֨י עִזִּ֤ים שִׁבְעָה֙ לְחַטָּ֔את עַל־הַמַּמְלָכָ֥ה וְעַל־הַמִּקְדָּ֖שׁ וְעַל־יְהוּדָ֑ה וַיֹּ֗אמֶר לִבְנֵ֤י אַהֲרֹן֙ הַכֹּ֣הֲנִ֔ים לְהַעֲל֖וֹת עַל־מִזְבַּ֥ח יְהוָֽה׃ | 21 |
२१तब वे राज्य और पवित्रस्थान और यहूदा के निमित्त सात बछड़े, सात मेढ़े, सात भेड़ के बच्चे, और पापबलि के लिये सात बकरे ले आए, और उसने हारून की सन्तान के लेवियों को आज्ञा दी कि इन सब को यहोवा की वेदी पर चढ़ाएँ।
וַֽיִּשְׁחֲטוּ֙ הַבָּקָ֔ר וַיְקַבְּל֤וּ הַכֹּֽהֲנִים֙ אֶת־הַדָּ֔ם וַֽיִּזְרְק֖וּ הַמִּזְבֵּ֑חָה וַיִּשְׁחֲט֣וּ הָאֵלִ֗ים וַיִּזְרְק֤וּ הַדָּם֙ הַמִּזְבֵּ֔חָה וַֽיִּשְׁחֲטוּ֙ הַכְּבָשִׂ֔ים וַיִּזְרְק֥וּ הַדָּ֖ם הַמִּזְבֵּֽחָה׃ | 22 |
२२तब उन्होंने बछड़े बलि किए, और याजकों ने उनका लहू लेकर वेदी पर छिड़क दिया; तब उन्होंने मेढ़े बलि किए, और उनका लहू भी वेदी पर छिड़क दिया, और भेड़ के बच्चे बलि किए, और उनका भी लहू वेदी पर छिड़क दिया।
וַיַּגִּ֙ישׁוּ֙ אֶת־שְׂעִירֵ֣י הַֽחַטָּ֔את לִפְנֵ֥י הַמֶּ֖לֶךְ וְהַקָּהָ֑ל וַיִּסְמְכ֥וּ יְדֵיהֶ֖ם עֲלֵיהֶֽם׃ | 23 |
२३तब वे पापबलि के बकरों को राजा और मण्डली के समीप ले आए और उन पर अपने-अपने हाथ रखे।
וַיִּשְׁחָטוּם֙ הַכֹּ֣הֲנִ֔ים וַֽיְחַטְּא֤וּ אֶת־דָּמָם֙ הַמִּזְבֵּ֔חָה לְכַפֵּ֖ר עַל־כָּל־יִשְׂרָאֵ֑ל כִּ֤י לְכָל־יִשְׂרָאֵל֙ אָמַ֣ר הַמֶּ֔לֶךְ הָעוֹלָ֖ה וְהַחַטָּֽאת׃ | 24 |
२४तब याजकों ने उनको बलि करके, उनका लहू वेदी पर छिड़ककर पापबलि किया, जिससे सारे इस्राएल के लिये प्रायश्चित किया जाए। क्योंकि राजा ने सारे इस्राएल के लिये होमबलि और पापबलि किए जाने की आज्ञा दी थी।
וַיַּֽעֲמֵ֨ד אֶת־הַלְוִיִּ֜ם בֵּ֣ית יְהוָ֗ה בִּמְצִלְתַּ֙יִם֙ בִּנְבָלִ֣ים וּבְכִנֹּר֔וֹת בְּמִצְוַ֥ת דָּוִ֛יד וְגָ֥ד חֹזֵֽה־הַמֶּ֖לֶךְ וְנָתָ֣ן הַנָּבִ֑יא כִּ֧י בְיַד־יְהוָ֛ה הַמִּצְוָ֖ה בְּיַד־נְבִיאָֽיו׃ ס | 25 |
२५फिर उसने दाऊद और राजा के दर्शी गाद, और नातान नबी की आज्ञा के अनुसार जो यहोवा की ओर से उसके नबियों के द्वारा आई थी, झाँझ, सारंगियाँ और वीणाएँ लिए हुए लेवियों को यहोवा के भवन में खड़ा किया।
וַיַּֽעַמְד֤וּ הַלְוִיִּם֙ בִּכְלֵ֣י דָוִ֔יד וְהַכֹּהֲנִ֖ים בַּחֲצֹצְרֽוֹת׃ ס | 26 |
२६तब लेवीय दाऊद के चलाए बाजे लिए हुए, और याजक तुरहियां लिए हुए खड़े हुए।
וַיֹּ֙אמֶר֙ חִזְקִיָּ֔הוּ לְהַעֲל֥וֹת הָעֹלָ֖ה לְהַמִּזְבֵּ֑חַ וּבְעֵ֞ת הֵחֵ֣ל הָֽעוֹלָ֗ה הֵחֵ֤ל שִׁיר־יְהוָה֙ וְהַחֲצֹ֣צְר֔וֹת וְעַ֨ל־יְדֵ֔י כְּלֵ֖י דָּוִ֥יד מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵֽל׃ | 27 |
२७तब हिजकिय्याह ने वेदी पर होमबलि चढ़ाने की आज्ञा दी, और जब होमबलि चढ़ने लगी, तब यहोवा का गीत आरम्भ हुआ, और तुरहियां और इस्राएल के राजा दाऊद के बाजे बजने लगे;
וְכָל־הַקָּהָל֙ מִֽשְׁתַּחֲוִ֔ים וְהַשִּׁ֣יר מְשׁוֹרֵ֔ר וְהַחֲצֹצְר֖וֹת מַחְצְרִ֑ים הַכֹּ֕ל עַ֖ד לִכְל֥וֹת הָעֹלָֽה׃ | 28 |
२८और मण्डली के सब लोग दण्डवत् करते और गानेवाले गाते और तुरही फूँकनेवाले फूँकते रहे; यह सब तब तक होता रहा, जब तक होमबलि चढ़ न चुकी।
וּכְכַלּ֖וֹת לְהַעֲל֑וֹת כָּרְע֗וּ הַמֶּ֛לֶךְ וְכָֽל־הַנִּמְצְאִ֥ים אִתּ֖וֹ וַיִּֽשְׁתַּחֲוֽוּ׃ | 29 |
२९जब बलि चढ़ चुकी, तब राजा और जितने उसके संग वहाँ थे, उन सभी ने सिर झुकाकर दण्डवत् किया।
וַ֠יֹּאמֶר יְחִזְקִיָּ֨הוּ הַמֶּ֤לֶךְ וְהַשָּׂרִים֙ לַלְוִיִּ֔ם לְהַלֵּל֙ לַֽיהוָ֔ה בְּדִבְרֵ֥י דָוִ֖יד וְאָסָ֣ף הַחֹזֶ֑ה וַֽיְהַלְלוּ֙ עַד־לְשִׂמְחָ֔ה וַֽיִּקְּד֖וּ וַיִּֽשְׁתַּחֲוֽוּ׃ פ | 30 |
३०राजा हिजकिय्याह और हाकिमों ने लेवियों को आज्ञा दी, कि दाऊद और आसाप दर्शी के भजन गाकर यहोवा की स्तुति करें। अतः उन्होंने आनन्द के साथ स्तुति की और सिर झुकाकर दण्डवत् किया।
וַיַּ֨עַן יְחִזְקִיָּ֜הוּ וַיֹּ֗אמֶר עַתָּ֨ה מִלֵּאתֶ֤ם יֶדְכֶם֙ לַיהוָ֔ה גֹּ֧שׁוּ וְהָבִ֛יאוּ זְבָחִ֥ים וְתוֹד֖וֹת לְבֵ֣ית יְהוָ֑ה וַיָּבִ֤יאוּ הַקָּהָל֙ זְבָחִ֣ים וְתוֹד֔וֹת וְכָל־נְדִ֥יב לֵ֖ב עֹלֽוֹת׃ | 31 |
३१तब हिजकिय्याह कहने लगा, “अब तुम ने यहोवा के निमित्त अपना अर्पण किया है; इसलिए समीप आकर यहोवा के भवन में मेलबलि और धन्यवाद-बलि पहुँचाओ।” तब मण्डली के लोगों ने मेलबलि और धन्यवाद-बलि पहुँचा दिए, और जितने अपनी इच्छा से देना चाहते थे उन्होंने भी होमबलि पहुँचाए।
וַיְהִ֞י מִסְפַּ֣ר הָעֹלָה֮ אֲשֶׁ֣ר הֵבִ֣יאוּ הַקָּהָל֒ בָּקָ֣ר שִׁבְעִ֔ים אֵילִ֥ים מֵאָ֖ה כְּבָשִׂ֣ים מָאתָ֑יִם לְעֹלָ֥ה לַיהוָ֖ה כָּל־אֵֽלֶּה׃ | 32 |
३२जो होमबलि पशु मण्डली के लोग ले आए, उनकी गिनती यह थी; सत्तर बैल, एक सौ मेढ़े, और दो सौ भेड़ के बच्चे; ये सब यहोवा के निमित्त होमबलि के काम में आए।
וְֽהַקֳּדָשִׁ֑ים בָּקָר֙ שֵׁ֣שׁ מֵא֔וֹת וְצֹ֖אן שְׁלֹ֥שֶׁת אֲלָפִֽים׃ | 33 |
३३पवित्र किए हुए पशु, छः सौ बैल और तीन हजार भेड़-बकरियाँ थीं।
רַ֤ק הַכֹּֽהֲנִים֙ הָי֣וּ לִמְעָ֔ט וְלֹ֣א יָֽכְל֔וּ לְהַפְשִׁ֖יט אֶת־כָּל־הָעֹל֑וֹת וַֽיְּחַזְּק֞וּם אֲחֵיהֶ֣ם הַלְוִיִּ֗ם עַד־כְּל֤וֹת הַמְּלָאכָה֙ וְעַ֣ד יִתְקַדְּשׁ֣וּ הַכֹּֽהֲנִ֔ים כִּ֤י הַלְוִיִּם֙ יִשְׁרֵ֣י לֵבָ֔ב לְהִתְקַדֵּ֖שׁ מֵֽהַכֹּהֲנִֽים׃ | 34 |
३४परन्तु याजक ऐसे थोड़े थे, कि वे सब होमबलि पशुओं की खालें न उतार सके, तब उनके भाई लेवीय उस समय तक उनकी सहायता करते रहे जब तक वह काम पूरा न हो गया; और याजकों ने अपने को पवित्र न किया; क्योंकि लेवीय अपने को पवित्र करने के लिये पवित्र याजकों से अधिक सीधे मन के थे।
וְגַם־עֹלָ֨ה לָרֹ֜ב בְּחֶלְבֵ֧י הַשְּׁלָמִ֛ים וּבַנְּסָכִ֖ים לָעֹלָ֑ה וַתִּכּ֖וֹן עֲבוֹדַ֥ת בֵּית־יְהוָֽה׃ | 35 |
३५फिर होमबलि पशु बहुत थे, और मेलबलि पशुओं की चर्बी भी बहुत थी, और एक-एक होमबलि के साथ अर्घ भी देना पड़ा। अतः यहोवा के भवन में की उपासना ठीक की गई।
וַיִּשְׂמַ֤ח יְחִזְקִיָּ֙הוּ֙ וְכָל־הָעָ֔ם עַ֛ל הַהֵכִ֥ין הָאֱלֹהִ֖ים לָעָ֑ם כִּ֥י בְּפִתְאֹ֖ם הָיָ֥ה הַדָּבָֽר׃ פ | 36 |
३६तब हिजकिय्याह और सारी प्रजा के लोग उस काम के कारण आनन्दित हुए, जो यहोवा ने अपनी प्रजा के लिये तैयार किया था; क्योंकि वह काम एकाएक हो गया था।