< 2 דִּבְרֵי הַיָּמִים 18 >
וַיְהִ֧י לִֽיהוֹשָׁפָ֛ט עֹ֥שֶׁר וְכָב֖וֹד לָרֹ֑ב וַיִּתְחַתֵּ֖ן לְאַחְאָֽב׃ | 1 |
और यहूसफ़त की दौलत और 'इज़्ज़त फरावान थी और उसने अख़ीअब के साथ रिस्ता जोड़ा।
וַיֵּרֶד֩ לְקֵ֨ץ שָׁנִ֤ים אֶל־אַחְאָב֙ לְשֹׁ֣מְר֔וֹן וַיִּֽזְבַּֽח־ל֨וֹ אַחְאָ֜ב צֹ֤אן וּבָקָר֙ לָרֹ֔ב וְלָעָ֖ם אֲשֶׁ֣ר עִמּ֑וֹ וַיְסִיתֵ֕הוּ לַעֲל֖וֹת אֶל־רָמ֥וֹת גִּלְעָֽד׃ | 2 |
और कुछ सालों के बाद वह अख़ीअब के पास सामरिया को गया, और अख़ीअब ने उसके और उसके साथियों के लिए भेड़ — बकरियाँ और बैल कसरत से ज़बह किए, और उसे अपने साथ रामात जिल'आद पर चढ़ायी करने की सलाह दी।
וַיֹּ֜אמֶר אַחְאָ֣ב מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵ֗ל אֶל־יְהֽוֹשָׁפָט֙ מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֔ה הֲתֵלֵ֥ךְ עִמִּ֖י רָמֹ֣ת גִּלְעָ֑ד וַיֹּ֣אמֶר ל֗וֹ כָּמ֤וֹנִי כָמ֙וֹךָ֙ וּכְעַמְּךָ֣ עַמִּ֔י וְעִמְּךָ֖ בַּמִּלְחָמָֽה׃ | 3 |
और इस्राईल के बादशाह अख़ीअब ने यहूदाह के बादशाह यहूसफ़त से कहा, “क्या तू मेरे साथ रामात जिल'आद को चलेगा? उसने जवाब दिया, मैं वैसा ही हूँ जैसा तू है, और मेरे लोग ऐसे है जैसे तेरे लोग। इसलिए हम लड़ाई में तेरे साथ होंगे।”
וַיֹּ֥אמֶר יְהוֹשָׁפָ֖ט אֶל־מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֑ל דְּרָשׁ־נָ֥א כַיּ֖וֹם אֶת־דְּבַ֥ר יְהוָֽה׃ | 4 |
और यहूसफ़त ने इस्राईल के बादशाह से कहा, “आज ज़रा ख़ुदावन्द की बात पू छ लें।”
וַיִּקְבֹּ֨ץ מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵ֥ל אֶֽת־הַנְּבִאִים֮ אַרְבַּ֣ע מֵא֣וֹת אִישׁ֒ וַיֹּ֣אמֶר אֲלֵהֶ֗ם הֲנֵלֵ֞ךְ אֶל־רָמֹ֥ת גִּלְעָ֛ד לַמִּלְחָמָ֖ה אִם־אֶחְדָּ֑ל וַיֹּאמְר֣וּ עֲלֵ֔ה וְיִתֵּ֥ן הָאֱלֹהִ֖ים בְּיַ֥ד הַמֶּֽלֶךְ׃ | 5 |
तब इस्राईल के बादशाह ने नबियों को जो चार सौ जवान थे, इकट्ठा किया और उनसे पूछा, “हम रामात जिल'आद को जंग के लिए जाएँ या मैं बाज़ रहूँ?” उन्होंने कहा, “हमला कर क्यूँकि ख़ुदा उसे बादशाह के क़ब्ज़े में कर देगा।”
וַיֹּ֙אמֶר֙ יְה֣וֹשָׁפָ֔ט הַאֵ֨ין פֹּ֥ה נָבִ֛יא לַיהוָ֖ה ע֑וֹד וְנִדְרְשָׁ֖ה מֵאֹתֽוֹ׃ | 6 |
लेकिन यहूसफ़त ने कहा, “क्या यहाँ इनके 'अलावा ख़ुदावन्द का कोई नबी नहीं ताकि हम उससे पूछे?”
וַיֹּ֣אמֶר מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵ֣ל ׀ אֶֽל־יְהוֹשָׁפָ֡ט ע֣וֹד אִישׁ־אֶחָ֡ד לִדְרוֹשׁ֩ אֶת־יְהוָ֨ה מֵֽאֹת֜וֹ וַאֲנִ֣י שְׂנֵאתִ֗יהוּ כִּֽי־אֵ֠ינֶנּוּ מִתְנַבֵּ֨א עָלַ֤י לְטוֹבָה֙ כִּ֣י כָל־יָמָ֣יו לְרָעָ֔ה ה֖וּא מִיכָ֣יְהוּ בֶן־יִמְלָ֑א וַיֹּ֙אמֶר֙ יְה֣וֹשָׁפָ֔ט אַל־יֹאמַ֥ר הַמֶּ֖לֶךְ כֵּֽן׃ | 7 |
शाह — ए — इस्राईल ने यहूसफ़त से कहा, “एक शख़्स है तो सही, है; जिसके ज़रिए' से हम ख़ुदावन्द से पूछ सकते लेकिन मुझे उससे नफ़रत है, क्यूँकि वह मेरे हक़ में कभी नेकी की नहीं बल्कि हमेशा बुराई की पेशीनगोई करता है। वह शख़्स मीकायाह बिन इमला है।” यहूसफ़त ने कहा, “बादशाह ऐसा न कहे।”
וַיִּקְרָא֙ מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֔ל אֶל־סָרִ֖יס אֶחָ֑ד וַיֹּ֕אמֶר מַהֵ֖ר מִיכָ֥יְהוּ בֶן־יִמְלָֽא׃ | 8 |
तब शाह — ए — इस्राईल ने एक 'उहदेदार को बुला कर हुक्म किया, “मीकायाह बिन इमला को जल्द ले आ।”
וּמֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֡ל וִֽיהוֹשָׁפָ֣ט מֶֽלֶךְ־יְהוּדָ֡ה יוֹשְׁבִים֩ אִ֨ישׁ עַל־כִּסְא֜וֹ מְלֻבָּשִׁ֤ים בְּגָדִים֙ וְיֹשְׁבִ֣ים בְּגֹ֔רֶן פֶּ֖תַח שַׁ֣עַר שֹׁמְר֑וֹן וְכָל־הַ֨נְּבִיאִ֔ים מִֽתְנַבְּאִ֖ים לִפְנֵיהֶֽם׃ | 9 |
और शाह — ए — इस्राईल और शाह — ए — यहूदाह यहूसफ़त अपने अपने तख़्त पर अपना अपना लिबास पहने बैठे थे। वह सामरिया के फाटक के सहन पर खुली जगह में बैठे थे, और सब अम्बिया उनके सामने नबुव्वत कर रहे थे।
וַיַּ֥עַשׂ ל֛וֹ צִדְקִיָּ֥הוּ בֶֽן־כְּנַעֲנָ֖ה קַרְנֵ֣י בַרְזֶ֑ל וַיֹּ֙אמֶר֙ כֹּֽה־אָמַ֣ר יְהוָ֔ה בְּאֵ֛לֶּה תְּנַגַּ֥ח אֶת־אֲרָ֖ם עַד־כַּלּוֹתָֽם׃ | 10 |
और सिदक़ियाह बिन कना'ना ने अपने लिए लोहे के सींग बनाए और कहा, “ख़ुदावन्द ऐसा फ़रमाता है कि तू इनसे अरामियों को ढक लेगा, जब तक कि वह ख़त्म न हो जाएँ।”
וְכָל־הַ֨נְּבִאִ֔ים נִבְּאִ֥ים כֵּ֖ן לֵאמֹ֑ר עֲלֵ֞ה רָמֹ֤ת גִּלְעָד֙ וְהַצְלַ֔ח וְנָתַ֥ן יְהוָ֖ה בְּיַ֥ד הַמֶּֽלֶךְ׃ | 11 |
और सब नबियों ने ऐसी ही नबुव्वत की और कहते रहे कि रामात जिल'आद को जा और कामयाब हो, क्यूँकि ख़ुदावन्द उसे बादशाह के क़ब्ज़े में कर देगा।
וְהַמַּלְאָ֞ךְ אֲשֶׁר־הָלַ֣ךְ ׀ לִקְרֹ֣א לְמִיכָ֗יְהוּ דִּבֶּ֤ר אֵלָיו֙ לֵאמֹ֔ר הִנֵּ֞ה דִּבְרֵ֧י הַנְּבִאִ֛ים פֶּֽה־אֶחָ֥ד ט֖וֹב אֶל־הַמֶּ֑לֶךְ וִֽיהִי־נָ֧א דְבָרְךָ֛ כְּאַחַ֥ד מֵהֶ֖ם וְדִבַּ֥רְתָּ טּֽוֹב׃ | 12 |
और उस क़ासिद ने जो मीकायाह को बुलाने गया था, उससे यह कहा, “देख, सब अम्बिया एक ज़बान होकर बादशाह को ख़ुश ख़बरी दे रहे हैं, इसलिए तेरी बात भी ज़रा उनकी बात की तरह हो; और तू ख़ुशख़बरी ही देना।”
וַיֹּ֖אמֶר מִיכָ֑יְהוּ חַי־יְהוָ֕ה כִּ֛י אֶת־אֲשֶׁר־יֹאמַ֥ר אֱלֹהַ֖י אֹת֥וֹ אֲדַבֵּֽר׃ | 13 |
मीकायाह ने कहा, “ख़ुदावन्द की हयात की क़सम, जो कुछ मेरा ख़ुदा फ़रमाएगा मैं वही कहूँगा।”
וַיָּבֹא֮ אֶל־הַמֶּלֶךְ֒ וַיֹּ֨אמֶר הַמֶּ֜לֶךְ אֵלָ֗יו מִיכָה֙ הֲנֵלֵ֞ךְ אֶל־רָמֹ֥ת גִּלְעָ֛ד לַמִּלְחָמָ֖ה אִם־אֶחְדָּ֑ל וַיֹּ֙אמֶר֙ עֲל֣וּ וְהַצְלִ֔יחוּ וְיִנָּתְנ֖וּ בְּיֶדְכֶֽם׃ | 14 |
जब वह बादशाह के पास पहुँचा, तो बादशाह ने उससे कहा, “मीकायाह, हम रामात जिल'आद को जंग के लिए जाएँ या मैं बाज़ रहूँ?” उसने कहा, “तुम चढ़ाई करो और कामयाब हो, और वह तुम्हारे हाथ में कर दिए जाएँगे।”
וַיֹּ֤אמֶר אֵלָיו֙ הַמֶּ֔לֶךְ עַד־כַּמֶּ֥ה פְעָמִ֖ים אֲנִ֣י מַשְׁבִּיעֶ֑ךָ אֲ֠שֶׁר לֹֽא־תְדַבֵּ֥ר אֵלַ֛י רַק־אֱמֶ֖ת בְּשֵׁ֥ם יְהוָֽה׃ | 15 |
बादशाह ने उससे कहा, “मैं तुझे कितनी बार क़सम देकर कहूँ कि तू मुझे ख़ुदावन्द के नाम से हक़ के 'अलावा और कुछ न बताए?”
וַיֹּ֗אמֶר רָאִ֤יתִי אֶת־כָּל־יִשְׂרָאֵל֙ נְפוֹצִ֣ים עַל־הֶֽהָרִ֔ים כַּצֹּ֕אן אֲשֶׁ֥ר אֵין־לָהֶ֖ן רֹעֶ֑ה וַיֹּ֤אמֶר יְהוָה֙ לֹֽא־אֲדֹנִ֣ים לָאֵ֔לֶּה יָשׁ֥וּבוּ אִישׁ־לְבֵית֖וֹ בְּשָׁלֽוֹם׃ | 16 |
उसने कहा, “मैंने सब बनी — इस्राईल को पहाड़ों पर उन भेड़ों की तरह बिखरा देखा जिनका कोई चरवाहा न हो, और ख़ुदावन्द ने कहा इनका कोई मालिक नहीं, इसलिए इनमें से हर शख़्स अपने घर को सलामत लौट जाए।”
וַיֹּ֥אמֶר מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵ֖ל אֶל־יְהוֹשָׁפָ֑ט הֲלֹא֙ אָמַ֣רְתִּי אֵלֶ֔יךָ לֹא־יִתְנַבֵּ֥א עָלַ֛י ט֖וֹב כִּ֥י אִם־לְרָֽע׃ ס | 17 |
तब शाह — ए — इस्राईल ने यहूसफ़त से कहा, “क्या मैंने तुझ से कहा न था कि वह मेरे हक़ में नेकी की नहीं बल्कि बदी की पेशीनगोई करेगा?”
וַיֹּ֕אמֶר לָכֵ֖ן שִׁמְע֣וּ דְבַר־יְהוָ֑ה רָאִ֤יתִי אֶת־יְהוָה֙ יוֹשֵׁ֣ב עַל־כִּסְא֔וֹ וְכָל־צְבָ֤א הַשָּׁמַ֙יִם֙ עֹֽמְדִ֔ים עַל־יְמִינ֖וֹ וּשְׂמֹאלֽוֹ׃ | 18 |
तब वह बोल उठा, अच्छा, तुम ख़ुदावन्द के बात को सुनो: मैंने देखा कि ख़ुदावन्द अपने तख़्त पर बैठा है और सारा आसमानी लश्कर उसके दहने और बाएँ हाथ खड़ा है।
וַיֹּ֣אמֶר יְהוָ֗ה מִ֤י יְפַתֶּה֙ אֶת־אַחְאָ֣ב מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵ֔ל וְיַ֕עַל וְיִפֹּ֖ל בְּרָמ֣וֹת גִּלְעָ֑ד וַיֹּ֕אמֶר זֶ֚ה אֹמֵ֣ר כָּ֔כָה וְזֶ֖ה אֹמֵ֥ר כָּֽכָה׃ | 19 |
और ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, 'शाह — ए — इस्राईल अख़ीअब को कौन बहकाएगा, ताकि वह चढ़ाई करे और रामात जिल'आद में मक्तूल हो? और किसी ने कुछ और किसी ने कुछ कहा।
וַיֵּצֵ֣א הָר֗וּחַ וַֽיַּעֲמֹד֙ לִפְנֵ֣י יְהוָ֔ה וַיֹּ֖אמֶר אֲנִ֣י אֲפַתֶּ֑נּוּ וַיֹּ֧אמֶר יְהוָ֛ה אֵלָ֖יו בַּמָּֽה׃ | 20 |
तब एक रूह निकलकर ख़ुदावन्द के सामने खड़ी हुई, और कहने लगी, “मैं उसे बहकाऊँगी। ख़ुदावन्द ने उससे पूछा, किस तरह?”
וַיֹּ֗אמֶר אֵצֵא֙ וְהָיִ֙יתִי֙ לְר֣וּחַ שֶׁ֔קֶר בְּפִ֖י כָּל־נְבִיאָ֑יו וַיֹּ֗אמֶר תְּפַתֶּה֙ וְגַם־תּוּכָ֔ל צֵ֖א וַעֲשֵׂה־כֵֽן׃ | 21 |
उसने कहा, “मैं जाऊँगी, और उसके सब नबियों के मुँह में झूट बोलने वाली रूह बन जाऊँगी। ख़ुदावन्द ने कहा, 'तू उसे बहकाएगी, और ग़ालिब भी होगी; जा और ऐसा ही कर।
וְעַתָּ֗ה הִנֵּ֨ה נָתַ֤ן יְהוָה֙ ר֣וּחַ שֶׁ֔קֶר בְּפִ֖י נְבִיאֶ֣יךָ אֵ֑לֶּה וַֽיהוָ֔ה דִּבֶּ֥ר עָלֶ֖יךָ רָעָֽה׃ ס | 22 |
इसलिए देख, ख़ुदावन्द ने तेरे इन सब नबियों के मुँह में झूट बोलने वाली रूह डाली है, और ख़ुदावन्द ने तेरे हक़ में बुराई का हुक्म दिया है।”
וַיִּגַּשׁ֙ צִדְקִיָּ֣הוּ בֶֽן־כְּנַעֲנָ֔ה וַיַּ֥ךְ אֶת־מִיכָ֖יְהוּ עַל־הַלֶּ֑חִי וַיֹּ֗אמֶר אֵ֣י זֶ֤ה הַדֶּ֙רֶךְ֙ עָבַ֧ר רֽוּחַ־יְהוָ֛ה מֵאִתִּ֖י לְדַבֵּ֥ר אֹתָֽךְ׃ | 23 |
तब सिदक़ियाह बिन कना'ना ने पास आकर मीकायाह के गाल पर मारा और कहने लगा, ख़ुदावन्द की रूह तुझ से कलाम करने को किस रास्ते मेरे पास से निकल कर गई?
וַיֹּ֣אמֶר מִיכָ֔יְהוּ הִנְּךָ֥ רֹאֶ֖ה בַּיּ֣וֹם הַה֑וּא אֲשֶׁ֥ר תָּב֛וֹא חֶ֥דֶר בְּחֶ֖דֶר לְהֵחָבֵֽא׃ | 24 |
मीकायाह ने कहा, “तू उस दिन देख लेगा, जब तू अन्दर की कोठरी में छिपने को घुसेगा।”
וַיֹּ֙אמֶר֙ מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֔ל קְחוּ֙ אֶת־מִיכָ֔יְהוּ וַהֲשִׁיבֻ֖הוּ אֶל־אָמ֣וֹן שַׂר־הָעִ֑יר וְאֶל־יוֹאָ֖שׁ בֶּן־הַמֶּֽלֶךְ׃ | 25 |
और शाह — ए — इस्राईल ने कहा, मीकायाह को पकड़ कर उसे शहर के नाज़िम अमून और यूआस शहज़ादे के पास लौटा ले जाओ,
וַאֲמַרְתֶּ֗ם כֹּ֚ה אָמַ֣ר הַמֶּ֔לֶךְ שִׂ֥ימוּ זֶ֖ה בֵּ֣ית הַכֶּ֑לֶא וְהַאֲכִלֻ֜הוּ לֶ֤חֶם לַ֙חַץ֙ וּמַ֣יִם לַ֔חַץ עַ֖ד שׁוּבִ֥י בְשָׁלֽוֹם׃ | 26 |
और कहना, “बादशाह यूँ फ़रमाता है कि जब तक मैं सलामत वापस न आ जाऊँ, इस आदमी को क़ैदखाने में रखो, और उसे मुसीबत की रोटी खिलाना और मुसीबत का पानी पिलाना।”
וַיֹּ֣אמֶר מִיכָ֔יְהוּ אִם־שׁ֤וֹב תָּשׁוּב֙ בְּשָׁל֔וֹם לֹא־דִבֶּ֥ר יְהוָ֖ה בִּ֑י וַיֹּ֕אמֶר שִׁמְע֖וּ עַמִּ֥ים כֻּלָּֽם׃ פ | 27 |
मीकायाह ने कहा, “अगर तू कभी सलामत वापस आए, तो ख़ुदावन्द ने मेरे ज़रिए' कलाम ही नहीं किया।” और उसने कहा, “ऐ लोगों, तुम सब के सब सुन लो।”
וַיַּ֧עַל מֶֽלֶךְ־יִשְׂרָאֵ֛ל וִֽיהוֹשָׁפָ֥ט מֶֽלֶךְ־יְהוּדָ֖ה אֶל־רָמֹ֥ת גִּלְעָֽד׃ | 28 |
इसलिए शाह — ए — इस्राईल और शाह — ए — यहूदाह यहूसफ़त ने रामात जिल'आद पर चढ़ाई की।
וַיֹּאמֶר֩ מֶ֨לֶךְ יִשְׂרָאֵ֜ל אֶל־יְהוֹשָׁפָ֗ט הִתְחַפֵּשׂ֙ וָב֣וֹא בַמִּלְחָמָ֔ה וְאַתָּ֖ה לְבַ֣שׁ בְּגָדֶ֑יךָ וַיִּתְחַפֵּשׂ֙ מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֔ל וַיָּבֹ֖אוּ בַּמִּלְחָמָֽה׃ | 29 |
और शाह — ए — इस्राईल ने यहूसफ़त से कहा, “मैं अपना भेस बदलकर लड़ाई में जाऊँगा, लेकिन तू अपना लिबास पहने रह।” इसलिए शाह — ए — इस्राईल ने भेस बदल लिया, और वह लड़ाई में गए।
וּמֶ֣לֶךְ אֲרָ֡ם צִוָּה֩ אֶת־שָׂרֵ֨י הָרֶ֤כֶב אֲשֶׁר־לוֹ֙ לֵאמֹ֔ר לֹ֚א תִּלָּ֣חֲמ֔וּ אֶת־הַקָּטֹ֖ן אֶת־הַגָּד֑וֹל כִּ֛י אִֽם־אֶת־מֶ֥לֶךְ יִשְׂרָאֵ֖ל לְבַדּֽוֹ׃ | 30 |
इधर शाह — ए — अराम ने अपने रथों के सरदारों को हुक्म दिया था, “शाह — ए — इस्राईल के सिवा, किसी छोटे या बड़े से जंग न करना।”
וַיְהִ֡י כִּרְאוֹת֩ שָׂרֵ֨י הָרֶ֜כֶב אֶת־יְהוֹשָׁפָ֗ט וְהֵ֤מָּה אָֽמְרוּ֙ מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֣ל ה֔וּא וַיָּסֹ֥בּוּ עָלָ֖יו לְהִלָּחֵ֑ם וַיִּזְעַ֤ק יְהֽוֹשָׁפָט֙ וַֽיהוָ֣ה עֲזָר֔וֹ וַיְסִיתֵ֥ם אֱלֹהִ֖ים מִמֶּֽנּוּ׃ | 31 |
और ऐसा हुआ कि जब रथों के सरदारों ने यहूसफ़त को देखा तो कहने लगे, “शाह — ए — इस्राईल यही है।” इसलिए वह उससे लड़ने को मुड़े। लेकिन यहूसफ़त चिल्ला उठा, और ख़ुदावन्द ने उसकी मदद की; और ख़ुदा ने उनको उसके पास से लौटा दिया।
וַיְהִ֗י כִּרְאוֹת֙ שָׂרֵ֣י הָרֶ֔כֶב כִּ֥י לֹא־הָיָ֖ה מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֑ל וַיָּשֻׁ֖בוּ מֵאַחֲרָֽיו׃ | 32 |
जब रथों के सरदारों ने देखा कि वह शाह — ए — इस्राईल नहीं है, तो उसका पीछा छोड़कर लौट गए।
וְאִ֗ישׁ מָשַׁ֤ךְ בַּקֶּ֙שֶׁת֙ לְתֻמּ֔וֹ וַיַּךְ֙ אֶת־מֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֔ל בֵּ֥ין הַדְּבָקִ֖ים וּבֵ֣ין הַשִּׁרְיָ֑ן וַיֹּ֣אמֶר לָֽרַכָּ֗ב הֲפֹ֧ךְ יָדְךָ֛ וְהוֹצֵאתַ֥נִי מִן־הַֽמַּחֲנֶ֖ה כִּ֥י הָחֳלֵֽיתִי׃ | 33 |
और किसी शख़्स ने यूँ ही कमान खींची और शाह — ए — इस्राईल को जौशन के बन्दों के बीच मारा। तब उसने अपने सारथी से कहा, “बाग मोड़ और मुझे लश्कर से निकाल ले चल, क्यूँकि मैं बहुत ज़ख़्मी हो गया हूँ।”
וַתַּ֤עַל הַמִּלְחָמָה֙ בַּיּ֣וֹם הַה֔וּא וּמֶ֣לֶךְ יִשְׂרָאֵ֗ל הָיָ֨ה מַעֲמִ֧יד בַּמֶּרְכָּבָ֛ה נֹ֥כַח אֲרָ֖ם עַד־הָעָ֑רֶב וַיָּ֕מָת לְעֵ֖ת בּ֥וֹא הַשָּֽׁמֶשׁ׃ | 34 |
और उस दिन जंग ख़ूब ही हुई, तो भी शाम तक शाह — ए — इस्राईल अरामियों के मुक़ाबिल अपने को अपने रथ पर संभाले रहा, और सूरज डूबने के वक़्त के क़रीब मर गया।