< 2 דִּבְרֵי הַיָּמִים 11 >
וַיָּבֹ֣א רְחַבְעָם֮ יְרוּשָׁלִַם֒ וַיַּקְהֵל֩ אֶת־בֵּ֨ית יְהוּדָ֜ה וּבִנְיָמִ֗ן מֵאָ֨ה וּשְׁמוֹנִ֥ים אֶ֛לֶף בָּח֖וּר עֹשֵׂ֣ה מִלְחָמָ֑ה לְהִלָּחֵם֙ עִם־יִשְׂרָאֵ֔ל לְהָשִׁ֥יב אֶת־הַמַּמְלָכָ֖ה לִרְחַבְעָֽם׃ פ | 1 |
और जब रहुब'आम येरूशलेम में आ गया तो उसने इस्राईल से लड़ने के लिए यहूदाह और बिनयमीन के घराने में से एक लाख अस्सी हज़ार चुने हुए जवान, जो जंगी जवान थे इकठ्ठा किए, ताकि वह फिर ममलुकत को रहुब'आम के क़ब्ज़े में करा दें।
וַיְהִי֙ דְּבַר־יְהוָ֔ה אֶל־שְׁמַֽעְיָ֥הוּ אִישׁ־הָאֱלֹהִ֖ים לֵאמֹֽר׃ | 2 |
लेकिन ख़ुदा वन्द का कलाम नबी समा'याह को पहुँचा कि;
אֱמֹ֕ר אֶל־רְחַבְעָ֥ם בֶּן־שְׁלֹמֹ֖ה מֶ֣לֶךְ יְהוּדָ֑ה וְאֶל֙ כָּל־יִשְׂרָאֵ֔ל בִּיהוּדָ֥ה וּבִנְיָמִ֖ן לֵאמֹֽר׃ | 3 |
यहूदाह के बादशाह सुलेमान के बेटे रहुब'आम से और सारे इस्राईल से जो यहूदाह और बिनयमीन में हैं, कह,
כֹּ֣ה אָמַ֣ר יְהוָ֡ה לֹא־תַעֲלוּ֩ וְלֹא־תִלָּ֨חֲמ֜וּ עִם־אֲחֵיכֶ֗ם שׁ֚וּבוּ אִ֣ישׁ לְבֵית֔וֹ כִּ֧י מֵֽאִתִּ֛י נִהְיָ֖ה הַדָּבָ֣ר הַזֶּ֑ה וַֽיִּשְׁמְעוּ֙ אֶת־דִּבְרֵ֣י יְהוָ֔ה וַיָּשֻׁ֖בוּ מִלֶּ֥כֶת אֶל־יָרָבְעָֽם׃ פ | 4 |
'ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि तुम चढ़ाई न करना और न अपने भाइयों से लड़ना। तुम अपने अपने घर को लौट जाओ, क्यूँकि यह मु'आमिला मेरी तरफ़ से है। तब उन्होंने ख़ुदावन्द की बातें मान लीं, और युरब'आम पर हमला किए बगै़र लौट गए।
וַיֵּ֥שֶׁב רְחַבְעָ֖ם בִּירוּשָׁלִָ֑ם וַיִּ֧בֶן עָרִ֛ים לְמָצ֖וֹר בִּיהוּדָֽה׃ | 5 |
रहुब'आम येरूशलेम में रहने लगा, और उसने यहूदाह में हिफ़ाज़त के लिए शहर बनाए।
וַיִּ֧בֶן אֶת־בֵּֽית־לֶ֛חֶם וְאֶת־עֵיטָ֖ם וְאֶת־תְּקֽוֹעַ׃ | 6 |
चुनाँचे उसने बैतलहम और ऐताम और तकू'अ,
וְאֶת־בֵּֽית־צ֥וּר וְאֶת־שׂוֹכ֖וֹ וְאֶת־עֲדֻלָּֽם׃ | 7 |
और बैत सूर और शोको और 'अदूल्लाम,
וְאֶת־גַּ֥ת וְאֶת־מָרֵשָׁ֖ה וְאֶת־זִֽיף׃ | 8 |
और जात और मरीसा और ज़ीफ़,
וְאֶת־אֲדוֹרַ֥יִם וְאֶת־לָכִ֖ישׁ וְאֶת־עֲזֵקָֽה׃ | 9 |
और अदूरैम और लकीस और 'अज़ीक़ा,
וְאֶת־צָרְעָה֙ וְאֶת־אַיָּל֔וֹן וְאֶת־חֶבְר֔וֹן אֲשֶׁ֥ר בִּיהוּדָ֖ה וּבְבִנְיָמִ֑ן עָרֵ֖י מְצֻרֽוֹת׃ | 10 |
और सुर'आ और अय्यालोन और हबरून को जो यहूदाह और बिनयमीन में हैं, बना कर क़िला' बन्द कर दिया।
וַיְחַזֵּ֖ק אֶת־הַמְּצֻר֑וֹת וַיִּתֵּ֤ן בָּהֶם֙ נְגִידִ֔ים וְאֹצְר֥וֹת מַאֲכָ֖ל וְשֶׁ֥מֶן וָיָֽיִן׃ | 11 |
और उसने क़िलों' को बहुत मज़बूत किया और उनमें सरदारों को मुक़र्रर किया, और ख़ुराक और तेल और शराब के ज़ख़ीरे को रखा।
וּבְכָל־עִ֤יר וָעִיר֙ צִנּ֣וֹת וּרְמָחִ֔ים וַֽיְחַזְּקֵ֖ם לְהַרְבֵּ֣ה מְאֹ֑ד וַיְהִי־ל֖וֹ יְהוּדָ֥ה וּבִנְיָמִֽן׃ ס | 12 |
और एक एक शहर में ढालें और भाले रखवाकर उनको बहुत ही मज़बूत कर दिया; और यहूदाह और बिनयमीन उसी के रहे।
וְהַכֹּהֲנִים֙ וְהַלְוִיִּ֔ם אֲשֶׁ֖ר בְּכָל־יִשְׂרָאֵ֑ל הִֽתְיַצְּב֥וּ עָלָ֖יו מִכָּל־גְּבוּלָֽם׃ | 13 |
और काहिन और लावी जो सारे इस्राईल में थे, अपनी अपनी सरहद से निकल कर उसके पास आ गए।
כִּֽי־עָזְב֣וּ הַלְוִיִּ֗ם אֶת־מִגְרְשֵׁיהֶם֙ וַאֲחֻזָּתָ֔ם וַיֵּלְכ֥וּ לִיהוּדָ֖ה וְלִֽירוּשָׁלִָ֑ם כִּֽי־הִזְנִיחָ֤ם יָֽרָבְעָם֙ וּבָנָ֔יו מִכַּהֵ֖ן לַיהוָֽה׃ | 14 |
क्यूँकि लावी अपनी पास के 'इलाक़ों और जायदादों को छोड़ कर यहूदाह और येरूशलेम में आए, इसलिए के युरब'आम और उसके बेटों ने उन्हें निकाल दिया था ताकि वह ख़ुदावन्द के सामने कहानत की ख़िदमत को अंजाम न देने पाएँ,
וַיַּֽעֲמֶד־לוֹ֙ כֹּֽהֲנִ֔ים לַבָּמ֖וֹת וְלַשְּׂעִירִ֑ים וְלָעֲגָלִ֖ים אֲשֶׁ֥ר עָשָֽׂה׃ | 15 |
और उसने अपनी तरफ़ से ऊँचे मक़ामों और बकरों और अपने बनाए हुए बछड़ों के लिए काहिन मुक़र्रर किए।
וְאַחֲרֵיהֶ֗ם מִכֹּל֙ שִׁבְטֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל הַנֹּֽתְנִים֙ אֶת־לְבָבָ֔ם לְבַקֵּ֕שׁ אֶת־יְהוָ֖ה אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֑ל בָּ֚אוּ יְר֣וּשָׁלִַ֔ם לִזְבּ֕וֹחַ לַיהוָ֖ה אֱלֹהֵ֥י אֲבוֹתֵיהֶֽם׃ | 16 |
और लावियों के पीछे इस्राईल के सब क़बीलों में से ऐसे लोग जिन्होंने ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा की तलाश में अपना दिल लगाया था, येरूशलेम में आए कि ख़ुदावन्द अपने बाप दादा के ख़ुदा के सामने क़ुर्बानी पेश करें।
וַֽיְחַזְּקוּ֙ אֶת־מַלְכ֣וּת יְהוּדָ֔ה וַֽיְאַמְּצ֛וּ אֶת־רְחַבְעָ֥ם בֶּן־שְׁלֹמֹ֖ה לְשָׁנִ֣ים שָׁל֑וֹשׁ כִּ֣י הָֽלְכ֗וּ בְּדֶ֧רֶךְ דָּוִ֛יד וּשְׁלֹמֹ֖ה לְשָׁנִ֥ים שָׁלֽוֹשׁ׃ | 17 |
इसलिए उन्होंने यहूदाह की हुकूमत को ताक़तवर बना दिया, और तीन साल तक सुलेमान के बेटे रहुब'आम को ताक़तवर बना रखा, क्यूँकि वह तीन साल तक दाऊद और सुलेमान की रास्ते पर चलते रहे।
וַיִּֽקַּֽח־ל֤וֹ רְחַבְעָם֙ אִשָּׁ֔ה אֶת־מָ֣חֲלַ֔ת בַּת יְרִימ֖וֹת בֶּן־דָּוִ֑יד אֲבִיהַ֕יִל בַּת־אֱלִיאָ֖ב בֶּן־יִשָֽׁי׃ | 18 |
रहुब'आम ने महालात को जो यरीमोत बिन दाऊद और इलियाब बिन यस्सी की बेटी अबीख़ैल की बेटी थी, ब्याह लिया।
וַתֵּ֥לֶד ל֖וֹ בָּנִ֑ים אֶת־יְע֥וּשׁ וְאֶת־שְׁמַרְיָ֖ה וְאֶת־זָֽהַם׃ | 19 |
उसके उससे बेटे पैदा हुए, या'नी य'ऊस और समरियाह और ज़हम।
וְאַחֲרֶ֣יהָ לָקַ֔ח אֶֽת־מַעֲכָ֖ה בַּת־אַבְשָׁל֑וֹם וַתֵּ֣לֶד ל֗וֹ אֶת־אֲבִיָּה֙ וְאֶת־עַתַּ֔י וְאֶת־זִיזָ֖א וְאֶת־שְׁלֹמִֽית׃ | 20 |
उसके बाद उसने अबीसलोम की बेटी मा'का को ब्याह लिया, जिसके उससे अबियाह और 'अत्ती और ज़ीज़ा और सलूमियत पैदा हुए।
וַיֶּאֱהַ֨ב רְחַבְעָ֜ם אֶת־מַעֲכָ֣ה בַת־אַבְשָׁל֗וֹם מִכָּל־נָשָׁיו֙ וּפִ֣ילַגְשָׁ֔יו כִּ֠י נָשִׁ֤ים שְׁמוֹנֶֽה־עֶשְׂרֵה֙ נָשָׂ֔א וּפִֽילַגְשִׁ֖ים שִׁשִּׁ֑ים וַיּ֗וֹלֶד עֶשְׂרִ֧ים וּשְׁמוֹנָ֛ה בָּנִ֖ים וְשִׁשִּׁ֥ים בָּנֽוֹת׃ | 21 |
रहुब'आम अबीसलोम की बेटी मा'का को अपनी सब बीवियों और बाँदियों से ज़्यादा प्यार करता था क्यूँकि उसकी अठारह बीवियाँ और साठ बाँदी थीं; और उससे अठाईस बेटे और साठ बेटियाँ पैदा हुई।
וַיַּֽעֲמֵ֨ד לָרֹ֧אשׁ רְחַבְעָ֛ם אֶת־אֲבִיָּ֥ה בֶֽן־מַעֲכָ֖ה לְנָגִ֣יד בְּאֶחָ֑יו כִּ֖י לְהַמְלִיכֽוֹ׃ | 22 |
और रहुब'आम ने अबियाह बिन मा'का को रहनुमा मुक़र्रर किया ताकि अपने भाइयों में सरदार हो, क्यूँकि उसका इरादा था कि उसे बादशाह बनाए।
וַיָּבֶן֩ וַיִּפְרֹ֨ץ מִכָּל־בָּנָ֜יו לְֽכָל־אַרְצ֧וֹת יְהוּדָ֣ה וּבִנְיָמִ֗ן לְכֹל֙ עָרֵ֣י הַמְּצֻר֔וֹת וַיִּתֵּ֥ן לָהֶ֛ם הַמָּז֖וֹן לָרֹ֑ב וַיִּשְׁאַ֖ל הֲמ֥וֹן נָשִֽׁים׃ | 23 |
और उसने होशियारी की, और अपने बेटों को यहूदाह और बिनयमीन की सारी ममलुकत के बीच हर फ़सीलदार शहर में अलग अलग कर दिया; और उनको बहुत ख़ुराक दी, और उनके लिए बहुत सी बीवियाँ तलाश कीं।