< 1 שְׁמוּאֵל 6 >
וַיְהִ֧י אֲרוֹן־יְהוָ֛ה בִּשְׂדֵ֥ה פְלִשְׁתִּ֖ים שִׁבְעָ֥ה חֳדָשִֽׁים׃ | 1 |
१यहोवा का सन्दूक पलिश्तियों के देश में सात महीने तक रहा।
וַיִּקְרְא֣וּ פְלִשְׁתִּ֗ים לַכֹּהֲנִ֤ים וְלַקֹּֽסְמִים֙ לֵאמֹ֔ר מַֽה־נַּעֲשֶׂ֖ה לַאֲר֣וֹן יְהוָ֑ה הוֹדִעֻ֕נוּ בַּמֶּ֖ה נְשַׁלְּחֶ֥נּוּ לִמְקוֹמֽוֹ׃ | 2 |
२तब पलिश्तियों ने याजकों और भावी कहनेवालों को बुलाकर पूछा, “यहोवा के सन्दूक से हम क्या करें? हमें बताओ कि क्या प्रायश्चित देकर हम उसे उसके स्थान पर भेजें?”
וַיֹּאמְר֗וּ אִֽם־מְשַׁלְּחִ֞ים אֶת־אֲר֨וֹן אֱלֹהֵ֤י יִשְׂרָאֵל֙ אַל־תְּשַׁלְּח֤וּ אֹתוֹ֙ רֵיקָ֔ם כִּֽי־הָשֵׁ֥ב תָּשִׁ֛יבוּ ל֖וֹ אָשָׁ֑ם אָ֤ז תֵּרָֽפְאוּ֙ וְנוֹדַ֣ע לָכֶ֔ם לָ֛מָּה לֹא־תָס֥וּר יָד֖וֹ מִכֶּֽם׃ | 3 |
३वे बोले, “यदि तुम इस्राएल के देवता का सन्दूक वहाँ भेजो, तो उसे वैसे ही न भेजना; उसकी हानि भरने के लिये अवश्य ही दोषबलि देना। तब तुम चंगे हो जाओगे, और तुम जान लोगे कि उसका हाथ तुम पर से क्यों नहीं उठाया गया।”
וַיֹּאמְר֗וּ מָ֣ה הָאָשָׁם֮ אֲשֶׁ֣ר נָשִׁ֣יב לוֹ֒ וַיֹּאמְר֗וּ מִסְפַּר֙ סַרְנֵ֣י פְלִשְׁתִּ֔ים חֲמִשָּׁה֙ טְחֹרֵ֣י זָהָ֔ב וַחֲמִשָּׁ֖ה עַכְבְּרֵ֣י זָהָ֑ב כִּֽי־מַגֵּפָ֥ה אַחַ֛ת לְכֻלָּ֖ם וּלְסַרְנֵיכֶֽם׃ | 4 |
४उन्होंने पूछा, “हम उसकी हानि भरने के लिये कौन सा दोषबलि दें?” वे बोले, “पलिश्ती सरदारों की गिनती के अनुसार सोने की पाँच गिलटियाँ, और सोने के पाँच चूहे; क्योंकि तुम सब और तुम्हारे सरदार दोनों एक ही रोग से ग्रसित हो।
וַעֲשִׂיתֶם֩ צַלְמֵ֨י טְחֹרֵיכֶ֜ם וְצַלְמֵ֣י עַכְבְּרֵיכֶ֗ם הַמַּשְׁחִיתִם֙ אֶת־הָאָ֔רֶץ וּנְתַתֶּ֛ם לֵאלֹהֵ֥י יִשְׂרָאֵ֖ל כָּב֑וֹד אוּלַ֗י יָקֵ֤ל אֶת־יָדוֹ֙ מֵֽעֲלֵיכֶ֔ם וּמֵעַ֥ל אֱלֹהֵיכֶ֖ם וּמֵעַ֥ל אַרְצְכֶֽם׃ | 5 |
५तो तुम अपनी गिलटियों और अपने देश के नष्ट करनेवाले चूहों की भी मूरतें बनाकर इस्राएल के देवता की महिमा मानो; सम्भव है वह अपना हाथ तुम पर से और तुम्हारे देवताओं और देश पर से उठा ले।
וְלָ֤מָּה תְכַבְּדוּ֙ אֶת־לְבַבְכֶ֔ם כַּאֲשֶׁ֧ר כִּבְּד֛וּ מִצְרַ֥יִם וּפַרְעֹ֖ה אֶת־לִבָּ֑ם הֲלוֹא֙ כַּאֲשֶׁ֣ר הִתְעַלֵּ֣ל בָּהֶ֔ם וַֽיְשַׁלְּח֖וּם וַיֵּלֵֽכוּ׃ | 6 |
६तुम अपने मन क्यों ऐसे हठीले करते हो जैसे मिस्रियों और फ़िरौन ने अपने मन हठीले कर दिए थे? जब उसने उनके मध्य में अचम्भित काम किए, तब क्या उन्होंने उन लोगों को जाने न दिया, और क्या वे चले न गए?
וְעַתָּ֗ה קְח֨וּ וַעֲשׂ֜וּ עֲגָלָ֤ה חֲדָשָׁה֙ אֶחָ֔ת וּשְׁתֵּ֤י פָרוֹת֙ עָל֔וֹת אֲשֶׁ֛ר לֹא־עָלָ֥ה עֲלֵיהֶ֖ם עֹ֑ל וַאֲסַרְתֶּ֤ם אֶת־הַפָּרוֹת֙ בָּעֲגָלָ֔ה וַהֲשֵׁיבֹתֶ֧ם בְּנֵיהֶ֛ם מֵאַחֲרֵיהֶ֖ם הַבָּֽיְתָה׃ | 7 |
७इसलिए अब तुम एक नई गाड़ी बनाओ, और ऐसी दो दुधार गायें लो जो जूए तले न आई हों, और उन गायों को उस गाड़ी में जोतकर उनके बच्चों को उनके पास से लेकर घर को लौटा दो।
וּלְקַחְתֶּ֞ם אֶת־אֲר֣וֹן יְהוָ֗ה וּנְתַתֶּ֤ם אֹתוֹ֙ אֶל־הָ֣עֲגָלָ֔ה וְאֵ֣ת ׀ כְּלֵ֣י הַזָּהָ֗ב אֲשֶׁ֨ר הֲשֵׁבֹתֶ֥ם לוֹ֙ אָשָׁ֔ם תָּשִׂ֥ימוּ בָאַרְגַּ֖ז מִצִּדּ֑וֹ וְשִׁלַּחְתֶּ֥ם אֹת֖וֹ וְהָלָֽךְ׃ | 8 |
८तब यहोवा का सन्दूक लेकर उस गाड़ी पर रख दो, और सोने की जो वस्तुएँ तुम उसकी हानि भरने के लिये दोषबलि की रीति से दोगे उन्हें दूसरे सन्दूक में रख के उसके पास रख दो। फिर उसे रवाना कर दो कि चली जाए।
וּרְאִיתֶ֗ם אִם־דֶּ֨רֶךְ גְּבוּל֤וֹ יַֽעֲלֶה֙ בֵּ֣ית שֶׁ֔מֶשׁ ה֚וּא עָ֣שָׂה לָ֔נוּ אֶת־הָרָעָ֥ה הַגְּדוֹלָ֖ה הַזֹּ֑את וְאִם־לֹ֗א וְיָדַ֙עְנוּ֙ כִּ֣י לֹ֤א יָדוֹ֙ נָ֣גְעָה בָּ֔נוּ מִקְרֶ֥ה ה֖וּא הָ֥יָה לָֽנוּ׃ | 9 |
९और देखते रहना; यदि वह अपने देश के मार्ग से होकर बेतशेमेश को चले, तो जानो कि हमारी यह बड़ी हानि उसी की ओर से हुई और यदि नहीं, तो हमको निश्चय होगा कि यह मार हम पर उसकी ओर से नहीं, परन्तु संयोग ही से हुई।”
וַיַּעֲשׂ֤וּ הָאֲנָשִׁים֙ כֵּ֔ן וַיִּקְח֗וּ שְׁתֵּ֤י פָרוֹת֙ עָל֔וֹת וַיַּאַסְר֖וּם בָּעֲגָלָ֑ה וְאֶת־בְּנֵיהֶ֖ם כָּל֥וּ בַבָּֽיִת׃ | 10 |
१०उन मनुष्यों ने वैसा ही किया; अर्थात् दो दुधार गायें लेकर उस गाड़ी में जोतीं, और उनके बच्चों को घर में बन्द कर दिया।
וַיָּשִׂ֛מוּ אֶת־אֲר֥וֹן יְהוָ֖ה אֶל־הָעֲגָלָ֑ה וְאֵ֣ת הָאַרְגַּ֗ז וְאֵת֙ עַכְבְּרֵ֣י הַזָּהָ֔ב וְאֵ֖ת צַלְמֵ֥י טְחֹרֵיהֶֽם׃ | 11 |
११और यहोवा का सन्दूक, और दूसरा सन्दूक, और सोने के चूहों और अपनी गिलटियों की मूरतों को गाड़ी पर रख दिया।
וַיִשַּׁ֨רְנָה הַפָּר֜וֹת בַּדֶּ֗רֶךְ עַל־דֶּ֙רֶךְ֙ בֵּ֣ית שֶׁ֔מֶשׁ בִּמְסִלָּ֣ה אַחַ֗ת הָלְכ֤וּ הָלֹךְ֙ וְגָע֔וֹ וְלֹא־סָ֖רוּ יָמִ֣ין וּשְׂמֹ֑אול וְסַרְנֵ֤י פְלִשְׁתִּים֙ הֹלְכִ֣ים אַחֲרֵיהֶ֔ם עַד־גְּב֖וּל בֵּ֥ית שָֽׁמֶשׁ׃ | 12 |
१२तब गायों ने बेतशेमेश का सीधा मार्ग लिया; वे सड़क ही सड़क रम्भाती हुई चली गईं, और न दाहिने मुड़ीं और न बायें; और पलिश्तियों के सरदार उनके पीछे-पीछे बेतशेमेश की सीमा तक गए।
וּבֵ֣ית שֶׁ֔מֶשׁ קֹצְרִ֥ים קְצִיר־חִטִּ֖ים בָּעֵ֑מֶק וַיִּשְׂא֣וּ אֶת־עֵינֵיהֶ֗ם וַיִּרְאוּ֙ אֶת־הָ֣אָר֔וֹן וַֽיִּשְׂמְח֖וּ לִרְאֽוֹת׃ | 13 |
१३और बेतशेमेश के लोग तराई में गेहूँ काट रहे थे; और जब उन्होंने आँखें उठाकर सन्दूक को देखा, तब उसके देखने से आनन्दित हुए।
וְהָעֲגָלָ֡ה בָּ֠אָה אֶל־שְׂדֵ֨ה יְהוֹשֻׁ֤עַ בֵּֽית־הַשִּׁמְשִׁי֙ וַתַּעֲמֹ֣ד שָׁ֔ם וְשָׁ֖ם אֶ֣בֶן גְּדוֹלָ֑ה וַֽיְבַקְּעוּ֙ אֶת־עֲצֵ֣י הָעֲגָלָ֔ה וְאֶת־הַ֨פָּר֔וֹת הֶעֱל֥וּ עֹלָ֖ה לַיהוָֽה׃ ס | 14 |
१४गाड़ी यहोशू नामक एक बेतशेमेशी के खेत में जाकर वहाँ ठहर गई, जहाँ एक बड़ा पत्थर था। तब उन्होंने गाड़ी की लकड़ी को चीरा और गायों को होमबलि करके यहोवा के लिये चढ़ाया।
וְהַלְוִיִּ֞ם הוֹרִ֣ידוּ ׀ אֶת־אֲר֣וֹן יְהוָ֗ה וְאֶת־הָאַרְגַּ֤ז אֲשֶׁר־אִתּוֹ֙ אֲשֶׁר־בּ֣וֹ כְלֵֽי־זָהָ֔ב וַיָּשִׂ֖מוּ אֶל־הָאֶ֣בֶן הַגְּדוֹלָ֑ה וְאַנְשֵׁ֣י בֵֽית־שֶׁ֗מֶשׁ הֶעֱל֨וּ עֹל֜וֹת וַֽיִּזְבְּח֧וּ זְבָחִ֛ים בַּיּ֥וֹם הַה֖וּא לַֽיהוָֽה׃ | 15 |
१५और लेवियों ने यहोवा के सन्दूक को उस सन्दूक के समेत जो साथ था, जिसमें सोने की वस्तुएँ थी, उतार के उस बड़े पत्थर पर रख दिया; और बेतशेमेश के लोगों ने उसी दिन यहोवा के लिये होमबलि और मेलबलि चढ़ाए।
וַחֲמִשָּׁ֥ה סַרְנֵֽי־פְלִשְׁתִּ֖ים רָא֑וּ וַיָּשֻׁ֥בוּ עֶקְר֖וֹן בַּיּ֥וֹם הַהֽוּא׃ ס | 16 |
१६यह देखकर पलिश्तियों के पाँचों सरदार उसी दिन एक्रोन को लौट गए।
וְאֵ֙לֶּה֙ טְחֹרֵ֣י הַזָּהָ֔ב אֲשֶׁ֨ר הֵשִׁ֧יבוּ פְלִשְׁתִּ֛ים אָשָׁ֖ם לַֽיהוָ֑ה לְאַשְׁדּ֨וֹד אֶחָ֜ד לְעַזָּ֤ה אֶחָד֙ לְאַשְׁקְל֣וֹן אֶחָ֔ד לְגַ֥ת אֶחָ֖ד לְעֶקְר֥וֹן אֶחָֽד׃ ס | 17 |
१७सोने की गिलटियाँ जो पलिश्तियों ने यहोवा की हानि भरने के लिये दोषबलि करके दे दी थीं उनमें से एक तो अश्दोद की ओर से, एक गाज़ा, एक अश्कलोन, एक गत, और एक एक्रोन की ओर से दी गई थी।
וְעַכְבְּרֵ֣י הַזָּהָ֗ב מִסְפַּ֞ר כָּל־עָרֵ֤י פְלִשְׁתִּים֙ לַחֲמֵ֣שֶׁת הַסְּרָנִ֔ים מֵעִ֣יר מִבְצָ֔ר וְעַ֖ד כֹּ֣פֶר הַפְּרָזִ֑י וְעַ֣ד ׀ אָבֵ֣ל הַגְּדוֹלָ֗ה אֲשֶׁ֨ר הִנִּ֤יחוּ עָלֶ֙יהָ֙ אֵ֚ת אֲר֣וֹן יְהוָ֔ה עַ֚ד הַיּ֣וֹם הַזֶּ֔ה בִּשְׂדֵ֥ה יְהוֹשֻׁ֖עַ בֵּֽית־הַשִּׁמְשִֽׁי׃ | 18 |
१८और वह सोने के चूहे, क्या शहरपनाह वाले नगर, क्या बिना शहरपनाह के गाँव, वरन् जिस बड़े पत्थर पर यहोवा का सन्दूक रखा गया था वहाँ पलिश्तियों के पाँचों सरदारों के अधिकार तक की सब बस्तियों की गिनती के अनुसार दिए गए। वह पत्थर आज तक बेतशेमेशी यहोशू के खेत में है।
וַיַּ֞ךְ בְּאַנְשֵׁ֣י בֵֽית־שֶׁ֗מֶשׁ כִּ֤י רָאוּ֙ בַּאֲר֣וֹן יְהוָ֔ה וַיַּ֤ךְ בָּעָם֙ שִׁבְעִ֣ים אִ֔ישׁ חֲמִשִּׁ֥ים אֶ֖לֶף אִ֑ישׁ וַיִּֽתְאַבְּל֣וּ הָעָ֔ם כִּֽי־הִכָּ֧ה יְהוָ֛ה בָּעָ֖ם מַכָּ֥ה גְדוֹלָֽה | 19 |
१९फिर इस कारण से कि बेतशेमेश के लोगों ने यहोवा के सन्दूक के भीतर झाँका था उसने उनमें से सत्तर मनुष्य, और फिर पचास हजार मनुष्य मार डाले; और वहाँ के लोगों ने इसलिए विलाप किया कि यहोवा ने लोगों का बड़ा ही संहार किया था।
וַיֹּֽאמְרוּ֙ אַנְשֵׁ֣י בֵֽית־שֶׁ֔מֶשׁ מִ֚י יוּכַ֣ל לַעֲמֹ֔ד לִפְנֵ֨י יְהוָ֧ה הָאֱלֹהִ֛ים הַקָּד֖וֹשׁ הַזֶּ֑ה וְאֶל־מִ֖י יַעֲלֶ֥ה מֵעָלֵֽינוּ׃ ס | 20 |
२०तब बेतशेमेश के लोग कहने लगे, “इस पवित्र परमेश्वर यहोवा के सामने कौन खड़ा रह सकता है? और वह हमारे पास से किसके पास चला जाए?”
וַֽיִּשְׁלְחוּ֙ מַלְאָכִ֔ים אֶל־יוֹשְׁבֵ֥י קִרְיַת־יְעָרִ֖ים לֵאמֹ֑ר הֵשִׁ֤בוּ פְלִשְׁתִּים֙ אֶת־אֲר֣וֹן יְהוָ֔ה רְד֕וּ הַעֲל֥וּ אֹת֖וֹ אֲלֵיכֶֽם׃ | 21 |
२१तब उन्होंने किर्यत्यारीम के निवासियों के पास यह कहने को दूत भेजे, “पलिश्तियों ने यहोवा का सन्दूक लौटा दिया है; इसलिए तुम आकर उसे अपने यहाँ ले जाओ।”