< 1 מְלָכִים 11 >
וְהַמֶּ֣לֶךְ שְׁלֹמֹ֗ה אָהַ֞ב נָשִׁ֧ים נָכְרִיּ֛וֹת רַבּ֖וֹת וְאֶת־בַּת־פַּרְעֹ֑ה מוֹאֲבִיּ֤וֹת עַמֳּנִיּוֹת֙ אֲדֹ֣מִיֹּ֔ת צֵדְנִיֹּ֖ת חִתִּיֹּֽת׃ | 1 |
और सुलेमान बादशाह फ़िर'औन की बेटी के 'अलावा बहुत सी अजनबी 'औरतों से, या'नी मोआबी, 'अम्मोनी, अदोमी, सैदानी और हित्ती औरतों से मुहब्बत करने लगा;
מִן־הַגּוֹיִ֗ם אֲשֶׁ֣ר אָֽמַר־יְהוָה֩ אֶל־בְּנֵ֨י יִשְׂרָאֵ֜ל לֹֽא־תָבֹ֣אוּ בָהֶ֗ם וְהֵם֙ לֹא־יָבֹ֣אוּ בָכֶ֔ם אָכֵן֙ יַטּ֣וּ אֶת־לְבַבְכֶ֔ם אַחֲרֵ֖י אֱלֹהֵיהֶ֑ם בָּהֶ֛ם דָּבַ֥ק שְׁלֹמֹ֖ה לְאַהֲבָֽה׃ | 2 |
यह उन क़ौमों की थीं जिनके बारे में ख़ुदावन्द ने बनी — इस्राईल से कहा था कि तुम उनके बीच न जाना, और न वह तुम्हारे बीच आएँ, क्यूँकि वह ज़रूर तुम्हारे दिलों को अपने मा'बूदों की तरफ़ माइल कर लेंगी “सुलेमान इन्हीं के 'इश्क़ का दम भरने लगा।
וַיְהִי־ל֣וֹ נָשִׁ֗ים שָׂרוֹת֙ שְׁבַ֣ע מֵא֔וֹת וּפִֽלַגְשִׁ֖ים שְׁלֹ֣שׁ מֵא֑וֹת וַיַּטּ֥וּ נָשָׁ֖יו אֶת־לִבּֽוֹ׃ | 3 |
और उसके पास सात सौ शाहज़ादियाँ उसकी बीवियाँ और तीन सौ बाँदी थीं, और उसकी बीवियों ने उसके दिल को फेर दिया।
וַיְהִ֗י לְעֵת֙ זִקְנַ֣ת שְׁלֹמֹ֔ה נָשָׁיו֙ הִטּ֣וּ אֶת־לְבָב֔וֹ אַחֲרֵ֖י אֱלֹהִ֣ים אֲחֵרִ֑ים וְלֹא־הָיָ֨ה לְבָב֤וֹ שָׁלֵם֙ עִם־יְהוָ֣ה אֱלֹהָ֔יו כִּלְבַ֖ב דָּוִ֥יד אָבִֽיו׃ | 4 |
क्यूँकि जब सुलेमान बुड्ढा हो गया, तो उसकी बीवियों ने उसके दिल को गै़र मा'बूदों की तरफ़ माइल कर लिया; और उसका दिल ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के साथ कामिल न रहा, जैसा उसके बाप दाऊद का दिल था।
וַיֵּ֣לֶךְ שְׁלֹמֹ֔ה אַחֲרֵ֣י עַשְׁתֹּ֔רֶת אֱלֹהֵ֖י צִדֹנִ֑ים וְאַחֲרֵ֣י מִלְכֹּ֔ם שִׁקֻּ֖ץ עַמֹּנִֽים׃ | 5 |
क्यूँकि सुलेमान सैदानियों की देवी इसतारात, और 'अम्मोनियों के नफ़रती मिलकोम की पैरवी करने लगा।
וַיַּ֧עַשׂ שְׁלֹמֹ֛ה הָרַ֖ע בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֑ה וְלֹ֥א מִלֵּ֛א אַחֲרֵ֥י יְהוָ֖ה כְּדָוִ֥ד אָבִֽיו׃ ס | 6 |
और सुलेमान ने ख़ुदावन्द के आगे बदी की, और उसने ख़ुदावन्द की पूरी पैरवी न की जैसी उसके बाप दाऊद ने की थी।
אָז֩ יִבְנֶ֨ה שְׁלֹמֹ֜ה בָּמָ֗ה לִכְמוֹשׁ֙ שִׁקֻּ֣ץ מוֹאָ֔ב בָּהָ֕ר אֲשֶׁ֖ר עַל־פְּנֵ֣י יְרוּשָׁלִָ֑ם וּלְמֹ֕לֶךְ שִׁקֻּ֖ץ בְּנֵ֥י עַמּֽוֹן׃ | 7 |
फिर सुलेमान ने मोआबियों के नफ़रती कमोस के लिए उस पहाड़ पर जो येरूशलेम के सामने है, और बनी 'अम्मोन के नफ़रती मोलक के लिए ऊँचा मक़ाम बना दिया।
וְכֵ֣ן עָשָׂ֔ה לְכָל־נָשָׁ֖יו הַנָּכְרִיּ֑וֹת מַקְטִיר֥וֹת וּֽמְזַבְּח֖וֹת לֵאלֹהֵיהֶֽן׃ | 8 |
उसने ऐसा ही अपनी सब अजनबी बीवियों की ख़ातिर किया, जो अपने मा'बूदों के सामने ख़ुशबू जलाती और क़ुर्बानी पेश करती थीं।
וַיִּתְאַנַּ֥ף יְהוָ֖ה בִּשְׁלֹמֹ֑ה כִּֽי־נָטָ֣ה לְבָב֗וֹ מֵעִ֤ם יְהוָה֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל הַנִּרְאָ֥ה אֵלָ֖יו פַּעֲמָֽיִם׃ | 9 |
और ख़ुदावन्द सुलेमान से नाराज़ हुआ, क्यूँकि उसका दिल ख़ुदावन्द इस्राईल के ख़ुदा से फिर गया था जिसने उसे दो बार दिखाई देकर
וְצִוָּ֤ה אֵלָיו֙ עַל־הַדָּבָ֣ר הַזֶּ֔ה לְבִ֨לְתִּי־לֶ֔כֶת אַחֲרֵ֖י אֱלֹהִ֣ים אֲחֵרִ֑ים וְלֹ֣א שָׁמַ֔ר אֵ֥ת אֲשֶׁר־צִוָּ֖ה יְהוָֽה׃ פ | 10 |
उसको इस बात का हुक्म किया था कि वह गै़र मा'बूदों की पैरवी न करे; लेकिन उसने वह बात न मानी जिसका हुक्म ख़ुदावन्द ने दिया था।
וַיֹּ֨אמֶר יְהוָ֜ה לִשְׁלֹמֹ֗ה יַ֚עַן אֲשֶׁ֣ר הָֽיְתָה־זֹּ֣את עִמָּ֔ךְ וְלֹ֤א שָׁמַ֙רְתָּ֙ בְּרִיתִ֣י וְחֻקֹּתַ֔י אֲשֶׁ֥ר צִוִּ֖יתִי עָלֶ֑יךָ קָרֹ֨עַ אֶקְרַ֤ע אֶת־הַמַּמְלָכָה֙ מֵֽעָלֶ֔יךָ וּנְתַתִּ֖יהָ לְעַבְדֶּֽךָ׃ | 11 |
इस वजह से ख़ुदावन्द ने सुलेमान को कहा, चूँकि तुझ से यह काम हुआ, और तू ने मेरे 'अहद और मेरे क़ानून को जिनका मैंने तुझे हुक्म दिया नहीं माना, इसलिए मैं हुकूमत को ज़रूर तुझ से छीनकर तेरे ख़ादिम को दूँगा।
אַךְ־בְּיָמֶ֙יךָ֙ לֹ֣א אֶעֱשֶׂ֔נָּה לְמַ֖עַן דָּוִ֣ד אָבִ֑יךָ מִיַּ֥ד בִּנְךָ֖ אֶקְרָעֶֽנָּה׃ | 12 |
तोभी तेरे बाप दाऊद की ख़ातिर मैं तेरे दिनों में यह नहीं करूँगा; बल्कि उसे तेरे बेटे के हाथ से छीनूँगा।
רַ֤ק אֶת־כָּל־הַמַּמְלָכָה֙ לֹ֣א אֶקְרָ֔ע שֵׁ֥בֶט אֶחָ֖ד אֶתֵּ֣ן לִבְנֶ֑ךָ לְמַ֙עַן֙ דָּוִ֣ד עַבְדִּ֔י וּלְמַ֥עַן יְרוּשָׁלִַ֖ם אֲשֶׁ֥ר בָּחָֽרְתִּי׃ | 13 |
फिर भी मैं सारी हुकूमत को नहीं छीनूँगा, बल्कि अपने बन्दे दाऊद की ख़ातिर और येरूशलेम की ख़ातिर, जिसे मैंने चुन लिया है, एक क़बीला तेरे बेटे को दूँगा।
וַיָּ֨קֶם יְהוָ֤ה שָׂטָן֙ לִשְׁלֹמֹ֔ה אֵ֖ת הֲדַ֣ד הָאֲדֹמִ֑י מִזֶּ֧רַע הַמֶּ֛לֶךְ ה֖וּא בֶּאֱדֽוֹם׃ | 14 |
तब ख़ुदावन्द ने अदोमी हदद को सुलेमान का मुख़ालिफ़ बना कर खड़ा किया, यह अदोम की शाही नसल से था।
וַיְהִ֗י בִּֽהְי֤וֹת דָּוִד֙ אֶת־אֱד֔וֹם בַּעֲל֗וֹת יוֹאָב֙ שַׂ֣ר הַצָּבָ֔א לְקַבֵּ֖ר אֶת־הַחֲלָלִ֑ים וַיַּ֥ךְ כָּל־זָכָ֖ר בֶּאֱדֽוֹם׃ | 15 |
क्यूँकि जब दाऊद अदोम में था और लश्कर का सरदार योआब अदोम में हर एक आदमी को क़त्ल करके उन मक़्तूलों को दफ़्न करने गया,
כִּ֣י שֵׁ֧שֶׁת חֳדָשִׁ֛ים יָֽשַׁב־שָׁ֥ם יוֹאָ֖ב וְכָל־יִשְׂרָאֵ֑ל עַד־הִכְרִ֥ית כָּל־זָכָ֖ר בֶּאֱדֽוֹם׃ | 16 |
क्यूँकि योआब और सब इस्राईल छ: महीने तक वहीं रहे, जब तक कि उसने अदोम में हर एक आदमी को क़त्ल न कर डाला।
וַיִּבְרַ֣ח אֲדַ֡ד הוּא֩ וַאֲנָשִׁ֨ים אֲדֹמִיִּ֜ים מֵעַבְדֵ֥י אָבִ֛יו אִתּ֖וֹ לָב֣וֹא מִצְרָ֑יִם וַהֲדַ֖ד נַ֥עַר קָטָֽן׃ | 17 |
तो हदद कई एक अदोमियों के साथ, जो उसके बाप के मुलाज़िम थे, मिस्र को जाने को भाग निकला, उस वक़्त हदद छोटा लड़का ही था।
וַיָּקֻ֙מוּ֙ מִמִּדְיָ֔ן וַיָּבֹ֖אוּ פָּארָ֑ן וַיִּקְחוּ֩ אֲנָשִׁ֨ים עִמָּ֜ם מִפָּארָ֗ן וַיָּבֹ֤אוּ מִצְרַ֙יִם֙ אֶל־פַּרְעֹ֣ה מֶֽלֶךְ־מִצְרַ֔יִם וַיִּתֶּן־ל֣וֹ בַ֗יִת וְלֶ֙חֶם֙ אָ֣מַר ל֔וֹ וְאֶ֖רֶץ נָ֥תַן לֽוֹ׃ | 18 |
और वह मिदियान से निकलकर फ़ारान में आए, और फ़ारान से लोग साथ लेकर शाह — ए — मिस्र फ़िर'औन के पास मिस्र में गए। उसने उसको एक घर दिया और उसके लिए ख़ुराक मुक़र्रर की और उसे जागीर दी।
וַיִּמְצָא֙ הֲדַ֥ד חֵ֛ן בְּעֵינֵ֥י פַרְעֹ֖ה מְאֹ֑ד וַיִּתֶּן־ל֤וֹ אִשָּׁה֙ אֶת־אֲח֣וֹת אִשְׁתּ֔וֹ אֲח֖וֹת תַּחְפְּנֵ֥יס הַגְּבִירָֽה׃ | 19 |
और हदद की फ़िर'औन के सामने इतना रसूख हासिल हुआ कि उसने अपनी साली, या'नी मलिका तहफ़नीस की बहन उसी को ब्याह दी।
וַתֵּ֨לֶד ל֜וֹ אֲח֣וֹת תַּחְפְּנֵ֗יס אֵ֚ת גְּנֻבַ֣ת בְּנ֔וֹ וַתִּגְמְלֵ֣הוּ תַחְפְּנֵ֔ס בְּת֖וֹךְ בֵּ֣ית פַּרְעֹ֑ה וַיְהִ֤י גְנֻבַת֙ בֵּ֣ית פַּרְעֹ֔ה בְּת֖וֹךְ בְּנֵ֥י פַרְעֹֽה׃ | 20 |
और तहफ़नीस की बहन के उससे उसका बेटा जनूबत पैदा हुआ जिसका दूध तहफ़नीस ने फ़िर'औन के महल में छुड़ाया; और जनूबत फ़िर'औन के बेटों के साथ फिर'औन के महल में रहा।
וַהֲדַ֞ד שָׁמַ֣ע בְּמִצְרַ֗יִם כִּֽי־שָׁכַ֤ב דָּוִד֙ עִם־אֲבֹתָ֔יו וְכִי־מֵ֖ת יוֹאָ֣ב שַֽׂר־הַצָּבָ֑א וַיֹּ֤אמֶר הֲדַד֙ אֶל־פַּרְעֹ֔ה שַׁלְּחֵ֖נִי וְאֵלֵ֥ךְ אֶל־אַרְצִֽי׃ | 21 |
इसलिए जब हदद ने मिस्र में सुना कि दाऊद अपने बाप — दादा के साथ सो गया और लश्कर का सरदार योआब भी मर गया है, तो हदद ने फ़िर'औन से कहा, मुझे रुख़्सत कर दे, ताकि मैं अपने मुल्क को चला जाऊँ।”
וַיֹּ֧אמֶר ל֣וֹ פַרְעֹ֗ה כִּ֠י מָה־אַתָּ֤ה חָסֵר֙ עִמִּ֔י וְהִנְּךָ֥ מְבַקֵּ֖שׁ לָלֶ֣כֶת אֶל־אַרְצֶ֑ךָ וַיֹּ֣אמֶר ׀ לֹ֔א כִּ֥י שַׁלֵּ֖חַ תְּשַׁלְּחֵֽנִי׃ | 22 |
तब फ़िर'औन ने उससे कहा, “भला तुझे मेरे पास किस चीज़ की कमी हुई कि तू अपने मुल्क को जाने के लिए तैयार है?” उसने कहा, “कुछ नहीं, फिर भी तू मुझे जिस तरह हो रुख्स़त ही कर दे।”
וַיָּ֨קֶם אֱלֹהִ֥ים לוֹ֙ שָׂטָ֔ן אֶת־רְז֖וֹן בֶּן־אֶלְיָדָ֑ע אֲשֶׁ֣ר בָּרַ֗ח מֵאֵ֛ת הֲדַדְעֶ֥זֶר מֶֽלֶךְ־צוֹבָ֖ה אֲדֹנָֽיו׃ | 23 |
और ख़ुदा ने उसके लिए एक और मुख़ालिफ़ इलीयदा' के बेटे रज़ोन को खड़ा किया, जो अपने आक़ा ज़ोबाह के बादशाह हदद'एलियाज़र के पास से भाग गया था;
וַיִּקְבֹּ֤ץ עָלָיו֙ אֲנָשִׁ֔ים וַיְהִ֣י שַׂר־גְּד֔וּד בַּהֲרֹ֥ג דָּוִ֖ד אֹתָ֑ם וַיֵּלְכ֤וּ דַמֶּ֙שֶׂק֙ וַיֵּ֣שְׁבוּ בָ֔הּ וַֽיִּמְלְכ֖וּ בְּדַמָּֽשֶׂק׃ | 24 |
और उसने अपने पास लोग जमा' कर लिए, और जब दाऊद ने ज़ोबाह वालों को क़त्ल किया, तो वह एक फ़ौज का सरदार हो गया; और वह दमिश्क़ को जाकर वहीं रहने और दमिश्क़ में हुकूमत करने लगे।
וַיְהִ֨י שָׂטָ֤ן לְיִשְׂרָאֵל֙ כָּל־יְמֵ֣י שְׁלֹמֹ֔ה וְאֶת־הָרָעָ֖ה אֲשֶׁ֣ר הֲדָ֑ד וַיָּ֙קָץ֙ בְּיִשְׂרָאֵ֔ל וַיִּמְלֹ֖ךְ עַל־אֲרָֽם׃ פ | 25 |
इसलिए हदद की शरारत के 'अलावा यह भी सुलेमान की सारी उम्र इस्राईल का दुश्मन रहा; और उसने इस्राईल से नफ़रत रखी और अराम पर हुकूमत करता रहा।
וְיָרָבְעָם֩ בֶּן־נְבָ֨ט אֶפְרָתִ֜י מִן־הַצְּרֵדָ֗ה וְשֵׁ֤ם אִמּוֹ֙ צְרוּעָה֙ אִשָּׁ֣ה אַלְמָנָ֔ה עֶ֖בֶד לִשְׁלֹמֹ֑ה וַיָּ֥רֶם יָ֖ד בַּמֶּֽלֶךְ׃ | 26 |
और सरीदा के इफ़्राईमी नबात का बेटा यरूबोआम, जो सुलेमान का मुलाज़िम था और जिसकी माँ का नाम, जो बेवा थी, सरू'आ था; उसने भी बादशाह के ख़िलाफ़ अपना हाथ उठाया।
וְזֶ֣ה הַדָּבָ֔ר אֲשֶׁר־הֵרִ֥ים יָ֖ד בַּמֶּ֑לֶךְ שְׁלֹמֹה֙ בָּנָ֣ה אֶת־הַמִּלּ֔וֹא סָגַ֕ר אֶת־פֶּ֕רֶץ עִ֖יר דָּוִ֥ד אָבִֽיו׃ | 27 |
और बादशाह के ख़िलाफ़ उसके हाथ उठाने की यह वजह हुई कि बादशाह मिल्लो को बनाता था, और अपने बाप दाऊद के शहर के रखने की मरम्मत करता था।
וְהָאִ֥ישׁ יָרָבְעָ֖ם גִּבּ֣וֹר חָ֑יִל וַיַּ֨רְא שְׁלֹמֹ֜ה אֶת־הַנַּ֗עַר כִּֽי־עֹשֵׂ֤ה מְלָאכָה֙ ה֔וּא וַיַּפְקֵ֣ד אֹת֔וֹ לְכָל־סֵ֖בֶל בֵּ֥ית יוֹסֵֽף׃ ס | 28 |
और वह शख़्स यरूबोआम एक ताक़तवर सूर्मा था, और सुलेमान ने उस जवान को देखा कि मेहनती है, इसलिए उसने उसे बनी यूसुफ़ के सारे काम पर मुख़्तार बना दिया।
וַֽיְהִי֙ בָּעֵ֣ת הַהִ֔יא וְיָֽרָבְעָ֖ם יָצָ֣א מִירוּשָׁלִָ֑ם וַיִּמְצָ֣א אֹת֡וֹ אֲחִיָּה֩ הַשִּׁילֹנִ֨י הַנָּבִ֜יא בַּדֶּ֗רֶךְ וְה֤וּא מִתְכַּסֶּה֙ בְּשַׂלְמָ֣ה חֲדָשָׁ֔ה וּשְׁנֵיהֶ֥ם לְבַדָּ֖ם בַּשָּׂדֶֽה׃ | 29 |
उस वक़्त जब युरब'आम येरूशलेम से निकल कर जा रहा था, तो सैलानी अखि़याह नबी उसे रास्ते में मिला, और अख़ियाह एक नई चादर ओढ़े हुए था; यह दोनों मैदान में अकेले थे।
וַיִּתְפֹּ֣שׂ אֲחִיָּ֔ה בַּשַּׂלְמָ֥ה הַחֲדָשָׁ֖ה אֲשֶׁ֣ר עָלָ֑יו וַיִּ֨קְרָעֶ֔הָ שְׁנֵ֥ים עָשָׂ֖ר קְרָעִֽים׃ | 30 |
इसलिए अखि़याह ने उस नई चादर को जो उस पर थी लेकर उसके बारह टुकड़े फाड़े।
וַיֹּ֙אמֶר֙ לְיָֽרָבְעָ֔ם קַח־לְךָ֖ עֲשָׂרָ֣ה קְרָעִ֑ים כִּ֣י כֹה֩ אָמַ֨ר יְהוָ֜ה אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל הִנְנִ֨י קֹרֵ֤עַ אֶת־הַמַּמְלָכָה֙ מִיַּ֣ד שְׁלֹמֹ֔ה וְנָתַתִּ֣י לְךָ֔ אֵ֖ת עֲשָׂרָ֥ה הַשְּׁבָטִֽים׃ | 31 |
और उसने युरब'आम से कहा कि “तू अपने लिए दस टुकड़े ले ले; क्यूँकि ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा ऐसा कहता है कि देख, मैं सुलेमान के हाथ से हुकूमत छीन लूँगा, और दस क़बीले तुझे दूँगा।
וְהַשֵּׁ֥בֶט הָאֶחָ֖ד יִֽהְיֶה־לּ֑וֹ לְמַ֣עַן ׀ עַבְדִּ֣י דָוִ֗ד וּלְמַ֙עַן֙ יְר֣וּשָׁלִַ֔ם הָעִיר֙ אֲשֶׁ֣ר בָּחַ֣רְתִּי בָ֔הּ מִכֹּ֖ל שִׁבְטֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 32 |
लेकिन मेरे बन्दे दाऊद की ख़ातिर और येरूशलेम या'नी उस शहर की ख़ातिर, जिसे मैंने बनी — इस्राईल के सब क़बीलों में से चुन लिया है, एक क़बीला उसके पास रहेगा
יַ֣עַן ׀ אֲשֶׁ֣ר עֲזָב֗וּנִי וַיִּֽשְׁתַּחֲווּ֮ לְעַשְׁתֹּרֶת֮ אֱלֹהֵ֣י צִֽדֹנִין֒ לִכְמוֹשׁ֙ אֱלֹהֵ֣י מוֹאָ֔ב וּלְמִלְכֹּ֖ם אֱלֹהֵ֣י בְנֵֽי־עַמּ֑וֹן וְלֹֽא־הָלְכ֣וּ בִדְרָכַ֗י לַעֲשׂ֨וֹת הַיָּשָׁ֧ר בְּעֵינַ֛י וְחֻקֹּתַ֥י וּמִשְׁפָּטַ֖י כְּדָוִ֥ד אָבִֽיו׃ | 33 |
क्यूँकि उन्होंने मुझे छोड़ दिया और सैदानियों की देवी इस्तारात और मोआबियों के मा'बूद कमोस और बनी 'अमोन के मा'बूद मिलकोम की इबादत की है, और मेरे रास्तों पर न चले कि वह काम करते जो मेरी नज़र में भला था, और मेरे क़ानून और अहकाम को मानते जैसा उसके बाप दाऊद ने किया।
וְלֹֽא־אֶקַּ֥ח אֶת־כָּל־הַמַּמְלָכָ֖ה מִיָּד֑וֹ כִּ֣י ׀ נָשִׂ֣יא אֲשִׁתֶ֗נּוּ כֹּ֚ל יְמֵ֣י חַיָּ֔יו לְמַ֨עַן דָּוִ֤ד עַבְדִּי֙ אֲשֶׁ֣ר בָּחַ֣רְתִּי אֹת֔וֹ אֲשֶׁ֥ר שָׁמַ֖ר מִצְוֹתַ֥י וְחֻקֹּתָֽי׃ | 34 |
फिर भी मैं सारी मुल्क उसके हाथ से नहीं ले लूँगा, बल्कि अपने बन्दा दाऊद की ख़ातिर, जिसे मैंने इसलिए चुन लिया कि उसने मेरे अहकाम और क़ानून माने, मैं इसकी उम्र भर इसे पेशवा बनाए रखूँगा।
וְלָקַחְתִּ֥י הַמְּלוּכָ֖ה מִיַּ֣ד בְּנ֑וֹ וּנְתַתִּ֣יהָ לְּךָ֔ אֵ֖ת עֲשֶׂ֥רֶת הַשְּׁבָטִֽים׃ | 35 |
लेकिन उसके बेटे के हाथ से हुकूमत या'नी दस क़बीलों को लेकर तुझे दूँगा;
וְלִבְנ֖וֹ אֶתֵּ֣ן שֵֽׁבֶט־אֶחָ֑ד לְמַ֣עַן הֱיֽוֹת־נִ֣יר לְדָֽוִיד־עַ֠בְדִּי כָּֽל־הַיָּמִ֤ים ׀ לְפָנַי֙ בִּיר֣וּשָׁלִַ֔ם הָעִיר֙ אֲשֶׁ֣ר בָּחַ֣רְתִּי לִ֔י לָשׂ֥וּם שְׁמִ֖י שָֽׁם׃ | 36 |
और उसके बेटे को एक क़बीला दूँगा, ताकि मेरे बन्दे दाऊद का चराग़ येरूशलेम, या'नी उस शहर में जिसे मैंने अपना नाम रखने के लिए चुन लिया है, हमेशा मेरे आगे रहे।
וְאֹתְךָ֣ אֶקַּ֔ח וּמָ֣לַכְתָּ֔ בְּכֹ֥ל אֲשֶׁר־תְּאַוֶּ֖ה נַפְשֶׁ֑ךָ וְהָיִ֥יתָ מֶּ֖לֶךְ עַל־יִשְׂרָאֵֽל׃ | 37 |
और मैं तुझे लूँगा, और तू अपने दिल की पूरी ख़्वाहिश के मुवाफ़िक हुकूमत करेगा और इस्राईल का बादशाह होगा।
וְהָיָ֗ה אִם־תִּשְׁמַע֮ אֶת־כָּל־אֲשֶׁ֣ר אֲצַוֶּךָ֒ וְהָלַכְתָּ֣ בִדְרָכַ֗י וְעָשִׂ֨יתָ הַיָּשָׁ֤ר בְּעֵינַי֙ לִשְׁמ֤וֹר חֻקּוֹתַי֙ וּמִצְוֹתַ֔י כַּאֲשֶׁ֥ר עָשָׂ֖ה דָּוִ֣ד עַבְדִּ֑י וְהָיִ֣יתִי עִמָּ֗ךְ וּבָנִ֨יתִי לְךָ֤ בַֽיִת־נֶאֱמָן֙ כַּאֲשֶׁ֣ר בָּנִ֣יתִי לְדָוִ֔ד וְנָתַתִּ֥י לְךָ֖ אֶת־יִשְׂרָאֵֽל׃ | 38 |
और ऐसा होगा कि अगर तू उन सब बातों को जिनका मैं तुझे हुक्म दूँ सुने, और मेरी रास्तों पर चले, और जो काम मेरी नज़र में भला है उसको करे, और मेरे क़ानूनऔर अहकाम को माने, जैसा मेरे बन्दा दाऊद ने किया, तो मैं तेरे साथ रहूँगा, और तेरे लिए एक मज़बूत घर बनाऊँगा, जैसा मैंने दाऊद के लिए बनाया, और इस्राईल को तुझे दे दूँगा।
וַֽאעַנֶּ֛ה אֶת־זֶ֥רַע דָּוִ֖ד לְמַ֣עַן זֹ֑את אַ֖ךְ לֹ֥א כָל־הַיָּמִֽים׃ ס | 39 |
और मैं इसी वजह से दाऊद की नसल को दुख दूँगा, लेकिन हमेशा तक नहीं।”
וַיְבַקֵּ֥שׁ שְׁלֹמֹ֖ה לְהָמִ֣ית אֶת־יָרָבְעָ֑ם וַיָּ֣קָם יָרָבְעָ֗ם וַיִּבְרַ֤ח מִצְרַ֙יִם֙ אֶל־שִׁישַׁ֣ק מֶֽלֶךְ־מִצְרַ֔יִם וַיְהִ֥י בְמִצְרַ֖יִם עַד־מ֥וֹת שְׁלֹמֹֽה׃ | 40 |
इसलिए सुलेमान युरब'आम के क़त्ल के पीछे पड़ गया, लेकिन युरब'आम उठकर मिस्र को शाह — ए — मिस्र सीसक के पास भाग गया और सुलेमान की वफ़ात तक मिस्र में रहा।
וְיֶ֨תֶר דִּבְרֵ֧י שְׁלֹמֹ֛ה וְכָל־אֲשֶׁ֥ר עָשָׂ֖ה וְחָכְמָת֑וֹ הֲלֽוֹא־הֵ֣ם כְּתֻבִ֔ים עַל־סֵ֖פֶר דִּבְרֵ֥י שְׁלֹמֹֽה׃ | 41 |
सुलेमान का बाक़ी हाल और सब कुछ जो उसने किया और उसकी हिकमत: इसलिए क्या वह सुलेमान के अहवाल की किताब में दर्ज नहीं?
וְהַיָּמִ֗ים אֲשֶׁר֩ מָלַ֨ךְ שְׁלֹמֹ֤ה בִירוּשָׁלִַ֙ם֙ עַל־כָּל־יִשְׂרָאֵ֔ל אַרְבָּעִ֖ים שָׁנָֽה׃ | 42 |
और वह मुद्दत जिसमें सुलेमान ने येरूशलेम में सब इस्राईल पर हुकूमत की चालीस साल की थी।
וַיִּשְׁכַּ֤ב שְׁלֹמֹה֙ עִם־אֲבֹתָ֔יו וַיִּ֨קָּבֵ֔ר בְּעִ֖יר דָּוִ֣ד אָבִ֑יו וַיִּמְלֹ֛ךְ רְחַבְעָ֥ם בְּנ֖וֹ תַּחְתָּֽיו׃ ס | 43 |
और सुलेमान अपने बाप — दादा के साथ सो गया, और अपने बाप दाऊद के शहर में दफ़्न हुआ, और उसका बेटा रहुब'आम उसकी जगह बादशाह हुआ।