< תְהִלִּים 24 >
לְדָוִ֗ד מִ֫זְמֹ֥ור לַֽ֭יהוָה הָאָ֣רֶץ וּמְלֹואָ֑הּ תֵּ֝בֵ֗ל וְיֹ֣שְׁבֵי בָֽהּ׃ | 1 |
दावीद की रचना. एक स्तोत्र. पृथ्वी और पृथ्वी में जो कुछ भी है, सभी कुछ याहवेह का ही है. संसार और वे सभी, जो इसमें निवास करते हैं, उन्हीं के हैं;
כִּי־ה֖וּא עַל־יַמִּ֣ים יְסָדָ֑הּ וְעַל־נְ֝הָרֹ֗ות יְכֹונְנֶֽהָ׃ | 2 |
क्योंकि उन्हीं ने महासागर पर इसकी नींव रखी तथा जलप्रवाहों पर इसे स्थिर किया.
מִֽי־יַעֲלֶ֥ה בְהַר־יְהוָ֑ה וּמִי־יָ֝קוּם בִּמְקֹ֥ום קָדְשֹֽׁו׃ | 3 |
कौन चढ़ सकेगा याहवेह के पर्वत पर? कौन खड़ा रह सकेगा उनके पवित्र स्थान में?
נְקִ֥י כַפַּ֗יִם וּֽבַר־לֵ֫בָ֥ב אֲשֶׁ֤ר ׀ לֹא־נָשָׂ֣א לַשָּׁ֣וְא נַפְשִׁ֑י וְלֹ֖א נִשְׁבַּ֣ע לְמִרְמָֽה׃ | 4 |
वही, जिसके हाथ निर्मल और हृदय शुद्ध है, जो मूर्तियों पर भरोसा नही रखता, जो झूठी शपथ नहीं करता.
יִשָּׂ֣א בְ֭רָכָה מֵאֵ֣ת יְהוָ֑ה וּ֝צְדָקָ֗ה מֵאֱלֹהֵ֥י יִשְׁעֹֽו׃ | 5 |
उस पर याहवेह की आशीष स्थायी रहेगी. परमेश्वर, उसका छुड़ाने वाला, उसे धर्मी घोषित करेंगे.
זֶ֭ה דֹּ֣ור דֹּרְשֹׁו (דֹּרְשָׁ֑יו) מְבַקְשֵׁ֨י פָנֶ֖יךָ יַעֲקֹ֣ב סֶֽלָה׃ | 6 |
यही है वह पीढ़ी, जो याहवेह की कृपादृष्टि खोजने वाली, जो आपके दर्शन की अभिलाषी है, हे याकोब के परमेश्वर!
שְׂא֤וּ שְׁעָרִ֨ים ׀ רָֽאשֵׁיכֶ֗ם וְֽ֭הִנָּשְׂאוּ פִּתְחֵ֣י עֹולָ֑ם וְ֝יָבֹ֗וא מֶ֣לֶךְ הַכָּבֹֽוד׃ | 7 |
प्रवेश द्वारो, ऊंचे करो अपने मस्तक; प्राचीन किवाड़ो, ऊंचे हो जाओ, कि महातेजस्वी महाराज प्रवेश कर सकें.
מִ֥י זֶה֮ מֶ֤לֶךְ הַכָּ֫בֹ֥וד יְ֭הוָה עִזּ֣וּז וְגִבֹּ֑ור יְ֝הוָ֗ה גִּבֹּ֥ור מִלְחָמָֽה׃ | 8 |
यह महातेजस्वी राजा हैं कौन? याहवेह, तेजी और समर्थ, याहवेह, युद्ध में पराक्रमी.
שְׂא֤וּ שְׁעָרִ֨ים ׀ רָֽאשֵׁיכֶ֗ם וּ֭שְׂאוּ פִּתְחֵ֣י עֹולָ֑ם וְ֝יָבֹא מֶ֣לֶךְ הַכָּבֹֽוד׃ | 9 |
प्रवेश द्वारों, ऊंचा करो अपने मस्तक; प्राचीन किवाड़ों, ऊंचे हो जाओ, कि महातेजस्वी महाराज प्रवेश कर सकें.
מִ֤י ה֣וּא זֶה֮ מֶ֤לֶךְ הַכָּ֫בֹ֥וד יְהוָ֥ה צְבָאֹ֑ות ה֤וּא מֶ֖לֶךְ הַכָּבֹ֣וד סֶֽלָה׃ | 10 |
यह महातेजस्वी राजा कौन है? सर्वशक्तिमान याहवेह! वही हैं महातेजस्वी महाराजा.