< תְהִלִּים 133 >

שִׁ֥יר הַֽמַּעֲלֹ֗ות לְדָ֫וִ֥ד הִנֵּ֣ה מַה־טֹּ֭וב וּמַה־נָּעִ֑ים שֶׁ֖בֶת אַחִ֣ים גַּם־יָֽחַד׃ 1
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. दावीद की रचना. कैसी आदर्श और मनोरम है वह स्थिति जब भाइयों में परस्पर एकता होती है!
כַּשֶּׁ֤מֶן הַטֹּ֨וב ׀ עַל־הָרֹ֗אשׁ יֹרֵ֗ד עַֽל־הַזָּקָ֥ן זְקַֽן־אַהֲרֹ֑ן שֶׁ֝יֹּרֵ֗ד עַל־פִּ֥י מִדֹּותָֽיו׃ 2
यह वैसी ही मनोरम स्थिति है, जब सुगंध द्रव्य पुरोहित के सिर पर उंडेला जाता है, और बहता हुआ दाढ़ी तक पहुंच जाता है, हां, अहरोन की दाढ़ी पर बहता हुआ, उसके वस्त्र की छोर तक जा पहुंचता है.
כְּטַל־חֶרְמֹ֗ון שֶׁיֹּרֵד֮ עַל־הַרְרֵ֪י צִ֫יֹּ֥ון כִּ֤י שָׁ֨ם ׀ צִוָּ֣ה יְ֭הוָה אֶת־הַבְּרָכָ֑ה חַ֝יִּ֗ים עַד־הָעֹולָֽם׃ 3
हरमोन पर्वत की ओस के समान, जो ज़ियोन पर्वत पर पड़ती है. क्योंकि वही है वह स्थान, जहां याहवेह सर्वदा जीवन की आशीष प्रदान करते हैं.

< תְהִלִּים 133 >