< תְהִלִּים 125 >

שִׁ֗יר הַֽמַּ֫עֲלֹ֥ות הַבֹּטְחִ֥ים בַּיהוָ֑ה כְּֽהַר־צִיֹּ֥ון לֹא־יִ֝מֹּ֗וט לְעֹולָ֥ם יֵשֵֽׁב׃ 1
आराधना के लिए यात्रियों का गीत. जिन्होंने याहवेह पर भरोसा किया है, वे ज़ियोन पर्वत समान हैं, जिसे हिलाया नहीं जा सकता, जो सदा-सर्वदा स्थायी है.
יְֽרוּשָׁלַ֗͏ִם הָרִים֮ סָבִ֪יב לָ֥הּ וַ֭יהוָה סָבִ֣יב לְעַמֹּ֑ו מֵ֝עַתָּ֗ה וְעַד־עֹולָֽם׃ 2
जिस प्रकार पर्वतों ने येरूशलेम को घेरा हुआ है, उसी प्रकार याहवेह भी अपनी प्रजा को घेरे हुए हैं आज भी और सदा-सर्वदा.
כִּ֤י לֹ֪א יָנ֡וּחַ שֵׁ֤בֶט הָרֶ֗שַׁע עַל֮ גֹּורַ֪ל הַֽצַּדִּ֫יקִ֥ים לְמַ֡עַן לֹא־יִשְׁלְח֖וּ הַצַּדִּיקִ֨ים בְּעַוְלָ֬תָה יְדֵיהֶֽם׃ 3
धर्मियों को आवंटित भूमि पर दुष्टों का राजदंड स्थायी न रहेगा, कहीं ऐसा न हो कि धर्मियों के हाथ बुराई की ओर बढ़ जाएं.
הֵיטִ֣יבָה יְ֭הוָה לַטֹּובִ֑ים וְ֝לִֽישָׁרִ֗ים בְּלִבֹּותָֽם׃ 4
याहवेह, धर्मियों का कल्याण कीजिए, उनका, जिनके हृदय निष्ठ हैं.
וְהַמַּטִּ֤ים עַֽקַלְקַלֹּותָ֗ם יֹולִיכֵ֣ם יְ֭הוָה אֶת־פֹּעֲלֵ֣י הָאָ֑וֶן שָׁ֝לֹ֗ום עַל־יִשְׂרָאֵֽל׃ 5
उन्हें, जो दुष्टता के मार्ग की ओर मुड़ जाते हैं, याहवेह उन्हें दुष्टों के साथ काट देंगे. इस्राएल राष्ट्र में शांति व्याप्‍त हो.

< תְהִלִּים 125 >