< מַלְאָכִי 2 >

וְעַתָּ֗ה אֲלֵיכֶ֛ם הַמִּצְוָ֥ה הַזֹּ֖את הַכֹּהֲנִֽים׃ 1
“और अब, हे पुरोहितो, यह चेतावनी तुम्हारे लिए है.
אִם־לֹ֣א תִשְׁמְע֡וּ וְאִם־לֹא֩ תָשִׂ֨ימוּ עַל־לֵ֜ב לָתֵ֧ת כָּבֹ֣וד לִשְׁמִ֗י אָמַר֙ יְהוָ֣ה צְבָאֹ֔ות וְשִׁלַּחְתִּ֤י בָכֶם֙ אֶת־הַמְּאֵרָ֔ה וְאָרֹותִ֖י אֶת־בִּרְכֹֽותֵיכֶ֑ם וְגַם֙ אָרֹותִ֔יהָ כִּ֥י אֵינְכֶ֖ם שָׂמִ֥ים עַל־לֵֽב׃ 2
यदि तुम नहीं सुनते हो, और यदि तुम मेरे नाम का आदर करने का निश्चय नहीं करते हो,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है, “तो मैं तुमको एक शाप दूंगा, और मैं तुम्हारी आशीषों को श्रापित करूंगा. हां, मैं उन्हें पहले ही शापित कर चुका हूं, क्योंकि तुमने मेरा आदर न करने का निश्चय किया है.
הִנְנִ֨י גֹעֵ֤ר לָכֶם֙ אֶת־הַזֶּ֔רַע וְזֵרִ֤יתִי פֶ֙רֶשׁ֙ עַל־פְּנֵיכֶ֔ם פֶּ֖רֶשׁ חַגֵּיכֶ֑ם וְנָשָׂ֥א אֶתְכֶ֖ם אֵלָֽיו׃ 3
“तुम्हारे कारण मैं तुम्हारी संतान को डांटूंगा; तुम्हारे त्योहार में बलिदान किए गये पशुओं के गोबर को मैं तुम्हारे चेहरों पर मलूंगा, और तुम्हें इसी स्थिति में ले जाया जाएगा.
וִֽידַעְתֶּ֕ם כִּ֚י שִׁלַּ֣חְתִּי אֲלֵיכֶ֔ם אֵ֖ת הַמִּצְוָ֣ה הַזֹּ֑את לִֽהְיֹ֤ות בְּרִיתִי֙ אֶת־לֵוִ֔י אָמַ֖ר יְהוָ֥ה צְבָאֹֽות׃ 4
तब तुम जानोगे कि मैंने ये चेतावनी दी है, ताकि लेवी के साथ बांधी गई मेरी वाचा बनी रहे,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है.
בְּרִיתִ֣י ׀ הָיְתָ֣ה אִתֹּ֗ו הַֽחַיִּים֙ וְהַ֨שָּׁלֹ֔ום וָאֶתְּנֵֽם־לֹ֥ו מֹורָ֖א וַיִּֽירָאֵ֑נִי וּמִפְּנֵ֥י שְׁמִ֖י נִחַ֥ת הֽוּא׃ 5
“मेरी वाचा उसके साथ थी; यह जीवन और शांति की एक वाचा थी, और मैंने इस वाचा को उसे दिया था; यह आदर सम्मान के लिये था और उसने मेरा आदर सम्मान किया और मेरे नाम का भय माना.
תֹּורַ֤ת אֱמֶת֙ הָיְתָ֣ה בְּפִ֔יהוּ וְעַוְלָ֖ה לֹא־נִמְצָ֣א בִשְׂפָתָ֑יו בְּשָׁלֹ֤ום וּבְמִישֹׁור֙ הָלַ֣ךְ אִתִּ֔י וְרַבִּ֖ים הֵשִׁ֥יב מֵעָוֹֽן׃ 6
वह अपने मुंह से सही निर्देश देता था, और उसके मुंह से कोई गलत बात नहीं निकलती थी. वह शांति और ईमानदारी से मेरे साथ चलता था, और उसने बहुतों को पापमय जीवन से लौटा ले आया.
כִּֽי־שִׂפְתֵ֤י כֹהֵן֙ יִשְׁמְרוּ־דַ֔עַת וְתֹורָ֖ה יְבַקְשׁ֣וּ מִפִּ֑יהוּ כִּ֛י מַלְאַ֥ךְ יְהוָֽה־צְבָאֹ֖ות הֽוּא׃ 7
“क्योंकि एक पुरोहित को अपनी बातों से ज्ञान को बनाए रखना चाहिये, क्योंकि वह सर्वशक्तिमान याहवेह का संदेशवाहक है और लोग उससे शिक्षा पाने की आशा रखते हैं.
וְאַתֶּם֙ סַרְתֶּ֣ם מִן־הַדֶּ֔רֶךְ הִכְשַׁלְתֶּ֥ם רַבִּ֖ים בַּתֹּורָ֑ה שִֽׁחַתֶּם֙ בְּרִ֣ית הַלֵּוִ֔י אָמַ֖ר יְהוָ֥ה צְבָאֹֽות׃ 8
परंतु तुम सही रास्ते से भटक गये हो, और तुम्हारी शिक्षा से बहुतों ने ठोकर खाई है; तुमने लेवी के साथ बांधी गई वाचा को तोड़ दिया है,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है.
וְגַם־אֲנִ֞י נָתַ֧תִּי אֶתְכֶ֛ם נִבְזִ֥ים וּשְׁפָלִ֖ים לְכָל־הָעָ֑ם כְּפִ֗י אֲשֶׁ֤ר אֵֽינְכֶם֙ שֹׁמְרִ֣ים אֶת־דְּרָכַ֔י וְנֹשְׂאִ֥ים פָּנִ֖ים בַּתֹּורָֽה׃ פ 9
“इसलिये मैंने तुमको सब लोगों के सामने तुच्छ जाना है और तुम्हें अपमानित किया है, क्योंकि तुम मेरे बताए रास्ते पर नहीं चले हो, और कानून के मामले में पक्षपात किए हो.”
הֲלֹ֨וא אָ֤ב אֶחָד֙ לְכֻלָּ֔נוּ הֲלֹ֛וא אֵ֥ל אֶֽחָ֖ד בְּרָאָ֑נוּ מַדּ֗וּעַ נִבְגַּד֙ אִ֣ישׁ בְּאָחִ֔יו לְחַלֵּ֖ל בְּרִ֥ית אֲבֹתֵֽינוּ׃ 10
क्या हम सभी के एक ही पिता नहीं? क्या एक ही परमेश्वर ने हमारी सृष्टि नहीं की? तब हम क्यों एक दूसरे से विश्वासघात करके अपने पूर्वजों की वाचा को तोड़ देते हैं?
בָּגְדָ֣ה יְהוּדָ֔ה וְתֹועֵבָ֛ה נֶעֶשְׂתָ֥ה בְיִשְׂרָאֵ֖ל וּבִירֽוּשָׁלָ֑͏ִם כִּ֣י ׀ חִלֵּ֣ל יְהוּדָ֗ה קֹ֤דֶשׁ יְהוָה֙ אֲשֶׁ֣ר אָהֵ֔ב וּבָעַ֖ל בַּת־אֵ֥ל נֵכָֽר׃ 11
यहूदाह ने विश्वासघात किया है. इस्राएल तथा येरूशलेम में एक घृणित काम किया गया है: यहूदाह ने उन स्त्रियों से विवाह किया है, जो दूसरे देवताओं की आराधना करती हैं और ऐसा करके उसने याहवेह के उस पवित्र स्थान को अपवित्र किया है जिससे याहवेह प्रेम करता है.
יַכְרֵ֨ת יְהוָ֜ה לָאִ֨ישׁ אֲשֶׁ֤ר יַעֲשֶׂ֙נָּה֙ עֵ֣ר וְעֹנֶ֔ה מֵאָהֳלֵ֖י יַֽעֲקֹ֑ב וּמַגִּ֣ישׁ מִנְחָ֔ה לַֽיהוָ֖ה צְבָאֹֽות׃ פ 12
जो भी व्यक्ति ऐसा करता है, वह कोई भी क्यों न हो, उसे याहवेह याकोब के तंबुओं से निकाल दे—भले ही वह व्यक्ति सर्वशक्तिमान याहवेह को चढ़ाने के लिये एक बलिदान लाए.
וְזֹאת֙ שֵׁנִ֣ית תַּֽעֲשׂ֔וּ כַּסֹּ֤ות דִּמְעָה֙ אֶת־מִזְבַּ֣ח יְהוָ֔ה בְּכִ֖י וַֽאֲנָקָ֑ה מֵאֵ֣ין עֹ֗וד פְּנֹות֙ אֶל־הַמִּנְחָ֔ה וְלָקַ֥חַת רָצֹ֖ון מִיֶּדְכֶֽם׃ 13
दूसरा काम तुम यह करते हो: तुम रोते हुए याहवेह की वेदी को अपने आंसुओं से भिगो देते हो. तुम रोते और विलाप करते हो क्योंकि अब याहवेह तुम्हारी भेंटों पर कृपादृष्टि नहीं करते या खुश होकर उन्हें तुम्हारे हाथों ग्रहण नहीं करते.
וַאֲמַרְתֶּ֖ם עַל־מָ֑ה עַ֡ל כִּי־יְהוָה֩ הֵעִ֨יד בֵּינְךָ֜ וּבֵ֣ין ׀ אֵ֣שֶׁת נְעוּרֶ֗יךָ אֲשֶׁ֤ר אַתָּה֙ בָּגַ֣דְתָּה בָּ֔הּ וְהִ֥יא חֲבֶרְתְּךָ֖ וְאֵ֥שֶׁת בְּרִיתֶֽךָ׃ 14
तुम पूछते हो, “ऐसा क्यों?” ऐसा इसलिये होता है, क्योंकि याहवेह तुम्हारे और तुम्हारे जवानी के दिनों की पत्नी के बीच गवाह है. तुमने उसके साथ विश्वासघात किया है, यद्यपि वह तुम्हारे जीवन भर की साथी और शादी में किए गये वाचा की तुम्हारी पत्नी है.
וְלֹא־אֶחָ֣ד עָשָׂ֗ה וּשְׁאָ֥ר ר֙וּחַ֙ לֹ֔ו וּמָה֙ הָֽאֶחָ֔ד מְבַקֵּ֖שׁ זֶ֣רַע אֱלֹהִ֑ים וְנִשְׁמַרְתֶּם֙ בְּר֣וּחֲכֶ֔ם וּבְאֵ֥שֶׁת נְעוּרֶ֖יךָ אַל־יִבְגֹּֽד׃ 15
क्या तुम्हें एक परमेश्वर ने नहीं बनाया? तुम्हारी देह और आत्मा उसकी है. और एक परमेश्वर किस बात की अपेक्षा करता है? श्रद्धा करनेवाली संतान. इसलिये सावधान रहो, और अपने जवानी के दिनों की पत्नी के साथ विश्वासघात मत करो.
כִּֽי־שָׂנֵ֣א שַׁלַּ֗ח אָמַ֤ר יְהוָה֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל וְכִסָּ֤ה חָמָס֙ עַל־לְבוּשֹׁ֔ו אָמַ֖ר יְהוָ֣ה צְבָאֹ֑ות וְנִשְׁמַרְתֶּ֥ם בְּרוּחֲכֶ֖ם וְלֹ֥א תִבְגֹּֽדוּ׃ ס 16
याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का कहना है, “जो व्यक्ति अपनी पत्नी से घृणा करता और उसे तलाक देता है, तो वह उस पर हिंसा करता है जिसकी उसने रक्षा करना चाहिये,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है. इसलिये सावधान रहो, और विश्वासघात मत करो.
הֹוגַעְתֶּ֤ם יְהוָה֙ בְּדִבְרֵיכֶ֔ם וַאֲמַרְתֶּ֖ם בַּמָּ֣ה הֹוגָ֑עְנוּ בֶּאֱמָרְכֶ֗ם כָּל־עֹ֨שֵׂה רָ֜ע טֹ֣וב ׀ בְּעֵינֵ֣י יְהוָ֗ה וּבָהֶם֙ ה֣וּא חָפֵ֔ץ אֹ֥ו אַיֵּ֖ה אֱלֹהֵ֥י הַמִּשְׁפָּֽט׃ 17
तुमने अपनी बातों से याहवेह को खिन्‍न कर दिया है. और तुम पूछते हो, “हमने उन्हें कैसे खिन्‍न किया है?” ये कहने के द्वारा, “वे सब जो बुरे काम करते हैं, वे याहवेह की दृष्टि में अच्छे व्यक्ति हैं, और याहवेह उनसे खुश हैं” या “न्यायी परमेश्वर कहां है?”

< מַלְאָכִי 2 >