< וַיִּקְרָא 25 >
וַיְדַבֵּ֤ר יְהוָה֙ אֶל־מֹשֶׁ֔ה בְּהַ֥ר סִינַ֖י לֵאמֹֽר׃ | 1 |
याहवेह ने मोशेह को सीनायी पर्वत पर आज्ञा दी,
דַּבֵּ֞ר אֶל־בְּנֵ֤י יִשְׂרָאֵל֙ וְאָמַרְתָּ֣ אֲלֵהֶ֔ם כִּ֤י תָבֹ֙אוּ֙ אֶל־הָאָ֔רֶץ אֲשֶׁ֥ר אֲנִ֖י נֹתֵ֣ן לָכֶ֑ם וְשָׁבְתָ֣ה הָאָ֔רֶץ שַׁבָּ֖ת לַיהוָֽה׃ | 2 |
“इस्राएल के घराने को यह आज्ञा दो: ‘जब तुम उस देश में प्रवेश करोगे, जो मैं तुम्हें दूंगा, तब याहवेह के लिए उस देश में एक शब्बाथ होगा.
שֵׁ֤שׁ שָׁנִים֙ תִּזְרַ֣ע שָׂדֶ֔ךָ וְשֵׁ֥שׁ שָׁנִ֖ים תִּזְמֹ֣ר כַּרְמֶ֑ךָ וְאָסַפְתָּ֖ אֶת־תְּבוּאָתָֽהּ׃ | 3 |
तुम छः वर्ष तो अपने खेत में बीज बोओगे और अंगूर की बारी की छंटाई तथा उसकी उपज इकट्ठा करोगे,
וּבַשָּׁנָ֣ה הַשְּׁבִיעִ֗ת שַׁבַּ֤ת שַׁבָּתֹון֙ יִהְיֶ֣ה לָאָ֔רֶץ שַׁבָּ֖ת לַיהוָ֑ה שָֽׂדְךָ֙ לֹ֣א תִזְרָ֔ע וְכַרְמְךָ֖ לֹ֥א תִזְמֹֽר׃ | 4 |
किंतु सातवें वर्ष में भूमि के लिए शब्बाथ-विश्राम होगा याहवेह के लिए शब्बाथ; न तो तुम अपने खेतों में बीज बोना और न ही अपनी अंगूर की बारी की छंटाई करना.
אֵ֣ת סְפִ֤יחַ קְצִֽירְךָ֙ לֹ֣א תִקְצֹ֔ור וְאֶת־עִנְּבֵ֥י נְזִירֶ֖ךָ לֹ֣א תִבְצֹ֑ר שְׁנַ֥ת שַׁבָּתֹ֖ון יִהְיֶ֥ה לָאָֽרֶץ׃ | 5 |
उपज इकट्ठा करने के बाद अपने आप उगी हुई उपज इकट्ठा न करना; यह भूमि के लिए शब्बाथ वर्ष होगा.
וְ֠הָיְתָה שַׁבַּ֨ת הָאָ֤רֶץ לָכֶם֙ לְאָכְלָ֔ה לְךָ֖ וּלְעַבְדְּךָ֣ וְלַאֲמָתֶ֑ךָ וְלִשְׂכִֽירְךָ֙ וּלְתֹושָׁ֣בְךָ֔ הַגָּרִ֖ים עִמָּֽךְ׃ | 6 |
शब्बाथ काल में भूमि से उत्पन्न उपज तुम सभी के भोजन के लिए होंगी—तुम्हारे लिए, तुम्हारे दासों और दासियों के लिए, मजदूरों के लिए, तुम्हारे बीच रह रहे विदेशियों के लिए, तुम्हारे पशुओं और तुम्हारे देश के जंगली पशुओं के लिए; यह उपज सभी के भोजन के लिए होगी.
וְלִ֨בְהֶמְתְּךָ֔ וְלַֽחַיָּ֖ה אֲשֶׁ֣ר בְּאַרְצֶ֑ךָ תִּהְיֶ֥ה כָל־תְּבוּאָתָ֖הּ לֶאֱכֹֽל׃ ס | 7 |
וְסָפַרְתָּ֣ לְךָ֗ שֶׁ֚בַע שַׁבְּתֹ֣ת שָׁנִ֔ים שֶׁ֥בַע שָׁנִ֖ים שֶׁ֣בַע פְּעָמִ֑ים וְהָי֣וּ לְךָ֗ יְמֵי֙ שֶׁ֚בַע שַׁבְּתֹ֣ת הַשָּׁנִ֔ים תֵּ֥שַׁע וְאַרְבָּעִ֖ים שָׁנָֽה׃ | 8 |
“‘तुम सात शब्बाथ वर्षों की भी गिनती करना; सात गुणा सात वर्ष, कि ये सात शब्बाथ वर्ष अर्थात् उनचास वर्ष हों.
וְהֽ͏ַעֲבַרְתָּ֞ שֹׁופַ֤ר תְּרוּעָה֙ בַּחֹ֣דֶשׁ הַשְּׁבִעִ֔י בֶּעָשֹׂ֖ור לַחֹ֑דֶשׁ בְּיֹום֙ הַכִּפֻּרִ֔ים תַּעֲבִ֥ירוּ שֹׁופָ֖ר בְּכָל־אַרְצְכֶֽם׃ | 9 |
सातवें माह के दसवें दिन ऊंची आवाज से तुरही फूंकोगे. प्रायश्चित दिवस पर पूरे देश में तुरही फूंकोगे.
וְקִדַּשְׁתֶּ֗ם אֵ֣ת שְׁנַ֤ת הַחֲמִשִּׁים֙ שָׁנָ֔ה וּקְרָאתֶ֥ם דְּרֹ֛ור בָּאָ֖רֶץ לְכָל־יֹשְׁבֶ֑יהָ יֹובֵ֥ל הִוא֙ תִּהְיֶ֣ה לָכֶ֔ם וְשַׁבְתֶּ֗ם אִ֚ישׁ אֶל־אֲחֻזָּתֹ֔ו וְאִ֥ישׁ אֶל־מִשְׁפַּחְתֹּ֖ו תָּשֻֽׁבוּ׃ | 10 |
तुम्हें पचासवें वर्ष को पवित्र करना होगा और सारे देश के निवासियों के लिए छुटकारे की घोषणा करनी होगी. यह वर्ष तुम्हारे लिए योवेल वर्ष कहलाएगा और तुममें से हर एक की पैतृक संपत्ति अपने-अपने परिवार को लौट आएगा.
יֹובֵ֣ל הִ֗וא שְׁנַ֛ת הַחֲמִשִּׁ֥ים שָׁנָ֖ה תִּהְיֶ֣ה לָכֶ֑ם לֹ֣א תִזְרָ֔עוּ וְלֹ֤א תִקְצְרוּ֙ אֶת־סְפִיחֶ֔יהָ וְלֹ֥א תִבְצְר֖וּ אֶת־נְזִרֶֽיהָ׃ | 11 |
पचासवां वर्ष योवेल वर्ष के रूप में मनाया जाए; इस वर्ष न तो तुम बीज बोना, न अपने आप उगी हुई फसल इकट्ठी करोगे और न उन अंगूर की लताओं से अंगूर इकट्ठा करोगे, जिन्हें छांटा न गया हो.
כִּ֚י יֹובֵ֣ל הִ֔וא קֹ֖דֶשׁ תִּהְיֶ֣ה לָכֶ֑ם מִן־הַ֨שָּׂדֶ֔ה תֹּאכְל֖וּ אֶת־תְּבוּאָתָֽהּ׃ | 12 |
क्योंकि यह योवेल है; यह तुम्हारे लिए पवित्र होगा. तुम खेतों की उपज को खा सकते हो.
בִּשְׁנַ֥ת הַיֹּובֵ֖ל הַזֹּ֑את תָּשֻׁ֕בוּ אִ֖ישׁ אֶל־אֲחֻזָּתֹֽו׃ | 13 |
“‘इस योवेल वर्ष में तुममें से हर एक अपनी पैतृक भूमि को लौट जाएगा.
וְכִֽי־תִמְכְּר֤וּ מִמְכָּר֙ לַעֲמִיתֶ֔ךָ אֹ֥ו קָנֹ֖ה מִיַּ֣ד עֲמִיתֶ֑ךָ אַל־תֹּונ֖וּ אִ֥ישׁ אֶת־אָחִֽיו׃ | 14 |
“‘यदि तुम अपने पड़ोसी को कुछ भी बेचो अथवा उससे कुछ भी खरीदो, तो तुम एक दूसरे से छल न करना.
בְּמִסְפַּ֤ר שָׁנִים֙ אַחַ֣ר הַיֹּובֵ֔ל תִּקְנֶ֖ה מֵאֵ֣ת עֲמִיתֶ֑ךָ בְּמִסְפַּ֥ר שְׁנֵֽי־תְבוּאֹ֖ת יִמְכָּר־לָֽךְ׃ | 15 |
जब तुम अपने पड़ोसी से भूमि खरीदो, तो उसका मूल्य पिछले योवेल के बाद के वर्षों के अनुसार होना आवश्यक है, तथा बेचनेवाला भी इसका मूल्य अगले योवेल के पहले के वर्षों का ध्यान रखकर करे.
לְפִ֣י ׀ רֹ֣ב הַשָּׁנִ֗ים תַּרְבֶּה֙ מִקְנָתֹ֔ו וּלְפִי֙ מְעֹ֣ט הַשָּׁנִ֔ים תַּמְעִ֖יט מִקְנָתֹ֑ו כִּ֚י מִסְפַּ֣ר תְּבוּאֹ֔ת ה֥וּא מֹכֵ֖ר לָֽךְ׃ | 16 |
यदि अगले योवेल तक के वर्षों की संख्या अधिक है, तो मूल्य बढ़ेगा, यदि वर्षों की संख्या कम है, तो मूल्य भी कम होगा. वस्तुतः वह व्यक्ति, जो भूमि को बेच रहा है, तुम्हें कटनियों की संख्या बेच रहा है.
וְלֹ֤א תֹונוּ֙ אִ֣ישׁ אֶת־עֲמִיתֹ֔ו וְיָרֵ֖אתָ מֵֽאֱלֹהֶ֑יךָ כִּ֛י אֲנִ֥י יְהֹוָ֖ה אֱלֹהֵיכֶֽם׃ | 17 |
इसलिये तुम एक दूसरे से छल न करना, परंतु अपने परमेश्वर के प्रति श्रद्धा की भावना रखना; क्योंकि मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं.
וַעֲשִׂיתֶם֙ אֶת־חֻקֹּתַ֔י וְאֶת־מִשְׁפָּטַ֥י תִּשְׁמְר֖וּ וַעֲשִׂיתֶ֣ם אֹתָ֑ם וִֽישַׁבְתֶּ֥ם עַל־הָאָ֖רֶץ לָבֶֽטַח׃ | 18 |
“‘इसलिये तुम मेरी विधियों को मानना और मेरी आज्ञाओं का पालन कर उन्हें व्यवहार में लाना कि इस प्रकार तुम इस देश में सुरक्षापूर्वक निवास कर सको.
וְנָתְנָ֤ה הָאָ֙רֶץ֙ פִּרְיָ֔הּ וַאֲכַלְתֶּ֖ם לָשֹׂ֑בַע וִֽישַׁבְתֶּ֥ם לָבֶ֖טַח עָלֶֽיהָ׃ | 19 |
तब भूमि अपनी उपज उत्पन्न करेगी, ताकि तुम इसको भरपेट खाया करो, और इस प्रकार तुम इस देश में सुरक्षापूर्वक रह सको.
וְכִ֣י תֹאמְר֔וּ מַה־נֹּאכַ֖ל בַּשָּׁנָ֣ה הַשְּׁבִיעִ֑ת הֵ֚ן לֹ֣א נִזְרָ֔ע וְלֹ֥א נֶאֱסֹ֖ף אֶת־תְּבוּאָתֵֽנוּ׃ | 20 |
किंतु यदि तुम्हारा विचार यह हो, “यदि हमने सातवें वर्ष बीज नहीं बोया और उपज इकट्ठा नहीं की तो हम उस वर्ष क्या खाएंगे?”
וְצִוִּ֤יתִי אֶת־בִּרְכָתִי֙ לָכֶ֔ם בַּשָּׁנָ֖ה הַשִּׁשִּׁ֑ית וְעָשָׂת֙ אֶת־הַתְּבוּאָ֔ה לִשְׁלֹ֖שׁ הַשָּׁנִֽים׃ | 21 |
तब छठे वर्ष में मैं तुम्हारे लिए अपनी आशीषों को आदेश दूंगा कि भूमि तीन वर्षों के लिए पर्याप्त उपज उत्पन्न करे.
וּזְרַעְתֶּ֗ם אֵ֚ת הַשָּׁנָ֣ה הַשְּׁמִינִ֔ת וַאֲכַלְתֶּ֖ם מִן־הַתְּבוּאָ֣ה יָשָׁ֑ן עַ֣ד ׀ הַשָּׁנָ֣ה הַתְּשִׁיעִ֗ת עַד־בֹּוא֙ תְּב֣וּאָתָ֔הּ תֹּאכְל֖וּ יָשָֽׁן׃ | 22 |
जब तुम आठवें वर्ष बीज बोओगे, तो तब भी तुम बीते वर्षों में इकट्ठा की गई उपज को खा सकोगे, आठवें वर्ष की उपज आने पर भी तुम नौवें वर्ष तक इसको खा सकोगे.
וְהָאָ֗רֶץ לֹ֤א תִמָּכֵר֙ לִצְמִתֻ֔ת כִּי־לִ֖י הָאָ֑רֶץ כִּֽי־גֵרִ֧ים וְתֹושָׁבִ֛ים אַתֶּ֖ם עִמָּדִֽי׃ | 23 |
“‘भूमि सदा के लिए बेची न जाए, क्योंकि भूमि तो मेरी है; तुम तो मेरे साथ परदेशी और बाहरी मात्र हो.
וּבְכֹ֖ל אֶ֣רֶץ אֲחֻזַּתְכֶ֑ם גְּאֻלָּ֖ה תִּתְּנ֥וּ לָאָֽרֶץ׃ ס | 24 |
जब भी भूमि को खरीदो, तो खरीददार यह ध्यान रखे कि बेचनेवाले को इसके छुड़ाने का अधिकार है.
כִּֽי־יָמ֣וּךְ אָחִ֔יךָ וּמָכַ֖ר מֵאֲחֻזָּתֹ֑ו וּבָ֤א גֹֽאֲלֹו֙ הַקָּרֹ֣ב אֵלָ֔יו וְגָאַ֕ל אֵ֖ת מִמְכַּ֥ר אָחִֽיו׃ | 25 |
“‘यदि तुम्हारा कोई संबंधी इतना निर्धन हो जाता है कि उसे अपनी संपत्ति के अंश को बेचना पड़ता है, तो उसके नज़दीकी छुड़ाने वाला आकर उस संपत्ति को खरीद ले, जो उसके संबंधी द्वारा बेची गई है.
וְאִ֕ישׁ כִּ֛י לֹ֥א יִֽהְיֶה־לֹּ֖ו גֹּאֵ֑ל וְהִשִּׂ֣יגָה יָדֹ֔ו וּמָצָ֖א כְּדֵ֥י גְאֻלָּתֹֽו׃ | 26 |
और यदि उस व्यक्ति का कोई छुड़ाने वाला नहीं है, किंतु वह स्वयं ही इतना समृद्ध हो गया है, और अपनी भूमि को छुड़ाने के लिए उसके पास पर्याप्त धन है,
וְחִשַּׁב֙ אֶת־שְׁנֵ֣י מִמְכָּרֹ֔ו וְהֵשִׁיב֙ אֶת־הָ֣עֹדֵ֔ף לָאִ֖ישׁ אֲשֶׁ֣ר מָֽכַר־לֹ֑ו וְשָׁ֖ב לַאֲחֻזָּתֹֽו׃ | 27 |
तो वह इसके बेचे गए वर्षों से गिनती करे और जिस व्यक्ति को उसने यह बेचा था, उसे इसका बाकी मूल्य चुका दे, और इस प्रकार उसे अपनी संपत्ति दोबारा प्राप्त हो जाएगी.
וְאִ֨ם לֹֽא־מֽ͏ָצְאָ֜ה יָדֹ֗ו דֵּי֮ הָשִׁ֣יב לֹו֒ וְהָיָ֣ה מִמְכָּרֹ֗ו בְּיַד֙ הַקֹּנֶ֣ה אֹתֹ֔ו עַ֖ד שְׁנַ֣ת הַיֹּובֵ֑ל וְיָצָא֙ בַּיֹּבֵ֔ל וְשָׁ֖ב לַאֲחֻזָּתֹֽו׃ | 28 |
किंतु, यदि उसके पास इसे दोबारा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है, तब जो कुछ उसने बेचा है, वह सब योवेल वर्ष तक उसके खरीददार के पास ही रहेगा; किंतु योवेल वर्ष में यह छूटकर इसके असली स्वामी के पास लौट जाएगा.
וְאִ֗ישׁ כִּֽי־יִמְכֹּ֤ר בֵּית־מֹושַׁב֙ עִ֣יר חֹומָ֔ה וְהָיְתָה֙ גְּאֻלָּתֹ֔ו עַד־תֹּ֖ם שְׁנַ֣ת מִמְכָּרֹ֑ו יָמִ֖ים תִּהְיֶ֥ה גְאֻלָּתֹֽו׃ | 29 |
“‘इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति शहरपनाह वाले नगर में अपने घर को बेचता है, तो उसके छुड़ाने का अधिकार उसके बेचने के दिन से एक वर्ष तक मान्य रहेगा; छुड़ाने का उसका अधिकार पूरे एक वर्ष तक बना रहेगा.
וְאִ֣ם לֹֽא־יִגָּאֵ֗ל עַד־מְלֹ֣את לֹו֮ שָׁנָ֣ה תְמִימָה֒ וְ֠קָם הַבַּ֨יִת אֲשֶׁר־בָּעִ֜יר אֲשֶׁר־לֹא (לֹ֣ו) חֹמָ֗ה לַצְּמִיתֻ֛ת לַקֹּנֶ֥ה אֹתֹ֖ו לְדֹרֹתָ֑יו לֹ֥א יֵצֵ֖א בַּיֹּבֵֽל׃ | 30 |
किंतु यदि पूरे एक वर्ष की अवधि में इसको नहीं खरीदा गया, तब उस शहरपनाह वाले नगर में उस घर का अधिकार स्थायी रूप से उसके खरीददार और उसकी आनेवाली सभी पीढ़ियों का हो जाएगा; यह घर योवेल वर्ष में छुड़ाया नहीं जाएगा.
וּבָתֵּ֣י הַחֲצֵרִ֗ים אֲשֶׁ֨ר אֵין־לָהֶ֤ם חֹמָה֙ סָבִ֔יב עַל־שְׂדֵ֥ה הָאָ֖רֶץ יֵחָשֵׁ֑ב גְּאֻלָּה֙ תִּהְיֶה־לֹּ֔ו וּבַיֹּבֵ֖ל יֵצֵֽא׃ | 31 |
किंतु बिना शहरपनाह वाले गांवों के घरों को खेतों के बराबर समझा जाए; इनको छुड़ाया जा सकता है, और वे योवेल वर्ष में छुड़ा दिए जाएंगे.
וְעָרֵי֙ הַלְוִיִּ֔ם בָּתֵּ֖י עָרֵ֣י אֲחֻזָּתָ֑ם גְּאֻלַּ֥ת עֹולָ֖ם תִּהְיֶ֥ה לַלְוִיִּֽם׃ | 32 |
“‘जहां तक लेवियों के नगरों का संबंध है, लेवियों को अपने नगरों के घरों के, जो उनकी संपत्ति हैं, छुड़ाने का स्थायी अधिकार है.
וַאֲשֶׁ֤ר יִגְאַל֙ מִן־הַלְוִיִּ֔ם וְיָצָ֧א מִמְכַּר־בַּ֛יִת וְעִ֥יר אֲחֻזָּתֹ֖ו בַּיֹּבֵ֑ל כִּ֣י בָתֵּ֞י עָרֵ֣י הַלְוִיִּ֗ם הִ֚וא אֲחֻזָּתָ֔ם בְּתֹ֖וךְ בְּנֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃ | 33 |
इसलिये जो कुछ भी लेवियों का है, उसको छुड़ाया जा सकता है और नगर में उनकी संपत्ति से बेचा गया वह घर योवेल वर्ष में छुड़ा दिया जाएगा, क्योंकि इस्राएल के घराने के बीच लेवियों के नगरों के घर उनकी संपत्ति हैं.
וּֽשְׂדֵ֛ה מִגְרַ֥שׁ עָרֵיהֶ֖ם לֹ֣א יִמָּכֵ֑ר כִּֽי־אֲחֻזַּ֥ת עֹולָ֛ם ה֖וּא לָהֶֽם׃ ס | 34 |
किंतु उनके नगरों के चारों ओर की चराई की भूमि को न बेचा जाए, क्योंकि यह उनकी स्थायी संपत्ति है.
וְכִֽי־יָמ֣וּךְ אָחִ֔יךָ וּמָ֥טָה יָדֹ֖ו עִמָּ֑ךְ וְהֶֽחֱזַ֣קְתָּ בֹּ֔ו גֵּ֧ר וְתֹושָׁ֛ב וָחַ֖י עִמָּֽךְ׃ | 35 |
“‘यदि तुम्हारा कोई भाई-बन्धु कंगाल हो जाए, और यदि वह अपना हाथ तुम्हारे सामने फैलाए, तो तुम उसकी ठीक उसी प्रकार सहायता करना, मानो वह कोई विदेशी अथवा यात्री हो ताकि वह तुम्हारे साथ रह सके.
אַל־תִּקַּ֤ח מֵֽאִתֹּו֙ נֶ֣שֶׁךְ וְתַרְבִּ֔ית וְיָרֵ֖אתָ מֽ͏ֵאֱלֹהֶ֑יךָ וְחֵ֥י אָחִ֖יךָ עִמָּֽךְ׃ | 36 |
उससे ब्याज अथवा लाभ न लिया जाए, बल्कि तुम अपने परमेश्वर के प्रति श्रद्धा रखना कि तुम्हारा भाई-बन्धु तुम्हारे साथ रह सके.
אֶ֨ת־כַּסְפְּךָ֔ לֹֽא־תִתֵּ֥ן לֹ֖ו בְּנֶ֑שֶׁךְ וּבְמַרְבִּ֖ית לֹא־תִתֵּ֥ן אָכְלֶֽךָ׃ | 37 |
तुम उसे न तो अपना धन ब्याज पर दोगे और न ही भोजन लाभ कमाने के लालच से.
אֲנִ֗י יְהוָה֙ אֱלֹ֣הֵיכֶ֔ם אֲשֶׁר־הֹוצֵ֥אתִי אֶתְכֶ֖ם מֵאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם לָתֵ֤ת לָכֶם֙ אֶת־אֶ֣רֶץ כְּנַ֔עַן לִהְיֹ֥ות לָכֶ֖ם לֵאלֹהִֽים׃ ס | 38 |
मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं, जो तुम्हें मिस्र देश से इसलिये निकालकर लाया हूं, कि तुम्हें कनान देश प्रदान करूं, और तुम्हारे लिए तुम्हारा परमेश्वर हो जाऊं.
וְכִֽי־יָמ֥וּךְ אָחִ֛יךָ עִמָּ֖ךְ וְנִמְכַּר־לָ֑ךְ לֹא־תַעֲבֹ֥ד בֹּ֖ו עֲבֹ֥דַת עָֽבֶד׃ | 39 |
“‘यदि तुम्हारा कोई भाई-बन्धु इतना कंगाल हो जाए कि स्वयं को तुम्हें बेच दे, तो तुम उससे दास के समान सेवा न लेना.
כְּשָׂכִ֥יר כְּתֹושָׁ֖ב יִהְיֶ֣ה עִמָּ֑ךְ עַד־שְׁנַ֥ת הַיֹּבֵ֖ל יַעֲבֹ֥ד עִמָּֽךְ׃ | 40 |
वह तुम्हारे साथ मजदूरी पानेवाले व्यक्ति के समान रहे, मानो कि वह कोई यात्री हो. वह तुम्हारे साथ योवेल वर्ष तक काम करेगा.
וְיָצָא֙ מֵֽעִמָּ֔ךְ ה֖וּא וּבָנָ֣יו עִמֹּ֑ו וְשָׁב֙ אֶל־מִשְׁפַּחְתֹּ֔ו וְאֶל־אֲחֻזַּ֥ת אֲבֹתָ֖יו יָשֽׁוּב׃ | 41 |
फिर वह तुम्हारे अधिकार से मुक्त हो जाएगा, वह और उसके साथ उसकी संतान अपने गोत्र और अपने पूर्वजों की संपत्ति को लौट जाएगी.
כִּֽי־עֲבָדַ֣י הֵ֔ם אֲשֶׁר־הֹוצֵ֥אתִי אֹתָ֖ם מֵאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם לֹ֥א יִמָּכְר֖וּ מִמְכֶּ֥רֶת עָֽבֶד׃ | 42 |
क्योंकि इस्राएल तो मेरे सेवक हैं, जिन्हें मैं मिस्र से निकालकर लाया था; उनको दास के समान बेचा न जाए.
לֹא־תִרְדֶּ֥ה בֹ֖ו בְּפָ֑רֶךְ וְיָרֵ֖אתָ מֵאֱלֹהֶֽיךָ׃ | 43 |
तुम उस पर कठोरता पूर्वक शासन न करना, बल्कि अपने परमेश्वर के प्रति श्रद्धा बनाए रखना.
וְעַבְדְּךָ֥ וַאֲמָתְךָ֖ אֲשֶׁ֣ר יִהְיוּ־לָ֑ךְ מֵאֵ֣ת הַגֹּויִ֗ם אֲשֶׁר֙ סְבִיבֹ֣תֵיכֶ֔ם מֵהֶ֥ם תִּקְנ֖וּ עֶ֥בֶד וְאָמָֽה׃ | 44 |
“‘जहां तक तुम्हारे दास-दासियों का संबंध है, तुम अपने पड़ोसी गैर-यहूदी देशों से दास और दासियां प्राप्त कर सकते हो.
וְ֠גַם מִבְּנֵ֨י הַתֹּושָׁבִ֜ים הַגָּרִ֤ים עִמָּכֶם֙ מֵהֶ֣ם תִּקְנ֔וּ וּמִמִּשְׁפַּחְתָּם֙ אֲשֶׁ֣ר עִמָּכֶ֔ם אֲשֶׁ֥ר הֹולִ֖ידוּ בְּאַרְצְכֶ֑ם וְהָי֥וּ לָכֶ֖ם לֽ͏ַאֲחֻזָּֽה׃ | 45 |
तुम अपने बीच रह रहे यात्रियों से भी दासों को कर सकते हो तथा उनके गोत्रों से भी जिनका जन्म तुम्हारे देश में ही हुआ है, और वे तुम्हारे बीच ही रह रहे हैं; वे भी तुम्हारी संपत्ति हो सकते हैं.
וְהִתְנַחֲלְתֶּ֨ם אֹתָ֜ם לִבְנֵיכֶ֤ם אַחֲרֵיכֶם֙ לָרֶ֣שֶׁת אֲחֻזָּ֔ה לְעֹלָ֖ם בָּהֶ֣ם תַּעֲבֹ֑דוּ וּבְאַ֨חֵיכֶ֤ם בְּנֵֽי־יִשְׂרָאֵל֙ אִ֣ישׁ בְּאָחִ֔יו לֹא־תִרְדֶּ֥ה בֹ֖ו בְּפָֽרֶךְ׃ ס | 46 |
तुम उन्हें संपत्ति के समान अपने पुत्रों के अधिकार में स्थायी मीरास के रूप में भी दे सकते हो; तथा उनका प्रयोग स्थायी दासों के समान कर सकते हो. किंतु तुम इस्राएल के घराने में से अपने भाई-बंधुओं पर कठोरता पूर्वक शासन न करना.
וְכִ֣י תַשִּׂ֗יג יַ֣ד גֵּ֤ר וְתֹושָׁב֙ עִמָּ֔ךְ וּמָ֥ךְ אָחִ֖יךָ עִמֹּ֑ו וְנִמְכַּ֗ר לְגֵ֤ר תֹּושָׁב֙ עִמָּ֔ךְ אֹ֥ו לְעֵ֖קֶר מִשְׁפַּ֥חַת גֵּֽר׃ | 47 |
“‘यदि तुम्हारे साथ का कोई विदेशी अथवा यात्री धनी हो जाए, और तुम्हारा कोई भाई-बन्धु कंगाल तथा वह स्वयं को उस विदेशी अथवा यात्री, या उस विदेशी के कुल को बेच दे,
אַחֲרֵ֣י נִמְכַּ֔ר גְּאֻלָּ֖ה תִּהְיֶה־לֹּ֑ו אֶחָ֥ד מֵאֶחָ֖יו יִגְאָלֶֽנּוּ׃ | 48 |
तो उसके बिकने के बाद उसको निकाला जा सकता है. उसके भाई-बंधुओं में से कोई एक भाई उसको छुड़ा सकता है,
אֹו־דֹדֹ֞ו אֹ֤ו בֶן־דֹּדֹו֙ יִגְאָלֶ֔נּוּ אֹֽו־מִשְּׁאֵ֧ר בְּשָׂרֹ֛ו מִמִּשְׁפַּחְתֹּ֖ו יִגְאָלֶ֑נּוּ אֹֽו־הִשִּׂ֥יגָה יָדֹ֖ו וְנִגְאָֽל׃ | 49 |
उसका चाचा अथवा उसके चाचा का पुत्र और उसके परिवार से कोई उसका कोई सगा संबंधी उसको छुड़ा सकता है, अथवा यदि वह धनी हो जाए, तो वह स्वयं को ही छुड़ा सकता है.
וְחִשַּׁב֙ עִם־קֹנֵ֔הוּ מִשְּׁנַת֙ הִמָּ֣כְרֹו לֹ֔ו עַ֖ד שְׁנַ֣ת הַיֹּבֵ֑ל וְהָיָ֞ה כֶּ֤סֶף מִמְכָּרֹו֙ בְּמִסְפַּ֣ר שָׁנִ֔ים כִּימֵ֥י שָׂכִ֖יר יִהְיֶ֥ה עִמֹּֽו׃ | 50 |
वह अपने खरीददार के साथ अपने बिकने के दिन से लेकर योवेल वर्ष तक के समय की गिनती करे; उसके बिकने का मूल्य उसके द्वारा पिछले वर्षों के अनुसार हो. उसके द्वारा उसके स्वामी के साथ बिताया गया समय किसी मज़दूर द्वारा बिताए गए समय के समान ही है.
אִם־עֹ֥וד רַבֹּ֖ות בַּשָּׁנִ֑ים לְפִיהֶן֙ יָשִׁ֣יב גְּאֻלָּתֹ֔ו מִכֶּ֖סֶף מִקְנָתֹֽו׃ | 51 |
किंतु यदि योवेल वर्ष तक अभी अनेक वर्ष बाकी हैं, तो वह अपने छुड़ाए जाने के लिए अपने बिकने के दाम के बराबर में लौटा दे.
וְאִם־מְעַ֞ט נִשְׁאַ֧ר בַּשָּׁנִ֛ים עַד־שְׁנַ֥ת הַיֹּבֵ֖ל וְחִשַּׁב־לֹ֑ו כְּפִ֣י שָׁנָ֔יו יָשִׁ֖יב אֶת־גְּאֻלָּתֹֽו׃ | 52 |
और यदि योवेल वर्ष में अभी कुछ ही वर्ष बाकी रह गए हैं, तो वह अपने स्वामी के साथ इनकी गिनती करे और उन वर्षों के अनुसार अपने छुड़ाने के मूल्य को लौटा दे.
כִּשְׂכִ֥יר שָׁנָ֛ה בְּשָׁנָ֖ה יִהְיֶ֣ה עִמֹּ֑ו לֹֽא־יִרְדֶּ֥נּֽוּ בְּפֶ֖רֶךְ לְעֵינֶֽיךָ׃ | 53 |
वह उसके साथ हर एक वर्ष मज़दूर के अनुसार ही रहेगा और वह तुम्हारे सामने उस पर कठोरता पूर्वक शासन न करे.
וְאִם־לֹ֥א יִגָּאֵ֖ל בְּאֵ֑לֶּה וְיָצָא֙ בִּשְׁנַ֣ת הַיֹּבֵ֔ל ה֖וּא וּבָנָ֥יו עִמֹּֽו׃ | 54 |
“‘किंतु यदि इनमें से किसी भी रीति से उसको छुड़ाया नहीं गया, तो योवेल वर्ष में वह छूट जाएगा; वह और उसके साथ उसकी संतान भी.
כִּֽי־לִ֤י בְנֵֽי־יִשְׂרָאֵל֙ עֲבָדִ֔ים עֲבָדַ֣י הֵ֔ם אֲשֶׁר־הֹוצֵ֥אתִי אֹותָ֖ם מֵאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם אֲנִ֖י יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיכֶֽם׃ | 55 |
क्योंकि इस्राएल का घराना मेरा दास है; ये मेरे वे दास हैं, जिन्हें मैं मिस्र देश से छुड़ाकर लाया हूं. मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं.