< וַיִּקְרָא 20 >
וַיְדַבֵּ֥ר יְהוָ֖ה אֶל־מֹשֶׁ֥ה לֵּאמֹֽר׃ | 1 |
फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
וְאֶל־בְּנֵ֣י יִשְׂרָאֵל֮ תֹּאמַר֒ אִ֣ישׁ אִישׁ֩ מִבְּנֵ֨י יִשְׂרָאֵ֜ל וּמִן־הַגֵּ֣ר ׀ הַגָּ֣ר בְּיִשְׂרָאֵ֗ל אֲשֶׁ֨ר יִתֵּ֧ן מִזַּרְעֹ֛ו לַמֹּ֖לֶךְ מֹ֣ות יוּמָ֑ת עַ֥ם הָאָ֖רֶץ יִרְגְּמֻ֥הוּ בָאָֽבֶן׃ | 2 |
“तू बनी — इस्राईल से यह भी कह दे कि बनी — इस्राईल में से या उन परदेसियों में से जो इस्राईलियों के बीच क़याम करते हैं, जो कोई शख़्स अपनी औलाद में से किसी की मोलक की नज़्र करे वह ज़रूर जान से मारा जाए; अहल — ए — मुल्क उसे संगसार करें।
וַאֲנִ֞י אֶתֵּ֤ן אֶת־פָּנַי֙ בָּאִ֣ישׁ הַה֔וּא וְהִכְרַתִּ֥י אֹתֹ֖ו מִקֶּ֣רֶב עַמֹּ֑ו כִּ֤י מִזַּרְעֹו֙ נָתַ֣ן לַמֹּ֔לֶךְ לְמַ֗עַן טַמֵּא֙ אֶת־מִקְדָּשִׁ֔י וּלְחַלֵּ֖ל אֶת־שֵׁ֥ם קָדְשִֽׁי׃ | 3 |
और मैं भी उस शख़्स का मुख़ालिफ़ हूँगा और उसे उसके लोगों में से काट डालेंगा, इसलिए कि उस ने अपनी औलाद को मोलक की नज़्र कर के मेरे हैकल और मेरे पाक नाम को नापाक ठहराया।
וְאִ֡ם הַעְלֵ֣ם יַעְלִימֽוּ֩ עַ֨ם הָאָ֜רֶץ אֶת־עֵֽינֵיהֶם֙ מִן־הָאִ֣ישׁ הַה֔וּא בְּתִתֹּ֥ו מִזַּרְעֹ֖ו לַמֹּ֑לֶךְ לְבִלְתִּ֖י הָמִ֥ית אֹתֹֽו׃ | 4 |
और अगर उस वक़्त जब वह अपनी औलाद में से किसी की मोलक की नज़्र करे, अहल — ए — मुल्क उस शख़्स की तरफ़ से चश्मपोशी कर के उसे जान से न मारें
וְשַׂמְתִּ֨י אֲנִ֧י אֶת־פָּנַ֛י בָּאִ֥ישׁ הַה֖וּא וּבְמִשְׁפַּחְתֹּ֑ו וְהִכְרַתִּ֨י אֹתֹ֜ו וְאֵ֣ת ׀ כָּל־הַזֹּנִ֣ים אַחֲרָ֗יו לִזְנֹ֛ות אַחֲרֵ֥י הַמֹּ֖לֶךְ מִקֶּ֥רֶב עַמָּֽם׃ | 5 |
तो मैं ख़ुद उस शख़्स का और उसके घराने का मुख़ालिफ़ हो कर उसको और उन सभों को जो उसकी पैरवी में ज़िनाकार बनें और मोलक के साथ ज़िना करें, उनकी क़ौम में से काट डालूँगा।
וְהַנֶּ֗פֶשׁ אֲשֶׁ֨ר תִּפְנֶ֤ה אֶל־הָֽאֹבֹת֙ וְאֶל־הַיִּדְּעֹנִ֔ים לִזְנֹ֖ות אַחֲרֵיהֶ֑ם וְנָתַתִּ֤י אֶת־פָּנַי֙ בַּנֶּ֣פֶשׁ הַהִ֔וא וְהִכְרַתִּ֥י אֹתֹ֖ו מִקֶּ֥רֶב עַמֹּֽו׃ | 6 |
'और जो शख़्स जिन्नात के यारों और जादूगरों के पास जाए कि उनकी पैरवी में ज़िना करे, मैं उसका मुख़ालिफ़ हूँगा और उसे उस की क़ौम में से काट डालूँगा।
וְהִ֨תְקַדִּשְׁתֶּ֔ם וִהְיִיתֶ֖ם קְדֹשִׁ֑ים כִּ֛י אֲנִ֥י יְהוָ֖ה אֱלֹהֵיכֶֽם׃ | 7 |
इसलिए तुम अपने आप को पाक करो और पाक रहो, मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़दा हूँ।
וּשְׁמַרְתֶּם֙ אֶת־חֻקֹּתַ֔י וַעֲשִׂיתֶ֖ם אֹתָ֑ם אֲנִ֥י יְהוָ֖ה מְקַדִּשְׁכֶֽם׃ | 8 |
और तुम मेरे क़ानून को मानना और उस पर 'अमल करना। मैं ख़ुदावन्द हूँ जो तुम को पाक करता हूँ।
כִּֽי־אִ֣ישׁ אִ֗ישׁ אֲשֶׁ֨ר יְקַלֵּ֧ל אֶת־אָבִ֛יו וְאֶת־אִמֹּ֖ו מֹ֣ות יוּמָ֑ת אָבִ֧יו וְאִמֹּ֛ו קִלֵּ֖ל דָּמָ֥יו בֹּֽו׃ | 9 |
और जो कोई अपने बाप या अपनी माँ पर ला'नत करे वह ज़रूर जान से मारा जाए, उसने अपने बाप या माँ पर ला'नत की है, इसलिए उस का ख़ून उसी की गर्दन पर होगा।
וְאִ֗ישׁ אֲשֶׁ֤ר יִנְאַף֙ אֶת־אֵ֣שֶׁת אִ֔ישׁ אֲשֶׁ֥ר יִנְאַ֖ף אֶת־אֵ֣שֶׁת רֵעֵ֑הוּ מֹֽות־יוּמַ֥ת הַנֹּאֵ֖ף וְהַנֹּאָֽפֶת׃ | 10 |
'और जो शख़्स दूसरे की बीवी से या'नी अपने पड़ोसी की बीवी से ज़िना करे, वह ज़ानी और ज़ानिया दोनों ज़रूर जान से मार दिए जाएँ।
וְאִ֗ישׁ אֲשֶׁ֤ר יִשְׁכַּב֙ אֶת־אֵ֣שֶׁת אָבִ֔יו עֶרְוַ֥ת אָבִ֖יו גִּלָּ֑ה מֹֽות־יוּמְת֥וּ שְׁנֵיהֶ֖ם דְּמֵיהֶ֥ם בָּֽם׃ | 11 |
और जो शख़्स अपनी सौतेली माँ से सुहबत करे उसने अपने बाप के बदन को बे — पर्दा किया, वह दोनों ज़रूर जान से मारे जाएँ, उन का ख़ून उन ही की गर्दन पर होगा।
וְאִ֗ישׁ אֲשֶׁ֤ר יִשְׁכַּב֙ אֶת־כַּלָּתֹ֔ו מֹ֥ות יוּמְת֖וּ שְׁנֵיהֶ֑ם תֶּ֥בֶל עָשׂ֖וּ דְּמֵיהֶ֥ם בָּֽם׃ | 12 |
और अगर कोई शख़्स अपनी बहू से सुहबत करे तो वह दोनों ज़रूर जान से मारे जायें उन्होंने औंधी बात की है उनका ख़ून उन ही की गर्दन पर होगा।
וְאִ֗ישׁ אֲשֶׁ֨ר יִשְׁכַּ֤ב אֶת־זָכָר֙ מִשְׁכְּבֵ֣י אִשָּׁ֔ה תֹּועֵבָ֥ה עָשׂ֖וּ שְׁנֵיהֶ֑ם מֹ֥ות יוּמָ֖תוּ דְּמֵיהֶ֥ם בָּֽם׃ | 13 |
और अगर कोई मर्द से सुहबत करे जैसे 'औरत से करते हैं तो उन दोनों ने बहुत मकरूह काम किया है, इसलिए वह दोनों ज़रूर जान से मारे जाएँ, उनका ख़ून उनही की गर्दन पर होगा।
וְאִ֗ישׁ אֲשֶׁ֨ר יִקַּ֧ח אֶת־אִשָּׁ֛ה וְאֶת־אִמָּ֖הּ זִמָּ֣ה הִ֑וא בָּאֵ֞שׁ יִשְׂרְפ֤וּ אֹתֹו֙ וְאֶתְהֶ֔ן וְלֹא־תִהְיֶ֥ה זִמָּ֖ה בְּתֹוכְכֶֽם׃ | 14 |
और अगर कोई शख़्स अपनी बीवी और अपनी सास दोनों को रख्खे तो यह बड़ी ख़बासत है, इसलिए वह आदमी और वह 'औरतें तीनों के तीनों जला दिए जाएँ ताकि तुम्हारे बीच ख़बासत न रहे;
וְאִ֗ישׁ אֲשֶׁ֨ר יִתֵּ֧ן שְׁכָבְתֹּ֛ו בִּבְהֵמָ֖ה מֹ֣ות יוּמָ֑ת וְאֶת־הַבְּהֵמָ֖ה תַּהֲרֹֽגוּ׃ | 15 |
और अगर कोई मर्द किसी जानवर से जिमा'अ करे तो वह ज़रूर जान से मारा जाए और तुम उस जानवर को भी मार डालना।
וְאִשָּׁ֗ה אֲשֶׁ֨ר תִּקְרַ֤ב אֶל־כָּל־בְּהֵמָה֙ לְרִבְעָ֣ה אֹתָ֔הּ וְהָרַגְתָּ֥ אֶת־הָאִשָּׁ֖ה וְאֶת־הַבְּהֵמָ֑ה מֹ֥ות יוּמָ֖תוּ דְּמֵיהֶ֥ם בָּֽם׃ | 16 |
और अगर कोई 'औरत किसी जानवर के पास जाए और उससे हम सुहबत हो तो उस 'औरत और जानवर दोनों को मार डालना, वह ज़रूर जान से मारे जाएँ; उनका ख़ून उन ही की गर्दन पर होगा।
וְאִ֣ישׁ אֲשֶׁר־יִקַּ֣ח אֶת־אֲחֹתֹ֡ו בַּת־אָבִ֣יו אֹ֣ו בַת־אִ֠מֹּו וְרָאָ֨ה אֶת־עֶרְוָתָ֜הּ וְהִֽיא־תִרְאֶ֤ה אֶת־עֶרְוָתֹו֙ חֶ֣סֶד ה֔וּא וְנִ֨כְרְת֔וּ לְעֵינֵ֖י בְּנֵ֣י עַמָּ֑ם עֶרְוַ֧ת אֲחֹתֹ֛ו גִּלָּ֖ה עֲוֹנֹ֥ו יִשָּֽׂא׃ | 17 |
'और अगर कोई मर्द अपनी बहन को जो उसके बाप की या उसकी माँ की बेटी हो, लेकर उसका बदन देखे और उसकी बहन उसका बदन देखे, तो यह शर्म की बात है; वह दोनों अपनी क़ौम के लोगों की आँखों के सामने क़त्ल किए जाएँ, उसने अपनी बहन के बदन को बे — पर्दा किया, उसका गुनाह उसी के सिर लगेगा।
וְ֠אִישׁ אֲשֶׁר־יִשְׁכַּ֨ב אֶת־אִשָּׁ֜ה דָּוָ֗ה וְגִלָּ֤ה אֶת־עֶרְוָתָהּ֙ אֶת־מְקֹרָ֣הּ הֶֽעֱרָ֔ה וְהִ֕יא גִּלְּתָ֖ה אֶת־מְקֹ֣ור דָּמֶ֑יהָ וְנִכְרְת֥וּ שְׁנֵיהֶ֖ם מִקֶּ֥רֶב עַמָּֽם׃ | 18 |
और अगर मर्द उस 'औरत से जो कपड़ों से हो सुहबत कर के उसके बदन को बे — पर्दा करे, तो उसने उसका चश्मा खोला और उस 'औरत ने अपने ख़ून का चश्मा खुलवाया। इसलिए वह दोनों अपनी क़ौम में से काट डाले जाएँ।
וְעֶרְוַ֨ת אֲחֹ֧ות אִמְּךָ֛ וַאֲחֹ֥ות אָבִ֖יךָ לֹ֣א תְגַלֵּ֑ה כִּ֧י אֶת־שְׁאֵרֹ֛ו הֶעֱרָ֖ה עֲוֹנָ֥ם יִשָּֽׂאוּ׃ | 19 |
और तू अपनी ख़ाला या फूफी के बदन को बे — पर्दा न करना, क्यूँकि जो ऐसा करे उसने अपनी क़रीबी रिश्तेदार को बे — पर्दा किया; इसलिए उन दोनों का गुनाह उन ही के सिर लगेगा।
וְאִ֗ישׁ אֲשֶׁ֤ר יִשְׁכַּב֙ אֶת־דֹּ֣דָתֹ֔ו עֶרְוַ֥ת דֹּדֹ֖ו גִּלָּ֑ה חֶטְאָ֥ם יִשָּׂ֖אוּ עֲרִירִ֥ים יָמֻֽתוּ׃ | 20 |
और अगर कोई अपनी चची या ताई से सुहबत करे तो उसने अपने चचा या ताऊ के बदन को बे — पर्दा किया; इसलिए उनका गुनाह उनके सिर लगेगा, वह बे — औलाद मरेंगे।
וְאִ֗ישׁ אֲשֶׁ֥ר יִקַּ֛ח אֶת־אֵ֥שֶׁת אָחִ֖יו נִדָּ֣ה הִ֑וא עֶרְוַ֥ת אָחִ֛יו גִּלָּ֖ה עֲרִירִ֥ים יִהְיֽוּ׃ | 21 |
अगर कोई शख़्स अपने भाई की बीवी को रख्खें तो यह नजासत है, उसने अपने भाई के बदन को बे — पर्दा किया है; वह बे — औलाद रहेंगे।
וּשְׁמַרְתֶּ֤ם אֶת־כָּל־חֻקֹּתַי֙ וְאֶת־כָּל־מִשְׁפָּטַ֔י וַעֲשִׂיתֶ֖ם אֹתָ֑ם וְלֹא־תָקִ֤יא אֶתְכֶם֙ הָאָ֔רֶץ אֲשֶׁ֨ר אֲנִ֜י מֵבִ֥יא אֶתְכֶ֛ם שָׁ֖מָּה לָשֶׁ֥בֶת בָּֽהּ׃ | 22 |
इसलिए तुम मेरे सब आईन और अहकाम मानना और उन पर 'अमल करना, ताकि वह मुल्क जिसमें मैं तुम को बसाने को लिए जाता हूँ तुम को उगल न दे।
וְלֹ֤א תֵֽלְכוּ֙ בְּחֻקֹּ֣ת הַגֹּ֔וי אֲשֶׁר־אֲנִ֥י מְשַׁלֵּ֖חַ מִפְּנֵיכֶ֑ם כִּ֤י אֶת־כָּל־אֵ֙לֶּה֙ עָשׂ֔וּ וָאָקֻ֖ץ בָּֽם׃ | 23 |
तुम उन क़ौमों के दस्तूरों पर जिनको मैं तुम्हारे आगे से निकालता हूँ मत चलना, क्यूँकि उन्होंने यह सब काम किए इसीलिए मुझे उन से नफ़रत हो गई।
וָאֹמַ֣ר לָכֶ֗ם אַתֶּם֮ תִּֽירְשׁ֣וּ אֶת־אַדְמָתָם֒ וַאֲנִ֞י אֶתְּנֶ֤נָּה לָכֶם֙ לָרֶ֣שֶׁת אֹתָ֔הּ אֶ֛רֶץ זָבַ֥ת חָלָ֖ב וּדְבָ֑שׁ אֲנִי֙ יְהוָ֣ה אֱלֹֽהֵיכֶ֔ם אֲשֶׁר־הִבְדַּ֥לְתִּי אֶתְכֶ֖ם מִן־הָֽעַמִּֽים׃ | 24 |
लेकिन मैंने तुमसे कहा है कि तुम उनके मुल्क के वारिस होगे, और मैं तुम को वह मुल्क जिस में दूध और शहद बहता है तुम्हारी मिल्कियत होने के लिए दूँगा। मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ, जिसने तुम को और क़ौमों से अलग किया है।
וְהִבְדַּלְתֶּ֞ם בֵּֽין־הַבְּהֵמָ֤ה הַטְּהֹרָה֙ לַטְּמֵאָ֔ה וּבֵין־הָעֹ֥וף הַטָּמֵ֖א לַטָּהֹ֑ר וְלֹֽא־תְשַׁקְּצ֨וּ אֶת־נַפְשֹֽׁתֵיכֶ֜ם בַּבְּהֵמָ֣ה וּבָעֹ֗וף וּבְכֹל֙ אֲשֶׁ֣ר תִּרְמֹ֣שׂ הָֽאֲדָמָ֔ה אֲשֶׁר־הִבְדַּ֥לְתִּי לָכֶ֖ם לְטַמֵּֽא׃ | 25 |
इसलिए तुम पाक और नापाक चौपायों में, और पाक और नापाक परिन्दों में फ़र्क़ करना, और तुम किसी जानवर या परिन्दे या ज़मीन पर के रेंगनेवाले जानदार से, जिनको मैंने तुम्हारे लिए नापाक ठहराकर अलग किया है अपने आप को मकरूह न बना लेना।
וִהְיִ֤יתֶם לִי֙ קְדֹשִׁ֔ים כִּ֥י קָדֹ֖ושׁ אֲנִ֣י יְהוָ֑ה וָאַבְדִּ֥ל אֶתְכֶ֛ם מִן־הֽ͏ָעַמִּ֖ים לִהְיֹ֥ות לִֽי׃ | 26 |
और तुम मेरे लिए पाक बने रहना, क्यूँकि मैं जो ख़ुदावन्द हूँ पाक हूँ; और मैंने तुम को और क़ौमों से अलग किया है ताकि तुम मेरे ही रहो।
וְאִ֣ישׁ אֹֽו־אִשָּׁ֗ה כִּי־יִהְיֶ֨ה בָהֶ֥ם אֹ֛וב אֹ֥ו יִדְּעֹנִ֖י מֹ֣ות יוּמָ֑תוּ בָּאֶ֛בֶן יִרְגְּמ֥וּ אֹתָ֖ם דְּמֵיהֶ֥ם בָּֽם׃ פ | 27 |
और वह मर्द या 'औरत जिसमें जिन्न हो या वह जादूगर हो तो वह ज़रूर जान से मारा जाए, ऐसों को लोग संगसार करें; उनका ख़ून उन ही की गर्दन पर होगा।”