< יִרְמְיָהוּ 43 >

וַיְהִי֩ כְּכַלֹּ֨ות יִרְמְיָ֜הוּ לְדַבֵּ֣ר אֶל־כָּל־הָעָ֗ם אֶת־כָּל־דִּבְרֵי֙ יְהוָ֣ה אֱלֹהֵיהֶ֔ם אֲשֶׁ֧ר שְׁלָחֹ֛ו יְהוָ֥ה אֱלֹהֵיהֶ֖ם אֲלֵיהֶ֑ם אֵ֥ת כָּל־הַדְּבָרִ֖ים הָאֵֽלֶּה׃ ס 1
और यूँ हुआ कि जब यरमियाह सब लोगों से वह सब बातें, जो ख़ुदावन्द उनके ख़ुदा ने उसके ज़रिए' फ़रमाईं थीं, या'नी यह सब बातें कह चुका,
וַיֹּ֨אמֶר עֲזַרְיָ֤ה בֶן־הֹושַֽׁעְיָה֙ וְיֹוחָנָ֣ן בֶּן־קָרֵ֔חַ וְכָל־הָאֲנָשִׁ֖ים הַזֵּדִ֑ים אֹמְרִ֣ים אֶֽל־יִרְמְיָ֗הוּ שֶׁ֚קֶר אַתָּ֣ה מְדַבֵּ֔ר לֹ֣א שְׁלָחֲךָ֞ יְהוָ֤ה אֱלֹהֵ֙ינוּ֙ לֵאמֹ֔ר לֹֽא־תָבֹ֥אוּ מִצְרַ֖יִם לָג֥וּר שָֽׁם׃ 2
तो अज़रियाह बिन होसियाह और यूहनान बिन क़रीह और सब मग़रूर लोगों ने यरमियाह से यूँ कहा कि, तू झूट बोलता है; ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा ने तुझे यह कहने को नहीं भेजा, 'मिस्र में बसने को न जाओ,'
כִּ֗י בָּרוּךְ֙ בֶּן־נֵ֣רִיָּ֔ה מַסִּ֥ית אֹתְךָ֖ בָּ֑נוּ לְמַעַן֩ תֵּ֨ת אֹתָ֤נוּ בְיַֽד־הַכַּשְׂדִּים֙ לְהָמִ֣ית אֹתָ֔נוּ וּלְהַגְלֹ֥ות אֹתָ֖נוּ בָּבֶֽל׃ 3
बल्कि बारूक — बिन — नेयिरियाह तुझे उभारता है कि तू हमारे मुखालिफ़ हो, ताकि हम कसदियों के हाथ में गिरफ़्तार हों और वह हमको क़त्ल करें और ग़ुलाम करके बाबुल को ले जाएँ।
וְלֹֽא־שָׁמַע֩ יֹוחָנָ֨ן בֶּן־קָרֵ֜חַ וְכָל־שָׂרֵ֧י הַחֲיָלִ֛ים וְכָל־הָעָ֖ם בְּקֹ֣ול יְהוָ֑ה לָשֶׁ֖בֶת בְּאֶ֥רֶץ יְהוּדָֽה׃ 4
तब यूहनान — बिन — क़रीह और सब फ़ौजी सरदारों और सब लोगों ने ख़ुदावन्द का यह हुक्म कि वह यहूदाह के मुल्क में रहें, न माना।
וַיִּקַּ֞ח יֹוחָנָ֤ן בֶּן־קָרֵ֙חַ֙ וְכָל־שָׂרֵ֣י הַחֲיָלִ֔ים אֵ֖ת כָּל־שְׁאֵרִ֣ית יְהוּדָ֑ה אֲשֶׁר־שָׁ֗בוּ מִכָּל־הַגֹּויִם֙ אֲשֶׁ֣ר נִדְּחוּ־שָׁ֔ם לָג֖וּר בְּאֶ֥רֶץ יְהוּדָֽה׃ 5
लेकिन यूहनान — बिन — क़रीह और सब फ़ौजी सरदारों ने यहूदाह के सब बाक़ी लोगों को, जो तमाम क़ौमों में से जहाँ — जहाँ वह तितर — बितर किए गए थे और यहूदाह के मुल्क में बसने को वापस आए थे, साथ लिया;
אֶֽת־הַ֠גְּבָרִים וְאֶת־הַנָּשִׁ֣ים וְאֶת־הַטַּף֮ וְאֶת־בְּנֹ֣ות הַמֶּלֶךְ֒ וְאֵ֣ת כָּל־הַנֶּ֗פֶשׁ אֲשֶׁ֤ר הִנִּ֙יחַ֙ נְבוּזַרְאֲדָ֣ן רַב־טַבָּחִ֔ים אֶת־גְּדַלְיָ֖הוּ בֶּן־אֲחִיקָ֣ם בֶּן־שָׁפָ֑ן וְאֵת֙ יִרְמְיָ֣הוּ הַנָּבִ֔יא וְאֶת־בָּר֖וּךְ בֶּן־נֵרִיָּֽהוּ׃ 6
या'नी मर्दों और 'औरतों और बच्चों और शाहज़ादियों और जिस किसी को जिलौदारों के सरदार नबूज़रादान ने जिदलियाह — बिन — अख़ीक़ाम — बिन — साफ़न के साथ छोड़ा था, और यरमियाह नबी और बारूक — बिन — नेयिरियाह को साथ लिया;
וַיָּבֹ֙אוּ֙ אֶ֣רֶץ מִצְרַ֔יִם כִּ֛י לֹ֥א שָׁמְע֖וּ בְּקֹ֣ול יְהוָ֑ה וַיָּבֹ֖אוּ עַד־תַּחְפַּנְחֵֽס׃ ס 7
और वह मुल्क — ए — मिस्र में आए, क्यूँकि उन्होंने ख़ुदावन्द का हुक्म न माना, इसलिए वह तहफ़नहीस में पहुँचे।
וַיְהִ֤י דְבַר־יְהוָה֙ אֶֽל־יִרְמְיָ֔הוּ בְּתַחְפַּנְחֵ֖ס לֵאמֹֽר׃ 8
तब ख़ुदावन्द का कलाम तहफ़नहीस में यरमियाह पर नाज़िल हुआ:
קַ֣ח בְּיָדְךָ֞ אֲבָנִ֣ים גְּדֹלֹ֗ות וּטְמַנְתָּ֤ם בַּמֶּ֙לֶט֙ בַּמַּלְבֵּ֔ן אֲשֶׁ֛ר בְּפֶ֥תַח בֵּית־פַּרְעֹ֖ה בְּתַחְפַּנְחֵ֑ס לְעֵינֵ֖י אֲנָשִׁ֥ים יְהוּדִֽים׃ 9
कि बड़े पत्थर अपने हाथ में ले, और उनको फ़िर'औन के महल के मदख़ल पर जो तहफ़नहीस में है, बनी यहूदाह की आँखों के सामने चूने से फ़र्श में लगा;
וְאָמַרְתָּ֣ אֲלֵיהֶ֡ם כֹּֽה־אָמַר֩ יְהוָ֨ה צְבָאֹ֜ות אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל הִנְנִ֤י שֹׁלֵ֙חַ֙ וְ֠לָקַחְתִּי אֶת־נְבוּכַדְרֶאצַּ֤ר מֶֽלֶךְ־בָּבֶל֙ עַבְדִּ֔י וְשַׂמְתִּ֣י כִסְאֹ֔ו מִמַּ֛עַל לָאֲבָנִ֥ים הָאֵ֖לֶּה אֲשֶׁ֣ר טָמָ֑נְתִּי וְנָטָ֥ה אֶת־שַׁפְרוּרֹו (שַׁפְרִירֹ֖ו) עֲלֵיהֶֽם׃ 10
और उनसे कह कि 'रब्ब — उल — अफ़वाज, इस्राईल का ख़ुदा, यूँ फ़रमाता है: देखो, मैं अपने ख़िदमत गुज़ार शाह — ए — बाबुल नबूकदनज़र को बुलाऊँगा, और इन पत्थरों पर जिनको मैंने लगाया है, उसका तख़्त रख्खूंगा, और वह इन पर अपना क़ालीन बिछाएगा।
וּבָאָה (וּבָ֕א) וְהִכָּ֖ה אֶת־אֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם אֲשֶׁ֧ר לַמָּ֣וֶת לַמָּ֗וֶת וַאֲשֶׁ֤ר לַשְּׁבִי֙ לַשֶּׁ֔בִי וַאֲשֶׁ֥ר לַחֶ֖רֶב לֶחָֽרֶב׃ 11
और वह आकर मुल्क — ए — मिस्र को शिकस्त देगा; और जो मौत के लिए हैं मौत के, और जो ग़ुलामी के लिए हैं ग़ुलामी के, और जो तलवार के लिए हैं तलवार के हवाले करेगा।
וְהִצַּ֣תִּי אֵ֗שׁ בְּבָתֵּי֙ אֱלֹהֵ֣י מִצְרַ֔יִם וּשְׂרָפָ֖ם וְשָׁבָ֑ם וְעָטָה֩ אֶת־אֶ֨רֶץ מִצְרַ֜יִם כַּאֲשֶׁר־יַעְטֶ֤ה הָֽרֹעֶה֙ אֶת־בִּגְדֹ֔ו וְיָצָ֥א מִשָּׁ֖ם בְּשָׁלֹֽום׃ 12
और मैं मिस्र के बुतख़ानों में आग भड़काऊँगा, और वह उनको जलाएगा और ग़ुलाम करके ले जाएगा; और जैसे चरवाहा अपना कपड़ा लपेटता है, वैसे ही वह ज़मीन — ए — मिस्र को लपेटेगा; और वहाँ से सलामत चला जाएगा।
וְשִׁבַּ֗ר אֶֽת־מַצְּבֹות֙ בֵּ֣ית שֶׁ֔מֶשׁ אֲשֶׁ֖ר בְּאֶ֣רֶץ מִצְרָ֑יִם וְאֶת־בָּתֵּ֥י אֱלֹהֵֽי־מִצְרַ֖יִם יִשְׂרֹ֥ף בָּאֵֽשׁ׃ ס 13
और वह बैतशम्स के सुतूनों को, जो मुल्क — ए — मिस्र में हैं तोड़ेगा और मिस्रियों के बुतख़ानों को आग से जला देगा।

< יִרְמְיָהוּ 43 >