< יְשַׁעְיָהוּ 50 >

כֹּ֣ה ׀ אָמַ֣ר יְהוָ֗ה אֵ֣י זֶ֠ה סֵ֣פֶר כְּרִית֤וּת אִמְּכֶם֙ אֲשֶׁ֣ר שִׁלַּחְתִּ֔יהָ אֹ֚ו מִ֣י מִנֹּושַׁ֔י אֲשֶׁר־מָכַ֥רְתִּי אֶתְכֶ֖ם לֹ֑ו הֵ֤ן בַּעֲוֹנֹֽתֵיכֶם֙ נִמְכַּרְתֶּ֔ם וּבְפִשְׁעֵיכֶ֖ם שֻׁלְּחָ֥ה אִמְּכֶֽם׃ 1
याहवेह यों कहता है: “कहां है वह तलाक पत्र जो मैंने तुम्हारी माता से अलग होने पर दिया था या किसी व्यापारी को बेचा था? देखो तुम्हारे ही अधर्म के कारण तुम बेचे गये? और तुम्हारे ही पापों के कारण; तुम दूर किए गये.
מַדּ֨וּעַ בָּ֜אתִי וְאֵ֣ין אִ֗ישׁ קָרָֽאתִי֮ וְאֵ֣ין עֹונֶה֒ הֲקָצֹ֨ור קָצְרָ֤ה יָדִי֙ מִפְּד֔וּת וְאִם־אֵֽין־בִּ֥י כֹ֖חַ לְהַצִּ֑יל הֵ֣ן בְּגַעֲרָתִ֞י אַחֲרִ֣יב יָ֗ם אָשִׂ֤ים נְהָרֹות֙ מִדְבָּ֔ר תִּבְאַ֤שׁ דְּגָתָם֙ מֵאֵ֣ין מַ֔יִם וְתָמֹ֖ת בַּצָּמָֽא׃ 2
मेरे यहां पहुंचने पर, यहां कोई पुरुष क्यों न था? मेरे पुकारने पर, जवाब देने के लिये यहां कोई क्यों न था? क्या मेरा हाथ ऐसा कमजोर हो गया कि छुड़ा नहीं सकता? या मुझमें उद्धार करने की शक्ति नहीं? देखो, मैं अपनी डांट से ही सागर को सूखा देता हूं, और नदियों को मरुस्थल में बदल देता हूं; जल न होने के कारण वहां की मछलियां मर जाती हैं और बदबू आने लगती है.
אַלְבִּ֥ישׁ שָׁמַ֖יִם קַדְר֑וּת וְשַׂ֖ק אָשִׂ֥ים כְּסוּתָֽם׃ ס 3
मैं ही आकाश को दुःख का काला कपड़ा पहना देता हूं ओर टाट को उनका आवरण बना देता हूं.”
אֲדֹנָ֣י יְהֹוִ֗ה נָ֤תַן לִי֙ לְשֹׁ֣ון לִמּוּדִ֔ים לָדַ֛עַת לָע֥וּת אֶת־יָעֵ֖ף דָּבָ֑ר יָעִ֣יר ׀ בַּבֹּ֣קֶר בַּבֹּ֗קֶר יָעִ֥יר לִי֙ אֹ֔זֶן לִשְׁמֹ֖עַ כַּלִּמּוּדִֽים׃ 4
परमेश्वर याहवेह ने मुझे सिखाने वालों की जीभ दी है, ताकि मैं थके हुओं को अपने शब्दों से संभाल सकूं. सुबह वह मुझे जगाता है, और मेरे कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं.
אֲדֹנָ֤י יְהוִה֙ פָּתַֽח־לִ֣י אֹ֔זֶן וְאָנֹכִ֖י לֹ֣א מָרִ֑יתִי אָחֹ֖ור לֹ֥א נְסוּגֹֽתִי׃ 5
वह जो प्रभु याहवेह हैं, उन्होंने मेरे कान खोल दिए हैं; मैंने न तो विरोध किया, और न पीछे हटा.
גֵּוִי֙ נָתַ֣תִּי לְמַכִּ֔ים וּלְחָיַ֖י לְמֹֽרְטִ֑ים פָּנַי֙ לֹ֣א הִסְתַּ֔רְתִּי מִכְּלִמֹּ֖ות וָרֹֽק׃ 6
मैंने विरोधियों को अपनी पीठ दिखा दी, तथा अपने गाल उनके सामने किए, कि वे मेरी दाढ़ी के बाल नोच लें; मैंने अपने मुंह को थूकने तथा मुझे लज्जित करने से बचने के लिये नहीं छिपाया.
וַאדֹנָ֤י יְהוִה֙ יַֽעֲזָר־לִ֔י עַל־כֵּ֖ן לֹ֣א נִכְלָ֑מְתִּי עַל־כֵּ֞ן שַׂ֤מְתִּי פָנַי֙ כַּֽחַלָּמִ֔ישׁ וָאֵדַ֖ע כִּי־לֹ֥א אֵבֹֽושׁ׃ 7
क्योंकि वह, जो प्रभु याहवेह हैं, मेरी सहायता करते हैं, तब मुझे लज्जित नहीं होना पड़ा. और मैंने अपना मुंह चमका लिया है, और मैं जानता हूं कि मुझे लज्जित होना नहीं पड़ेगा.
קָרֹוב֙ מַצְדִּיקִ֔י מִֽי־יָרִ֥יב אִתִּ֖י נַ֣עַמְדָה יָּ֑חַד מִֽי־בַ֥עַל מִשְׁפָּטִ֖י יִגַּ֥שׁ אֵלָֽי׃ 8
मेरे निकट वह है, जो मुझे निर्दोष साबित करता है. कौन मुझसे लड़ेगा? चलो, हम आमने-सामने खड़े होंगे! कौन मुझ पर दोष लगाएगा? वह मेरे सामने आए!
הֵ֣ן אֲדֹנָ֤י יְהוִה֙ יַֽעֲזָר־לִ֔י מִי־ה֖וּא יַרְשִׁיעֵ֑נִי הֵ֤ן כֻּלָּם֙ כַּבֶּ֣גֶד יִבְל֔וּ עָ֖שׁ יֹאכְלֵֽם׃ 9
सुनो, वह जो प्रभु याहवेह हैं, मेरी सहायता करते हैं. कौन मुझे दंड की आज्ञा देगा? देखो, वे सभी वस्त्र समान पुराने हो जाएंगे; उन्हें कीड़े खा जाएंगे.
מִ֤י בָכֶם֙ יְרֵ֣א יְהוָ֔ה שֹׁמֵ֖עַ בְּקֹ֣ול עַבְדֹּ֑ו אֲשֶׁ֣ר ׀ הָלַ֣ךְ חֲשֵׁכִ֗ים וְאֵ֥ין נֹ֙גַהּ֙ לֹ֔ו יִבְטַח֙ בְּשֵׁ֣ם יְהוָ֔ה וְיִשָּׁעֵ֖ן בֵּאלֹהָֽיו׃ 10
तुम्हारे बीच ऐसा कौन है जो याहवेह का भय मानता है, जो उनके सेवक की बातों को मानता है? जो अंधकार में चलता है, जिसके पास रोशनी नहीं, वह याहवेह पर भरोसा रखे तथा अपने परमेश्वर पर आशा लगाये रहे.
הֵ֧ן כֻּלְּכֶ֛ם קֹ֥דְחֵי אֵ֖שׁ מְאַזְּרֵ֣י זִיקֹ֑ות לְכ֣וּ ׀ בְּא֣וּר אֶשְׁכֶ֗ם וּבְזִיקֹות֙ בִּֽעַרְתֶּ֔ם מִיָּדִי֙ הָיְתָה־זֹּ֣את לָכֶ֔ם לְמַעֲצֵבָ֖ה תִּשְׁכָּבֽוּן׃ פ 11
तुम सभी, जो आग जलाते और अपने आस-पास आग का तीर रखे हुए हो, तुम अपने द्वारा जलाई हुई आग में जलते रहो, जो तुमने जला रखे हैं. मेरी ओर से यही होगा: तुम यातना में पड़े रहोगे.

< יְשַׁעְיָהוּ 50 >